Business Basics Exam  >  Business Basics Videos  >  Stock Market: A Complete Guide (Hindi)  >  Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है

Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है Video Lecture | Stock Market: A Complete Guide (Hindi) - Business Basics

20 videos

FAQs on Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है Video Lecture - Stock Market: A Complete Guide (Hindi) - Business Basics

1. वित्तीय विपणि में Futures क्या होते हैं और इनका काम कैसे होता है?
उत्तर: Futures वित्तीय विपणि में एक प्रकार के अनुबंध होते हैं जिनमें दो पक्षों के बीच एक समझौता होता है कि एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित मात्रा की वस्तु या संपत्ति को एक निश्चित तिथि तक खरीदना या बेचना होगा। ये मात्राएं और तिथियां निर्धारित होती हैं और इसलिए ये एक standardized विपणि होती है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है वित्तीय उत्पादों की मूल्यांकन और निवेशकों को हेज या रिस्क संरक्षण की सुविधा प्रदान करना।
2. ऑप्शन क्या होते हैं और इनका काम कैसे होता है?
उत्तर: ऑप्शन एक वित्तीय अनुबंध होता है जिसके द्वारा एक व्यक्ति को विशेष एकत्रित धन के बदले में अन्य वित्तीय उत्पादों को निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने का अधिकार दिया जाता है। इनमें खरीदारी या बिक्री करने का अधिकार होता है, लेकिन इनको खरीदारी या बिक्री करने का कर्तव्य नहीं होता। ऑप्शन खरीदार को एक निश्चित तिथि तक अपने विचार के अनुसार संपत्ति खरीदने या बेचने का विकल्प देता है।
3. फ्यूचर्स और ऑप्शन में क्या अंतर होता है?
उत्तर: फ्यूचर्स और ऑप्शन दोनों ही वित्तीय अनुबंध होते हैं, लेकिन उनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होता है। फ्यूचर्स एक निश्चित मूल्य पर निर्धारित तिथि तक विशेष एकत्रित धन का खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, जबकि ऑप्शन एक निश्चित मूल्य पर निर्धारित तिथि तक खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं। अतः फ्यूचर्स एक अनिवार्य अनुबंध होते हैं, जबकि ऑप्शन एक विकल्पाधिकार होते हैं।
4. फ्यूचर्स और ऑप्शन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर: फ्यूचर्स और ऑप्शन का प्रमुख उपयोग वित्तीय उत्पादों की मूल्यांकन, रिस्क संरक्षण और हेज करने के लिए किया जाता है। ये अनुबंध निवेशकों को मौजूदा मूल्यों के आधार पर भविष्य की मूल्यों की संभावना का अनुमान लगाने और निवेश के लिए रिस्क को कम करने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये उपकरण वित्तीय बाजारों में वॉलेट विखंडन (portfolio diversification) और आवंटन (allocation) को भी सुविधाजनक बनाते हैं।
5. फ्यूचर्स और ऑप्शन के बीच कौन सा अनुबंध अधिक रिस्की होता है?
उत्तर: फ्यूचर्स और ऑप्शन दोनों ही अनुबंधों के साथ रिस्क जुड़ा होता है, लेकिन फ्यूचर्स ऑप्शन की तुलना में अधिक रिस्की होता है। फ्यूचर्स में निवेशकों को विशेष मात्रा में मूल्य निर्धारित करने की जरूरत होती है, जबकि ऑप्शन में निवेश
20 videos
Explore Courses for Business Basics exam
Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

Important questions

,

Exam

,

ppt

,

Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है Video Lecture | Stock Market: A Complete Guide (Hindi) - Business Basics

,

shortcuts and tricks

,

Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है Video Lecture | Stock Market: A Complete Guide (Hindi) - Business Basics

,

pdf

,

Basics of derivative market (Part 2): जानिए Futures & Options क्या होते है & वो कैसे work होते है Video Lecture | Stock Market: A Complete Guide (Hindi) - Business Basics

,

Viva Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Sample Paper

,

video lectures

,

Free

,

past year papers

,

Semester Notes

,

Extra Questions

,

MCQs

,

study material

,

practice quizzes

,

Summary

,

Objective type Questions

;