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वैदिक काल - Test 1 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi - वैदिक काल - Test 1

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वैदिक काल - Test 1 - Question 1

वैदिक काल में सेना का सर्वोच्च कमांडर को क्या बोला जाता था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 1

वैदिक काल में राजा का प्रशासनिक सहयोग रत्निन करते थे। सेना के सर्वोच्च कमांडर को सेनानी बोला जाता था। इसलिए, A सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 2

 वैदिक काल में राजस्व संग्रहकर्ता को क्या बोला जाता था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 2

वैदिक काल में अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार पशुपालन एवं कृषि था। ज्यादा पालतुपशु रखने वाले गोमत कहलाते थे। चारागाह के लिए ' उत्यति ' या ' गव्य ' शब्द का प्रयोग हुआ है। दूरी को ' गवयुती ', पुत्री को दुहिता (गाय दुहने वाली) तथा युद्धों के लिए ' गविष्टि ' का प्रयोग होता था। ऋण लेने एवं देने की प्रथा प्रचलित थी जिसे ' कुसीद ' कहा जाता था। राजस्व संग्रहकर्ता को भगदूघा बोला जाता था। इसलिए, B सही विकल्प है।

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वैदिक काल - Test 1 - Question 3

परंपरा के अनुसार भारत का प्रथम राजा कौन था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 3

हिन्दू धर्म के अनुसार मनु संसार के प्रथम पुरुष थे। प्रथम मनु का नाम स्वयंभुव मनु था, जिनके संग प्रथम स्त्री थी शतरूपा। ये स्वयं भू (अर्थात होना) ब्रह्मा द्वारा प्रकट होने के कारण ही स्वयंभू कहलाये। इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। स्वायंभुव मनु को आदि भी कहा जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारंभ।

वैदिक काल - Test 1 - Question 4

वैदिक काल में कोषाध्यक्ष के लिए किस शब्द का प्रयोग किया जाता था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 4

वैदिक काल में खजांची (कोषाध्यक्ष) के लिए संग्रीहित्री शब्द इस्तेमाल किया गया था। इसलिए, A सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 5

ऋग्वेद में किस धातु के उपयोग का उल्लेख मिलता है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 5

ऋग्वेद सर्वाधिक प्राचीन है। अर्वाचीन काल में ईसा की अठारहवीं शताब्दी से नये-नये तत्वों की खोज का सिलसिला प्रारंभ हुआ। इसके पूर्व केवल सात धातुओं का ज्ञान मानवता को था। ये हैं- स्वर्ण, चांदी, तांबा, लोहा, टिन, लेड (सीसा) और पारद। इन सभी धातुओं का उल्लेख प्राचीनतम संस्कृत साहित्य में उपलब्ध है, जिनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद एवं अथर्ववेद भी सम्मिलित हैं। वेदों की प्राचीनता ईसा से हजारों वर्ष पूर्व निर्धारित की गई है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 6

निम्नलिखित में से कौन वैदिक काल की राजनीतिक इकाई नहीं थी?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 6

ऋग वैदिक या प्रारंभिक वैदिक काल के दौरान ग्राम (गांव), विश और जन राजनीतिक इकाइयां थीं। बालि ऋग वैदिक काल का स्वैच्छिक कर था। इसलिए, C सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 7

किस फसल का ज्ञान वैदिक काल के लोगों को नहीं था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 7

तम्बाकू (Tobacco) फसल का ज्ञान वैदिक काल के लोगों को नहीं था। वैदिक कार्य अपने प्रारंभिक जीवन अर्थात् पूर्व वैदिक काल में जौ से परिचति थे एवं बाद में अर्थात् उत्तर वैदिक काल में लोहे से परिचित होने के बाद जो कृषि क्रांति हुई उस दौरान आर्य गेहूं व चावल से भी परिचित हो गये। आर्य तम्बाकू से परिचित नहीं थे। तम्बाकू भारत में पुर्तगालियों द्वारा परिचित करवाया गया। आंध्रप्रदेश भारत का प्रमुख तम्बाकू उत्पादक राज्य है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 8

सत्यमेव जयते किस ग्रंथ से मिलता है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 8

सत्यमेव जयते उपनिषद (मुण्डकोपनिषद) ग्रंथ से मिलता है। 'सत्यमेव जयते' मूलतः मुण्डक-उपनिषद का सर्वज्ञात मंत्र 3.1.6 है। सत्यमेव जयते अर्थात् सत्य की हमेशा विजय होती है। यह भारत का राष्ट्रीय वाक्य है। जिसे सारनाथ के स्तूप से लिया गया है। वहां यह वाक्य मुण्डकोपनिषद से लिया गया है। यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित है। यह प्रतीक उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट सारनाथ में 250 ई.पू. में सम्राट अशोक द्वारा बनवाये गए सिंह स्तम्भ के शिखर से लिया गया है, लेकिन उसमें यह आदर्श वाक्य नहीं है। 
पूर्ण मंत्र इस प्रकार है:

  • सत्यमेव जयते नानृतम सत्येन पंथा विततो देवयानः।
  • येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत् सत्यस्य परमम् निधानम्॥

बता दे कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने साल 1918 में इसका इस्तेमाल किया; इसके बाद भारत के ध्येय वाक्य कै तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाने लगा।

वैदिक काल - Test 1 - Question 9

आयुर्वेद के वैद्य चिकित्सा का भगवान किसे मानते हैं?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 9

आयुर्वेद के वैद्य चिकित्सा का भगवान धन्वंतरि (Dhanvantari) को मानते हैं। हिन्दू धर्म में व्यास द्वारा रचित 'श्रीमद्भागवत पुराण' के अनुसार धन्वंतरि को विष्णु का अंश माना गया है। इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मंथन के समय हुआ था। शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी, चतुर्दशी को काली माता और अमावस्या को भगवती लक्ष्मी जी का सागर से प्रादुर्भाव हुआ था। इसीलिये दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस को भगवान धन्वंतरी का जन्म धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन इन्होंने आयुर्वेद का भी प्रादुर्भाव किया था।

वैदिक काल - Test 1 - Question 10

वैदिक युग के राजा द्वारा वसूला गया कर क्या कहलाता था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 10

वैदिक काल में राजा जनता से जो कर वसूल करता था उसे बलि (Bali) कहते थे। बतादें कि वैदिक युग में कबीला के प्रधान को राजा की संज्ञा दी जाती थी। राजा निरंकुश नहीं था। सभा समिति और विदथ नामक संस्थाएं इस पर नियंत्रण रखती थी। जनता पूर्व वैदिक में स्वेच्छा से राजा को जो कर देती थी वह बलि कहलाता था। यही कर (बलि) उत्तर वैदिक काल में बाध्यकारी हो गया था।

वैदिक काल - Test 1 - Question 11

वैदिक शिक्षा पद्धति के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 11

वैदिक शिक्षा भारत की सबसे प्राचीन शिक्षा व्यवस्था है। भारत में अतीत से ही वैदिक शिक्षा का प्रचलन था। जिस समय विश्व में शिक्षा नाम की कोई चीज नहीं थी उस समय भारतीय समाज में वैदिक शिक्षा का प्रचलन था। वैदिक शिक्षा गुरुकुल में हुआ करती थी , शिष्य अपने गुरु के सानिध्य में रहकर शिक्षा प्राप्त किया करता था।

प्राचीन काल में ज्ञान के प्रसार हेतु गुरुओं द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती थी। ज्ञान का प्रसार करना गुरुओं का प्रमुख धार्मिक कर्तव्य था। उस समय शिक्षण कार्य जीविकोपार्जन का साधन नहीं था। गुरु द्वारा शिक्षा शुल्क लिए जाने पर उसे पातकी माना जाता था और हेय दृष्टि से देखा जाता था।इसी कारण गुरु अपने पद एवं गरिमा को बनाए रखने हेतु शिक्षार्थियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेते थे।

वैदिक काल - Test 1 - Question 12

निम्नलिखित में से कौन-सी विदूषी स्त्री ने वेदों की रचना में योगदान नहीं किया?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 12

मेनका विदूषी स्त्री ने वेदों की रचना में योगदान नहीं किया।

वैदिक काल - Test 1 - Question 13

निम्नलिखित में से किस गौण देवी का ऋग्वेद में सबसे अधिक बार उल्लेख किया गया है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 13

ऋग्वेद की संहिता में देवस्तुति की प्रधानता है। अगिन, इन्द्र, मरुत, उषा, सोम, अशिवनौ आदि नाना देवताओं की कई सूक्तों में स्तुतियां की गई हैं। सबसे अधिक सूक्त इन्द्र देवता की स्तुति में कहे गये हैं और उसके बाद संख्या की दृष्टि से अग्नि के सूक्तों का स्थान है। अत: इन्द्र और अगिन वैदिक आर्यों के प्रधान देवता प्रतीत होते हैं। कुछ सूक्तों में मित्रवरुणा, इन्द्रवायू, धावापृथिवी जैसे युगल देवताओं की स्तुतियां हैं। अनेक देवगण जैसे आदित्य, मरुत, रुद्र, विश्वेदेवा आदि भी मन्त्रों में स्तवनीय हैं। देवियों में उषा और अदिति का स्थान अग्रगण्य है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 14

प्राचीन भारत में लौह युग निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 14

चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति उत्तर भारत की ताबा और लोहा से संबंधित संस्कृति है। इस संस्कृति से संबंधित स्थलों पर लोहे के प्रयोग के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं । उत्तर भारत के लौह युुग का इस संस्कृति से निकट का संबंध है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 15

वैदिक कालीन न्याय व्यवस्था के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?

  1. नियमित न्यायिक संस्था तथा कानून का विकास नहीं हुआ था।
  2. राजा तथा मुख्य पुरोहित प्रमुख पंच का कार्य करता था जिसे समुदाय के कुछ गणमान्य लोग सहायता करते थे।
  3. दंड के रूप में जुर्माना सर्वाधिक प्रचलित था। सामान्यतः किसी व्यक्ति की हत्या के लिए 100 गायें जुर्माने के तौर पर ली जाती थी।
Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 15
  • वैदिक काल के दौरान समाज में कई अलग-अलग समूह थे पादरी और सैनिक, कृषक, चरवाहे, व्यापारी और मजदूर। कुछ पादरी और सैनिक अमीर थे, जैसे कुछ किसान और व्यापारी थे।
  • कई चरवाहे, शिल्पकार, मजदूर, मछली पकड़ने वाले लोग और शिकारी, और संग्राहक सहित अन्य गरीब थे।
  • पादरियों ने जनता को वर्ण नामक चार समूहों में विभाजित किया। उसके अनुसार, प्रत्येक वर्ण के कार्यों का एक विविध समूह था।
  • पहला वर्ण ब्राह्मण था, उनसे अपेक्षा की जाती थी कि वे वेदों का अध्ययन और अध्यापन करें, बलिदान और अनुष्ठानों को निष्पादित करें।
  • क्षत्रिय दूसरे वर्ण थे, वे लड़ाई लड़ने और राष्ट्र की रक्षा करने की संभावना रखते थे।
  • तीसरा समूह वैश्यों का था, जिनसे उम्मीद की जाती थी कि वे किसान और व्यापारी होंगे।
  • क्षत्रिय और वैश्य दोनों यज्ञ कर सकते थे।
  • शूद्र चौथा वर्ण थे, उनसे अन्य तीन समूहों की सेवा करने की अपेक्षा की जाती है।
  • वे कोई कर्मकांड नहीं कर सकते थे।
  • अक्सर, महिलाओं को भी शूद्रों के साथ समूहीकृत किया जाता था।
  • शूद्रों और महिलाओं दोनों को वेद सीखने की अनुमति नहीं थी।
वैदिक काल - Test 1 - Question 16

ऋग्वेद में वर्णित "द्विज" शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 16

द्विज - उत्तर वैदिक काल में प्रचलित चतुर्वर्ण प्रणाली (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) के तहत, पहले तीन वर्णों को द्विज कहा जाता था, जिसका अर्थ है अवतार। उपनयन संस्कार पर द्विजों का अधिकार था।

वैदिक काल - Test 1 - Question 17

ऋग्वैदिक काल में ‘दम्पत्ति’ शब्द का क्या अर्थ था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 17

ऋग्वैदिक काल की सामाजिक व्यवस्था का मूलाधार कुटुम्ब था । कुटुम्ब पैतृक होता था और कुटुम्ब का प्रधान दम्पत्ति अथवा गृहस्वामिनी कहलाता था ।

वैदिक काल - Test 1 - Question 18

निम्नलिखित में से किस विद्वान ने सर्वप्रथम संस्कृत तथा ग्रीक, लैटिन, हिब्रू आदि के बीच समानता की ओर ध्यान आकृष्ट किया?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 18

संस्कृत भाषा (1786), सर विलियम जोन्स ने प्रस्तावित किया कि संस्कृत और फारसी शास्त्रीय ग्रीक, लैटिन, गोथिक और सेल्टिक भाषाओं के समान थे। इस विचार से तुलनात्मक भाषाविज्ञान और ऐतिहासिक भाषाविज्ञान का क्षेत्र उभरा।

वैदिक काल - Test 1 - Question 19

निम्नलिखित में से किन भौगोलिक क्षेत्रों के संबंध में उत्तर वैदिक आर्यों को ज्ञान नहीं था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 19
  • ऋग्वैदिक काल में आर्यों का निवास स्थान सिंधु तथा सरस्वती नदियों के बीच में था। बाद में वे सम्पूर्ण उत्तर भारत में फ़ैल चुके थे। सभ्यता का मुख्य क्षेत्र गंगा और उसकी सहायक नदियों का मैदान हो गया था। गंगा को आज भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है। इस काल में विश् का विस्तार होता गया और कई जन विलुप्त हो गए। भरत, त्रित्सु और तुर्वस जैसे जन् राजनीतिक हलकों से ग़ायब हो गए जबकि पुरू पहले से अधिक शक्तिशाली हो गए। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में कुछ नए राज्यों का विकास हो गया था, जैसे - काशी, कोसल, विदेह (मिथिला), मगध और अंग।
  • ऋग्वैदिक काल में सरस्वती नदी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ग॓गा का एक बार और यमुना नदी का उल्लेख तीन बार हुआ है। इस काल मे कौसाम्बी नगर मे॓ पहली बार पक्की ईटो का प्रयोग किया गया। इस काल मे वर्ण व्यवसाय के बजाय जन्म के आधार पे निर्धारित होने लगे।
वैदिक काल - Test 1 - Question 20

प्राचीन नामों के साथ निम्नलिखित नदियों का मिलान करें।

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 20
  • काबुल नदी का प्राचीन नाम कुँभा था।
  • सुवास्तु का प्राचीन नाम स्वात था।
  • क्रुमु का प्राचीन नाम कुर्रम था।
  • सुसर्तु का प्राचीन नाम घोरबंद था। 
वैदिक काल - Test 1 - Question 21

यह सर्वश्रेष्ठ नदी अनेक नदियों की जननी है और समुद्र में बहती है। नदी-स्तुति मे इसे यमुना और सतुद्री के बीच स्थित कहा गया। इसकी पहचान करें ?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 21

सरस्वती एक पौराणिक नदी जिसकी चर्चा वेदों में भी है। इसे प्लाक्ष्वती,वेद्समृति, वेदवती भी कहते है! ऋग्वेदमें सरस्वती का अन्नवती तथा उदकवती के रूप में वर्णन आया है। यह नदी सर्वदा जल से भरी रहती थी और इसके किनारे अन्न की प्रचुर उत्पत्ति होती थी। कहते हैं, यह नदी हिमाचल में सिरमौरराज्य के पर्वतीय भाग से निकलकर अंबाला तथा कुरुक्षेत्र,कैथल होती हुई पटियाला राज्य में प्रविष्ट होकर सिरसा जिले की दृशद्वती (कांगार) नदी में मिल गई थी। प्राचीन काल में इस सम्मिलित नदी ने राजपूताना के अनेक स्थलों को जलसिक्त कर दिया था। यह भी कहा जाता है कि प्रयाग के निकट तक आकर यह गंगा तथा यमुना में मिलकर त्रिवेणी बन गई थी। कालांतर में यह इन सब स्थानों से तिरोहित हो गई, फिर भी लोगों की धारणा है कि प्रयाग में वह अब भी अंत:सलिला होकर बहती है। मनुसंहिता से स्पष्ट है कि सरस्वती और दृषद्वती के बीच का भूभाग ही ब्रह्मावर्त कहलाता था।

वैदिक काल - Test 1 - Question 22

प्रारंभिक आर्य साम्राज्य चार राजाओं द्वारा स्थापित किया गया था। निम्नलिखित में कौन उनमें से एक नहीं है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 22

ऋग वैदिक काल:

  • प्रारंभिक आर्य राज्यों की स्थापना चार राजाओं, इक्षकु, प्रमसु, सुद्युम्मा और सरयाता ने की थी, जो सभी मनु वैवस्वत के पुत्र कहे जाते हैं।
  • ऋग्वेद में राजन या राजा शब्द एक आदिवासी प्रमुख को दर्शाता है न कि एक राजशाही राजा को।
  • राजशाही आमतौर पर वंशानुगत थी लेकिन निर्वाचित राजतंत्र अज्ञात नहीं थे।
  • प्रमुखों को लोगों से स्वैच्छिक भेंटें प्राप्त होती थीं जिन्हें बलि कहा जाता था।
  • राजा के पास कोई नियमित या स्थायी सेना नहीं थी। लेकिन युद्ध की अवधि के दौरान व्रत, गण, ग्राम, सरधा नामक विभिन्न जनजातीय समूहों ने एक मिलिशिया का गठन किया।
वैदिक काल - Test 1 - Question 23

किस आधार पर बी. जी. तिलक ने यह बात कही कि आर्यों का मूल निवास-स्थान आर्कटिक क्षेत्र था?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 23

स्वर्गीय बाल गंगाधर तिलक का विचार था कि आर्यों का मूल घर आर्कटिक क्षेत्र था। यह विचार उन्होंने अपनी पुस्तक में प्रतिपादित किया था। आर्यों का आर्कटिक गृह। इस सिद्धांत पर काम करना कि पृथ्वी दिन-ब-दिन गर्मी खो रही है। तिलक ने निष्कर्ष निकाला कि उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र एक समय में रहने योग्य क्षेत्र थे और आर्य मूल रूप से वहां रहते थे। तिलक ने संस्कृत साहित्य को गंभीर रूप से तोड़ दिया और उपरोक्त निष्कर्ष पर पहुंचे। वेद छह महीने तक चलने वाले दिनों और रातों का उल्लेख करते हैं जो आर्कटिक क्षेत्र में पाए जाते हैं। विविध और निरंतर उषा जो विस्तृत संस्कारों के साथ कई भागों में विभाजित हैं, उन्हें खगोलविदों के शाश्वत दिन के समान बताया गया है। दृश्य को सहारा देने के लिए ध्रुवीय क्षेत्र के तारों की गति का भी विस्तार से वर्णन किया गया है। यह बताया गया है कि तारों की क्षैतिज गति ध्रुवीय क्षेत्र का एक विशिष्ट अनुभव है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 24

निम्नलिखित में से किस वैदिक साहित्य में वर्णा प्रणाली पर चर्चा हुई थी?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 24

ऋग्वेद सनातन धर्म का सबसे आरंभिक स्रोत है। इस वेद के कई सूक्तों में विभिन्न वैदिक देवताओं की स्तुति करने वाले मंत्र हैं। यद्यपि इसमें अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्तोत्रों की प्रधानता है। इसमें कुल 10 मण्डल हैं और उनमें 1028 सूक्त हैं और कुल 10,580 ॠचाएँ हैं। पुरुषसूक्त ऋग्वेद संहिता के दसवें मण्डल का एक प्रमुख सूक्त यानि मंत्र संग्रह (10.90) है, जिसमें एक विराट पुरुष की चर्चा हुई है और उसके अंगों का वर्णन है। इसलिए, C सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 25

निम्नलिखित में से कौन सा वैदिक साहित्य बलिदान सूत्रों का संग्रह है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 25

अथर्ववेद दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर ऋग्वेद के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान् देवों को महिमामंडित करता है और सोम के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है। इसलिए, B सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 26

निम्नलिखित में से कौन सही जोड़ी नहीं है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 26

वेदों की सरल व्याख्या हेतु ब्राह्मण ग्रन्थों की रचना गद्य में की गई थी। ब्रह्म का अर्थ यज्ञ है। अतः यज्ञ के विषयों का प्रतिपादन करने वाले ग्रन्थ ब्राह्मण कहलाते हैं।

वेद संबंधित ब्राह्मण:

  • ऋग्वेद: ऐतरेय ब्राह्मण, शांखायन या कौषीतकि ब्राह्मण
  • यजुर्वेद: शतपथ ब्राह्मण
  • यजुर्वेद: तैत्तिरीय ब्राह्मण
  • सामवेद: पंचविश या ताण्ड्य ब्राह्मण, षडविंश ब्राह्मण, सामविधान ब्राह्मण, वंश ब्राह्मण, मंत्र ब्राह्मण, जैमिनीय ब्राह्मण
  • अथर्ववेद: गोपथ ब्राह्मण

इसलिए, B सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 27

निम्नलिखित कौन से वैदिक साहित्य में वैदिक भजन, उनके अनुप्रयोगों और उनकी उत्पत्ति की कहानियों के अर्थों के बारे में विवरण मिलता है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 27

 वेदों की सरल व्याख्या हेतु ब्राह्मण ग्रन्थों की रचना गद्य में की गई थी। ब्रह्म का अर्थ यज्ञ है। ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वथा यज्ञों की वैज्ञानिक, अधिभौतिक तथा अध्यात्मिक मीमांसा प्रस्तुत की गयी है। यह ग्रंथ अधिकतर गद्य में लिखे हुए हैं। इनमें उत्तरकालीन समाज तथा संस्कृति के सम्बन्ध का ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए, A सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 28

निम्नलिखित में से कौन सा वैदिक साहित्य 'पैर के पास बैठने' को संदर्भित करता है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 28

उपनिषद् शब्द का साधारण अर्थ है - ‘समीप उपवेशन’ या 'समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना)। यह शब्द ‘उप’, ‘नि’ उपसर्ग तथा, ‘सद्’ धातु से निष्पन्न हुआ है। सद् धातु के तीन अर्थ हैं: विवरण-नाश होना; गति-पाना या जानना तथा अवसादन-शिथिल होना। उपनिषद् में ऋषि और शिष्य के बीच बहुत सुन्दर और गूढ संवाद है जो पाठक को वेद के मर्म तक पहुंचाता है। इसलिए, A सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 29

निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन आरण्यक के सन्दर्भ में सही है?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 29

ब्राह्मण ग्रन्थ के जो भाग अरण्य में पठनीय हैं, उन्हें 'आरण्यक' कहा गया या यों कहें कि वेद का वह भाग, जिसमें यज्ञानुष्ठान-पद्धति, याज्ञिक मन्त्र, पदार्थ एवं फलादि में आध्यात्मिकता का संकेत दिया गया, वे 'आरण्यक' हैं। वानप्रस्थाश्रम में संसार-त्याग के उपरांत अरण्य में अध्ययन होने के कारण भी इन्हें 'आरण्यक' कहा गया। आरण्यकों में ऐतरेय आरण्यक, शांखायन्त आरण्यक, बृहदारण्यक, मैत्रायणी उपनिषद् आरण्यक तथा तवलकार आरण्यक (इसे जैमिनीयोपनिषद् ब्राह्मण भी कहते हैं) मुख्य हैं। इसलिए, C सही विकल्प है।

वैदिक काल - Test 1 - Question 30

निम्नलिखित में कौन उत्तर वैदिक काल की प्रसिद्ध जनजाति नहीं थी?

Detailed Solution for वैदिक काल - Test 1 - Question 30

उत्तर वैदिक काल में पुरु और भरत कबीला मिलकर 'कुरु' तथा 'तुर्वश' और 'क्रिवि' कबीला मिलकर 'पंचाल' (पांचाल) कहलाये। आरम्भ में कुरुओं की राजधानी असिवन्त में थी जिसमे अन्तर्गत कुरुक्षेत्र (सरस्वती और दृषद्वती के बीच भूमि) सम्मिलित था। शीघ्र ही कुरुओं ने दिल्ली एवं उत्तरी दोआब पर अधिकार कर लिया। 

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