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समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा, वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु- बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला।
प्रश्न: ‘वर्णनातीत’ का अर्थ है-
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समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा, वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु- बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला।
प्रश्न: समुद्र का भाग कौन बन चुकी थी?
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समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा, वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु- बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला।
प्रश्न: निरा नमक कहाँ भरा हुआ है?
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समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा, वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु- बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला।
प्रश्न: समुद्र का खारापन बूँद को वैफसा लगा?
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समुद्र का भाग बनकर मैंने जो दृश्य देखा, वह वर्णनातीत है। मैं अभी तक समझती थी कि समुद्र में केवल मेरे बंधु- बांधवों का ही राज्य है, परंतु अब ज्ञात हुआ कि समुद्र में चहल-पहल वास्तव में दूसरे ही जीवों की है और उसमें निरा नमक भरा है। पहले-पहल समुद्र का खारापन मुझे बिलकुल नहीं भाया, जी मचलाने लगा। पर धीरे-धीरे सब सहन हो चला।
प्रश्न: खारापन’ शब्द है-