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सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi - सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1

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सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 1

सिंधु घाटी सभ्यता स्थल, बनावाली हरियाणा के किस जिले में है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 1

सिंधु घाटी सभ्यता स्थल, बनावाली का स्थान:
सिंधु घाटी सभ्यता स्थल, बनावाली हरियाणा के फतेहाबाद जिला में स्थित है।

बनावाली स्थल की विशेषताएँ:

  • बनावाली एक महत्वपूर्ण सिंधु घाटी सभ्यता का स्थल है, जो लगभग 2500 बीसी से 1750 बीसी के बीच फलता था।
  • इस स्थल की खुदाई का प्रारंभ 1970 के दशक में हुआ था, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष और संस्कृति के संकेत मिले।
  • बनावाली स्थल की खुदाई से सिंधु घाटी सभ्यता के विभिन्न पहलूओं के बारे में नई जानकारी प्राप्त हुई है, जैसे कि शहर की योजना, निर्माण विधि, व्यापार और कला-शिल्प।
  • बनावाली में मिले अवशेषों ने हमें सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के जीवन शैली और संस्कृति के बारे में नई दृष्टि प्रदान की है।

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सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 2

हड़प्पा सभ्यता के पतन का एक कारण क्या है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 2

हड़प्पा सभ्यता के पतन का एक कारण: अर्थव्यवस्था ढह जाना
हड़प्पा सभ्यता का पतन कई कारणों से हो सकता है, लेकिन एक प्रमुख कारण अर्थव्यवस्था का ढह जाना है। इसके विभिन्न पहलुओं को नीचे उल्लेख किया गया है:

  • कृषि उत्पादन की कमी: हड़प्पा सभ्यता के लोगों का मुख्य आधार कृषि था। वे नदियों के किनारे बसे हुए थे, जो उन्हें सिंचाई के लिए जल प्रदान करती थी। लेकिन नदियों के स्थान परिवर्तन या सूखे के कारण, कृषि उत्पादन में कमी होने लगी, जिससे अर्थव्यवस्था में कमजोरी आ गई।
  • व्यापार की कमी: हड़प्पा सभ्यता के लोग विदेशों के साथ व्यापार करते थे। वे मिश्र, बाबिलोनिया, और मेसोपोटामिया के साथ व्यापार करते थे। लेकिन समय के साथ, व्यापार के मार्ग में विघ्न आ गए, और व्यापार में कमी हो गई, जिसके कारण अर्थव्यवस्था में कमजोरी आ गई।
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सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 3

मातृदेवी की पूजा का संबंध किससे था?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 3

मातृदेवी की पूजा का संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से था
मातृदेवी की पूजा सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी है, जो कि आज के पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत के क्षेत्र में फैली हुई थी। इस सभ्यता के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को नीचे उल्लेख किया गया है:

  • सिंधु घाटी सभ्यता का काल: इस सभ्यता की उत्पत्ति लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक मानी जाती है। इसके दौरान, सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे विकसित और सफल सभ्यताओं में से एक थी।
  • धार्मिक विश्वास: सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के धार्मिक विश्वास और अवधारणाओं का पता चलता है उनकी मूर्तियों, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों से।
  • मातृदेवी की पूजा: सिंधु घाटी सभ्यता के लोग मातृदेवी की पूजा करते थे, जो कि उनकी धरती माता के रूप में आराधना का प्रतीक थी।हड़प्पा में पाई गई एक आकर्षक आयताकार मुहर पृथ्वी या माता देवी का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें उसके गर्भ से एक पौधा उगता है।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 4

सिन्धु क्षेत्र किस समय तक घने वनों से आच्छादित था?

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सिन्धु क्षेत्र का वनाच्छादन:

- सिन्धु घाटी सभ्यता के समय (2600-1900 ई. पू.), सिन्धु क्षेत्र में घने वन थे।
- वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह साबित किया है कि सिन्धु घाटी सभ्यता के समय में वृक्षों की घनता और विभिन्न प्रकार के वृक्षों की उपस्थिति थी।
- इस क्षेत्र में घने वनों की मौजूदगी का सबसे प्राचीन सबूत 7000 ई. पू. से भी पहले का होता है, पर यह वन घने रहे लगभग 3500 ई. पू. तक।
- इसके बाद, सिन्धु क्षेत्र में वनों की कटाई की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू हो गई, जिसके कारण वनों की घनता कम हो गई।
- वनों की कटाई के मुख्य कारण मानव बस्तियों के विस्तार, कृषि और उद्योग की जरूरत थी।

इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि सिन्धु क्षेत्र लगभग 3500 ई. पू. तक घने वनों से आच्छादित था।

सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 5

निम्नलिखित में से कौन-सा सिंधु स्थल समुद्र तट पर स्थित नहीं था?

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A: सुरकोतदा
- सुरकोतदा गुजरात के कच्छ जिले में स्थित है।
- यहां के खुदाई में सामुद्रिक जीवों के अवशेष मिले, जो इसे समुद्र तट पर स्थित होने का संकेत देते हैं।

B: लोथल
- लोथल गुजरात में स्थित है और यह एक बंदरगाह था।
- सभ्यता के समय यह समुद्र के किनारे स्थित था, लेकिन अब यह समुद्र तट से कुछ दूर है।

C: बालाकोट
- बालाकोट पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
- यह एक समुद्र तट स्थल है और यहां के खुदाई में भी सामुद्रिक जीवों के अवशेष मिले।

D: कोटदीजी
- कोटदीजी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।
- यह समुद्र तट पर स्थित नहीं है, बल्कि यह सिंधु नदी के किनारे स्थित है।
- इसका निष्कर्ष यह है कि कोटदीजी सिंधु स्थलों में से ऐसा स्थान है जो समुद्र तट पर नहीं है।

सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 6

मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 6
  • मोहनजोदेड़ो के विशाल स्नानागार को सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल कहते हैं और विशाल स्नानागार के निकट विशाल कक्ष 20 स्तम्भों पर आश्रित है।
  • यहां 8 फीट गहरा, 23 फीट चौड़ा और 30 फीट लंबा एक कुंड भी है। इसमें वाटररूफ ईंटें भी हैं। ऐसा माना जाता है कि इसका उपयोग नहाने के लिए किया जाता था।
  • मोहनजोदड़ों से प्राप्त विशाल स्नानागार में जल के रिसाव को रोकने के लिए ईंटों के ऊपर जिप्सम के गारे के ऊपर चारकोल की परत चढ़ाई गई थी जिससे पता चलता है कि वे चारकोल के संबंध में भी जानते थे।
  • इस शहर की गलियों और गलियों में आज भी घूमा जा सकता है। यहां की दीवारें और सड़कें आज भी बहुत मजबूत हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 7

सिन्धु सभ्यता में किस प्रकार के स्तम्भ नहीं होते थे?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 7
  • सिन्धु सभ्यता (2600-1900 BCE) एक प्राचीन सभ्यता थी जो आज के पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत के क्षेत्र में फैली हुई थी।
  • इस सभ्यता के अवशेषों में, विभिन्न प्रकार के स्‍तंभों के साक्षात्‍कार किए गए हैं जो इसके स्‍मारकों, भवनों, और धार्मिक स्थलों का हिस्सा थे।
  • इन स्तंभों में से अधिकांश गोलाकार (A), वर्गाकार (B), और आयताकार (C) प्रकार के थे।
  • हालाँकि, सिन्धु सभ्यता के अवशेषों में नुकीला (D) स्तंभों के कोई साक्षात्‍कार नहीं किए गए हैं। नुकीला स्तंभ एक ऐसा स्तंभ होता है जिसके छोरे कोणों पर मिलते हैं, ऐसा संरचना सिंधु सभ्यता में नहीं पाई गई है।

इस प्रकार, सिन्धु सभ्यता में नुकीला स्‍तंभ (D) नहीं होते थे।

सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 8

1875 ई. में भारत के प्राचीनतम नगरों के अवशेषों को सबसे पहले किसने खोजा था?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 8
  • 1875 ई. में भारत के प्राचीनतम नगरों के अवशेषों की खोज करने वाले अलेक्जेंडर कनिंघम थे।
  • वह एक ब्रिटिश इंजीनियर और सर्वेक्षक थे, जो भारतीय पुरातत्व विभाग के संस्थापक थे।
  • उन्होंने विभिन्न भारतीय स्मारकों, स्तूपों और नगरों के अवशेषों का सफ़र किया और उनका अध्ययन किया।
  • उनकी खोजों ने भारतीय इतिहास, संगीत और कला के अध्ययन में एक नई दिशा प्रदान की।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 9

निम्नलिखित में से कौन से हड़प्पा नगर गुजरात में स्थित हैं?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 9

हड़प्पा नगर धोलवीरा और लोथल गुजरात में स्थित हैं।

प्रमुख बिंदु

  • हड़प्पा सभ्यता के शहर मुख्य रूप से सिंधु नदी की घाटी में फले-फूले और भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने शहर हैं।
  • ये शहर पाकिस्तान में पंजाब और सिंध में और भारत में गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में स्थित थे।
  • हड़प्पा नगर ढोलवीरा और लोथल गुजरात में स्थित हैं।

धोलावीरा:

  • धोलावीरा शहर गुजरात के कच्छ के रण में खदिर बेत (जिसे बेट भी कहा जाता है) पर स्थित था, जहां ताजा पानी और उपजाऊ मिट्टी थी।
  • कुछ अन्य हड़प्पा शहरों के विपरीत, जो दो भागों में विभाजित थे, धोलावीरा को तीन भागों में विभाजित किया गया था, और प्रत्येक भाग विशाल पत्थर की दीवारों से घिरा हुआ था, जिसमें प्रवेश द्वार थे।

लोथल:

  • लोथल शहर गुजरात में, खंबत की खाड़ी के करीब, साबरमती की एक सहायक नदी के पास खड़ा था।
  • यह उन इलाकों के पास स्थित था जहां अर्द्ध कीमती पत्थरों जैसे कच्चे माल आसानी से उपलब्ध थे।
  • इसमें एक डॉकयार्ड भी था।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 10

लोथल की खुदाई से निम्नलिखित में से किन तत्वों की पुष्टि होती है?

1. कृत्रिम गोदीवाड़ा
2. अग्नि पूजा के अवशेष
3. कांसे की नाम पट्टिका
4. चावल के छिलके
5. एक ऐसी मुहर जिस पर जहाज अंकित है

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 10

लोथल गुजरात के अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुका में सरगवाला गाँव के पास स्थित है।
लोथल भोगवा नदी के किनारे स्थित हड़प्पा सभ्यता के दौरान एक बंदरगाह शहर था।

लोथल की खुदाई से निम्नलिखित तत्वों की पुष्टि होती है:

  • कृत्रिम गोदीवाड़ा: लोथल में खुदाई के दौरान कृत्रिम गोदीवाड़ा मिला है। यह एक बांध का निर्माण है जो नदी के पानी को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था।
  • अग्नि पूजा के अवशेष: लोथल में अग्नि पूजा के अवशेष मिले हैं, जो धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के प्रचलन को दर्शाते हैं।
  • कांसे की नाम पट्टिका: लोथल में खुदाई के दौरान कांसे की नाम पट्टिका मिली है। इसके माध्यम से हम जान सकते हैं कि लोथल के लोगों को लेखन कला का ज्ञान था।
  • चावल के छिलके: लोथल में खुदाई के दौरान चावल के छिलके मिले हैं। इससे पता चलता है कि चावल की खेती यहां कीए जाते थे।
  • एक ऐसी मुहर जिस पर जहाज अंकित है
  • दोहरा समाधि
  • चित्रित जार
  • आधुनिक समय का शतरंज
  • जहाज की टेराकोटा आकृति
  • 45, 90 और 180 डिग्री कोणों को मापने के लिए उपकरण
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 11

निम्नलिखित में से किन-किन तत्वों के बारे में निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि सिन्धुवासी उसमें विश्वास रखते थे?

1. लिंग और योनि पूजा
2. वृक्ष, पशु और पक्षी की पूजा
3. विभिन्न देवताओं की मूर्तिपूजा
4. अनिष्टकारी शक्तियों तथा भूत-प्रेत पर विश्वास
5. मृतक के साथ आवश्यकता की वस्तु दफनाने की प्रथा

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 11
  • इस सभ्यता में प्रकृति से चलकर देवत्व तक की यात्रा धर्म ने तय की थी। एक ओर हम वृक्ष पूजा देखते हैं तो दूसरी ओर पशुपति शिव की मूर्ति तथा व्यापक देवी पूजा।
  • यहाँ देवता और दानव दोनों ही उपास्य थे। देव मूर्तियों के अतिरिक्त अनेक दानवीयस्वरूपों का यहाँ के ठीकड़ों या मुहरों पर आरेखन इस बात का परिचायक है। वृक्ष से लड़ता शेर दानवीय भावना का उदगार ही तो कहा जा सकता है।
  • शंकर का नाम पौराणिक काल में भूतनाथ प्रसिद्ध हुआ। पर भूत-प्रेतों के प्रति लोगों का विश्वास सिंधु सभ्यता के समय से ही उभर चुका था और सम्भव है कि उस समय शंकर ही उनके स्वामी रहे हों। तब भी शुभ-अशुभ प्रभावों की मान्यताएं थीं। इनसे बचने के लिए योनिपूजा भी सिन्धु सभ्यता में प्रचिलित थी। 
  • वैदिक आर्यों द्वारा सिन्धुवासियों को अनार्य कहा जाना तथा लिंग पूजा को अनार्य पूजा पद्धति मानना एवं स्वयं सिन्धुघाटी से प्राप्त अनेक लिंगाकारों की प्राप्ति होना आदि प्रमाण यह सिद्ध करते हैं कि सिन्धुघाटी के निवासी लिंगपूजा करते थे।
  • मूर्ति पूजा-
    सिन्धु सभ्यता के निर्माता चिन्तन की अपेक्षा साकार दृश्य देवी-देवताओं में आस्था रखते थे। विभिन्न देवी-देवताओं तथा वृक्ष, पशु पक्षी, नाग आदि मूर्तियों की प्राप्ति एवं अंकित चित्रों से पता चलता है कि वे साकार उपासना में विश्वास रखते हुए मूर्ति पूजा करते थे।
  • मृतक संस्कार:
    मृतक क्रिया में इनका विश्वास था। मरने के बाद ये शरीर की क्रिया करते थे। उसे गाड़ते या जलाते थ। जलाने के बाद बची हुई हड्डियों को एकत्रित करके किसी बर्तन में रखकर उसे प्रवाहित कर देते थे। कभी-कभी तो इसे गाड़ भी देते थे। जिन मृतकों को गाड़ते थे उनके साथ उनकी प्रिय वस्तुएं भी गाड़ दी जाती थीं। यह प्रथा प्राचीन मिस्र के पिरामिडों में भी देखने को मिलती है। इसका प्रमाण है कि हड़प्पा और बलुचिस्तान में सर्वांगीण शव-निखात प्राप्त हुए हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 12

निम्नलिखित में से किसे पूर्व-हड़प्पा संस्कृति से संबंधित नहीं माना जाता है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 12

झोब संस्कृति:

  • यहाँ स्टुअर्ट पिग्गट के नेतृत्व में उत्खनन प्रारंभ हुआ तथा यहाँ से पाँच सांस्कृतिक चरणों का संकेत मिला है।
  • दूसरे सांस्कृतिक चरण में चाक पर बने लाल रंग के मृदभांड का साक्ष्य प्राप्त हुआ है तथा मकान बनाने हेतु पत्थर की नींव का प्रयोग किया गया।
  • झोब संस्कृति का चौथा और पाँचवां चरण पूर्ववर्ती काल से भिन्न है तथा यह हड़प्पा सभ्यता की परवर्ती अवस्था का प्रतिनिधित्व करता है।
  • मुगलघुडई से पायाण लिंग और योनि के साक्ष्य प्राप्त हुए हे।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 13

निम्नलिखित में से कौन मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत मानी जाती है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 13
  • मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का सबसे प्रसिद्ध पुरास्थल है। मोहनजोदड़ों की सबसे बड़ी इमारत को अन्नागार कहा जाता है।
  • हड़प्पाकालीन लोगों ने नगरों में घरों के विन्यास के लिए सामान्यतः ग्रीड पद्धति अपनायी थी। यहां बड़े बड़े घर, चौड़ी सड़के और बहुत सारे कुएं होना के प्रमाण मिलते हैं।
  • यहां जल और मल निकासी के लिए नालियों के होने के प्रमाण भी मिलते हैं। इससे पता चलता है कि यह नगर वर्तमान के नगरों जैसे ही विकसित और भव्य थे।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 14

ईरान की सीमा के निकट किस हड़प्पा स्थल की खोज की गई है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 14
  • सुत्कागेंडोर पाकिस्तान के वर्तमान बलूचिस्तान प्रांत में ईरान सीमा पर स्थित सिंधु घाटी सभ्यता का एक पुरातात्विक स्थल है।
  • इसे सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पश्चिमी स्थल माना जाता है।
  • सुत्कागेंडोर की खोज 1875 में मेजर एडवर्ड मॉकलर ने की थी, जिन्होंने छोटे पैमाने पर उत्खनन किया था।
  • 1928 में ऑरेल स्टीन ने अपने गेड्रोसिया दौरे के हिस्से के रूप में इस क्षेत्र का दौरा किया और आगे की खुदाई की।
  • अक्टूबर 1960 में, जॉर्ज एफ. डेल्स द्वारा अपने मकरान सर्वेक्षण के एक भाग के रूप में सुतकागेंडोर की अधिक व्यापक रूप से खुदाई की गई थी, जिसमें बिना पुआल के पत्थर और मिट्टी की ईंटों से बनी संरचनाओं को उजागर किया गया था।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 15

हड़प्पा सभ्यता का मुख्य आयात क्या था?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 15
  • हड़प्पा सभ्यता के लोग विभिन्न धातुओं और कीमती पत्थरों के आयात पर निर्भर थे, क्योंकि इन सामग्रियों का प्राकृतिक स्रोत उनके स्थानीय क्षेत्र में कम था।
  • धातुओं जैसे कि कांस्य (तांबा और टिन का मिश्रण), सोना, चांदी, और लोहा विभिन्न उपयोगों के लिए आयात किए जाते थे।
  • कीमती पत्थर जैसे कि लाल, नीलम, फ़ीरोज़ा, और मोती आभूषण बनाने के लिए उपयोग किए जाते थे।
  • आयात के स्रोत क्षेत्रों में, ओमान, बलूचिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, और राजस्थान शामिल हैं।
  • धातुओं और कीमती पत्थरों के आयात के कारण, हड़प्पा सभ्यता के व्यापार और आर्थिक विकास में विशेष महत्व था।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 16

निम्नलिखित में से कौन सी समानता सिंधु सभ्यता और सुमेर, मेसोपोटामिया और मिस्र के बीच दिखाई नहीं देती है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 16

संगीत नागरिक जीवन, कुम्भकार का चक्र, और पशुपालन के साथ-साथ, सिंधु सभ्यता, मेसोपोटामिया, सुमेर, और मिस्र में कई समानताएं थीं। हालांकि, मृतक संस्कार तथा धार्मिक विश्वास में कुछ महत्वपूर्ण अंतर थे

संगीत नागरिक जीवन:
- सभी सभ्यताओं में संगीत और नृत्य का महत्व था।
- सभी सभ्यताओं में सांस्कृतिक उत्सव, और धार्मिक कार्यक्रम होते थे।

कुम्भकार का चक्र:
- सभी चारों सभ्यताओं में कुम्भकार का चक्र का उपयोग होता था।
- वे सभी कुम्भकारी वस्त्रों और पात्रों के निर्माण में विशेषज्ञता रखते थे।

पशुपालन:
- सभी सभ्यताओं में पशुपालन एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि थी।
- वे सभी पशुओं को खेती, निर्माण, और यातायात के काम में उपयोग करते थे।

मृतक संस्कार तथा धार्मिक विश्वास (अंतर):

  • धर्म के मामले में मेसोपोटामिया के लोगों द्वारा विश्वास किया जाता था कि प्रत्येक शहर भगवान द्वारा संरक्षित है। यहाँ पिरामिडों को स्वर्ग और पृथ्वी के मध्य संपर्क के विश्वास के रूप में निर्मित किया गया। मेसोपोटामियाई समाज में प्रत्येक शहर का अपना पैतृक भगवान होता था।
  • वहीं सिंधु समाज में पेड़-पौधों और प्रकृति की पूजा मुख्यत: की जाती थी। यहाँ मातृदेवी की पूजा के साक्ष्य मिले हैं, जबकि मेसोपोटामिया के विपरित यहाँ मंदिरों के कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए।
  • मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यताओं के विपरीत, सिंधु घाटी सभ्यता में किसी भी मंदिर या बड़े महलों का अभाव था जो धार्मिक संस्कार या विशिष्ट देवताओं का स्पष्ट प्रमाण देते हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 17

सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 17

कढ़ाई वाले वस्त्र:

  • सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के पास कपास की खेती और कपास के वस्त्र बनाने का ज्ञान था। इस कारण, कढ़ाई वाले वस्त्र उनके लिए अज्ञात नहीं थे।
  • मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक महत्वपूर्ण व्यक्ति की पत्थर की मूर्ति में उसे कढ़ाईदार वस्त्र पहने हुए दिखाया गया है। यह कशीदाकारी वस्त्रों के प्रयोग के बारे में प्रमाण देता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • वस्त्रों को शायद ही कभी संरक्षित किया जाता है और हड़प्पा की मूर्तियाँ आमतौर पर बिना कपड़ों के होती हैं, इसलिए हड़प्पा के कपड़ों के अधिक प्रमाण नहीं मिलते हैं। धातु की वस्तुओं के संक्षारण उत्पादों में संरक्षित कपड़े के छोटे-छोटे टुकड़े बताते हैं कि हड़प्पावासी सूती कपड़े की कई श्रेणियों को बुनते थे।

सिंचाई के साक्ष्य:

  • सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के पास सिंचाई के विविध प्रकार के सिस्टम थे। वे नदियों से पानी उठाकर अपनी खेतों में ले जाते थे।

नाले ढके हुए:

  • सिंधु सभ्यता के शहरों में नाले ढके हुए थे। इस सिस्टम के माध्यम से घरों से निकलने वाला कचरा और गंदा पानी शहर के बाहर ले जाया जाता था।

भण्डारगृह:

  • मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, और लोथल में भण्डारगृह थे। यहाँ खाद्यान्न, सोने चांदी के गहने, और वस्त्र आदि की सुरक्षा की जाती थी।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 18

सिंधु घाटी सभ्यता निम्नलिखित में से किस काल से संबंधित है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 18
  • रेडियो कार्बन c14 जैसी विलक्षण-पद्धति के द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2350 ई पू से 1750 ई पूर्व मानी गई है. सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की।
  • सिंधु सभ्यता को प्राक्ऐतिहासिक (Prohistoric) युग में रखा जा सकता है। इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्यसागरीय थे।
  • प्राक्ऐतिहासिक काल उस संक्षिप्त समय को इंगित करता है जब यूरोपीय निर्मित सामान जैसे मोतियों, कुल्हाड़ी, चाकू और केटल्स का एक क्षेत्र में कारोबार किया जाता है, लेकिन इससे पहले कि कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड हो। वह समय जिस पर आद्य ऐतिहासिक और ऐतिहासिक काल शुरू होते हैं, भौगोलिक क्षेत्र से अगले तक भिन्न होते हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 19

हड़प्पा के लोग निम्नलिखित में से किस पक्षी की पूजा करते थे?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 19
  • उन्होंने कबूतर पक्षी की पूजा की। एक बैल के सींग, खुर और एक पूंछ के साथ एक मानव आकृति के अस्तित्व से पौराणिक जानवरों की पूजा स्पष्ट होती है।
  • जानवरों के अलावा, ये लोग सूर्य, अग्नि, वृक्षों और जल की भी पूजा करते थे।

अतिरिक्त जानकारी:
उपलब्ध साक्ष्य इंगित करते हैं कि सिंधु लोगों के धर्म में शामिल थे:

  • देवी मां की पूजा:
  • एक पुरुष देवता की पूजा, शायद भगवान शिव की;
  • जानवरों, प्रकृति, अर्ध मानव, या शानदार की पूजा;
  • वृक्षों की उनकी प्राकृतिक अवस्था में या उनमें निवास करने वाली आत्माओं की पूजा;
  • लिंग और योनी प्रतीक के निर्जीव पत्थरों या अन्य वस्तुओं की पूजा;
  • पवित्र "धूप जलाने वालों" की पूजा में सचित्र के रूप में चर्मेथिज्म;
  • ताबीज और ताबीज में विश्वास जो डेमोनोफोबिया का सूचक है; और
  • योग का अभ्यास।

बड़ी संख्या में टेराकोटा की महिला मूर्तियाँ मिली हैं, जो महान देवी माँ का प्रतिनिधित्व करती हैं।

सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 20

निम्नलिखित में से कौन सी सिंधु सभ्यता की सबसे विशिष्ट विशेषता थी?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 20
  • सिंधु सभ्यता की सबसे विशेष बात थी यहां की विकसित नगर निर्माण योजना।
  • हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो दोनो नगरों के अपने दुर्ग थे जहां शासक वर्ग का परिवार रहता था। प्रत्येक नगर में दुर्ग के बाहर एक उससे निम्न स्तर का शहर था जहां ईंटों के मकानों में सामान्य लोग रहते थे।
  • इन नगर भवनों के बारे में विशेष बात ये थी कि ये जाल की तरह विन्यस्त थे। यानि सड़के एक दूसरे को समकोण पर काटती थीं और नगर अनेक आयताकार खंडों में विभक्त हो जाता था। ये बात सभी सिन्धु बस्तियों पर लागू होती थीं चाहे वे छोटी हों या बड़ी।
  • हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो के भवन बड़े होते थे। वहाँ के स्मारक इस बात के प्रमाण हैं कि वहाँ के शासक मजदूर जुटाने और कर-संग्रह में परम कुशल थे। ईंटों की बड़ी-बड़ी इमारत देख कर सामान्य लोगों को भी यह लगेगा कि ये शासक कितने प्रतापी और प्रतिष्ठावान थे।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 21

उन लोगों ने नगरों में घरों के विन्यास के लिए कौन-सी पद्धति अपनायी थी?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 21
  • हड़प्पाकालीन लोगों ने नगरों में घरों के विन्यास के लिए सामान्यतः ग्रीड पद्धति  अपनायी थी। यहां बड़े बड़े घर, चौड़ी सड़के और बहुत सारे कुएं होना के प्रमाण मिलते हैं।
  • यहां जल और मल निकासी के लिए नालियों के होने के प्रमाण भी मिलते हैं। इससे पता चलता है कि यह नगर वर्तमान के नगरों जैसे ही विकसित और भव्य थे।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 22

हड़प्पा सभ्यता की उत्पत्ति के संबंध में कौन-सा कथन सही है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 22

हड़प्पा सभ्यता की उत्पत्ति के संबंध में सही कथन विकल्प B है:

  • हड़प्पा सभ्यता, भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे पुरानी सभ्यता है जो कि लगभग 2600 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व के बीच हुई थी।
  • इस सभ्यता की उत्पत्ति स्थानीय पूर्व-हड़प्पा (पूर्व-सिंधु घाटी सभ्यता) और प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृतियों से हुई है।
  • पूर्व-हड़प्पा संस्कृति की उत्पत्ति करीब 3300 ईसा पूर्व हुई थी जबकि प्रारंभिक हड़प्पा संस्कृति 2600 ईसा पूर्व से शुरू हुई।
  • हड़प्पा सभ्यता के विकास में धीरे-धीरे कई सांस्कृतिक और आर्थिक परिवर्तन हुए, जिससे इसके लोगों की जीवन शैली, कला, धर्म और शिल्प में सुधार हुआ।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 23

निम्नलिखित में किस-किस किले के अन्दर चबूतरे पर अग्निकुंड है?

A. कालीबंगण
B. मोहनजोदड़ो
C. हड़प्पा
D. चन्हूदड़ो
E. लोथल
F. बनवाली

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 23
  • कालीबंगा, बनवाली और लोथल ऐसे शहर हैं जो सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा हैं।
  • कालीबंगा स्थल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है जबकि लोथल गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है।
  • अग्नि वेदी- मुख्य रूप से अनुष्ठानिक उद्देश्यों के लिए ईंटों से बनी संकीर्ण और उठी हुई संरचनाएँ।
  • कालीबनगान, बनवाली और लोथल में कुछ घरों के अंदर अग्नि वेदी पाई गई।
     
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 24

निम्नलिखित हड़प्पा स्थलों में से किसमें कब्र में दो लोगों के शव पाए गये?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 24
  • हड़प्पा स्थलों के लोथल से दो लोगों को एक साथ दफनाये गए कब्र मिले थे।
  • लोथल गुजरात राज्य के भाल क्षेत्र में स्थित प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के दक्षिणी शहरों में से एक है।
  • कब्र में गाड़ना या दफ़न करना मृत व्यक्ति या जानवरों को रखने का धार्मिक कार्य है, कभी-कभी जमीन में वस्तुओं के साथ।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 25

निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान हड़प्पावासियों द्वारा समुद्री यात्रा गतिविधियों का प्रमाण देता है?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 25

समुद्री यात्रा गतिविधियों का प्रमाण:
 

  • स्थान: लोथल गुजरात राज्य में स्थित है और इसे हड़प्पा सभ्यता के एक प्रमुख बंदरगाह के रूप में माना जाता है। 1954 में अपने सर्वे में अनुमान लगाया था कि यहां कोई सभ्यता रही होगी। इसके बाद यहां खुदाई शुरू की गई। सालों की खुदाई के बाद यहां कई ऐसे अवशेष मिले हैं, जो सीधे तौर पर एक विकसित सभ्यता को दर्शाते हैं। यही कारण है कि पुरातत्व विभाग के लिए लोथल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
  • वाणिज्य: लोथल से हड़प्पा वासियों के साथ अन्य देशों के लोगों ने भी अपने सामान की आदान-प्रदान की थी, जो इसकी वाणिज्यिक महत्व को दिखा रहा है।
  • यात्रा: लोथल से मिलने वाले प्रमाणों से पता चलता है कि हड़प्पा वासियों ने समुद्री यात्रा गतिविधियों में भाग लिया था। वे दूरस्थ स्थानों से सामान लाने और वहां गए वास्तविक यात्री थे।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 26

निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक उपयुक्त कारण है जिसने हड़प्पावासियों को शहरी बस्ती छोड़ने के लिए विवश किया?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 26
  • मुख्य शहर नदी से निकटता से जुड़े हुए थे, इसलिए नदी के प्रवाह में परिवर्तन का उन पर भयानक प्रभाव पड़ा होगा। बार-बार बाढ़ आने से मिट्टी में नमक का निर्माण हो सकता है, जिससे फसलों को उगाना मुश्किल हो जाता है।
  • सिंधु जैसी नदियों में साल में दो बार बाढ़ आ जाती थी जिससे काफी मिट्टी और पानी जमा हो जाता था और सिंचाई की कृत्रिम व्यवस्था की जरूरत नहीं रह जाती थी।
  • ऐसा माना जाता है कि उसी समय, घग्गर हाकरा नदी (क्षेत्र की एक और नदी) सूख गई। लोग इसके किनारे स्थित कई शहरों को त्यागने के लिए मजबूर हो गए, जैसे कि कालीबंगा और बनवाली। 
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 27

बोलन नदी के किनारे बोलन दरो के अधोभाग में 1981 में हड़प्पा-पूर्व बस्ती की खोज की गई। वह निम्नलिखित में कौन-सी जगह थी?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 27
  • मेहरगढ़ उस स्थान पर स्थित है, जहाँ सिंधु नदी के कछारी मैदान और वर्तमान पाकिस्तान और ईरान के सीमांत प्रदेश के पठार मिलते हैं।
  • इस प्रकार मेहरगढ़ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 'बोलन दर्रे' के निकट स्थित है। यहाँ से कृषक समुदाय के उद्भव के भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे प्राचीन प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
  • यह स्थान अस्थायी मानव आवास के रूप प्रयुक्त हुआ था तथा सम्भवत: सातवीं सहस्त्राब्दी ई.पू. में यहाँ एक मानव बस्ती अस्तित्व में आ गयी थी।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 28

निम्नलिखित में से किसने सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति कहा?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 28

सर जॉन मार्शल ने सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति कहा। 

सर जॉन मार्शल:
- एक ब्रिटिश वास्तुकार और पुरातत्वविद्.
- वह 1902 से 1928 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का महानिदेशक था।

हड़प्पा संस्कृति की खोज:
- सर जॉन मार्शल ने 1920 में हड़प्पा की खुदाई शुरू करवाई।
- उसके द्वारा की गई खुदाई के परिणामस्वरूप, उसने सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति के नाम से जाना।

कारण:
- सर जॉन मार्शल ने सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा संस्कृति कहा, क्योंकि हड़प्पा इस सभ्यता की पहली खुदाई वेबसाइट थी।
- इस तरह, हड़प्पा संस्कृति का नाम सिंधु घाटी सभ्यता के लिए प्रयुक्त हुआ, जो 1920-30 के दशक में सर जॉन मार्शल के नेतृत्व में समूह द्वारा खोजा गया था।

सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 29

सिंधु घाटी सभ्यता के किस स्थल से अग्निवेदिकाएँ प्राप्त हुई हैं?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 29
  • कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है।
  • यहां से ऊँटो की हड्डियाँ, अग्निवेदिकाएँ, जुते हुए खेत आदि प्रमुख साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 30

सिंधु घाटी सभ्यता का प्रथम स्थल जो पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब प्रांत के माण्टगोमरी जिले में (वर्तमान में पाकिस्तान) स्थित रावी नदी के तट पर स्थित हैं?

Detailed Solution for सिन्धु घाटी की सभ्यता - Test 1 - Question 30
  • सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है।
  • पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित 'माण्टगोमरी जिले' में रावी नदी के बाएं तट पर हड़प्पा नामक पुरास्थल है।
  • आज से लगभग 79 वर्ष पूर्व पाकिस्तान के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के अवशेष हैं।
  • इसका आभास उन्हें तब हुआ जब 1856 ई. में 'जॉन विलियम ब्रन्टम' ने कराची से लाहौर तक रेलवे लाइन बिछवाने हेतु ईटों की आपूर्ति के इन खण्डहरों की खुदाई प्रारम्भ करवायी। खुदाई के दौरान ही इस सभ्यता के प्रथम अवशेष प्राप्त हुए, जिसे इस सभ्यता का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता‘ का नाम दिया गया।
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