1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? Download the App |
आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे।
इस गद्यांश में किस व्यवसाय का उल्लेख हुआ है?
नोआखाली पद-यात्रा के दौरान गाँधी जी ने अपने साथ के आदमियों को क्या बनाना सिखाया?
गाँधी जी के मित्र की पत्नी का क्या नाम था जो पुत्र को दूध पिलाने के कारण कमजोर हो गई थी?
28 videos|163 docs|43 tests
|
28 videos|163 docs|43 tests
|