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Test: कबीर के दोहे - Class 8 MCQ


Test Description

15 Questions MCQ Test Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT - Test: कबीर के दोहे

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Test: कबीर के दोहे - Question 1

“साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप” दोहे का मुख्य संदेश क्या है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 1

इस दोहे में कबीर सत्य (साँच) को सबसे बड़ी तपस्या (तप) बताते हैं और झूठ को सबसे बड़ा पाप मानते हैं। उनका मानना है कि जो व्यक्ति सत्य को अपने जीवन में उतारता है, उसके भीतर ही गुरु का वास होता है। इसलिए सत्य का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है।

Test: कबीर के दोहे - Question 2

“बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर” में ‘खजूर’ किस प्रतीक के रूप में आया है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 2

कबीर खजूर वृक्ष को ऊँचाई (बड़प्पन) का प्रतीक बनाकर उसकी उपयोगिता पर प्रश्न उठाते हैं। वह कहते हैं कि अगर बड़प्पन से दूसरों को लाभ नहीं पहुँचता (जैसे छाया या फल), तो वह व्यर्थ है। खजूर ऊँचा तो है, लेकिन छाया नहीं देता और फल दूर लगते हैं।

Test: कबीर के दोहे - Question 3

“गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागौं पाँय” में कवि किस दुविधा को व्यक्त करता है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 3

इस प्रसिद्ध दोहे में कबीर उस स्थिति को दर्शाते हैं जब गुरु और ईश्वर (गोविंद) दोनों सामने खड़े हों, तब वह गुरु को वरीयता देते हैं क्योंकि गुरु ने ही ईश्वर का मार्ग बताया है। यह गुरु की महत्ता का अत्यंत भावनात्मक चित्रण है।

Test: कबीर के दोहे - Question 4

“अति का भला न बोलना” दोहे में ‘अति’ शब्द का क्या तात्पर्य है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 4

कबीर ‘अति’ अर्थात् किसी भी चीज़ की अधिकता को हानिकारक मानते हैं। चाहे वह बोलना हो, चुप रहना, बरसात या धूप— किसी भी चीज़ की अधिकता नुकसानदायक होती है। संतुलन और मर्यादा को सबसे बड़ा गुण माना गया है।

Test: कबीर के दोहे - Question 5

“ऐसी बानी बोलिए…” दोहे में कबीर किस प्रकार की भाषा की वकालत करते हैं?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 5

कबीर की बानी में भाषा का बहुत महत्व है। इस दोहे में वे कहते हैं कि ऐसी वाणी बोलो जो स्वयं को और दूसरों को शीतलता दे। जब मन का अहंकार मिट जाता है, तब वाणी मधुर होती है और सभी को शांति देती है।

Test: कबीर के दोहे - Question 6

“निंदक नियरे राखिए” दोहे में ‘निंदक’ को निकट रखने की सलाह क्यों दी गई है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 6

कबीर कहते हैं कि निंदा करने वाले व्यक्ति आत्म-परिशोधन का अवसर देते हैं। वे बिना जल और साबुन के ही हमारे स्वभाव को निर्मल कर सकते हैं। इसलिए उनसे दूर भागने की बजाय उन्हें पास रखना चाहिए, जिससे हम अपनी गलतियाँ जान सकें।

Test: कबीर के दोहे - Question 7

“साधू ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय” में ‘सूप’ प्रतीक है—

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 7

यहाँ कबीर सूप को एक आदर्श साधु का प्रतीक बनाते हैं। जैसे सूप अनाज से भूसी (थोथा) अलग कर देता है और सार को रखता है, वैसे ही सच्चा साधु सच्चाई को ग्रहण करता है और निरर्थक बातों को छोड़ देता है।

Test: कबीर के दोहे - Question 8

“कबिरा मन पंछी भया” में मन की तुलना किससे की गई है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 8

कबीर मन की चंचलता को एक पंछी से जोड़ते हैं जो जहाँ इच्छा होती है, वहीं उड़ जाता है। वह कहते हैं कि जैसी संगति मन करेगा, वैसा ही फल मिलेगा। अतः संगति का प्रभाव जीवन में महत्वपूर्ण है।

Test: कबीर के दोहे - Question 9

कबीर किसके ‘हिरदे’ में गुरु के स्वयं उपस्थित होने की बात करते हैं?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 9

पहले दोहे में कबीर कहते हैं कि जिस व्यक्ति के हृदय में सच्चाई (साँच) बसती है, उसके हृदय में गुरु स्वयं निवास करते हैं। यह कथन दर्शाता है कि सच्चाई से बढ़कर कोई तप नहीं है।

Test: कबीर के दोहे - Question 10

कबीर के अनुसार साधु को किन गुणों से युक्त होना चाहिए?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 10

कबीर साधु को सूप के समान होना चाहिए बताते हैं जो सार को रखता है और व्यर्थ को उड़ाता है। यह विवेक, विचारशीलता और सच्चे और झूठे में भेद कर पाने की क्षमता की ओर संकेत करता है।

Test: कबीर के दोहे - Question 11

“जो जैसी संगति करै, सो तैसा फल पाय”— यह दोहा किस जीवनसिद्धांत पर आधारित है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 11

यह दोहा हमें सिखाता है कि हम जिस प्रकार की संगति या साथ रखते हैं, वैसा ही प्रभाव हमारे व्यवहार और जीवन पर पड़ता है। अच्छे लोगों की संगति से अच्छा फल और बुरे से बुरा फल मिलता है।

Test: कबीर के दोहे - Question 12

कबीर के दोहों में सबसे अधिक किस चीज़ की आलोचना की गई है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 12

कबीर हमेशा आडंबर, पाखंड और झूठ की आलोचना करते हैं। वे सत्य, सरलता और आत्मचिंतन पर जोर देते हैं। उनके अनुसार झूठ सबसे बड़ा पाप है।

Test: कबीर के दोहे - Question 13

“पंथी को छाया नहीं”— किसकी व्यर्थता बताई गई है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 13

खजूर वृक्ष ऊँचा तो होता है लेकिन उसकी छाया से पथिक को कोई राहत नहीं मिलती। उसी प्रकार ऊँचाई या पद किसी को लाभ नहीं देता अगर वह दूसरों के काम न आए।

Test: कबीर के दोहे - Question 14

“निर्मल करै सुभाय”— कौन करता है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 14

निंदक हमारे दोषों को उजागर कर हमें आत्म-निरीक्षण का अवसर देते हैं। वे हमारे स्वभाव को बिना पानी-साबुन के भी साफ कर देते हैं। अतः उनका साथ सुधार का माध्यम बनता है।

Test: कबीर के दोहे - Question 15

“सार सार को गहि रहै, थोथा देइ उड़ाय”— इस कथन का आशय क्या है?

Detailed Solution for Test: कबीर के दोहे - Question 15

यह दोहा हमें सिखाता है कि एक विवेकी व्यक्ति (साधु) को सार्थक बातों को ग्रहण करना चाहिए और बेकार बातों को छोड़ देना चाहिए। जैसे सूप अन्न को रखता है और भूसी को उड़ा देता है।

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