CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Tests  >  CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - CTET & State TET MCQ

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 for CTET & State TET 2025 is part of CTET & State TET preparation. The CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 MCQs are made for CTET & State TET 2025 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 below.
Solutions of CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 questions in English are available as part of our course for CTET & State TET & CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 solutions in Hindi for CTET & State TET course. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for CTET & State TET Exam by signing up for free. Attempt CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 | 150 questions in 150 minutes | Mock test for CTET & State TET preparation | Free important questions MCQ to study for CTET & State TET Exam | Download free PDF with solutions
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 1

व्याकरण शिक्षण की किस प्रणाली को विकृत रूप में सुग्गा प्रणाली भी कहते हैं?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 1

व्याकरण शिक्षण की पाठ्यपुस्तक प्रणाली को विकृत रूप में सुग्गा प्रणाली भी कहते हैं।
व्याकरण किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति है अर्थात व्याकरण भाषा को व्यवस्थित करने का कार्य करती है। व्याकरण शिक्षण की पाठ्यपुस्तक प्रणाली को विकृत रूप में सुग्गा प्रणाली भी कहते हैं क्योंकि:

  • यह व्याकरण शिक्षण की अमनोवैज्ञानिक विधि है।
  • इसमें बच्चे स्वयं पुस्तक में दिए हुए व्याकरण के नियम पढ़ते हैं।
  • इसमें बच्चों द्वारा पढ़े नियमों को शिक्षक सिर्फ उन्हें एकबार समझता है।
  • यह प्रणाली मुख्य रूप से बच्चों द्वारा पुस्तक से नियमों को रटे जाने से संबंधित है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 2

किसने मूल्यांकन प्रक्रिया को त्रिमुख बताकर त्रिकोण के रूप में प्रस्तुत किया?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 2

बेंजामिन ब्लूम नामक अमेरिकी शैक्षिक मनोवैज्ञानिक ने तीन पदानुक्रमित मॉडल का एक सेट(ब्लूम टक्सॉनोमी) प्रतिपादित किया है जो सीखने के उद्देश्यों के वर्गीकरण को संदर्भित करता है।

  • बेंजामिन ब्लूम  ने मूल्यांकन प्रक्रिया को त्रिमुख बता कर त्रिकोण के रूप में प्रस्तुत किया।
  • इन्होंने अपने नाम के आधार पर ब्लूम टक्सॉनोमी का निर्माण किया जिसमें सीखने के उद्देश्यों के वर्गीकरण को संदर्भित करते हुए तीन पदानुक्रमित मॉडल(ज्ञानात्मक, भावात्मक, क्रियात्मक) का एक सेट तैयार किया।
  • इस टक्सॉनोमी के अन्तर्गत इस बात पर बल दिया जाता है कि शिक्षा के निचले स्तर को उचित रूप से आत्मसात किए बिना उच्च स्तर को प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इस वर्गीकरण का उद्देश्य शिक्षा के अवधारणों तथा सिद्धांतों के मूल्यांकन करना है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 3

मूल्यांकन का प्रयोजन नहीं है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 3

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन को सीबीएसई द्वारा 2009 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मूल्यांकन की एक स्कूल आधारित प्रणाली के रूप में पेश किया गया है। यह बच्चे के सर्वांगीण विकास अर्थात विकास के 'शैक्षिक और सह-शैक्षिक' दोनों पहलुओं से संबंधित है।

  • सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य "निदानात्मक ​​और उपचारात्मक शिक्षण" के माध्यम से विद्यार्थी की उपलब्धियों में सुधार कर मूल्यांकन को शिक्षण का अभिन्न अंग बनाना है। 
  • निदानात्मक परीक्षण जहां विद्यार्थियों की शिक्षण संबंधी कमियों का सही अवलोकन करने में मदद करता है वहीं उपचारात्मक शिक्षण द्वारा उन कमियों और त्रुटियों को दूर करने का प्रयास किया जाता है।

मूल्यांकन के प्रयोजन-

  • निश्चित समय उपरांत बच्चों की प्रगति जानने हेतु।
  • बच्चों के व्यवहार में हुए परिवर्तन का पता लगाने हेतु।
  • बच्चे की व्यक्तिगत और विशेष जरूरतों का पता लगाने हेतु।
  • अधिक उपयुक्त तरीकों के आधार पर अध्यापन और सीखने की योजना बनाने हेतु।
  • कोई बच्चा क्या कर सकता और क्या नहीं, उसकी किन चीजों में विशेष रूची है, वह क्या करना चाहता है और क्या नहीं, इन सबके प्रति समझ बनाने और बच्चे की मदद करने हेतु।
  • कक्षा में चल रही सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने हेतु।
  • बच्चों में व्याप्त परीक्षा के भय को दूर करना और उन्हें स्व-आकलन हेतु प्रोत्साहित करना।
  • प्रत्येक बच्चे को सीखने और विकास में मदद करना और सुधार की संभावनाएँ खोजना।
  • नकल की प्रवृत्ति को रोकना व सृजनशीलता को बढ़ावा देना।

​अतः निष्कर्ष निकलता है कि बच्चों को मूल्यांकन के डर से अध्ययन के लिए प्रेरित करना मूल्यांकन का प्रयोजन नहीं है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 4

मौखिक अभिव्यक्ति का आवश्यक गुण है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 4

मौखिक अभिव्यक्ति का आवश्यक गुण प्रभावोत्पादकता है।
मौखिक कौशल: अपने भावो को सार्थक शब्दों में बोलकर व्यक्त करना इसमें शामिल होता है | इसमें शुद्ध उच्चारण, उचित गति, हाव-भाव, विचार क्रमबद्धता, और नि:संकोच भवव्यक्ति जैसे पक्ष होते है।

  • मौखिक अभिव्यक्ति से तात्पर्य मन के विचारों को स्वतंत्र रूप से बोल कर अभिव्यक्त करने से है।
  • व्यक्तित्व विकास के लिए सरल, स्पष्ट व प्रभावशाली मौखिक अभिव्यक्ति का होना आवश्यक होता है।
  • मौखिक अभिव्यक्ति का आवश्यक गुण 'प्रभावोत्पादकता' अर्थात प्रभावी रूप से वक्ता द्वारा श्रोताओं तक सूचनाओं को संप्रेषित करना है।
  • प्रभावोत्पादकता एक ऐसा गुण है जो अपने आप में मौखिक अभिव्यक्ति के अन्य गुणों जैसे गतिशीलता, उच्चारण की शुद्धता, क्रमिकता आदि को समेटे हुए है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 5

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर उपयुक्त विकल्पों द्वारा दीजिये- 
बारहसिंगा हिरण प्रजाति का बड़े आकार का शानदार वन्य पशु है। इस वन्य जीव को उत्तरप्रदेश की सरकार ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। दुर्लभ वन्य जीव होने के कारण इसे संकटग्रस्त सूची में रखा गया है। बारहसिंगा दुधवा राष्ट्र्रीय उद्यान, हस्तिनापुर अभ्यारण्य, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बंगाल के सुंदरवनों में भी पाया जाता है। मध्यप्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में भी बारहसिंगा की दूसरी प्रजाति पाई जाती है। बारहसिंगा की कंधे तक की ऊँचाई 135 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 170 - 180 किलोग्राम तक होता है। यह प्रायः नम दलदली घास वाले क्षेत्रो में रहना पसंद करते है। बारहसिंगा प्रायः समूहों में पाए जाते है। इसके सींग 75 सेंटीमीटर लम्बे होते है। अधिकांश बारहसिंगो के सींगों में 10 से 14 तक शाखाएं होती है। अधिकतम 20 शाखाएँ वाले बारहसिंगा भी देखे गये हैं।

Q. घास शब्द का तत्सम शब्द बताइए -

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 5

निम्नलिखित विकल्पों में 'तृण’ शब्द तत्सम है जिसका तद्भव शब्द ‘घास’ है। 
ठठेरा देशज शब्द है, घड़ी तद्भव शब्द है, और घाट तद्भव शब्द है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 6

प्रारंभिक अवस्था में बालक भाषा सीखता है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 6

प्रारंभिक अवस्था में बालक भाषा निम्नलिखित क्रम में सीखता है:

  • श्रवण द्वारा: बालक अपने आस-पास के वातावरण से, विशेष रूप से अपने परिवार से भाषा सुन कर सीखता है।
  • निरिक्षण द्वारा: बालक देखता व सुनता है की बड़े लोगो द्वारा कुछ शब्दों को बोला जा रहा है तथा वह उन शब्दों का निरिक्षण करता है।
  • अनुकरण द्वारा: बालक भाषा का निरिक्षण कर वह उन शब्दों का अनुकरण व अभ्यास शुरू करता है। 

अत: उपरोक्त विवरण से यह ज्ञात होता है की प्रारंभिक अवस्था में बालक श्रवण, निरिक्षण, व अनुकरण द्वारा भाषा सीखता है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 7

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर उपयुक्त विकल्पों द्वारा दीजिये- 
बारहसिंगा हिरण प्रजाति का बड़े आकार का शानदार वन्य पशु है। इस वन्य जीव को उत्तरप्रदेश की सरकार ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। दुर्लभ वन्य जीव होने के कारण इसे संकटग्रस्त सूची में रखा गया है। बारहसिंगा दुधवा राष्ट्र्रीय उद्यान, हस्तिनापुर अभ्यारण्य, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बंगाल के सुंदरवनों में भी पाया जाता है। मध्यप्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में भी बारहसिंगा की दूसरी प्रजाति पाई जाती है। बारहसिंगा की कंधे तक की ऊँचाई 135 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 170 - 180 किलोग्राम तक होता है। यह प्रायः नम दलदली घास वाले क्षेत्रो में रहना पसंद करते है। बारहसिंगा प्रायः समूहों में पाए जाते है। इसके सींग 75 सेंटीमीटर लम्बे होते है। अधिकांश बारहसिंगो के सींगों में 10 से 14 तक शाखाएं होती है। अधिकतम 20 शाखाएँ वाले बारहसिंगा भी देखे गये हैं।

Q. निम्न में कहाँ बारहसिंगा नही पाए जाते है?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 7

बारहसिंघा अयोध्या में नहीं पाया जाता है।
गद्यांश से

  • "बारहसिंघा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, हस्तिनापुर अभ्यारण, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बंगाल के सुन्दरवनो में भी पाया जाता है।"
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 8

एक शिक्षिका पाठ के संदर्भ में आये शब्दों जैसे- हंस - हँस, पूछ - पूँछ, चांद - चाँद का उच्चारण कराकर अंतर बताती है। शिक्षिका का अपेक्षित उद्देश्य है-

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 8

उच्चारण शिक्षण के अन्तर्गत मौखिक अभिव्यक्ति में प्रयुक्त अक्षरों की ध्वनियों का सही प्रयोग आता है। यदि हम विचारों एवं भावों की अभिव्यक्ति के समय ध्वनि का उच्चारण उसके निश्चित स्थान से नहीं करेंगे तो हमारी अभिव्यक्ति दोषपूर्ण और मौखिक भाषा निरर्थक व प्रभावहीन हो जायेगी।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 9

निम्न में से किस विधि के अन्तर्गत किसी इकाई को सूक्ष्म खंडों में विभक्त कर शिक्षण कराया जाता है?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 9

विश्लेषण विधि के अन्तर्गत किसी इकाई को सूक्ष्म खंडों में विभक्त कर शिक्षण कराया जाता है।
विश्लेषण विधि- विश्लेषण विधि में किसी समस्या को पहले छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जाता है। उसके बाद समस्या के बारे में अध्ययन किया जाता है। फिर उसके निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है। इस प्रकार के शिक्षण विधि को विश्लेषण विधि कहते हैं। इस विधि से समस्या का हल निकालने से पहले समस्या के बारे में जानते हैं, फिर समस्या के हल के लिए उपयुक्त विधि का चयन करते हैं।
​विश्लेषण विधि की विशेषताएँ:

  • इस विधि में छात्रों को खोज करने का अवसर मिलता है।
  • इस विधि को क्रियाशील विधि माना जाता है।
  • इस विधि द्वारा प्राप्त होने वाले ज्ञान हमेशा स्थाई होता है।
  • इस विधि में छात्र हमेशा क्रियाशील रहते हैं।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 10

निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी

Q. लॉकडाउन से अभिप्राय है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 10

उपर्युक्त पद्यांश के अनुसार लॉकडाउन शब्द का अर्थ तालाबंदी है।
लॉकडाउन:

  • लॉकडाउन अथवा पूर्णबन्दी एक आपातकालीन प्रोटोकॉल है।
  • आपातकालीन स्थिति में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा यह प्रतिबंध लगाया जाता है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 11

निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी

Q. सफाई शब्द में प्रत्यय पहचानिए।

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 11

सफाई शब्द में प्रत्यय "ई" प्रत्यय है।
सफ़ाई: सफ़ा + ई
सफ़ा शब्द अरबी भाषा का शब्द है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 12

एक भाषा शिक्षक शिक्षण के दौरान कठिनाई को जानने के उद्देश्य से बालको का आवलोकन करता है। इस प्रक्रिया क दौरान आकलन किया जाता है-

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 12

आकलन एक संवादात्मक तथा रचनात्मक प्रक्रिया माना जाता है, जिसके द्वारा शिक्षक को यह ज्ञात होता है कि विद्यार्थी का उचित अधिगम हो रहा है अथवा नहीं।

  • भाषा आकलन का अर्थ है भाषा-प्रयोग की क्षमता का आकलन।
  • इसका उद्देश निदानात्मक होता है, अर्थात शिक्षण अधिगम कार्याक्रम मे सुधार करना, छात्रों व शिक्षकों को पृष्ठपोषण प्रदान करना तथा छात्रों की अधिगम संबंधी कठिनाइयों को ज्ञात करना।
  • भाषा शिक्षण में आकलन का आशय उन प्रक्रियाओं से हैं जिनकी सहायता से एक शिक्षक विद्यार्थियों के भाषा संबंधी समस्त कौशलों के संबंध में शिक्षण  के दौरान एवं पाठ्यक्रम की समाप्ती पर निर्णय करता है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 13

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।

Q. प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता क्यों बाधित होनी चाहिए?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 13

गद्यांश के अनुसार:जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।

  • चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है।
  • भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए। 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 14

प्राथमिक स्तर पर लेखन में प्रयोग आने वाली अनुकरण विधि नहीं है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 14

प्राथमिक स्तर पर लेखन में प्रयोग आने वाली अनुकरण विधि 'स्पष्ट लेख' नहीं है।
पठन के सामान ही लेखन क्रिया/कौशल है जिसमे शिक्षार्थियों लिखने के लिए तत्पर किया जाता है। लेखन कला/कौशल चारो भाषा कौशलों (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) में सबसे अंतिम चरण है। यह बच्चों द्वारा अपने भावों और मौलिक विचारों को अर्थपूर्ण तरीके से लिखित रूप देने तथा विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखने की क्षमता से संबंधित है।
प्राथमिक स्तर पर लेखन का विकास अनुकरण विधि से किया जाता है। 
अनुकरण की निम्न लिखित विधियाँ साधारणतः प्रयोग में लायी जाती हैं:

  • अनुलेख- किसी आदर्श लिखावट का जैसा का तैसा अनुकरण, अनुलेख कहलाता है।
  • प्रतिलेख- प्रतिलेख में छात्र स्वतंत्र रूप से किसी पुस्तक या पत्र-पत्रिका के किसी भाग का अनुकरण करके अपनी काॅपी में लिखता है।
  • श्रुतिलेख- श्रुतिलेख सुना हुआ लेख है। इसमें अध्यापक बोलता जाता है और छात्र सुनकर बोली हुई सामग्री लिखता है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 15

निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी

Q. दाल-चावल में कौन सा समास है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 15

चावल दाल शब्द में द्वंद समास है।
समास विग्रह: चावल और दाल

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 16

निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी

Q. कौन सा शब्द स्त्रीलिंग नहीं है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 16

'इंसान' शब्द पुल्लिंग है अन्य सभी विकल्प स्त्रीलिंग है।
संज्ञा शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते है। जैसे – गाय-बैल, लड़का-लड़की, ग्वाला-ग्वालिन।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 17

मौखिक भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त भाव एवं विचारों को सुनकर समझना वास्तव में है-

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 17

भाषा के चार मुख्य कौशल सुनना, बोलना, पढ़ना तथा लिखना है। इन कौशलों के प्रयोग के द्वारा ही मानव अपने विचारों का सरलतापूर्वक आदान प्रदान करता है। भाषा से संबंधित इन चारो प्रक्रियाओं को प्रयोग करने की क्षमता ही भाषा कौशल कहलाती है।

  • ये चारो कौशल एक दूसरे से अतःसंबंधित होते हैं तथा मानव में भाषाई विकास को विस्तार देते हैं।
  • यहां सुनना और पढ़ना विचारों को ग्रहण करने से तथा बोलना और लिखना विचारों को अभिव्यक्त करने से संबंधित है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 18

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर उपयुक्त विकल्पों द्वारा दीजिये- 
बारहसिंगा हिरण प्रजाति का बड़े आकार का शानदार वन्य पशु है। इस वन्य जीव को उत्तरप्रदेश की सरकार ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। दुर्लभ वन्य जीव होने के कारण इसे संकटग्रस्त सूची में रखा गया है। बारहसिंगा दुधवा राष्ट्र्रीय उद्यान, हस्तिनापुर अभ्यारण्य, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बंगाल के सुंदरवनों में भी पाया जाता है। मध्यप्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में भी बारहसिंगा की दूसरी प्रजाति पाई जाती है। बारहसिंगा की कंधे तक की ऊँचाई 135 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 170 - 180 किलोग्राम तक होता है। यह प्रायः नम दलदली घास वाले क्षेत्रो में रहना पसंद करते है। बारहसिंगा प्रायः समूहों में पाए जाते है। इसके सींग 75 सेंटीमीटर लम्बे होते है। अधिकांश बारहसिंगो के सींगों में 10 से 14 तक शाखाएं होती है। अधिकतम 20 शाखाएँ वाले बारहसिंगा भी देखे गये हैं।

Q. गद्यांश में वर्णित हिरण की प्रजाति को बारहसिंगा कहा जाता है, क्योंकि 

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 18

उपर्युक्त गद्यांश में वर्णित हिरण की प्रजाति को बारहसिंघा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनके सींग शाखादार होते हैं।
गद्यांश से

  • "इसकी सिंह 75 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। अधिकांश बारहसिंघा में 10 से 14 तक शाखाएं होती हैं। अधिकतम 20 शाखाएं वाले बारहसिंघा भी देखे गए हैं।"
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 19

Essential Steps of Diagnostic Testing should be followed as
A. Identifying students having trouble
B. Locating the errors 
C. Discovering factors of slow learning
D. Removing learning difficulties

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 19

Learning Difficulties refers to a state when a person faces difficulty in learning. It may be due to physical limitations/disabilities such as - impairment in hearing, visual, low intellectual functioning, and inappropriate motor coordination.

  • Diagnostic evaluation/test refers to the test which helps the teachers to know the learning difficulties or gaps in learner's understanding and identifying learner's strengths, weaknesses, skills, etc.
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 20

Identify the active form of the given sentence.
She likes being admired.

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 20

'She likes people admiring her.' is the active form of the sentence, 'She likes being admired.'
When the verb is active, the subject of the verb is doing the action.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 21

Based on the text related to the lesson, students find the exact meaning of the text and understand the text formed by sentences, phrases and words. Interpreting text in this way is called _________

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 21

Sub skills are essentially sub-sets or parts of a skill that has to be acquired by the learners. for example, reading is a skill, and scanning the text is known as a sub-skill.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 22

In 'Zone of Proximal Development' (ZPD) a child

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 22

'Lev Vygotsky', a Soviet psychologist, has propounded the "Socio-cultural Theory". This theory implies the idea that social interaction plays a crucial role in the development of learners' cognitive abilities. 

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 23

Directions: The given sentence may contain only one error in grammar usage, diction (choice of words), or idiom. The sentence may be correct. Select the lettered part that, according to you, contains the error. If there is no error, the answer is (D), i.e. No error.
While he was walking along the road, (A)/ a speeding car (B)/ knocked down to him. (C)/ No Error (D)

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 23

While he was walking along the road, a speeding car knocked him down.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 24

Identify the sentence that shows the speaker's past habit.

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 24

Use to + verb is a regular verb and means something that happened but doesn't happen any more. It uses -ed to show past tense. But since it always means something that happened in the past, it is used as a past tense.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 25

How many language skills does an educated person learn?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 25

An educated person learns four language skills.
The four language skills are: Listening, Speaking, Reading and Writing.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 26

Web-casting as an educational media does not include

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 26

It does not include 'campus radio' as an educational media. This is because it gives only instructions related to their schedules.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 27

Theory of multiple intelligence emphasize that:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 27

The  'Theory of Multiple Intelligence' or 'Multidimensional Intelligence Theory'  was propounded by an American psychologist 'Howard Gardner' in his book 'Frames of Mind'. 
This theory describes eight different kinds of intelligence and emphasizes that:

  • intelligence is of several kinds.
  • intelligence can't be tied to a single domain.
  • each individual has his/her own unique abilities.
  • intelligence is not dominated by a general factor.

So, it could be concluded that the Theory of multiple intelligence emphasize that there are several forms of intelligence.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 28

According to Halliday, ______ function of language is used to tell stories, jokes and to create an imaginary environment. 

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 28

Language is a system of sounds, words, patterns, etc. used by humans to communicate thoughts and feelings. It is used by humans to express views and ideas.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 29

Which of the following psychologists is associated with ‘language development’?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 29

Noam Chomsky, known as the father of modern linguistics, has made a crucial contribution in the field of linguistics.
Let's understand Chomsky's view about language in brief:

  • Innate ability: He strongly believes that children are born with an innate knowledge of grammar that serves as the basis for all language acquisition.
  • Generative grammar: According to Chomsky it refers to a finite set of rules to generate sentences and can be used to produce more sentences in that language.
  • Universal grammar: Chomsky's universal grammar suggests that all children have an innate ability to acquire, understand and develop grammar.
  • Language Acquisition Device: Chomsky proposed that humans are equipped with a language acquisition device that enables a child to acquire and produce language.

A brief description of other psychologists:

So, Noam Chomsky is associated with ‘language development'.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 30

Which of the following may not be expected from a teacher to keep in mind while respecting individual differences?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 - Question 30

Individual difference: Every child is unique and different from others. It should be kept in mind that learners possess different abilities, and personalities, and belong to different backgrounds. The stimulus needs of every learner will be different. Teaching has to be done keeping in mind the individual differences and problems arising out of it.
The teacher should take care of the below points:

  • As per the need of the students, the teaching method can vary.
  • Generally confused with discrimination, ability grouping is a measure in which students of similar traits are grouped so that the teacher can choose a compatible teaching method.
  • Keeping in mind the child-centered education as proposed by the NCF, adjusting the curriculum is no exception because it is the child who has the freedom to choose what he wants to learn.
  • The pace of learning should not be a matter of concern for a teacher as every child has his pace and more than results, the attempt to learn is important.

It should be noted that, though self-study improves knowledge, it should not be done simultaneously when the teacher’s responsibility is to teach children.
So, we conclude that for a teacher, leaving children for self-study is not recommended

View more questions
Information about CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 Page
In this test you can find the Exam questions for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1 solved & explained in the simplest way possible. Besides giving Questions and answers for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 1, EduRev gives you an ample number of Online tests for practice
Download as PDF