"बूंद अघात सहहिं गिरि कैसें। खल के बचन संत सह जैसे॥" इस पंक्ति में कौन-से अलंकार का प्रयोग हुआ है?
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“बीती विभावरी जाग री,
अम्बर-पनघट में डुबो रही,
तारा-घट ऊषा-नागरी।
प्रश्न. "उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?
निम्नलिखित काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
सोहत ओढ़े पीत पट,
स्याम सलौने गात।
मनहु नीलमणि सैल पर,
आवत परयो प्रभात।
जेते तुम तारे, तेते नभ में न तारे हैं।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
"जहाँ गाँठ तहाँ रस नहीं, यह जानत सब कोई।" में किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?
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