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CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 for CTET & State TET 2025 is part of CTET & State TET preparation. The CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 MCQs are made for CTET & State TET 2025 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 below.
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CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 1

बच्चा एक सामाजिक प्राणी है, वह पैदा होने के बाद समाज का सदस्य बन जाता है। आपके अनुसार बच्चा अपनी सामाजिक शिक्षा सबसे पहले कहां से प्राप्त करता है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 1

बच्चा एक सामाजिक प्राणी है, वह पैदा होने के बाद समाज का सदस्य बनता है, बच्चा सबसे पहले अपने परिवार से अपनी सामाजिक शिक्षा प्राप्त करता है।
सामाजिक विकास अनिवार्य रूप से सामाजिक व्यवस्था के उद्देश्यों के साथ व्यक्ति के उद्देश्यों के एकीकरण का मामला है क्योंकि यह निम्नलिखित को संदर्भित करता है:

  • जीवन भर व्यक्ति में सामाजिक कौशल और मूल्यों का विकास करना।
  • व्यक्ति की समाज की परिस्थितियों और संस्कृति के अनुसार कार्य करने और प्रतिक्रिया करने की क्षमता।
  • जिस तरह से व्यक्ति सामाजिक मानदंडों, मूल्यों, संस्कृति आदि को अपनाता है और समाज के दृष्टिकोण और रीति-रिवाजों को आत्मसात करता है।

परिवार:

  • परिवार प्रणाली की एक इकाई है, जो सार्वभौमिक है।
  • परिवार में सदस्यों की उम्र और लिंग के आधार पर पदानुक्रमित संरचना होती है।
  • परिवार के नियमों का एक समूह है, जो कुछ मूल्यों और विश्वास प्रणालियों का पालन करता है।
  • परिवार उन मूल्यों और संस्कृति को कायम रखता है जो अधिकारों का समर्थन करते हैं।
  • परिवार, परिवार में भूमिका को सीखने में मदद करता है।
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 2

राधिका अक्सर 'लड़का' को 'लका', 'कमाई होने लगी' को 'कमाई होगी' लिखना जैसी गलतियाँ कर बैठती है। यह इस ओर संकेत करता है कि-

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 2

इससे ज्ञात होता है कि राधिका जितनी तीव्र गति से सोचती है, उतनी तीव्र गति से लिख नहीं पाती है। यहाँ पर राधिका में धैर्य की कमी दिखाई पड़ती है, अतः राधिका के लिए आवश्यक होगा कि उसे यहाँ धैर्य से और सहजता से लिखना होगा, ताकि वह बेहतर लिख सकें।
अत: यह विकल्प सही उत्तर है। 

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 3

प्राथमिक स्तर पर बहु-सांस्कृतिक पृष्ठ-भूमि वाली कक्षा में बच्चे लक्ष्य भाषा के परिवेश से भाषा अर्जित करते हुए-

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 3

प्राथमिक स्तर पर बहु-सांस्कृतिक पृष्ठ-भूमि वाली कक्षा में बच्चे लक्ष्य भाषा के परिवेश से भाषा अर्जित करते हुए लक्ष्य भाषा की अपनी भाषा से तुलना करते हैं। जब किसी कक्षा में अलग-अलग सांस्कृतिक परिवेश से बच्चे होते है, तो वे अक्सर सांस्कृतिक तुलनात्मक बातें अवश्य करते हैं।
अत: यह विकल्प सही उत्तर है। 

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 4

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. उपर्युक्त अनुच्छेद के आधार पर बताइए कि आज का युग किस प्रकार का है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 4

"कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है।"

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 5

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. कला चेतना जाग्रत कर जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को सजीव रूप देना क्या कहलाएगा?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 5

कला चेतना जाग्रत कर जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को सजीव रूप देना साधना कहलाएगा। 
साधना-

  • अर्थ- अभ्यास करना। 
  • समाधि, मोक्ष, कैवल्य, निर्वाण को प्राप्त करने हेतु जो प्रयास या प्रयत्न साधक द्वारा किये जाते हैं उन्हें ही साधना कहा गया है।
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 6

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. उपर्युक्त अनुच्छेद के आधार पर बताइए कि ईमानदार कलाकार के शत्रु कौन हैं?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 6

उपर्युक्त अनुच्छेद के आधार पर परिस्थितियाँ-व्यक्ति-दल ईमानदार कलाकार के शत्रु हैं। 
गद्यांश के अनुसार- 

  • "कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।"
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 7

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. उपर्युक्त अनुच्छेद का केन्द्रीय विषय है:

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 7

उपर्युक्त अनुच्छेद का केन्द्रीय विषय है- कला और जीवन

  • इस गद्यांश में कला के माध्यम से कलाकार के जीवन के बारे में बताया गया है कि कैसे कला का प्रभाव कलाकार के जीवन पर पड़ता है और कैसे वह अन्य लोगों के जीवन में भी बदलाव लता है।  
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 8

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. "कला-भावना" किस समास का उदाहरण है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 8
  • कला भावना का समास विग्रह होगा कला की भावना। 
  • यहाँ की विभक्ति का लोप हुआ है। अतः सम्बन्ध तत्पुरुष समास है। 
  • जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 9

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. "सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है।" रेखांकित पद में कौनसी संज्ञा है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 9

दिए गये वाक्य में 'सुन्दरता' शब्द भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है। सुन्दर एक विशेषण है, इसमें भाववाचक 'ता' प्रत्यय लगाकर सुन्दरता शब्द बना है।

  • 'सुन्दरता' भाववाचक संज्ञा है।
  • जो संज्ञा किसी भाव, गुण, दशा आदि का बोध कराती है।
  • जैसे- मिठास, यौवन, गुस्सा आदि।
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 10

निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तरों का सही विकल्प चुनिए:
हम सब की मिली-जुली ज़िंदगी में कला के रूपों का ख़ज़ाना हर तरह बेहिसाब बिखरा चला गया है। सुंदरता का अवतार हमारे सामने पल-छिन होता रहता है। अब यह हम पर है, ख़ासतौर से कवियों पर, कि हम अपने सामने और चारों ओर की इस अनन्त और अपार लीला को कितना अपने अंदर बुला सकते हैं। इसका सीधा-सादा मतलब हुआ अपने चारों तरफ़ की ज़िंदगी में दिलचस्पी लेना, उसको ठीक-ठीक यानी वैज्ञानिक आधार पर समझना और अनुभूति और अपने अनुभव को इसी समझ और जानकारी से सुलझाकर स्पष्ट करके, पुष्ट करके अपनी कला-भावना को जगाना। यह आधार इस युग के हर सच्चे और ईमानदार कलाकार के लिए बेहद ज़रूरी है। इस तरह अपनी कला-चेतना को जगाना और उसकी मदद से जीवन की सच्चाई और सौंदर्य को अपनी कला में सजीव से सजीव रूप देते जाना : इसी को मैं 'साधना' समझता हूँ, और इसी में कलाकार का संघर्ष छिपा हुआ देखता हूँ। कला में भावनाओं की तराश-खराश, चमक, तेज़ी और गर्मी सब उसी से पैदा होंगी, उसी 'संघर्ष' और 'साधना' से, जिसमें अन्तर-बाह्य दोनों का मेल है। कला के इस सौंदर्य और उससे मिलने वाले आनंद के शत्रु वे जहाँ और जिस भेष में भी होंगे, जो भी होंगे-परिस्थितियाँ, व्यक्ति या दल-हर ईमानदार कलाकार के शत्रु होंगे।
कला जीवन का सच्चा दर्पण है। और आज के सभी देशों के जीवन में कायापलट तेज़ी के साथ आ रही है; क्योंकि आज किसको नहीं दिखाई दे रहा है कि यह क्रान्ति का युग है। थके हुए पुराने कलाकारों की आहों को भी उससे चमक मिलती है। नयों की तो वह काव्य सामग्री ही है ; क्योंकि वही उनके और उनके आगे की पीढ़ियों के लिए नये, उन्मुक्त, सुखी, आदर्श जीवन की नींव डालनेवाला है।

Q. ‘अनन्त’ शब्द में कौन – सा उपसर्ग है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 10

‘अनन्त’ शब्द ‘अन’ उपसर्ग से बना है। अन्य विकल्प इसके उचित उत्तर नहीं हैं। अत: इसका सही उत्तर  विकल्प 3 ‘अन’ है।

  • ‘अन’ उपसर्ग से बनने वाले अन्य शब्द -  अनादि, अनेक, अनाहूत आदि। 
  • ‘अन’ का अर्थ – नहीं, बुरा, अभाव, निषेध
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 11

नवीन ज्ञान की प्राप्ति होती है

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 11

शिक्षण का उद्देश्य अधिगम प्रक्रिया का संचालन करना है। शिक्षक अध्यापन करता है और छात्र सीखते हैं। शिक्षण का मुख्य कार्य अधिगम की समुचित परिस्थितियों को उत्पन्न करना होता है। जिससे छात्र अनुभव द्वारा क्रियाएं करते हैं और अधिगम करते हुए नवीन ज्ञान की प्राप्ति होती है।
नवीन ज्ञान की प्राप्ति निम्नलिखित तरीको से होती है- 

  • जीवन के अनुभव एवं नवीन अर्थ खोजने से
  • सामाजिक रीति-रिवाज और परंपराओ से ,
  • स्वाध्याय द्वारा,
  • अधिगम द्वारा,
  • आगमनात्मक और आगमनात्मक तर्क द्वारा,
  • वैज्ञानिक विधि द्वारा ,
  • सामाजिक जांच विधि द्वारा ।

अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि अनुभव एवं नवीन अर्थ खोजने से नवीन ज्ञान की प्राप्ति होती है। 

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 12

अफेज्या  संबंधित है:

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 12

अफेज्या एक भाषा विकार है जिसमें मस्तिष्क में चोट लगने पर उन भागों को नुकसान पहुंचता है जो संप्रेषण कौशल को संभव बनाते हैं। इससे प्रभावित लोगो को अपनी बातों को पूरा करने के लिए उचित शब्द को ढूंढने और बोलने में कठिनाई होती है।
संक्षिप्त में अन्य अक्षमताएं:

अतः, हम कह सकते है कि अफेज्या बोलने से संबंधित है।

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 13

"बच्चें सामाजिक अंतःक्रिया से भाषा सीखते हैं।" किसके साथ संबंधित है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 13

रूसी मनोवैज्ञानिक 'वाइगोत्स्की' ने अपने 'सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत' में भाषा विकास के सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत किया था। इन्होंने भाषा विकास के सन्दर्भ में "सामाजिक अतःक्रिया" पर बल दिया है।

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 14

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में भाषा शिक्षा के संबंध में क्या सही नहीं है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 14

त्रिभाषा-सूत्र भारत में भाषा शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है। इसके अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। 

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 15

उच्चारण दोष के निवारण के लिए विशेष रूप से किस स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता है?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 15

उच्चारण शिक्षण के अन्तर्गत मौखिक अभिव्यक्ति में प्रयुक्त अक्षरों की ध्वनियों का सही प्रयोग आता है। यदि हम विचारों एवं भावों की अभिव्यक्ति के समय ध्वनि का उच्चारण उसके निश्चित स्थान से नहीं करेंगे तो हमारी अभिव्यक्ति दोषपूर्ण और मौखिक भाषा निरर्थक व प्रभावहीन हो जायेगी।
उच्चारण शिक्षण का महत्व-

  • अशुद्ध उच्चारण भाषा का स्वरूप बिगाड़ देता है। भाषा का स्वरूप बनाये रखने के लिए शुद्ध उच्चारण अति आवश्यक है।
  • बिना उच्चारण के ज्ञान के भाषा का ज्ञान असंभव है। अतः भाषा के ज्ञान के लिए शुद्ध उच्चारण आवश्यक है।
  •  उच्चारण बाल्यवस्था से ही बनता-बिगड़ता है। अतः प्रारंभिक कक्षाओं में उच्चारण की शुद्धता पर ध्यान देना आवश्यक है।
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 16

कक्षा में बच्चों को अवसर मिलने का अर्थ नहीं है-

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 16

भाषा सीखने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक अर्थात् भाषा के प्रयोग के लिए अवसरो की उपलब्धता है। बालक ऐसे वातावरण में सरलता व सहजता से सीखता हैं, जहाँ भाषा का समृद्ध परिवेश हो। भाषा सीखने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक समृद्ध भाषिक वातावरण है और ऐसे आदर्श वातावरण में विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति के भरपूर अवसर की उपलब्धता है।

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 17

Read the passage given below and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
In this floating village in Brazil, there is only one way to travel. Students go to school by boat. Locals go to worship by boat. Taxis arrive by boat. Even the soccer field is often a boat. There are three homemade fields on land, but they are submerged now in the annual flooding of the Black River. If the wooden goal posts had nets, they would be useful this time of the year only for catching fish. So, young players and adults improvise. They play soccer at a community centre that has a roof but no walls. They play on the dock of a restaurant. And they play on a parked ferry, a few wearing life jackets to cushion their fall. The high-water mark in the Rio Negro this year was the fifth-highest in more than a century of measurements.
As scientists study the impact of deforestation on the Amazon basin, and the cooling and warming of the Pacific Ocean, extreme patterns observed over the last 25 or 30 years raise an important unanswered question: “Are these trends human-induced climate change, or can we explain this with natural variability?” Villagers said that passing boats sometimes knocked down power lines during periods of exceptionally high water. And while the soccer fields are usually available for about half the year, the land has recently been dry enough for only four or five months of play. “We don’t have a place for the children to play,” said de Sousa, a shop owner. “They are stuck in the houses, bored.” The most adventurous, though, will find a game somewhere.

Q. "..... will find a game somewhere" suggests that:

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 17

The annual flood is a major problem in most of the villages of Brazil. During the Black River floods, the homemade soccer fields get submerged in the water but it does not stop the players from playing the game. They have found other places such as the community center, the dock of a restaurant, and a ferry boat for playing football. So, floods do not stop children from playing football.
Hence, the correct answer is 'Black River is no threat to the game of football'.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 18

Read the poem given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
THE LAST CONQUEROR
Victorious men of earth, no more
Proclaim how wide your empires are;
Though you bind-in every shore
And your triumphs reach as far
As night and day,
Yet you, proud monarchs, must obey
And mingle with forgotten ashes, when
Death calls ye to the crowd of common men.
Devouring Famine, Plague, and War,
Each able to undo mankind,
Death's servile emissaries are;
Nor to these alone confined,
He hath at will
More quaint and subtle ways to kill;
A smile or kiss, as he will use the art,
Shall have the cunning skill to break a heart.

Q. "..... servile emmisaries" means:

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 18

Servile means wanting too much to please others and emissary means a person who is sent somewhere to give somebody a special message.
Here, the 'servile emissaries' is used to refer to the death's humble messenger.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 19

Read the poem given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
THE LAST CONQUEROR
Victorious men of earth, no more
Proclaim how wide your empires are;
Though you bind-in every shore
And your triumphs reach as far
As night and day,
Yet you, proud monarchs, must obey
And mingle with forgotten ashes, when
Death calls ye to the crowd of common men.
Devouring Famine, Plague, and War,
Each able to undo mankind,
Death's servile emissaries are;
Nor to these alone confined,
He hath at will
More quaint and subtle ways to kill;
A smile or kiss, as he will use the art,
Shall have the cunning skill to break a heart.

Q. "... mingle with forgotten ashes" means

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 19

The poet is telling that one day all the proud emperors or kings or queens will die and their dead remains would be mixed with the other dead people's ashes that were forgotten.
Here, "mingle with forgotten ashes" refers to the remains of common people who died in a war and are forgotten, and the same way when death will call emperors they will too be forgotten one day.
Hence, the correct answer is 'Dead persons'.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 20

Read the poem given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
THE LAST CONQUEROR
Victorious men of earth, no more
Proclaim how wide your empires are;
Though you bind-in every shore
And your triumphs reach as far
As night and day,
Yet you, proud monarchs, must obey
And mingle with forgotten ashes, when
Death calls ye to the crowd of common men.
Devouring Famine, Plague, and War,
Each able to undo mankind,
Death's servile emissaries are;
Nor to these alone confined,
He hath at will
More quaint and subtle ways to kill;
A smile or kiss, as he will use the art,
Shall have the cunning skill to break a heart.

Q. "And your triumphs reach as far As night or day,
The poetic device found in these words is a

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 20

Here, "As" is used to compare "triumph" with "day". Triumph means an achievement or victory. So, the poet is comparing victory with day or night.
Hence, the poetic device used here is Simile.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 21

Which language skill is required to interact in decontextualized academic situations?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 21

CALP stands for 'Cognitively Advanced Language Proficiency'. It refers to the idea of developing second language skills is essential for academic learning. 

  • CALP refers to formal academic learning. This includes listening, speaking, reading, and writing about subject area content material.
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 22

Fluency means _______

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 22

Fluency is the link between recognizing words and understanding them.

  • Fluency is the ability to read accurately, smoothly, with expression and ease. 
  • Fluency means expressing yourself satisfactorily through speaking, reading, and writing.
  • Fluent readers are able to recognize the words, without struggling over decoding issues. 
    • They sound natural. 
    •  Fluency is important because it bridges word recognition and comprehension.
    • They are able to make connections between what they are reading and their own background knowledge.
    • Therefore, they are able to concentrate on comprehension.

Thus, we can conclude that fluency means expressing yourself satisfactorily through speaking, reading, and writing.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 23

Immediate correction of errors is encouraged in

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 23

Communicative approach/Communicative Language Teaching (CLT) approach accentuates interaction as the means and the definitive objective of learning. Language learners in CLT learn and practice English through interaction with one another and the teacher.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 24

________ comprehension is the skill of reading a piece of text closely or intensely for the purpose of extracting specific information from the text.

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 24

Comprehension is the most necessary academic activity in reading and academic discourse. It is one of the most important skills in language teaching.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 25

After teaching in the classroom, language teacher wrote in her notebook, “Children love language games and take an active part in them. However, the children in the third panel had difficulty in achieving the expected results.” Her entry in the register is _______.

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 25

Evaluation is an integral part of the teaching-learning process and not apart from it. One of the important functions of evaluation is to provide feedback to students and teachers, which may help in the improvement of the teaching-learning process.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 26

Indian learners of English generally suffer from the following weakness : 

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 26

English needs to be taught in a way that will minimize mistakes, encourage students to utilize the language in their daily lives, and make them feel confident and accomplished while speaking it.​

  • Challenges before the English language teachers in India are enormous and apparent. At present, the challenges visible before the English language teachers in India are diverse and it is necessary for them to shape up accordingly to meet the demands of day-to-day life.
CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 27

Most classrooms in India are multilingual and this needs to be seen as ______by the teacher.

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 27

Multilingualism is the ability to use more than two languages. Multilingualism is constitutive of the identity of a child and a typical feature of the Indian linguistic landscape, must be used as a resource, classroom strategy, and a goal by a teacher.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 28

Which among the following cannot be tested in a formal writing examination?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 28

In formal writing, nothing is done for pleasure.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 29

Sheena is an English teacher. While checking the answer scripts of the students, she noticed that most of the students made mistakes in Verbs and Tenses. What must Sheena do to solve the problem?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 29

Sheena must explain to the class by putting several examples and try to pay extra attention to those who are facing problem in Verbs and Tenses.

CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 30

Why are interesting stories told primarily to the young learners?

Detailed Solution for CTET पेपर-I मॉक टेस्ट - 2 - Question 30

Young learners are first made good listeners so that they can easily grasp things.

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