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CTET Practice Test: Hindi-2 - CTET & State TET MCQ


Test Description

20 Questions MCQ Test CTET (Central Teacher Eligibility Test) Mock Test Series 2024 - CTET Practice Test: Hindi-2

CTET Practice Test: Hindi-2 for CTET & State TET 2024 is part of CTET (Central Teacher Eligibility Test) Mock Test Series 2024 preparation. The CTET Practice Test: Hindi-2 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET Practice Test: Hindi-2 MCQs are made for CTET & State TET 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET Practice Test: Hindi-2 below.
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CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 1

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

कवित्त विश्व का अंतरतम् संगीत है उसके आनन्द का रोमहास है, उसमें हमारी सूक्ष्म दृष्टि का मर्म प्रकाश है जिस प्रकार कविता में भावों का अंतरस्थ ह्रित्स्पंदन अधिक गम्भीर परिस्फुट तथा परिपक्व रहता है उसी प्रकार छंदबद्ध भाषा में भी राग का प्रभाव, उसकी शक्ति, अधिक जाग्रत, प्रबल तथा परिपूर्ण रहती है रागध्वनि लोक की कल्पना है जो कार्य भाव जगत् में कल्पना करती है वह कार्य शब्द जगत् में राग; दोनों अभिन्न हैं। यदि किसी भाषा के छंदों में, भारती के प्राणों में शक्ति तथा स्फूर्ति संचार करने वाले उसके संगीत को अपनी उन्मुक्त झंकारों के पंखों में उड़ने के लिए प्रशस्त क्षेत्र तथा विशदाकाश न मिलता हो, वह पिंजरबद्ध कीर की तरह छंद के अस्वाभाविक बंधनों से कुंठित हो, उड़ने की चेष्टा में छटपटाकर गिर पड़ता हो; तो उस भाषा में छंदबद्ध काव्य का प्रयोजन ही क्या ? प्रत्येक भाषा के छंद उसके उच्चारण संगत के अनुकूल होने चाहिए जिस प्रकार पतंग डोर के लघु-संकेतों की सहायता से ओर भी ऊँची उड़ती है, उसी प्रकार कविता का राग भी छंद के इंगितों से दृप्त तथा प्रभावित होकर अपनी ही उन्मुक्ति में अनंत की ओर अग्रसर होता जाता है हमारे साधारण वार्तालाप में भाषा संगीत को जो यथेष्ट क्षेत्र नहीं प्राप्त होता, उसी की पूर्ति के लिए काव्य में छंदों का प्रादुर्भाव हुआ है कविता में भावों के प्रगाढ़ संगीत के साथ भाषा का संगीत भी पूर्ण परिस्फुटित होना चाहिए, तभी दोनों में संतुलन रह सकता है। 

Q. कविता का राग छंद से दृप्त होता है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 1

कविता का राग छंद से दृप्त होता है- यह कथन सही है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 2

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

कवित्त विश्व का अंतरतम् संगीत है उसके आनन्द का रोमहास है, उसमें हमारी सूक्ष्म दृष्टि का मर्म प्रकाश है जिस प्रकार कविता में भावों का अंतरस्थ ह्रित्स्पंदन अधिक गम्भीर परिस्फुट तथा परिपक्व रहता है उसी प्रकार छंदबद्ध भाषा में भी राग का प्रभाव, उसकी शक्ति, अधिक जाग्रत, प्रबल तथा परिपूर्ण रहती है रागध्वनि लोक की कल्पना है जो कार्य भाव जगत् में कल्पना करती है वह कार्य शब्द जगत् में राग; दोनों अभिन्न हैं। यदि किसी भाषा के छंदों में, भारती के प्राणों में शक्ति तथा स्फूर्ति संचार करने वाले उसके संगीत को अपनी उन्मुक्त झंकारों के पंखों में उड़ने के लिए प्रशस्त क्षेत्र तथा विशदाकाश न मिलता हो, वह पिंजरबद्ध कीर की तरह छंद के अस्वाभाविक बंधनों से कुंठित हो, उड़ने की चेष्टा में छटपटाकर गिर पड़ता हो; तो उस भाषा में छंदबद्ध काव्य का प्रयोजन ही क्या ? प्रत्येक भाषा के छंद उसके उच्चारण संगत के अनुकूल होने चाहिए जिस प्रकार पतंग डोर के लघु-संकेतों की सहायता से ओर भी ऊँची उड़ती है, उसी प्रकार कविता का राग भी छंद के इंगितों से दृप्त तथा प्रभावित होकर अपनी ही उन्मुक्ति में अनंत की ओर अग्रसर होता जाता है हमारे साधारण वार्तालाप में भाषा संगीत को जो यथेष्ट क्षेत्र नहीं प्राप्त होता, उसी की पूर्ति के लिए काव्य में छंदों का प्रादुर्भाव हुआ है कविता में भावों के प्रगाढ़ संगीत के साथ भाषा का संगीत भी पूर्ण परिस्फुटित होना चाहिए, तभी दोनों में संतुलन रह सकता है। 

Q. कविता में छंदों का अस्वाभाविक बंधन - 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 2

कविता में छंदों के अस्वाभाविक बंधन का निषेध करना चाहिए।

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CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 3

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

कवित्त विश्व का अंतरतम् संगीत है उसके आनन्द का रोमहास है, उसमें हमारी सूक्ष्म दृष्टि का मर्म प्रकाश है जिस प्रकार कविता में भावों का अंतरस्थ ह्रित्स्पंदन अधिक गम्भीर परिस्फुट तथा परिपक्व रहता है उसी प्रकार छंदबद्ध भाषा में भी राग का प्रभाव, उसकी शक्ति, अधिक जाग्रत, प्रबल तथा परिपूर्ण रहती है रागध्वनि लोक की कल्पना है जो कार्य भाव जगत् में कल्पना करती है वह कार्य शब्द जगत् में राग; दोनों अभिन्न हैं। यदि किसी भाषा के छंदों में, भारती के प्राणों में शक्ति तथा स्फूर्ति संचार करने वाले उसके संगीत को अपनी उन्मुक्त झंकारों के पंखों में उड़ने के लिए प्रशस्त क्षेत्र तथा विशदाकाश न मिलता हो, वह पिंजरबद्ध कीर की तरह छंद के अस्वाभाविक बंधनों से कुंठित हो, उड़ने की चेष्टा में छटपटाकर गिर पड़ता हो; तो उस भाषा में छंदबद्ध काव्य का प्रयोजन ही क्या ? प्रत्येक भाषा के छंद उसके उच्चारण संगत के अनुकूल होने चाहिए जिस प्रकार पतंग डोर के लघु-संकेतों की सहायता से ओर भी ऊँची उड़ती है, उसी प्रकार कविता का राग भी छंद के इंगितों से दृप्त तथा प्रभावित होकर अपनी ही उन्मुक्ति में अनंत की ओर अग्रसर होता जाता है हमारे साधारण वार्तालाप में भाषा संगीत को जो यथेष्ट क्षेत्र नहीं प्राप्त होता, उसी की पूर्ति के लिए काव्य में छंदों का प्रादुर्भाव हुआ है कविता में भावों के प्रगाढ़ संगीत के साथ भाषा का संगीत भी पूर्ण परिस्फुटित होना चाहिए, तभी दोनों में संतुलन रह सकता है। 

Q. राग और कल्पना में क्या सम्बन्ध है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 3

राग और कल्पना परस्पर अभिन्न हैं। 

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 4

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

कवित्त विश्व का अंतरतम् संगीत है उसके आनन्द का रोमहास है, उसमें हमारी सूक्ष्म दृष्टि का मर्म प्रकाश है जिस प्रकार कविता में भावों का अंतरस्थ ह्रित्स्पंदन अधिक गम्भीर परिस्फुट तथा परिपक्व रहता है उसी प्रकार छंदबद्ध भाषा में भी राग का प्रभाव, उसकी शक्ति, अधिक जाग्रत, प्रबल तथा परिपूर्ण रहती है रागध्वनि लोक की कल्पना है जो कार्य भाव जगत् में कल्पना करती है वह कार्य शब्द जगत् में राग; दोनों अभिन्न हैं। यदि किसी भाषा के छंदों में, भारती के प्राणों में शक्ति तथा स्फूर्ति संचार करने वाले उसके संगीत को अपनी उन्मुक्त झंकारों के पंखों में उड़ने के लिए प्रशस्त क्षेत्र तथा विशदाकाश न मिलता हो, वह पिंजरबद्ध कीर की तरह छंद के अस्वाभाविक बंधनों से कुंठित हो, उड़ने की चेष्टा में छटपटाकर गिर पड़ता हो; तो उस भाषा में छंदबद्ध काव्य का प्रयोजन ही क्या ? प्रत्येक भाषा के छंद उसके उच्चारण संगत के अनुकूल होने चाहिए जिस प्रकार पतंग डोर के लघु-संकेतों की सहायता से ओर भी ऊँची उड़ती है, उसी प्रकार कविता का राग भी छंद के इंगितों से दृप्त तथा प्रभावित होकर अपनी ही उन्मुक्ति में अनंत की ओर अग्रसर होता जाता है हमारे साधारण वार्तालाप में भाषा संगीत को जो यथेष्ट क्षेत्र नहीं प्राप्त होता, उसी की पूर्ति के लिए काव्य में छंदों का प्रादुर्भाव हुआ है कविता में भावों के प्रगाढ़ संगीत के साथ भाषा का संगीत भी पूर्ण परिस्फुटित होना चाहिए, तभी दोनों में संतुलन रह सकता है। 

Q. छंद के इंगित से कविता का राग- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 4

छंद के इंगित से कविता का राग अनन्त की ओर अग्रसर होता है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 5

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

कवित्त विश्व का अंतरतम् संगीत है उसके आनन्द का रोमहास है, उसमें हमारी सूक्ष्म दृष्टि का मर्म प्रकाश है जिस प्रकार कविता में भावों का अंतरस्थ ह्रित्स्पंदन अधिक गम्भीर परिस्फुट तथा परिपक्व रहता है उसी प्रकार छंदबद्ध भाषा में भी राग का प्रभाव, उसकी शक्ति, अधिक जाग्रत, प्रबल तथा परिपूर्ण रहती है रागध्वनि लोक की कल्पना है जो कार्य भाव जगत् में कल्पना करती है वह कार्य शब्द जगत् में राग; दोनों अभिन्न हैं। यदि किसी भाषा के छंदों में, भारती के प्राणों में शक्ति तथा स्फूर्ति संचार करने वाले उसके संगीत को अपनी उन्मुक्त झंकारों के पंखों में उड़ने के लिए प्रशस्त क्षेत्र तथा विशदाकाश न मिलता हो, वह पिंजरबद्ध कीर की तरह छंद के अस्वाभाविक बंधनों से कुंठित हो, उड़ने की चेष्टा में छटपटाकर गिर पड़ता हो; तो उस भाषा में छंदबद्ध काव्य का प्रयोजन ही क्या ? प्रत्येक भाषा के छंद उसके उच्चारण संगत के अनुकूल होने चाहिए जिस प्रकार पतंग डोर के लघु-संकेतों की सहायता से ओर भी ऊँची उड़ती है, उसी प्रकार कविता का राग भी छंद के इंगितों से दृप्त तथा प्रभावित होकर अपनी ही उन्मुक्ति में अनंत की ओर अग्रसर होता जाता है हमारे साधारण वार्तालाप में भाषा संगीत को जो यथेष्ट क्षेत्र नहीं प्राप्त होता, उसी की पूर्ति के लिए काव्य में छंदों का प्रादुर्भाव हुआ है कविता में भावों के प्रगाढ़ संगीत के साथ भाषा का संगीत भी पूर्ण परिस्फुटित होना चाहिए, तभी दोनों में संतुलन रह सकता है। 

Q. भाषा का संगीत किसका उपकारक है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 5

भाषा का संगीत छंद का उपकारक है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 6

‘अतीत के चलचित्र’ किसकी रचना है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 6

‘अतीत के चलचित्र’ महादेवी वर्मा की रचना है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 7

हिंदी भाषा में 'अ:' क्या हैं? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 7

अ: (विसर्ग) को अयोगवाह की श्रेणी में रखा गया है। पारंपरिक व्याकरण में अयोगवाह एक विशेष समूह है, जिसमें विसर्ग (अ:) और अनुस्वार (ं) शामिल होते हैं |

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 8

‘सप्तर्षि’ का संधिविच्छेद है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 8

‘सप्तर्षि’ का संधिविच्छेद ‘सप्त + ऋषि’ है। सप्तर्षि में गुण संधि है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 9

निम्नलिखित में से कौन सा शब्द शुद्ध है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 9

शब्द की शुद्ध वर्तनी है- विदुषी 

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 10

‘तीसरा’ शब्द में विशेषण है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 10

‘तीसरा’ शब्द में क्रमवाचक विशेषण है जैसे पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा आदि। आवृतिवाचक विशेषण-दूना, तिगुना। गणनावाचक विशेषण – एक, दो, तीन। पूर्णांकबोधक विशेषण- एक, दो, सौ, हजार।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 11

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

सुनता हूँ मैंने भी देखा, 
काले बादल में रहती चाँदी की रेखा। 
काले बादल जाती-द्वेष के, 
काले बादल विश्व-क्लेश के, 
काले बादल उठते पथ पर 
नवस्वतंत्रता के प्रवेश के! 
सुनता आया हूँ, है देखा 
काले बादल में हँसती चाँदी की रेखा! 

Q. “काले बादल में रहती चाँदी की रेखा।” पंक्ति का भाव है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 11

“काले बादल में रहती चाँदी की रेखा।” इस पंक्ति का भाव विपत्तियों के बीच आशा की किरण दिखायी देना है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 12

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

सुनता हूँ मैंने भी देखा, 
काले बादल में रहती चाँदी की रेखा। 
काले बादल जाती-द्वेष के, 
काले बादल विश्व-क्लेश के, 
काले बादल उठते पथ पर 
नवस्वतंत्रता के प्रवेश के! 
सुनता आया हूँ, है देखा 
काले बादल में हँसती चाँदी की रेखा! 

Q. ‘काले बादल’ प्रतीक हैं- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 12

‘काले बादल’ जातिगत वैमनस्य के प्रतीक हैं।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 13

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

सुनता हूँ मैंने भी देखा, 
काले बादल में रहती चाँदी की रेखा। 
काले बादल जाती-द्वेष के, 
काले बादल विश्व-क्लेश के, 
काले बादल उठते पथ पर 
नवस्वतंत्रता के प्रवेश के! 
सुनता आया हूँ, है देखा 
काले बादल में हँसती चाँदी की रेखा! 

Q. ‘काले बादल में रहती चाँदी की रेखा’ इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 13

‘काले बादल में रहती चाँदी की रेखा’ इस पंक्ति में ‘उपमा’ अलंकार है। जहाँ रूप, रंग, गुण आदि किसी उभयनिष्ट घर्म के कारण किसी वस्तु की किसी दूसरी श्रेष्ठ अथवा अधिक प्रसिद्ध वस्तु से समानता दिखाई जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 14

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

सुनता हूँ मैंने भी देखा, 
काले बादल में रहती चाँदी की रेखा। 
काले बादल जाती-द्वेष के, 
काले बादल विश्व-क्लेश के, 
काले बादल उठते पथ पर 
नवस्वतंत्रता के प्रवेश के! 
सुनता आया हूँ, है देखा 
काले बादल में हँसती चाँदी की रेखा! 

Q. निम्न में से कौन सा शब्द ‘बादल’ का पर्यायवाची नहीं है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 14

‘जलज’, बादल का पर्यायवाची नहीं है। ‘जलज’ कमल का पर्यायवाची शब्द है। जबकि जलद, घन, पयोधर, ‘बादल’ के पर्यायवाची शब्द हैं।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 15

निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 

सुनता हूँ मैंने भी देखा, 
काले बादल में रहती चाँदी की रेखा। 
काले बादल जाती-द्वेष के, 
काले बादल विश्व-क्लेश के, 
काले बादल उठते पथ पर 
नवस्वतंत्रता के प्रवेश के! 
सुनता आया हूँ, है देखा 
काले बादल में हँसती चाँदी की रेखा! 

Q. कवि क्या सुनने और देखने की बात करता है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 15

कवि बादलों को सुनने और देखने की बात कहता है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 16

‘क्रोध का पर्यायवाची शब्द है- 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 16

‘क्रोध’ शब्द का पर्यायवाची ‘अमर्ष’ है। क्रोध के अन्य पर्यायवाची रोष, कोप इत्यादि हैं। जबकि ‘संताप’ शब्द दुःख का एवं वैमनस्य शब्द ‘शत्रुता’ का तथा भीति शब्द ‘डर’ का पर्यायवाची है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 17

‘गुरु के समीप रहकर अध्ययन करने वाला’ के लिए एक शब्द है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 17

‘गुरु के समीप रहकर अध्ययन करने वाला’ के लिए एक शब्द ‘अन्तेवासी’ है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 18

निम्नलिखित प्रश्न में चार शब्द दिए गए हैं। कृत् प्रत्यय ‘आई’ जोड़ने से भाववाचक संज्ञा बनाने वाले एक शब्द की पहचान कीजिए। 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 18

कमाना में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘कमाई’ शब्द बनता है। कृत प्रत्यय = वह शब्दांश जो क्रियाओं (धातुओं) के अंत में लगकर नए शब्द की रचना करते हैं कृत प्रत्यय कहलाते हैं । कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे- वच् + अन् = वचन, घट+ अना= घटना, लिख+आवट= लिखावट आदि।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 19

निम्नलिखित में से अशुद्ध वाक्य का चयन कीजिए। 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 19

यहाँ ‘ सारा सांसारिक प्राणी नश्वर है’ के स्थान पर ‘ सारे सांसारिक प्राणी नश्वर हैं’ का प्रयोग उचित है।

CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 20

निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य अकर्मक क्रिया का एक उदाहरण है? 

Detailed Solution for CTET Practice Test: Hindi-2 - Question 20

‘रेलगाड़ी चलती है’ इस वाक्य में अकर्मक क्रिया का प्रयोग हुआ है। अकर्मक क्रिया = जिन क्रियाओं का फल सीधा कर्ता पर ही पड़े वे अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। ऐसी अकर्मक क्रियाओं को कर्म की आवश्यकता नहीं होती। अकर्मक क्रियाओं के अन्य उदाहरण हैं- गौरव रोता है। साँप रेंगता है। रेलगाड़ी चलती है। कुछ अकर्मक क्रियाएँ हैं - लजाना, होना, बढ़ना, सोना, खेलना, अकड़ना, डरना, बैठना, हँसना, उगना, जीना, दौड़ना, रोना, ठहरना, चमकना, डोलना, मरना, घटना, फाँदना, जागना, बरसना, उछलना, कूदना आदि।

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