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CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 for CTET & State TET 2025 is part of CTET & State TET preparation. The CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 MCQs are made for CTET & State TET 2025 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 below.
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CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 1

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है, कहलाती है : 

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  • राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है।
  • वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 2

सीख ली गयी भाषा तथा अपेक्षित भाषा में संवाद करने के लिए प्रयुक्त भाषा शिक्षण की विधि-

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सीख लीगे भाषा तथा अपेक्षित भाषा मे संवाद करने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली भाषा शिक्षण की विधि अनुवाद विधि हैI अनुवाद विधि के गुण :-

  • इसे बड़ी सरलता से पढ़ाया ज सकता हैI
  • इस विधि मे बोलने की अपेक्षा लिखने और पढने पर तथा भाषा की अपेक्षा भाषा के तत्वों के ज्ञान पर अधिक बल दिया जाता हैI
  • द्वितीय भाषा के ढांचों का ज्ञान कराया जाता है तथा भाषा कौशलो मे दक्षता ली जाती हैI
  • द्वितीय भाषा के शब्दों एवं वाक्यों का ज्ञान आना चाहिए ना कि नियम व मातृभाषा के अवतरणों का द्वतीय भाषा मे अनुवाद किया जाता हैI
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 3

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. राष्ट्रभाषा के साथ कैसी परम्पराएँ जुड़ी रहती है? 

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  • राष्ट्रभाषा सारे देश की संपर्क भाषा है।
  • राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परंपरायें जुड़ी रहती हैं। 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 4

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. निम्न में से समूह से भिन्न कौन-सा है ?

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रहा शब्द समूह से भिन्न है।

  • रहा शब्द क्रिया है 
  • जबकि अन्य शब्द संज्ञा है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 5

भाषा समय के साथ बदलती रहती है और हम जीवन पर्यन्त भाषा के नये-नये शब्दों को सीखते रहते हैं। इस कथन के पीछे भाषा सीखने का सिद्धांत कार्य करता है-

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निरंतरता का सिद्धांत- भाषा समय के साथ बदलती रहती है। भाषा में नये शब्द जुड़ते रहते, कई शब्दों की अवधारणाओं से जीवन पर्यन्त ही परिचित होते रहते हैं। भाषा अर्जन के इस सिद्धांत को निरंतरता का सिद्धांत कहते हैं।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 6

निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले  विकल्प को चुनकर लिखिए।
जीवन के इस मोड़ पर
कुछ भी कहा जाता नहीं।
अधरो की ड्योढ़ी पर
शब्दों के पहरे हैं।
हँसने को हँसते हैं
जीने को जीते हैं
साधन-सुभीतों में
ज्यादा ही रीते हैं।
बाहर से हरे-भरे
भीतर घाव मगर गहरे
सबके लिए गूँगे हैं ---
अपने लिए बहरे हैं।

Q. कविता की पंक्तियों में मुख्यतः बात की गई है:-

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उक्त पद्यांश में "कुछ भी न कह पाने की विवशता की" बात की गई है। 

  • विवश में, 'ता' प्रत्यय लगने पर विवशता बन जाता है। 
  • ता, प्रत्यय से बने अन्य शब्द- आटा. जाता, मरता आदि
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 7

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. अनुच्छेद 344 में कहा गया : 

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  • अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।
  • 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। 
  • अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 8

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
​उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर नीचे पूछे गए प्रश्न का उत्तर बताइए।

Q. 'एक पत्र छाँह भी माँग मत' इस पंक्ति का आशय क्या है?

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'एक पत्र छाँह भी माँग मत' इस पंक्ति का आशय है- किसी की पेशकश स्वीकार नहीं करना चाहिए।
पद्यांश के अनुसार-

  • ​कवि का कहना है कि मनुष्य अपनी प्रकृति के अनुसार माँगने लगता है अथवा अपनी परिस्थितियों से घबराकर दूसरों की सहायता माँगने लगता है।
  • इससे उसका आत्मविश्वास कम होने लगता है। इसलिए अपनी कठिनाइयों का सामना स्वयं ही करना चाहिए।
  • यदि थोड़ा भी आश्रय मिल जाए तो उसकी अवहेलना न करके धन्य मानना चाहिए।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 9

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. कौन सा कथन उचित है? 

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  • राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है।
  • वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है।
  • राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है।
  • राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है।
  • राष्ट्रभाषा सारे देश की संपर्क भाषा है।
  • राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परंपरायें जुड़ी रहती हैं।
  • राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 10

आपके विचार से भाषा-शिक्षण के संदर्भ में सबसे कम महत्त्वपूर्ण है:

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भाषा शिक्षण का संबंध केवल भाषा के सीखने-सिखाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसका राष्ट्र, समाज और शिक्षा से भी गहरा संबंध है। किसी भी देश में एक, दो या उससे अधिक भाषा बोली व समझी जा सकती है। ये सभी भाषाएं राष्ट्रीय, सामाजिक और शैक्षिक स्तर पर अपना भिन्न - भिन्न महत्व रखती है और प्रत्येक संदर्भ में इसके शिक्षण के स्वरूप को प्रभावित करता  है। भाषा-शिक्षण व्यापक प्रक्रिया है, किसी एक शिक्षक का नज़रिया भाषा शिक्षण को प्रभावित नहीं करता है। भाषा शिक्षण के लिए आवश्यक:-

  • भाषागत विविधता के प्रति संवेदनशीलता
  • भाषा के आकलन की प्रक्रियाएँ
  • किसी भाषा विशेष का साहित्य
  • भाषा प्रयोग के अवसर
  • भाषा समृद्ध वातावरण
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 11

निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले  विकल्प को चुनकर लिखिए।
जीवन के इस मोड़ पर
कुछ भी कहा जाता नहीं।
अधरो की ड्योढ़ी पर
शब्दों के पहरे हैं।
हँसने को हँसते हैं
जीने को जीते हैं
साधन-सुभीतों में
ज्यादा ही रीते हैं।
बाहर से हरे-भरे
भीतर घाव मगर गहरे
सबके लिए गूँगे हैं ---
अपने लिए बहरे हैं।

Q.'ड्योढ़ी' का अर्थ क्या है?

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ड्योढ़ी का अर्थ चौखट होता है। 

  • ड्योढ़ी अथवा चौखट का अर्थ:- प्रवेश करते समय द्वार के पास की जगह 
  • ड्योढ़ी- क्षेत्रीय भाषा का देशज शब्द है। 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 12

परस्पर बातचीत मुख्यतः

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भाषा के चार मुख्य कौशल सुनना, बोलना, पढ़ना तथा लिखना है। इन कौशलों के प्रयोग के द्वारा ही मानव अपने विचारों का सरलतापूर्वक आदान प्रदान करता है। भाषा से संबंधित इन चारों प्रक्रियाओं को प्रयोग करने की क्षमता ही भाषा कौशल कहलाती है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 13

शिक्षिका कविता शिक्षण के बाद बच्चों को उनकी घर में बोली जाने वाली बोली में बात करने का अवसर देती है:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 13

घर में बोली जाने वाली बोली में बात करने का अवसर वातावरण को सहज बनाने में मदद करता है।
शिक्षिका कविता शिक्षण के बाद बच्चों को उनकी घर में बोली जाने वाली बोली में बात करने का अवसर देती है। यह उपागम बहुभाषिकता को संसाधन के रूप में उपयोग करने जैसा है।
बहुभाषिकता: भिन्न-भिन्न प्रांतों के बच्चों द्वारा अलग-अलग प्रकार की भाषा बोले जाने को भाषायी विविधता या बहु-भाषिकता कहा जाता है। बहु-भाषिकता भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 14

निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले  विकल्प को चुनकर लिखिए।
जीवन के इस मोड़ पर
कुछ भी कहा जाता नहीं।
अधरो की ड्योढ़ी पर
शब्दों के पहरे हैं।
हँसने को हँसते हैं
जीने को जीते हैं
साधन-सुभीतों में
ज्यादा ही रीते हैं।
बाहर से हरे-भरे
भीतर घाव मगर गहरे
सबके लिए गूँगे हैं ---
अपने लिए बहरे हैं।

Q. “कुछ भी कहा जाता नहीं''- ऐसा क्यों?

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उक्त पद्यांश के अनुसार कुछ भी इसलिए नहीं कहा जा रहा क्योंकि "बंधन और बेबसी" है। बंधन का अर्थ:- स्वतंत्र न होना, बंधा हुआ होना

  • बेबसी- का अर्थ:- विवशता, लाचारी
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 15

लेखन कौशल के विकास में लिखने की तत्परता होती है ___________।

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लिखना अर्थात लेखन कौशल चारो भाषा कौशलों में सबसे अंतिम चरण है। बच्चों में लेखन कौशल का विकास मौलिक विचारों को लिखित रूप देने तथा विभिन्न उद्देश्यों के लिए लिखने की क्षमता को संदर्भित करता है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 16

कक्षा एक के बच्चों का गृहकार्य जाँचते समय आप पाते हैं कि कुछ बच्चों के अक्षरों की बनावट टेढ़ी-मेढ़ी है। आप:

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कक्षा एक के बच्चों का गृहकार्य जाँचते समय आप पाते हैं कि कुछ बच्चों के अक्षरों की बनावट टेढ़ी-मेढ़ी है। आप उन्हें सीधी रेखा में लिखकर दिखाएँगे। लेखन संबंधी सुझाव-

  • लेखन क्रिया बच्चों की रूची के शब्दों से आरम्भ की जानी चाहिए।
  • लिखने और पढ़ने की क्रियाएं साथ करानी चाहिए।
  • लेखन एक कला है जिसका विकास अभ्यास तथा अनुकरण से किया जा सकता है।
  • बच्चों द्वारा अक्षरों की बनावट टेढ़ी-मेढ़ी लिखने पर शिक्षक द्वारा आदर्श प्रस्तुत किया जाये जिसका बच्चें अनुकरण कर सके।
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 17

निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले  विकल्प को चुनकर लिखिए।
जीवन के इस मोड़ पर
कुछ भी कहा जाता नहीं।
अधरो की ड्योढ़ी पर
शब्दों के पहरे हैं।
हँसने को हँसते हैं
जीने को जीते हैं
साधन-सुभीतों में
ज्यादा ही रीते हैं।
बाहर से हरे-भरे
भीतर घाव मगर गहरे
सबके लिए गूँगे हैं ---
अपने लिए बहरे हैं।

Q. कविता की पंक्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि:-

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कविता की पंक्तियों के आधार पर कहा जा सकता है कि "कवि के जीवन में बहुत अभाव है।

  • अभाव का अर्थ होता है:- कमी होना
  • अभाव का विलोम अर्थ:- बाहुल्य, बहुत अधिक अथवा प्रचुरता 
CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 18

सत्य-असत्य परीक्षण कहलाता है-

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वस्तुनिष्ठ परीक्षणों में पदों या प्रश्नों की रचना दो रूपों में की जाती है। 
अभिज्ञान रूप- इसमें पहचानने की शक्ति की जाँच की जाती है।
प्रत्यास्मरण रूप- इसमें छात्रों की प्रत्यास्मरण की परीक्षा ली जाती है।
एकान्तर अनुक्रिया रूप-

  • ऐसे प्रश्नों को सत्य-असत्य रूप भी कहा जाता है।
  • इसका उत्तर सत्य तथा असत्य इन दो सम्भावनाओं में सीमित रहता है।
  • हाँ या नहीं में भी उत्तर देना पड़ सकता है।

अतः हम कह सकतेे हैं कि सत्य-असत्य परीक्षण एकान्तर परीक्षण कहलाता है।

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 19

Learners who develop an increased awareness of their own style of learning and teacher's awareness of students' individual style enhance ______ learning.

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This is the correct option. Teachers can encourage growth of interpersonal intelligence by designing lessons that include group work and planning cooperative learning activities.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 20

When a child learns a language as a second or third language, it is assumed as

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Language is a symbolic, rule-governed system, shared by a group of people to express their thoughts and feelings. In a child, language development takes place through language acquisition and language learning.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 21

Errors are a natural part of the language learning process and need not be completely avoided. This view about errors is supported by

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 21

The Communicative Language Teaching (CLT)approach is based on the view that "Language is a system for the expression of meaning." 

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 22

Which of the following is suitable for making students responsible for their own learning?

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Encouraging students to ask more and more questions is suitable for making students responsible for their own learning. The students feel motivated for asking questions, which in turn arouse their curiosity and also help to assess their understanding of the material. These also help to develop critical thinking skills and to nurture insights.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 23

"A student recommends the reading of the latest best seller saying that it is very interesting. You listen trying to make out whether the student's observation is sincere or not." This type of listening can be described as

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 23

Listening is the process of receiving messages from oral, verbal, and nonverbal communication and interpreting the same. It is necessary here to differentiate between hearing and listening. Hearing is receiving the sounds through the ears without evaluation and interpretation.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 24

The preschool language classroom arrangement:

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 24

A conducive language classroom environment catering to the needs and interests of young children is an important factor for leading programs and activities in the pre-school class. A carefully planned environment can help preschoolers feel calm and secure, while at the same time, engaged and inquisitive.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 25

Direction: Read the following passage carefully and answer the questions that follow.
The morning of June 27th was clear and sunny, with the fresh warmth of a full-summer day; the flowers were blossoming profusely, and the grass was richly green. The people of the village began to gather in the square, between the post office and the bank, around ten o’clock; in some towns, there were so many people that the lottery took two days and had to be started on June 20th, but in this village, where there were only about three hundred people, the whole lottery took less than two hours so that it could begin at ten o’clock in the morning and still be through in time to allow the villagers to get home for noon dinner.
The children assembled first, of course. The school was recently over for the summer, and the feeling of liberty sat uneasily on most of them; they tended to gather together quietly for a while before they broke into boisterous play, and their talk was still of the classroom and the teacher, of books and reprimands. Bobby Martin had already stuffed his pockets full of stones, and the other boys soon followed his example, selecting the smoothest and roundest stones; Bobby and Harry Jones and Dickie Delacroix—the villagers pronounced this name “Dellacroy”—eventually made a great pile of stones in one corner of the square and guarded it against the raids of the other boys. The girls stood aside, talking among themselves, looking over their shoulders at the boys, and the tiny children rolled in the dust or clung to the hands of their older brothers or sisters.
Soon the men began to gather, surveying their own children, speaking of planting and rain, tractors and taxes. They stood together, away from the pile of stones in the corner, and their jokes were quiet, and they smiled rather than laughed. The women, wearing faded house dresses and sweaters, came shortly after their menfolk. They greeted one another and exchanged bits of gossip as they went to join their husbands. Soon the women, standing by their husbands, began to call to their children, and the children came reluctantly, having to be called four or five times. Bobby Martin ducked under his mother’s grasping hand and ran, laughing, back to the pile of stones. His father spoke up sharply, and Bobby came quickly and took his place between his father and his oldest brother.

Q. Which of the following statements are true concerning Bobby Martin?
A. Bobby Martin ducked under his mother’s grasping hand and ran, laughing, back to the pile of stones. 
B. Bobby and Harry Jones and Dickie Delacroix—the villagers pronounced this name “Dellacroy”—eventually made a great pile of stones in one corner of the square and guarded it against the raids of the other boys.

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 25

The correct answer is Both A and B are true.
The answer can be decided by looking at the lines given in the second and last paragraph of the passage: 
​"Bobby and Harry Jones and Dickie Delacroix—the villagers pronounced this name “Dellacroy”—eventually made a great pile of stones in one corner of the square and guarded it against the raids of the other boys."
"Bobby Martin ducked under his mother’s grasping hand and ran, laughing, back to the pile of stones."
​From the above lines, it is clear that both statements A and B are correct.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 26

Direction: Read the following passage carefully and answer the questions that follow.
The morning of June 27th was clear and sunny, with the fresh warmth of a full-summer day; the flowers were blossoming profusely, and the grass was richly green. The people of the village began to gather in the square, between the post office and the bank, around ten o’clock; in some towns, there were so many people that the lottery took two days and had to be started on June 20th, but in this village, where there were only about three hundred people, the whole lottery took less than two hours so that it could begin at ten o’clock in the morning and still be through in time to allow the villagers to get home for noon dinner.
The children assembled first, of course. The school was recently over for the summer, and the feeling of liberty sat uneasily on most of them; they tended to gather together quietly for a while before they broke into boisterous play, and their talk was still of the classroom and the teacher, of books and reprimands. Bobby Martin had already stuffed his pockets full of stones, and the other boys soon followed his example, selecting the smoothest and roundest stones; Bobby and Harry Jones and Dickie Delacroix—the villagers pronounced this name “Dellacroy”—eventually made a great pile of stones in one corner of the square and guarded it against the raids of the other boys. The girls stood aside, talking among themselves, looking over their shoulders at the boys, and the tiny children rolled in the dust or clung to the hands of their older brothers or sisters.
Soon the men began to gather, surveying their own children, speaking of planting and rain, tractors and taxes. They stood together, away from the pile of stones in the corner, and their jokes were quiet, and they smiled rather than laughed. The women, wearing faded house dresses and sweaters, came shortly after their menfolk. They greeted one another and exchanged bits of gossip as they went to join their husbands. Soon the women, standing by their husbands, began to call to their children, and the children came reluctantly, having to be called four or five times. Bobby Martin ducked under his mother’s grasping hand and ran, laughing, back to the pile of stones. His father spoke up sharply, and Bobby came quickly and took his place between his father and his oldest brother.

Q. Which one of the following words is the most opposite in the meaning to the word "together" as used in the passage (Para 3)?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 26
  • Together: in or into one place, mass, collection, or group
    Example: Our students study together, share ideas, and seed new opportunities for future collaboration.
  • Solely: without another
    Example: You will be held solely responsible for any damage.

​Thus, "solely" is the most opposite in meaning to "together".

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 27

What is inclusive language?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 27

An inclusive classroom is part of inclusive education that is an approach to educating all children who are at risk for neglect in the education system. It expects that all learners learn together through access to common educational provisions.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 28

Directions: Choose the correct alternative that can be substituted for the given group of words.
Bringing about gentle and painless death from incurable disease

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 28

Euthanasia is the act of putting to death painlessly or allowing to die, as by withholding extreme medical measures, a person or an animal suffering from an incurable, especially a painful, disease or condition.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 29

Choose the correct sequence of steps in teaching free composition -

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 29

In free composition, the children are able to freely arrange their ideas in their own way and to choose their words freely. It is very helpful for higher-stage students.

CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 30

लॉरेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास के सिद्धांत के किस चरण में बच्चे दूसरों के विचारों की उपेक्षा करने के बजाय अधिकार और नकारात्मक परिणामों के डर पर ध्यान केंद्रित करते हैं?

Detailed Solution for CTET पेपर-II (सामाजिक अध्ययन/सामाजिक विज्ञान) मॉक टेस्ट - 3 - Question 30

कोहलबर्ग का नैतिक विकास का सिद्धांत एक सिद्धांत है जो इस बात पर केंद्रित है कि बच्चे "नैतिकता" और "नैतिक तर्क" कैसे विकसित करते हैं। कोहलबर्ग का सिद्धांत बताता है कि नैतिक विकास तीन स्तरों में होता है और प्रत्येक स्तर के दो चरण होते हैं।

  • सिद्धांत यह भी बताता है कि नैतिक तर्क मुख्य रूप से निर्णय की खोज और उसे बनाए रखने पर केंद्रित है। यह बच्चों के न्यायिक निर्णय के बारे में जीन पियाजे के विचार पर आधारित है।
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