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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UGC NET Mock Test Series 2025 - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 1

सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:


नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए: 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 1

सूची-I से सूची-II का सही मिलान- ​(A)-(IV), (B)-(I), (C)-(III), (D)-(II)। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points 

Important Pointsचंद्रदेव से मेरी बातें- 

  • रचनाकार- राजेन्द्रबाला घोष (बंग महिला)
  • प्रकाशन वर्ष- 1904 ईo
  • विधा- कहानी 
  • मुख्य बिंदु-
    • ‘चंद्रदेव से मेरी बातें’ कहानी पहले निबंध के रूप में 1904 के सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
    • बाद में इसे कई पत्र-पत्रिकाओं में कहानी के रूप में प्रकाशित किया गया।
    • लक्ष्मी सागर वैष्णवी जी ने अपने निबंध ‘नवनीत’ में लिखा है। ‘चंद्रदेव से मेरी बातें’ ‘कहानी’ नहीं एक ‘निबंध’ है।
    • यह पत्रात्मक शैली में लिखी पहली कहानी है, जिस पर ‘शिवशम्भु के चिठ्ठे’ निबंध का प्रभाव देखा जा सकता है।
    • बंग महिला ने इस कहानी में अर्थनीति और राजनिति को केंद्र में रखकर तत्कालीन वायसराय ‘लार्ड कर्जन’ और उसकी व्यवस्था पर व्यंग्य किया है।
  • कहानी में मुख्य दो पात्र है-
    • भगवान चंद्रदेव और स्वयं लेखिका (बंग महिला)

आकाशदीप-

  • रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1929 ईo
  • विधा- कहानी 
  • मुख्य बिंदु-
    • आकाशदीप कहानी संग्रह में कुल 19 कहानियाँ हैं-
    • आकाशदीप एक रोमांटिक-प्रणय-प्रधान कहानी है।
    • जयशंकर प्रसाद जी आकाशदीप कहानी के माध्यम से कर्तव्य पथ पर हमेशा आगे बढ़ते रहने का सन्देश देते हैं।
    • अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए प्रेम का बलिदान देना कहानी के उद्देश्य को दर्शाता है।
    • आदर्श प्रेम की स्थापना तथा प्रेम और कर्तव्य के द्वंद्व में कर्तव्य विजय को दिखाना इस कहानी का लक्ष्य है।
    • कहानी की नायिका ‘चंपा’ अकेले आकाशदीप जलाकर बुद्ध गुप्त की तरह भटके लोगों को मार्ग दर्शन कराती है।
    • इस कहानी के माध्यम से जयशंकर प्रसाद जी ने प्रेम, सत्य, कर्तव्यनिष्ठ, इमानदारी, सेवा और नैतिकता जैसे शाश्वत मूल्यों को स्थापित किया है।

ईदगाह- 

  • रचनाकार- प्रेमचंद्र
  • प्रकाशन वर्ष- 1933 ईo
  • विधा- कहानी 
  • विषय- बाल मनोविज्ञान पर लिखी कहानी। 
  • कहानी का मुख्य पात्र हामिद है जो अपनी दादी अमीना के साथ रहता है। 

राही- 

  • रचनाकार- सुभद्रा कुमारी चौहान
  • प्रकाशन वर्ष- 1947 ई.
  • विधा- कहानी
  • मुख्य बिन्दु- 
    • राही कहानी में सुभद्रा जी ने गरीबों के पीड़ा का वर्णन किया है।
    • इस कहानी में उन्होंने भूख के लिए चोरी करने की मज़बूरी पर प्रकाश डाला है।
    • इस कहानी में उन्होंने सत्याग्रहियों में शामिल सत्ता के लोलुप व्यक्तियों पर व्यंग्य किया है।
    • उन्होंने इस कहानी में गरीबों के कष्ट निवारण को ही सच्ची देश भक्ति माना है।
    • सुभद्रा जी के लिए मानवता ही सबसे बड़ा धर्म था।
  • कहानी के पात्र- 
    • राही- एक गरीब औरत जिसे चोरी के जुर्म में कैद किया जाता है।
    • अनीता- एक अमीर घर कि महिला जो स्वतंत्रता संग्राम में क्रातिकारी गतिविधियों के कारण जेल गई है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 2

1909 में जयशंकर प्रसाद ने किस पत्रिका का प्रकाशन किया?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 2

1909 में जयशंकर प्रसाद ने इंदु पत्रिका का प्रकाशन किया।

Key Points
इंदु-

  • संपादक - अंबिकप्रसाद गुप्त 
  • विधा - पत्रिका
  • प्रकाशन वर्ष - 1909 ई.
  • प्रकाशन स्थल - काशी 
  • यह मासिक पत्रिका थी। 
  • इस पत्रिका को सरस्वती पत्रिका के विरोध में निकाला गया था। 

Confusion Points

  • इंदु पत्रिका के संपादक अम्बिका प्रसाद गुप्त थे परंतु इसका संचालन प्रसाद द्वारा किया गया। 
  • अम्बिका प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में विशेष स्थान रखने वाले जयशंकर प्रसाद के भांजे थे।
  • जयशंकर प्रसाद की ही प्रेरणा से 1909 ई. में इन्होंने उनके सम्पादकत्व में 'इन्दु' नामक मासिक पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया था।
  • प्रसाद इसमें नियमित रूप से लिखते रहे और उनकी आरम्भिक रचनाएँ इसी के अंकों में देखी जा सकती हैं।
  • वर्ष सन 1937 में अम्बिका प्रसाद गुप्त का निधन हुआ।

Important Points

बंगदूत -

  • संपादक - राजा राममोहन राय 
  • विधा - पत्रिका 
  • प्रकाशन वर्ष - 1829 ई. 
  • यह साप्ताहिक पत्रिका कलकत्ता से प्रकाशित होती थी। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 3

राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय।
मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय।। 

इस पंक्ति में अघाय का अर्थ है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 3

राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय। मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय। इस पंक्ति में अघाय का अर्थ है- "तृप्त"। अन्य विकल्प असंगत हैं। 

  • उपर्युक्त पंक्ति कबीरदास की है। 

Key Pointsपंक्ति- 

  • राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय।
    मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय।। 
  • कबीर की उपयुक्त पंक्ति की व्याख्या- 
  • कबीर कह रहे हैं -
    • राता अर्थात रात और माता अर्थात मत्त, परमात्मा के नाम में सतत रत्त और मत्त रहने वाला ही प्रेम रस पी सकता है, दूसरा कोई नहीं ।
    • केवल एक मात्र वही प्रेम रस पीकर अघा सकता है और जब वह प्रेम रस से सरोबार हो जाता है तब दूसरों को भी प्रेम रस उपलब्ध कराता है। 
    • आज कहाँ है, इस प्रकार प्रेम रस पीकर अघाये हुए, जो इस रस को दूसरों में बांट सके? जिधर भी देखो, सब एक दूसरे से प्रेम की भीख मांग रहे हैं।
    • प्रेम रस बांटने वाले ऐसे कथित व्यक्ति भी प्रेम रस से रीते हैं और दिखावा कर रहे हैं, बांटने का। परमात्मा के नाम में रत और मत्त हुए ही प्रेमरस को जान,पहचान और बाँट सकते हैं।
    • प्रेम रस पीकर मदमस्त हुआ भक्त मोक्ष मांग ही नहीं सकता क्योंकि मोक्ष स्वार्थ आधारित होता है ।
    • भक्त की मांग केवल उसके दर्शन की रहती है, मुक्त होने की नहीं। ज्ञानी मोक्ष चाहता है और भक्त दर्शन।यही भक्त और ज्ञानी में अंतर है।
    • भक्त कहता है, भगवान मुझे दर्शन दो,मुझे मुक्ति नहीं चाहिए ।'
    • मतवाला दीदार का, मांगे मुक्ति बलाय'- मैं तो दीदार का मतवाला हूँ, मुझे मोक्ष से क्या मतलब।

Important Pointsकबीर दास-  

  • जन्म- 1398 - 1518 ईo 
  • भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के संत कवि हैं। 
  • काव्य कृतियाँ-
    • बीजक
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
  • बीजक के तीन भाग किए गए हैं-
    • ​साखी
    • सबद
    • रमैनी
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 4

जन्मवर्ष के अनुसार निम्नलिखित उपन्यासकारों को पहले से बाद के क्रम में लगाइए :

(A) हिमांशु श्रीवास्तव 

(B) शैलेश मटियानी 

(C) फणीश्वरनाथ रेणु 

(D) मंगलेश डबराल 

(E) नागार्जुन 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए : 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 4

जन्मवर्ष के अनुसार उपन्यासकारों का पहले से बाद का क्रम- (E), (C), (B), (A), (D)। अन्य विकल्प असंगत है। Key Points

Important Pointsनागार्जुन-

  • जन्म- 1911-1998 ई. 
  • पुरा नाम- वैद्यनाथ मिश्र 
  • उपन्यास-
    • रतिनाथ की चाची (1948 ई.)
    • बलचनमा (1952 ई.)
    • नयी पौध (1953 ई.)
    • बाबा बटेसरनाथ (1954 ई.)
    • दुखमोचन (1957 ई.)
    • वरुण के बेटे (1957 ई.)
    • उग्रतारा
    • कुंभीपाक
    • पारो
    • आसमान में चाँद तारे

फणीश्वरनाथ रेणु- 

  • जन्म- 1921 - 1977 ईo
  • उपन्यास- 
    • मैला आंचल (1954)
    • परती परिकथा (1957)
    • जूलूस (1965)
    • दीर्घतपा (1964) 
    • कितने चौराहे (1966)
    • पल्टू बाबू रोड (1979)

शैलेश मटियानी- 

  • जन्म- 1931- 2001 ई० 
  • उपन्यास- 
    • बोरीवली से बोरीबन्दर (1959)
    • कबूतरखाना (1960)
    • हौलदार (1963)
    • चिट्‌ठीरसैन (1961)
    • तिरिया भली न काठ की (1961)
    • मुख सरोवर के हंस (1962)
    • बेला हुई अबेर (1962)
    • जलतरंग (1963)
    • उगते सूरज की किरण (1976)
    • रामकली (1978)
    • सर्पगन्धा (1979)
    • आकाश कितना अनंत है (1979)
    • अर्द्ध कुम्भ की यात्रा' (1983)
    • मुठभेड़ (1983)
    • नागवल्लरी (1985)
    • माया सरोवर (1987)
    • चंद औरतों का शहर (1992)

हिमांशु श्रीवास्तव-

  • जन्म- 1934- 1993 ई० 
  • उपन्यास- 
    • लोहे के पंख
    •  नदी फिर बह चली
    • भित्तिचित्र की मयूरी
    • मन के वन में
    • दो आँखों की झील
    • कुहासे में जलती धूपबत्ती
    • रिहर्सल
    • परागतृष्णा
    • शोकसभा
    • प्रियाद्रोही
    • पुरुष और महापुरुष
    • पैदल और कुहासा

मंगलेश डबराल- 

जन्म- 1948 - 2020 ई०  

  • काव्य संग्रह -
    • पहाड़ पर लालटेन
    • घर का रास्ता
    • हम जो देखते हैं
    • आवाज भी एक जगह है
    • नये युग में शत्रु।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 5

रामचंद्र शुक्ल जी की सबसे प्रसिद्ध कृति कौन सी है? 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 5

रामचंद्र शुक्ल की सबसे प्रसिद्ध रचना 'हिंदी साहित्य का इतिहास' है, जिससे आज भी काल निर्धारण और पाठ्यक्रम बनाने में मदद मिलती है। रसमीमांसा, चिंतामणि और विश्वप्रपंच भी उनकी अन्य रचनायें हैं। अतः सही विकल्प ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 6
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास में कालों का नामकरण किस आधार पर किया है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 6

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास में कालों का नामकरण "प्रवृत्तियों" के आधार पर किया है। Key Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल का काल विभाजन-

  • इनके इतिहास की दो विशेषताएँ हैं-
    • काल विभाजन और साहित्यिक मूल्यांकन। 
  • काल विशेष के प्रवृत्ति-निर्धारण हेतु उन्होंने विशेष ढंग की रचनाओं की प्रचुरता और प्रसिद्धि ये दो आधार बताए हैं। 
  • पर रचनाओं की प्रसिद्धि की कसौटी साहित्यशास्त्र या अभिजनों की अभिरुचि नहीं मानते। 
  • उनके अनुसार 'प्रसिद्ध भी किसी की लोक प्रवृत्ति की प्रतिध्वनि है। 
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ (1929 ई0) मे काल विभाजन इस प्रकार किया है- 
    • वीरगाथा काल (आदिकाल) (1050 - 1375 वि0 सं0) (1000 ई० - 1400 ई०)
    • पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल) (1375 - 1700 वि0 सं0) (1400 ई० - 1700 ई०)
    • उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) (1700 - 1900 वि0 सं0) (1700 ई० - 1900 ई०)
    • आधुनिक काल (गद्य काल) (1900 - 1984 वि0 सं0) (1900 ई० - अब तक)

Important Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल- 

  • जन्म-  1884 - 1941 ईo
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार थे।
  • उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
  • हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। 
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • हिन्दी साहित्य का इतिहास
    • जायसी ग्रंथावली (1924)
    • गोस्वामी तुलसीदास (1923)
    • रसमीमांसा (1949)
    • भ्रमर गीत सार (1925 )
    • काव्य मे रहस्यवाद (1929)
  • निबंध- 
    • भाव या मनोविकार
    • उत्साह
    • श्रद्धा-भक्ति
    • करुणा
    • घृणा
    • ईर्ष्या
    • भय
    • क्रोध
    • कविता क्या है?
    • काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था
    • साधारणीकरण और व्यक्ति-वैचित्र्यवाद
    • रसात्मक बोध के विविध रूप
    • काव्य में प्रकृतिक दृश्य
    • काव्य में रहस्यवाद
    • काव्य में अभिव्यंजनावाद
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 7
डॉ. भोलाशंकर व्यास ने हिंदी के आरंभिक रूप को क्या कहा है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 7

डॉ. भोलाशंकर व्यास ने हिंदी के आरंभिक रूप को अवहट्ठ कहा है।

Key Points

भोलाशंकर व्यास-

  • समयकाल -19 अक्टूबर, 1923- 23 अक्टूबर, 2005,)
  • जन्म स्थान- राजस्थान
  • इन्होंने 'हिन्दी विश्व साहित्य कोश' जैसे कई ग्रंथों का ऐतिहासिक सम्पादन किया।
  • मुख्य रचनाएँ-
  1. ध्वनि सम्प्रदाय (1956)
  2. संस्कृत का भाषाशास्त्रीय अध्याय (1957)
  3. भारतीय साहित्य शास्त्र तथा काव्यालंकार (1965)
  4. प्राकृत पैगलम् भाग 1, 2 (1959-1961)
  5. भारतीय साहित्य की रूपरेखा (1965)
  6. हिन्दी साहित्य का वृहत इतिहास (खण्ड 1)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 8
मोहन राकेश के किस नाटक का नायक प्रवृत्ति और निवृत्ति से उत्पन्न तनाव से ग्रस्त है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 8

मोहन राकेश के आधे अधूरे नाटक का नायक प्रवृत्ति और निवृत्ति से उत्पन्न तनाव से ग्रस्त है।

Key Points

आधे-अधूरे-

  • रचनाकार-मोहन राकेश
  • विधा-नाटक
  • प्रकाशन वर्ष-1969 ई.
  • मुख्य पात्र-
    • सावित्री, किन्नी, बिन्नी, अशोक, महेन्द्रनाथ, जगमोहन आदि।
  • विषय-
    • इसमें स्त्री-पुरुष संबंधों के खोखलेपन और पारिवारिक विघटन की समस्या को चित्रित किया गया है।

Important Pointsमोहन राकेश-

  • नाटक-
    • आषाढ़ का एक दिन(1958 ई.)
    • लहरों के राजहंस(1963 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 9
तीसरी कसम' कहानी में हीराबाई हीरामन को किस सम्बोधन से पुकारती है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 9

'तीसरी कसम' कहानी में हीराबाई हीरामन मीता नाम से पुकारती है।

Key Points

  • तीसरी कसम 1966 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है।
  • फणीश्वरनाथ रेणु तीसरी कसम कहानी के लेखक हैं।
  • इसमें उन्होंने बिहार प्रांत के ग्रामीण जीवन को उभारने का सफल प्रयास किया है।

Additional Informationफणीश्वर नाथ रेनू-(1921-1977)

  • फणीश्वर नाथ 'रेणु' हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे।
  • इनके उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी, जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

प्रमुख रचनाएँ-

  • मैला आंचल 1954
  • परती परिकथा 1957
  • जूलूस
  • दीर्घतपा 1964
  • कितने चौराहे 1966
  • कलंक मुक्ति 1972
  • पलटू बाबू रोड 1979 आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 10
ऐसे ही होते हैं डॉक्टर, सरकारी अस्पताल है न, क्या परवाह है। मैं तो रोज ही ऐसी बातें सुनती हूँ। अब कोई मर-मुर जाएँ तो खयाल ही नहीं आता। पहले तो रात-रात भर नींद नहीं आया करती थी।" प्रस्तुत अंश किसने किससे कहा है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 10

उपर्युक्त अंश मालती ने महेश्वर से कहा है। Key Pointsगैंग्रीन/रोज-

  • रचनाकार- सच्चितानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
  • प्रकाशन वर्ष- 1937 ई.
  • विधा- कहानी
  • कहानी संग्रह- विपथगा
  • विषय वस्तु-
    • यह कहानी अकेलेपन में घुटती हुई, अभावग्रस्त, नीरस, उदास, दुःख से छटपटाती स्त्री की करुण चित्र है।
    • मध्यवार्गीय परिवार में यांत्रिक जीवन बिताने वाली उदास स्त्री की मानसिक पीड़ा का चित्रण है।
  • मुख्य पात्र-
    • मालती- कहानी की नायिका।
    • महेश्वर - मालती का पति।
    • टीटी- महेश्वर और मालती का बच्चा।
    • कथाकार- अतिथि, मालती के बचपन का मित्र और रिश्ते का भाई।
  • महत्वपूर्ण तथ्य-
    • इस कहानी में विवाहित नारी के अभावों में घुटते हुए व्यक्तित्व की कहानी है।
    • यह कहानी पहले गैंग्रीन नाम से प्रकाशित हुआ था बाद में इसका नाम बदलकर रोज़ शीर्षक के नाम से छापा गया।
    • ‘गैंग्रीन’ का मतलब होता है कि जब शरीर के किसी भाग में चोट लग जाती है और वह चोट सही तरीके से ठीक नहीं होता है तब कुछ दिनों के बाद वह सड़ने लगता है उसे गैंग्रीन नाम से जाना जाता है।

Important Pointsसच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन 'अज्ञेय'-

  • जन्म- 1911 - 1987 ईo
  • प्रयोगवादी कवि है।
  • कविता संग्रह-
    • भग्नदूत (1933)
    • चिन्ता (1942)
    • इत्यलम् (1946)
    • हरी घास पर क्षण भर (1949),
    • बावरा अहेरी (1954)
    • इन्द्रधनुष रौंदे हुये ये (1957)
    • अरी ओ करुणा प्रभामय (1959)
    • आँगन के पार द्वार (1961)
    • कितनी नावों में कितनी बार (1967)
    • क्योंकि मैं उसे जानता हूँ (1970)
    • सागर मुद्रा (1970)
    • पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ (1974)
    • महावृक्ष के नीचे (1977)
    • नदी की बाँक पर छाया (1981) आदि।
  • निबंध-
    • त्रिशंकु(1945)
    • सब रंग और कुछ राग (1956)
    • आत्मनेपद (1960)
    • आलबाल (1971)
    • स लिखी कागद कोरे (1972)
    • अद्यतन (1977)
    • जोग लिखी (1977)
    • स्रोत और सेतु (1978)
    • युग संधियों पर (1982)
    • धार और किनारे (1982)
    • कहाँ है द्वारका (1982)
    • केंद्र और परिधि (1984)
    • छाया का जंगल (1984)
    • सर्जना और संदर्भ (1985)
    • स्मृति छंदा (1989)
  • कहानी संग्रह-
    • विपथगा (1937)
    • परम्परा (1944)
    • कोठरी की बात (1945)
    • शरणार्थी (1948)
    • जयदोल (1951)
  • उपन्यास-
    • शेखर एक जीवनी-
      • प्रथम भाग(उत्थान) (1941)
      • द्वितीय भाग(संघर्ष) (1944)
    • नदी के द्वीप (1951)
    • अपने अपने अजनबी (1961)
  • यात्रा वृतान्त-
    • अरे यायावर रहेगा याद? (1953)
    • एक बूँद सहसा उछली (1960)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 11
निम्नलिखित में से किशोरीलाल गोस्वामी के उपन्यासों का संगत वर्ग है :
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 11

उत्तर-मल्लिका देवी, पन्नाबाई, गुलबहार, लखनऊ की कब्रKey Pointsकिशोरीलाल गोस्वामी-

  • जीवनकाल- 1865-1932 ई.
  • हिंदी का प्रथम ऐतिहासिक उपन्यासकार माना जाता है
  • उपन्यास-
    • लवंगलता व आदर्शबाला 1890
    • स्वर्गीय कुसुम व कुसुम कुमारी 1889 लीलावती व आदर्शसती 1901
    • चपला वा नव्य समाज 1903
    • सुल्ताना रजिया बेगम वा रंग महल में हलाहल (1905)
    • तरुण तपस्विनी व कुटीर वासनी 1906 पुनर्जन्म वा सौतिया डाह (1907)
    • माधवी माधव वा मदनमोहिनी (1909) अंगूठी का नगीना (1918)
    • राजकुमारी
    • कनक कुसुम वा मस्तानी
    • लखनऊ की कब्र वा शाही महलसरा
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 12

'एक और द्रोणाचार्य' नाटक के पात्र विमलेंदु के कथन है-

A. मृत्यु ने उतारकर रख दिया। चेहरे केवल जिंदा रहते बदले जा सकते हैं-

B. तुम्हारे मन की अँधेरी गलियों से। बहुत अँधेरा है वहाँ।

C. जिंदा हो न,, इसलिये। मरो तो पता चले कि जीवन क्या होता है।

D. मैं अब ऐसी पीढ़ी तैयार करूंगा, जो केवल युद्ध की भाषा बोलेगी।

E. जो व्यवस्था तोड़ी नहीं जा सकती उसमें विश्वास करके हि जिया जा सकता है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 12
सही उत्तर है- केवल A, B, CKey Points'एक और द्रोणाचार्य'-
  • रचनाकार- शंकर शेष
  • प्रकाशन वर्ष - 1977 ई.
  • विधा - नाटक
  • पात्र - अरविंद, लीला, यदु,प्रेसिडेंट, राजकुमार, प्रिंसिपल, विमलेंदु,चंदू, अनुराधा, सुदीप
  • महाभारत कालीन पात्र - द्रोणाचार्य, कृपी,अश्वत्थामा, ध्रुपद, भीष्म, अर्जुन, एकलव्य, युधिष्ठिर, धृष्टधुम्मन, सैनिक
  • विमलेंदु के कथन -
    • मृत्यु ने उतारकर रख दिया। चेहरे केवल जिंदा रहते बदले जा सकते हैं-
    • तुम्हारे मन की अँधेरी गलियों से। बहुत अँधेरा है वहाँ।
    • जिंदा हो न,, इसलिये। मरो तो पता चले कि जीवन क्या होता है।
  • मुख्य - यह नाटक दो भागों में विभाजित है
    • समें पौराणिक कथा महाभारत के माध्यम से आज की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक भ्रष्टाचार को रेखांकित किया गया है
    • तथा इसे प्राचीन परंपरा से जोड़ा गया है
    • इस नाटक में दो कथाएं समानांतर रूप से चलती है
    • इस नाटक में पुराने कथानक द्वारा आधुनिक समस्याओं का समाधान ढूंढा गया है
    • अरविंद इस नाटक का का नायक है जो मध्यमवर्गीय परिवार से संबंधित प्राइवेट कॉलेज का अध्यापक है
    • विमलेंदु - अरविंद का मित्र अध्यापक जिसकी हत्या हो चुकी होती है
Important Pointsशंकर शेष(1933-1981 ई.)के अन्य नाटक-
  • फंदी
  • घरौंदा (1978 ई.)
  • अरे मायावी सरोवर (1980 ई.)
  • रक्तबीच
  • बंधन
  • अपने-अपने चेहरे
  • कोमल गंधार
  • पोस्टर
  • खजुराहो का शिल्पी
  • बिन बाती के दीप
  • आधी रात के बाद
Additional Information विमलेंदु के कथन नहीं है-
  • मैं अब ऐसी पीढ़ी तैयार करूंगा, जो केवल युद्ध की भाषा बोलेगी।
  • जो व्यवस्था तोड़ी नहीं जा सकती उसमें विश्वास करके हि जिया जा सकता है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 13
उठ जाग मुसाफिर' निबंध में उनके विद्यालय के प्राचार्य का नाम क्या था?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 13

'उठ जाग मुसाफिर' निबंध में उनके विद्यालय के प्राचार्य का नाम शरदचंद्र था। Key Pointsउठ जाग मुसाफिर-

  • रचनाकार- विवेकीराय
  • प्रकाशन- 2012 ई.
  • विधा- निबंध
  • निबंध संग्रह- उठ जाग मुसाफिर।
  • इस निबंध संग्रह में कुल 10 निबन्ध हैं-
    • मेरी दिनचर्या : कुछ आयाम
    • नमो वक्षेभ्यः
    • उठ जाग मुसाफ़िर
    • केना
    • ग्रीष्म बहार
    • ततः किम्
    • तिनडंडिया चोट से उभरा समय और सवाल
    • चिन्ता भारत के उजडते गांवो की
    • गांव पर बनाम गांव में
    • सवाल जीवन का
  • उद्देश्य-
    • उठ जाग मुसाफिर' के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ।
    • सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्‍वस्त करता है।
    • कसौटी है तृप्‍ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी।
  • प्रमुख पात्र-
    • लेखक और मास्टर साहब।

Important Pointsविवेकी राय-

  • जन्म- 1924- 2016 ईo
  • यह ललित निबनधकार है।
  • निबंध संग्रह-
    • किसानों का देश (1956)
    • गाँवों की दुनियाँ (1957)
    • फिर बैतलवा डाल पर (1962)
    • गंवई गंध गुलाब (1980)
    • नया गाँवनाम (1984)
    • यह आम रास्ता नहीं है (1988)
    • जगत् तपोवन सो कियो (1995)
    • वन तुलसी की गंध (2002)
    • जीवन अज्ञात का गणित है (2004)
    • उठ जाग मुसाफ़िर (2012)
  • कहानी संग्रह-
    • जीवन-परिधि (1952)
    • नयी कोयल (1975)
    • गूंगा जहाज (1977)
    • बेटे की बिक्री (1981)
    • कलातीत (1982)
    • चित्रकूट के घाट पर (1988)
    • श्वेत पत्र (1996)
    • सर्कस (2005)
  • उपन्यास-
    • मंगल भवन (1944)
    • पुरुष पुराण (1975)
    • लोकऋण (1977)
    • श्वेत पत्र (1979)
    • सोनमाटी (1983)
    • समर शेष है (1988)
    • मंगल भवन (1994)
    • नमामि ग्रामम् (1997)
    • देहरी के पार (2003)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 14

निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकी काव्य-रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिएः


इनमें से कौन-सा विकल्प सही है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 14

सही सुमेलन है- (a - 2), (b - 1), (c - 4), (d - 3)

Key Points
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 15

निम्नलिखित विचारकों को उनके सिद्धांतों के साथ सुमेलित कीजिए :


इनमें से कौनसा विकल्प सही है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 15

सही सुमेलन है- (a - 2), (b - 1), (c - 4), (d - 3)Key Points

Important Pointsक्लींथ ब्रुक्स-

  • जन्म- 1906 - 1994
    • अमेरिकी साहित्यिक आलोचक और प्रोफेसर थे।
    • उन्हें 20वीं सदी के मध्य में नई आलोचना में उनके योगदान और अमेरिकी उच्च शिक्षा में कविता के शिक्षण में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है।

टी. एस. इलियट-

  • जन्म- 1888-1965 ईo
  • रचना-
    • सेलेक्टेड एसेज़ (1932 ईo)
    • एसेज एंशेट एंड माडर्न
    • पोएट्री एंड ड्रामा (1951 ईo)
    • द वेस्टलैंड (1922 ईo)
    • ऑन पोएट्री एंड पोयट्स (1957 ईo)
    • द सैक्रेड बुड (1920 ईo)
    • द यूज़ ऑफ पोएट्री एंड द यूज़ ऑफ क्रिटिसिज़्म (1933 ईo)

जॉक देरिदा-

  • जन्म- 1930 - 2004 ईo
  • एक फ्रांसीसी दार्शनिक थे।
  • जॉक देरिदा 'विखंडनवाद' के प्रवर्तक थे।
  • रचना-
    • स्पीच एंड फेनोमिना (1967)
    • दि एंड ऑफ मैन
    • राइटिंग एंड डिफरेंस
    • राइट टू फिलॉसफी (1990)
    • ऑफ ग्रैमिटोलॉजी (1967)

ल्योतार -

  • जन्म- 1924 -1998 ईo
    • ल्योतार 'उत्तरआधुनिकतावाद' के प्रवर्तक थे।
    • यूरोप में ज्ञान के परिवर्तित स्वरूप की व्याख्या करते हए ल्योतार द्वारा इसे उत्तर आधुनिकता का नाम दिया गया।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 16
सेन साहब अपने 'खोखा' को क्या बनाना चाहते थे?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 16
इस प्रश्न का सही उत्तर 'इंजिनियर' है।
  • सेन साहब अपने 'खोखा' को इंजिनियर बनाना चाहते थे। यह उनकी इच्छा थी कि उनका पुत्र समाज में मान्यता और पहचान प्राप्त करेगा और एक सुनिश्चित, सुव्यवस्थित दैनिक जीवन सुनिश्चित करेगा।

Key Pointsअन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • शिक्षक: जिसे सेन साहब अपने 'खोखा' के लिए पसंद नहीं करते थे।
  • वैज्ञानिक: जो उनका पुत्र बनने की सोच नहीं रखता था।
  • किरानी: जो सेन साहब के लिए अपने पुत्र का भविष्य दर्शन करने का विचार नहीं था।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 17
सेन दंपति खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसके लिए कैसी शिक्षा तय की थी?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 17
इसका सही उत्तर 'इंजीनियर होने की संभावना' है
  • सेन दंपति खोखा में एक इंजीनियर की संभावनाएं देखते थे, और उन्होंने उसे ऐसे ही प्रशिक्षित होने के लिए तैयार किया था, जो इंजीनियरिंग की आवश्यक साक्षरता और क्षमताओं को विकसित कर सके।

Key Pointsअन्य विकल्पों का विश्लेषण:

  • शिक्षक होने की संभावना: खोखा में शिक्षक होने की कोई स्पष्ट संभावना पाठ्यक्रम के अनुसार समझाई नहीं गई है।
  • किसान होने की संभावना: खोखा को किसान बनने की कोई रुचि या प्रावधान नहीं दिखाई गई है।
  • मनोवैज्ञानिक होने की संभावना: खोखा में यह व्यापक रूप से नहीं समझाया गया है कि वह मनोवैज्ञानिक बनने की तरफ आकर्षित हुआ है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 18

निम्नलिखित निबंधों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 18

कहनी-अनकहनी- धर्मवीर भारती, इनकी अन्य रचनाएँ-गुनाहों का देवता, प्रारंभ व समापन| 

गंधमादन- कुबेरनाथ राय, इनकी अन्य रचनाएँ-रस आखेटक, निषाद बांसुरी| 

जीप पर सवार इल्लियाँ- शरद जोशी,शरद जोशी की अन्य रचनाएँ-परिक्रमा, किसी बहाने, तिलस्म| 

मिट्टी की ओर- रामधारी सिंह दिनकर,दिनकर की अन्य रचनाएँ- हुंकार, कुरुक्षेत्र, नील कुसुम, रश्मिरथी|

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 19

हिन्दी की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली मूलतः किस भाषा की शब्दावली का अनुवाद है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 19

हिन्दी की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली मूलत: अंग्रेज़ी भाषा की शब्दावली का अनुवाद है |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 20

मर्णिककर्णिका के लेखक हैः

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 20

मणिकर्णिका प्रसिद्ध दलित साहित्यकार डॉ. तुलसीराम की आत्मकथा 'मुर्दहिया' का दूसरा भाग है। हिन्दी दलित आत्मकथाओं में डॉ. तुलसीराम का 2010 में प्रकाशित पहला खण्ड 'मुर्दहिया' एवम् दूसरा खण्ड 2013 में 'मणिकर्णिका' दलित समाज की त्रासदी और भारतीय समाज की विडम्बना का सामाजिक, आर्थिक और राजनितिक आख्यान है। यह कृति समाज, संस्कृति, इतिहास और राजनीति की उन परतों को उघाड़ती है जो अभी तक अनकहा और अनछुआ था। बौद्धिकों को भारतीय समाज के सच का आइना दिखाती है कि देखो 21वीं सदी के भारत की तस्वीर कैसी है? ये केवल एक आत्मकथा भर नहीं, अपितु पूरे दलित साहित्य की पीड़ा का यथार्थ रूप है, उनकी भोगी हुई अनुभूति है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 21

‘मुड़ मुड़ कर देखता हूँ ’ किसकी आत्मकथा है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 21

यह पुस्तक १० अध्यायों मे लिखी गई है। अध्याय को अध्याय नाम नही बल्कि सुंदर शीर्षकों से सजाया गया है। पहले अध्याय मुड़ मुड़ के देखता हूँ में ही राजेन्द्र यादव जी ने कहा कि इसे उनकी आत्मकथा नही बल्कि आत्मकथांश समझा जाये॥! शायद सही ही कहा। क्योंकि आगे चल के कई जिज्ञासाएं अधूरी ही रह जाती हैं, राजेंन्द्र जी को जानने से संबंधित।फिर दूसरा अध्याय भूमिका।तीसरा अध्याय हक़ीर कहो फक़ीर कहो में अपनी साठवीं वर्षगाँठ पर मित्रों के बीच राजेंद्र जी द्वारा आगरे में दिया गया वक्तव्य है।चौथा अध्याय है अंत से शुरुआत॥जो दुर्घटनाओं में भी बचा रहता है अर्थात संकल्प, जिसमें जिक्र किया है उन्होने दिल्ली से कानपुर गिरिराजकिशोर जी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम मे जाते हुए हुई राजधानी ट्रेन दुर्घटना से सही सलामत आ जाने का।पाँचवा अध्याय ऐयार (इम्पोस्टर) से सावधान में अपने हम शक्लो की चर्चा के साथ अपने विभिन्न चेहरों (मुखौटों) के प्रति आगाह किया है।छठे अध्याय अपनी नज़र से में किसी प्रिय को संबोधित करते पत्र मे अपने विषय में टुकड़ों ड़ुकड़ों में लिखा है जहाँ कुछ कुछ देर के लिये कुछ लेखक मित्र मन्नू से विवाह उनसे मनोमालिन्यता और पिता की मृत्यु का भी जिक्र है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 22

'कामरेड का कोट' कहानी के लेखक हैं-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 22

'कामरेड का कोट' (1993 ई.) सुंजय का कहानी संग्रह है. इसकी पाँच कहानियों में से दो कहानियों- 'बधिया बैल' और 'भगदत्त का हाथी' में लेखक ने बिहार में गहरी जड़ें जमाए सामंतवाद की सघन पड़ताल की है और अपनी विवादास्पद कहानी 'कामरेड का कोट' में अन्याय और शोषण पर आधारित सामंतवाद के विरुद्ध लड़ाई की रणनीति निधारित की है. यह स्थानीय समस्याओं की पृष्ठभूमि में निष्ठा और समर्पण के साथ व्यावहारिक रणनीति स्वीकार किए जाने और विकास पर बल देने वाली कहानी है

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 23

द्वैतवाद के प्रणेता हैं-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 23

मध्वाचार्य ने द्वैतवाद (ब्रह्म सम्प्रदाय) का प्रवर्तन किया, जिसके अनुसार जीव ब्रह्म से उत्पन्न है. ब्रह्म स्वतंत्र और जीव परतंत्र है ।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 24

रचनाकाल की दृष्टि से निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 24

रचनाकाल की दृष्टि से प्रश्नांकित आदिकाल के कवियों का सही अनुक्रम इस प्रकार है- स्वयंभू (पउमचरिउ)-आठवीं शती, पुष्पदंत (महापुराण)-दसवीं शती, अद्दहमाण (संदेशरासक)-बारहवीं शती, हेमचंद्र (सिद्धहेमशब्दानुशासन)-बारहवीं शती.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 25

श्रृंगारिकता के प्रति रीतिकालीन कवियों का दृष्टिकोण भोग परक था। यह कथन है -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 25

प्रस्तुत कथन भागीरथ मिश्र का हैं।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 26

नारी परीक्षा नहीं प्रेम चाहती है। गोदान उनन्यास में यह कथन हैं -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 26

मालती का मेहता से।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 27

स्थापना A : कला का मूल्यवादी सिद्धान्त एवं सम्प्रेषणीयता का सिंद्धात आई. ए. रिचर्डस ने दिया है।

तर्क R : Principles of Literary criticism नामक ग्रंथ के रचियता का संबंध अभिव्यंजनावाद से है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 27
A सही R गलत।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 28

रचनकाल के अनुसार विष्णु प्रभाकर के उपन्यासों का सही क्रम है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 28

विष्णु प्रभाकर के प्रश्नांकित उपन्यासों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है-ढलती रात' (1951 ई.), ‘स्वप्नमयी' (1956 ई.), ‘कोई तो' (1980 ई.), ‘अर्द्धनारीश्वर' (1992 ई.)

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 29

कौनसी रचना आलोक धन्वा की नहीं है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 29

जनता का आदमी,उसके बाद भागी हुई लड़कियाँ,दुनियाँ रोज बनती है आदि आलोक धन्वा की रचना है।चक्रव्यूह कुँवर नारायण का पहला कविता संग्रह है

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 30

इनमें से कौनसा विचारक मार्क्सवादी है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 30

जार्ज लूकाच मार्क्सवादी विचारक हैं. इनका प्रथम अवदान यथार्थवाद की मार्क्सवादी व्याख्या करना है. लूकाच के अनुसार-“मनुष्यता की सम्पूर्ण विरासत के प्रति मार्क्सवाद की गहरी रुचि और संरक्षण की भाना |

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