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RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - REET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2

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RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 1

'संभव है कि कल हम सिनेमा देखने जायेंगे।' वाक्य किस काल में व्यक्त हुआ है ?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 1

'संभव है कि कल हम सिनेमा देखने जायेंगे।' वाक्य में संभाव्य भविष्यत् काल व्यक्त हुआ है।
प्रमुख बिंदु
भविष्यत् काल के भेद -

  • सामान्य भविष्यत् काल - क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में किसी कार्य के सामान्य रूप से होने का बोध हो उसे सामान्य भविष्यत् काल कहते हैं।
  • जैसे - वह कल स्कूल जाएगा।
  • हेतुहेतुमद् भविष्यत् काल - जहाँ क्रिया के भविष्य में हो सकने पर किसी कारण का प्रतिबन्ध दीखता हो, वहाँ क्रिया के काल को हेतुहेतुमद भविष्य काल कहते हैं।
  • जैसे - वह कामाए तो मैं खाऊं ‌।
  • संभाव्य भविष्यत् काल - क्रिया का ऐसा रूप जिससे आने वाले समय (भविष्य) मे किसी कार्य के होने की संभावना अथवा होने में संदेह हो उसे संभाव्य भविष्यकाल कहते हैं।
  • जैसे - शायद उसको यह बात पसन्द नही आएगी।

सामान्य भविष्यत् काल और संभाव्य भविष्यत् काल के कुछ उदाहरण -

अतिरिक्त जानकारी
क्रिया के जिस रूप से कार्य के होने के समय का पता चले उसे काल कहते हैं।
काल के तीन भेद हैं -

  1. भूतकाल
  2. वर्तमान काल
  3. भविष्य काल

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 2

'जब वह आएगा, तब मैं जाऊँगा'।। प्रस्तुत वाक्य में प्रयुक्त क्रियाविशेषण उपवाक्य बताएँ ?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 2

जब वह आएगा, तब मैं जाऊँगा'। प्रस्तुत वाक्य में "समय वाचक" क्रियाविशेषण उपवाक्य है।

  • उपर्युक्त वाक्य में शब्द मुख्य उपवाक्य की क्रिया विशेषता (समय) बता रहा हैं।

प्रमुख बिंदु
क्रिया-विशेषण उपवाक्य-

  • जो उपवाक्य किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
  • ये उपवाक्य क्रिया का समय, स्थान, कारक, प्रयोजन परिमाण आदि बताते हैं।
  • इनकी शुरुआत जब, जहाँ, क्योंकि जिससे, अतः, अगर, यद्यपि, चाहे, जो, त्यों, ज्यों, मानों इत्यादि से होती है।

अतिरिक्त जानकारी
क्रिया-विशेषण उपवाक्य पाँच भेद होते हैं-

  • काल सूचक उपवाक्य - जब मैं घर पहुँचा, तब वह जा रही थी।
  • स्थानवाचक उपवाक्य- जिधर हम जा रहे हैं, उधर एक शेर है।
  • रीतिवाचक उपवाक्य- बच्चे वैसे ही करते हैं, जैसा वे बड़ों से सीखते हैं।
  • परिमाणवाचक उपवाक्य- जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे पसीना आयेगा।
  • परिणाम अथवा हेतु सूचक उपवाक्य- वह इसलिए आएगा ताकि आपसे शादी कर सके।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 3

विद्यार्थियों को अध्यापक की आज्ञा का पालन करना चाहिए। वाक्य में आज्ञा शब्द है।

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 3

उपरोक्त शब्द 'आज्ञा' तत्सम हैं।
प्रमुख बिंदु

  • आज्ञा शब्द तत्सम है जिसका तद्भव शब्द आन होता हैं।
  • विद्यार्थियों को अध्यापक की आज्ञा का पालन करना चाहिए। वाक्य में आज्ञा शब्द 'तत्सम' है।
  • तत्सम- तत्सम (तत् + सम = उसके समान) आधुनिक भारतीय भाषाओं में प्रयुक्त ऐसे शब्द जिनको संस्कृत से बिना कोई रूप बदले ले लिया गया है।
  • संकर- शब्द- वे शब्द जो दो भाषाओं के शब्दों को मिलाकर बना लिए गए हो उन्हें संकर शब्द कहते है।
  • उदाहरण- रेल + गाड़ी = रेलगाड़ी, इसमें रेल शब्द अंग्रेजी है जबकि गाड़ी शब्द हिन्दी है।
  • तद्भव-तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव कहते हैं। तद्भव का शाब्दिक अर्थ है – उससे बने (तत् + भव = उससे उत्पन्न), अर्थात जो उससे (संस्कृत से) उत्पन्न हुए हैं। उदाहरण-अपाहिज (तद्भव)हैं।
  • देशज- वे शब्द जिनकी उत्पत्ति के मूल का पता न हो परन्तु वे प्रचलन में हों। ऐसे शब्द देशज शब्द कहलाते हैं।
  • उदाहरण- लोटा, कटोरा, डोंगा।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 4

निम्नलिखित में से 'न्यायाधीश' किस स्वर संधि का सही उदाहरण है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 4

“न्यायाधीश” दीर्घ संधि का सही उदाहरण है।
न्याय + अधीश = न्यायाधीश (अ/आ + अ/आ = आ)

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है। इस संधि को दीर्घ संधि कहा जाता हैं।
    • अ/आ + अ/आ = आ
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
  • उदाहरण -
    • मुनि + ईश =मुनीश
    • विद्या + आलय= विद्यालय
  • अन्य विकल्प गलत हैं। नीचे सभी विकल्पों के नियम पढ़ें।

अतिरिक्त जानकारी
संधियाँ तीन प्रकार की होती हैं -
स्वर संधि

  1. दीर्घ संधि
    • अ/आ + अ/आ =
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ/ऊ + उ/ऊ =
  2. गुण संधि
    • अ/आ + उ/ऊ = ओ
    • अ/आ + इ/ई = ए
    • अ + ऋ = अर्
  3. वृद्धि संधि
    • अ/आ + ए/ऐ = ऐ
    • अ/आ + ओ/औ =
  4. यण संधि
    • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ =
    • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
    • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई =
  5. अयादी संधि
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव

व्यंजन संधि

  • क्, च्, ट्, त्, प् + सभी स्वर / य्, र्, ल्, व्, / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण = अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ग्, ट् का ड्, त् का द्, प् का ब्
      • दिक् + अम्बर = दिगम्बर
      • षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
      • उत् + घाटन = उद्घाटन
      • अप् + ज = अब्ज
  • क्, च्, ट्, त्, प् + ,, , , = अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ङ्, च् का , ट् का ण्, त् का न्, प् का म्
      • प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
      • षट् + मुख = षण्मुख
      • उत् + नति = उन्नति
  • + क से म के सभी व्यंजन = वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
    • सम् + गम = संगम
  • त् + , , , , , , , , व् = द्
    • तत् + रूप = तद्रूप्त
  • म् + , , , , , , , ह = अनुस्वार
    • सम् + शय = संशय
  • त् + श् = त् को च् और श् को छ्
    • शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
  • त् या द् + या = त् या द् के स्थान पर च् होगा
    • उत् + छिन्न = उच्छिन्न
  • त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है।
    • तत् + हित = तद्धित
  • त् या द् + या = त् या ज्
    • जगत् + जीवन = जगज्जीवन
  • स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा
    • आ + छादन = आच्छादन
  • त् या द् + ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
    • तत् + टीका = तट्टीका
  • त् या द् + या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
    • भवत् + डमरू = भवड्डमरू
  • त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
    • उत् + लास = उल्लास
  • , र् या ष् + / स्वर / क वर्ग, प वर्ग / अनुश्वार / , , = न् का हो जाता है।
    • प्र + मान : प्रमाण
    • भुष + अन : भूषण
  • ष + त या थ = त के बदले और थ के बदले
    • पृष् + थ = पृष्ठ
  • यदि किसी शब्द का पहला वर्ण हो तथा उसके पहले या के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर हो जाता है।
    • सु + सुप्ति = सुषुप्ति
  • यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण हो, तो उसका लोप हो जाता है।
    • प्राणिन + मात्र = प्राणिमात्र
  • त् से पहले च् या छ् होने पर , ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।

विसर्ग संधि
विसर्ग में स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -

  • ​विसर्ग के आगे , , आए तो वह क्रमशः श्, ष्, स्, में बदल जाता है।
    • उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
  • विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ , में बदल जाएँगे।
    • निः + रस = नीरस
  • विसर्ग के बाद च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
    • धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
    • निः + छल = निश्छल
  • विसर्ग के बाद , , , रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।
    • प्रात: + काल = प्रात:काल
  • विसर्ग से पहले अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा , , , में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग र’ में बदल जाता है।
    • नि: + आधार = निराधार
    • दुः + बोध = दुर्बोध
  • विसर्ग से पहले , को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है।
    • नि: + आशा = निराशा
  • विसर्ग से पहले आए और बाद में , , , , या घोष वर्ण आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ओ’ में बदल जाता है।
    • मन: + रथ = मनोरथ
  • विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में , , , में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ष्’ में बदल जाता है।
    • निः + पाप = निष्पाप
  • विसर्ग से पूर्व , आए और बाद में , , आए तो कोई परिवर्तन नहीं होता।
    • पुनः प्राप्ति = पुनः + प्राप्ति
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 5

निम्नलिखित में से अल्पप्राण वर्णों का समूह नहीं है :

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 5

"ख, झ, ठ, थ, ध" अल्पप्राण वर्णों का समूह नहीं है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं।
प्रमुख बिंदु

  • "ख, झ, ठ, थ, ध" यह महाप्राण वर्ण हैं।
  • जिन वर्गों के उच्चारण में श्वास या प्राण वायु की मात्रा अधिक होती है, उन्हें महाप्राण वर्ण कहते हैं।
  • क-वर्ग, च-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग, प-वर्ग के द्वितीय व चतुर्थ वर्ण महाप्राण वर्ण होते हैं।
  • महाप्राण ऊष्म वर्ण- , , , ह।
  • अन्‍य व‍िकल्‍पों में द‍िये गए समूह अल्‍पप्राण हैं।

अतिरिक्त जानकारी
अल्‍पप्राण

  • जिन वर्णों के उच्चारण में श्वास या प्राण वायु की मात्रा अल्प(कम) होती है, उन्हें अल्पप्राण वर्ण कहते हैं।
  • क-वर्ग, च-वर्ग, ट-वर्ग, त-वर्ग, प-वर्ग के प्रथम, तृतीय व पंचम वर्ण अल्पप्राण वर्ण होते हैं।
  • अल्‍पप्राण अंतःस्थ वर्ण - , , ,
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 6

“राधा नाच रही है। इस वाक्य में उद्देश्य है-

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 6

राधा नाच रही है’ इस वाक्य में उद्देश्य है - राधा
प्रमुख बिंदु

  • शब्दों का ऐसा समूह जिसका अर्थ व अभिप्राय स्पष्ट हो जाए, उसे वाक्य कहते हैं।
    • वाक्य के दो मुख्य अंग होते हैं-
      • उद्देश्य
      • विधेय

महत्वपूर्ण बिंदु

  • उद्देश्य – जिसके बारे में कोई बात कही जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं।
    • जैसे- रजत घर गया।
    • यहाँ रजत के बारे में बात कही जा रही है। अतः ये उद्देश्य हैं।
  • विधेय – उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहा जाता है।
    • जैसे- नेहा नाच रही है।
    • यहाँ नाच रही है के बारे में बात कही जा रही है। अतः ये उद्देश्य हैं।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 7

निम्नलिखित में से कौन-सा वाक्य कर्ता कारक का सही उदाहरण है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 7

वाक्य कर्ता कारक का सही उदाहरण है - भारत ने पाकिस्तान को पीटा।
प्रमुख बिंदु

  • वाक्य - भारत ने पाकिस्तान को पीटा। इस वाक्य में 'ने' विभक्ति चिन्ह का भी प्रयोग हो रहा है, अतः यह उदाहराण कर्ता कारक के अंतर्गत आयेगा।
  • कर्ता कारक - संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं।
  • कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है। जैसे - विकास ने फुटबॉल खेली।

अन्य विकल्प -

  • गौरव सोमवार को आगरा जाएगा। (कर्म कारक)
  • शिकारी ने शेर को बन्दूक से मारा। (कर्ता, सम्प्रदान व करण कारक)
  • यह उमेश की कार है। (संबंध कारक)

अतिरिक्त जानकारी

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 8

निम्नलिखित वाक्यों में से 'देशज' शब्द का वाक्य पहचानिए:

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 8

'देशज' शब्द का वाक्य "चिड़िया पंखे पर बैठ गई" है
प्रमुख बिंदु
"चिड़िया पंखे पर बैठ गई" वाक्य को देशज वाक्य क्यों माना जाता है, इसके कुछ कारण:
स्थानीय बोली का प्रयोग:

  • वाक्य में "चिड़िया" और "पंखे" जैसे शब्द स्थानीय भारतीय बोली से लिए गए हैं, जो देशज वाक्य की विशेषता होती है।

संस्कृति से जुड़ाव:

  • चिड़िया और पंखा, दोनों ही तत्व भारतीय संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन से गहरे जुड़े हैं, जो देशज शैली का एक हिस्सा हैं।

अतिरिक्त जानकारी

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 9

निम्‍नलिखित वाक्‍यों में से सही विरामचिह्नों वाला वाक्‍य ढूँढिए -

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 9

'प्रियतम' कविता के रचयिता हैं- श्री सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'।।'वाक्‍य में से सही विरामचिह्नों का प्रयोग हुआ है।
प्रमुख बिंदु

  • विराम चिह्न - वाक्य लिखते समय विराम को प्रकट करने वाले चिह्नों को विराम चिह्न कहते है।
  • उदाहरण - राम स्कूल जाता है

अतिरिक्त जानकारीअन्य उदाहरण -

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 10

"तुम उसे गालियाँ क्यों निकाल रहे हो?"
उपरोक्त वाक्य में क्रिया सम्बन्धी त्रुटि पहचानकर निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए।

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 10

शुद्ध वाक्य "तुम उसे गालियाँ क्यों दे रहे हो" है। अन्य विकल्प असंगत है।
प्रमुख बिंदु

  • वाक्य- तुम उसे गालियाँ क्यों निकाल रहे हो।
  • इस वाक्य में क्रिया सम्बन्धी त्रुटि है, निकाल के स्थान पर दे होगा।
  • सही वाक्य- तुम उसे गालियाँ क्यों दे रहे हो ?

महत्वपूर्ण बिंदु

  • क्रिया सम्बन्धी त्रुटि-
  • वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग एवं वचन के अनुसार किया जाता है, अन्यथा वह वाक्य अशुद्ध समझा जाता है।
    • अशुद्ध- राम और सीता वन को गई।
    • शुद्ध- राम और सीता वन को गए
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 11

‘शरण’ के लिए सही पर्यायवाची वाले शब्दों की पंक्ति को चुनिए।

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 11

सही उत्तर है - “आश्रय, रक्षा, बचाव”।

  • शरण’ के पर्यायवाची वाले शब्द : आश्रय, रक्षा, बचाव

प्रमुख बिंदु

  • शरण’ के अन्य पर्यायवाची : संश्रय, त्राण, छाँह, छत्रछाया आदि।
  • अन्य विकल्प ‘शरण’ के लिए सही पर्यायवाची वाले शब्दों की पंक्तियाँ नहीं है।

अतिरिक्त जानकारी
समानार्थी शब्द:

  • वे शब्द जिनका अर्थ एक समान होता हैं समानार्थी शब्द कहलाते हैं।
    समानर्थी शब्द को हम पर्यायवाची शब्द भी कहते है। ‘पर्याय’ का अर्थ है ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ है ‘बोले जाने वाले’ अर्थात
    समान बोले जाने वाले शब्दों को हम पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द कहते है।

पर्यायवाची शब्द के उदाहरण :

  • पत्नी- भार्या, दारा, अर्धांगनी, वामा, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया।
  • दोस्त- बन्धु, मित्र, साथी, यार, सखा, हितैषी, अंतरंग।
  • बसंत- ऋतुराज, ऋतुपति ,मधुमास ,कुसुमाकर।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 12

दिए गए वाक्यों में से किस वाक्य में सही विभक्ति चिह्न का प्रयोग नहीं हुआ है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 12

वाक्य में सही विभक्ति चिह्न का प्रयोग नहीं हुआ है- कोच्चि में रामानुजन पर मौसी रहती हैं। अन्य सभी विकल्प संगत है।
प्रमुख बिंदु

  • गलत वाक्य - कोच्चि में रामानुजन पर मौसी रहती हैं।
  • दिए गये वाक्य में 'कारक प्रयोग' की त्रुटि है।
  • यहाँ 'पर' सार्थक शब्द नही है और इससे सही अर्थ प्रकट नही हो रहा।
  • अत: सार्थक शब्द 'की' होना चाहिए।
  • सही वाक्य - कोच्चि में रामानुजन की मौसी रहती हैं।

अतिरिक्त जानकारी
कारक संबंधी अशुद्धियां :-

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 13

अर्थ की दृष्टि से असंगत मुहावरे का चयन कीजिये

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 13

उन्नीस बीस का अंतर होना' मुहावरे का अर्थ 'थोड़ा-सा अन्तर' है । 'खर्च हो जाना' इसका गलत भावार्थ है. अतः सही विकल्प 4 'उन्नीस बीस का अंतर होना - खर्च हो जाना' है
प्रमुख बिंदु

  • उन्नीस बीस का अंतर होना' मुहावरे का अर्थ 'थोड़ा-सा अन्तर' है
  • वाक्य प्रयोग - रामू और मोहन की सूरत में बस उन्नीस-बीस का अन्तर हैं।

अतिरिक्त जानकारी

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 14

जब क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन और कारक के अनुसार होता है, तब कौन-सा वाच्य होता है ?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 14

जब क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन और कारक के अनुसार होता है, तब कर्तृवाच्य होता है
प्रमुख बिंदु

  • जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है।
    • जैसे - राधा नृत्य करती है।

अतिरिक्त जानकारीवाच्य

  • क्रिया के जिस रूपांतर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्त्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।

वाच्य के तीन भेद

  1. कर्तृवाच्य
  2. कर्मवाच्य
  3. भाववाच्य

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 15

निम्‍नलिखित शब्‍दों में से शुद्ध शब्‍द है

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 15

उपर्युक्त शब्‍दों में से शुद्ध शब्‍द है - जिजीविषा

  • जिजीविषा का अर्थ - जीने की इच्छा
  • उदाहरण - जिजीविषा ही जीवन को आगे ले जाती है।

अन्य विकल्प गलत हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
अशुद्ध शब्दों के लिए शुद्ध शब्द:

  • कृशांगिनी - कृशांगी
  • शिशू - शिशु
  • भूखमरी - भुखमरी
  • द्वैवार्षिक - द्विवार्षिक
  • उदिग्न - उद्विग्न
  • स्वयम्वर - स्वयंवर
  • भुजंगिनी - भुजंगी
  • सुश्रूषा - शुश्रुषा
  • पृथा - प्रथा
  • ऋषीकेश - ऋषिकेश
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 16

'प्रातः सूर्य उदित हुआ और पक्षी चहचहाने लगे।' किस वाक्य का उदाहरण है ?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 16

'प्रातः सूर्य उदित हुआ और पक्षी चहचहाने लगे।' यह वाक्य संयुक्त वाक्य का उदाहरण है।

  • (यहाँ एक वाक्य में दो सरल वाक्य हैं। इन दो सरल वाक्यों को 'अथवा' अव्यय संयोजक से जोड़ा गया है।)
    • ऐसा वाक्य जिसमे दो या दो से अधिक उपवाक्य हो एवं सभी उपवाक्य प्रधान हों, ऐसे वाक्य को सयुंक्त वाक्य कहते हैं।
    • पहचान शब्द - और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं तो, किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर आदि का प्रयोग करके जोड़ा जाता है।
  • उदाहरण-
    • मैं आया और वह गया।
    • उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफल नहीं हो सका।
    • मैंने बहुत परिश्रम किया इसलिए सफल हो गया।
    • मैं बहुत तेज़ दौड़ा फिर भी ट्रेन नहीं पकड़ सका।

प्रमुख बिंदु

  • जिस वाक्य में प्रश्न पूछने का भाव हो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे: तुमने ऐसा काम क्यों किया?

अतिरिक्त जानकारी
सरल वाक्य

जिस वाक्य में एक ही क्रिया और कर्ता हो या एक ही उद्देश्य और विधेय हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं।
उदाहरण:

  • उसने अपने भाई का खाना खाया।
  • ईमानदार आदमी का सभी सम्मान करते हैं।

मिश्र वाक्य
जिस वाक्य में सरल वाक्य के साथ एक उपवाक्य हो, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
पहचान शब्द: कि, जो, क्योंकि, जितना, जब, तब, जहाँ, यदि, तो, वहाँ आदि।
उदाहरण:

  • मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।
  • अमित ने वह वस्तु खरीदी जो उसके चाचा का था।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 17

निम्न में से किस शब्द में समास व संधि दोनों है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 17

वर्णनातीत शब्द में समास व संधि दोनों हैं।
प्रमुख बिंदु

  • वर्णनातीत
    • समास विग्रह : वर्णन से अतीत ( परे )
    • समास :- तत्पुरुष समास
  • वर्णनातीत
    • वर्णन + अतीत
    • अ + अ :- आ
    • दीर्घ संधि

अतिरिक्त जानकारी

  • रातोंरात
    • समास विग्रह :-रात ही रात में।
    • यह अव्ययीभाव समास है।
    • जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
  • भयभीत
    • समास विग्रह :- भय से डरा हुआ
    • समास :- तत्पुरुष समास
  • जलोष्मा
    • जल + ऊष्मा
    • अ + ऊ :- ओ
    • गुण संधि
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 18

“पिउ सो कहेहु संदेसड़ा, हे भौंरा हे का!” - वाक्य में रेखांकित शब्द, निम्नलिखित में से कौन-सा है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 18

“पिउ सो कहेहु संदेसड़ा, हे भौंरा हे का!” - वाक्य में रेखांकित शब्द देशज है।
संदेसड़ा ठेठ अवधी भाषा का शब्द है।

  • देशज - आंचलिक भाषाओं व बोलियों के शब्द देशज शब्द कहलाते हैं।
  • उदाहरण - गड़बड़, लात, चटपट, पानी, खुसुर-पुसर, झिलमिल, चिड़िया आदि।
  • पंक्ति में प्रयुक्त सभी शब्द देशज है केवल भौंरा तद्भव शब्द है।
  • भौंरा शब्द का तत्सम रूप भ्रमर है।
  • उपर्युक्त पंक्ति जायसी कृत पद्मावत के नागमती-वियोग-खंड से लिया गया है।

प्रमुख बिंदु
अन्य विकल्प
-

  • संस्कृत के वो शब्द, जिसे हम जैसे लेते हैं वैसे ही प्रयोग करते हैं, वह तत्सम शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण - अमावस्या, इक्षु, कुष्ठ, ग्रामीण, त्वरित, फाल्गुन, वट, त्रयोदष आदि।

  • तद्भव - ऐसे शब्द जो समय के साथ संस्कृत से विकृत हो कर हिंदी में प्रयोग किये जाते हैं उन्हें ही तद्भव शब्द कहते हैं।

उदाहरण - चबाना, धुआँ, प्रगट, असीस, फागुन, हरिण, साँप आदि।

  • विदेशज - विदेशी विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिन्दी में प्रयोग किए जाते हैं, विदेशी शब्द या आगत शब्द कहलाते हैं।

उदाहरण - इरादा, इशारा, हलवाई, दीदार, चश्मा, डॉक्टर, हॉस्पीटल, इलाज आदि।
महत्वपूर्ण बिंदु
देशज शब्द के कुछ अन्य उदाहरण -

  • लकड़ी
  • अँगोछा
  • खुसुर-पुसर
  • गडगडाना
  • ठर्रा
  • तोंद
  • चपटा
  • उटपटांग
  • खर्राटा
  • झुग्गी
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 19

गंगा और ब्रह्मपुत्र का संगम होता है

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 19

उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार गोआलंदी में गंगा और ब्रह्मपुत्र का संगम होता है।

  • गद्यांश में बताया है "गोआलंदी के पास जब गंगा और ब्रह्मपुत्र का विशाल जल आकर मिलता है।"
  • गद्यांश के अनुसार अन्य दिए गए स्थानों के पास गंगा और ब्रह्मपुत्र का संगम नहीं बताया गया है।

अन्य विकल्पों में गलत स्थान का नाम दिया गया है इसलिए अन्य विकल्प गलत हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
शब्दार्थ -

अतिरिक्त जानकारी

  • उपर्युक्त गद्यांश को 'जागरण' पत्र के एक लेख से लिया गया है।
  • लेख का शीर्षक - 'गंगा: कहीं तपस्विनी तो कहीं कुलवधू'
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 20

'कसी हुई सेना' से तात्पर्य है

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 20

'कसी हुई सेना' से तात्पर्य है - युद्ध के लिए सज्ज सेना

  • सज्ज का अर्थ - सजा हुआ, तैयार किया हुआ
    • गद्यांश का वाक्य - विजय प्राप्त करने के बाद कसी हुई खड़ी सेना भी जिस प्रकार अव्यवस्थित हो जाती है और विजयी वीर मन में आए वैसे जहाँ-तहाँ घूमते हैं उसी प्रकार का हाल इसके बाद इन दाक महान नदियों का होता है।

गलती अंक
उपर्युक्त गद्यांश में वाक्य है -

  • विजय प्राप्त करने के बाद कसी हुई खड़ी सेना भी जिस प्रकार अव्यवस्थित हो जाती है।
  • इससे बच्चे भ्रमित हो जाते हैं कि गद्यांश कसी हुई खड़ी सेना से तात्पर्य अव्यवस्थित सेना से ले लेते हैं।
  • जबकि पूरा वाक्य ध्यान से पढ़ने पर समझता है कि विजय प्राप्त करने के बाद कसी हुई खड़ी सेना भी थक कर अव्यवस्थित हो जाती है।
  • परंतु हमें केवल 'कसी हुई सेना' का अर्थ पूछा है जिसका भावार्थ है युद्ध के लिए सज्ज सेना

प्रमुख बिंदु
अन्य विकल्पों के अर्थ -

  • तंग - परेशान, हैरान
  • अव्यवस्थित - व्यवस्थाहीन, असहज
  • खड़ी - उठी हुई
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 21

'प्रतिभैव च कवीनां काव्यकारणकारणम्' मान्यता है :

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 21

'प्रतिभैव च कवीनां काव्यकारणकारणम्' मान्यता है : हेमचन्द्र की।

  • यह हेमचंद की काव्य सम्बन्धी मान्यता है।

प्रमुख बिंदु
हेमचन्द्र -

  • राजा सिद्धराज जयसिंह के दरबारी कवि।
  • हेमचंद ने शब्दानुशासन तथा अन्य व्याकरण ग्रंथो की रचना की।
  • हेमचंद ने गुणों की संख्या 10 माना है।

अतिरिक्त जानकारी
भामह -

  • भामह ने शब्द और अर्थ दोनों का काव्य होना माना।
  • भामह ने काव्यलंकार ग्रन्थ की रचना की।

वामन -

  • वामन रीति संप्रदाय के प्रवर्तक आचार्य हैं।
  • वामन ने काव्यालंकार सूत्र नमक ग्रन्थ की रचना की।

मम्मट -

  • मम्मट ने काव्यप्रकाश नमक ध्वनि विरोधी ग्रन्थ की रचना की।
  • मम्मट ने ध्वनि काव्य के दो भेद माने हैं।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 22

"चरण कमल बंदौ हरि राई।" - इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 22

"चरण कमल बंदौ हरि राई।" - इस पंक्ति में रूपक अलंकार अलंकार है।
प्रमुख बिंदु
जहाँ उपमेय में उपमान का अभेद निरूपण हो अर्थात जहाँ उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है वहाँ रूपक अलंकार होता है।

  • उदाहरण - चरण कमल बंदौ हरि राई।
  • यहाँ हरि के चरण को कमल के समान नही बल्कि कमल ही मान लिया गया है।

अतिरिक्त जानकारी
अनुप्रास अलंकार-

  • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
  • किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।

उदाहरण - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ।
उपर्युक्त उदाहरण में ‘च’ वर्ण की आवृति हो रही है और आवृति हों से वाक्य का सौन्दर्य बढ़ रहा है। अतः यह अनुप्रास अलंकार का उदाहरण होगा।
श्र्लेष अलंकार -

  • जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्र्लेष अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण - रावण सर सरोज बनचारी। चलि रघुवीर सिलीमुख।

सिलीमुख शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं। इस शब्द का पहला अर्थ बाण से एवं दूसरा अर्थ भ्रमर से है। अतः यह उदाहरण श्लेष अलंकार के अंतर्गत आएगा।
उपमा अलंकार -

  • उप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना । अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है ।
  • उदाहरण - कर कमल-सा कोमल है ।
  • यहाँ पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है । अतः यहाँ उपमा अलंकार होगा।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 23

किस लेखक ने आदिकाल को 'अत्यधिक विरोधी और व्याघातों का युग' कहा है:

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 23

'आदिकाल को 'अत्यधिक विरोधी और व्याघातों का युग' कहा है: हजारी प्रसाद ​द्विवेदी
प्रमुख बिंदु
हजारी प्रसाद ​द्विवेदी-

  • जन्म- 1907-1979
  • उन्होंने आदिकाल को एक ऐसा युग माना, जिसमें विरोधी तत्वों और व्याघातों का बहुतायत था।
  • वे एक प्रकांड विद्वान, कहानीकार, निबंधकार और साहित्यिक अध्ययन के गहरे जानकार थे।
  • मुख्य कृतियाँ-
    • अशोक के फूल (1941)
    • कबीर (1942)
    • पुरानी हिन्दी
    • भारतीय संस्कृति (1950)
    • चराचर (1961 ई.)

महत्वपूर्ण बिंदु
महावीर प्रसाद द्विवेदी-

  • जन्म- 1864-1938 ई.
  • उन्होंने हिन्दी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • उन्होंने महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक के रूप में कार्य किया।

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'-

  • जन्म- 1896-1961 ई.
  • छायावादी कवि, निबंधकार, उपन्यास और कहानी लेखक।

​आचार्य रामचन्द्र शुक्ल-

  • जन्म- 1884-1941 ई.
  • हिन्दी आलोचना के प्रवर्तक माने जाते हैं।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 24

निम्नलिखित वाक्यों में व्यंजना शब्द शक्ति का प्रयोग किस वाक्य में हुआ है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 24

इसका सही उत्तर 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं है।
प्रमुख बिंदु

  • 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' इसका भाव है कि सब लोग चले जाएँ।
  • 'दरवाजा बंद कर दो, नीतू ने सबके सामने अमित से कहा।' में व्यंजना शब्द शक्ति है।

अन्य विकल्प:

  • वो तो बिलकुल गधा है। लक्षणा शब्द शक्ति
  • हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है।- अभिधा शब्द शक्ति
  • आँख के अंधे नाम नयन सुख- लक्षणा शब्द शक्ति

अतिरिक्त जानकारी

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 25

गुरुनानक की रचनाओं का संग्रह किनके द्वारा किया गया ?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 25

सही उत्तर है - गुरु अर्जुन देव।
प्रमुख बिंदु

  • गुरुनानक जी की रचनाओं का संग्रह सिखों के पाँचवें गुरु अर्जुनदेव ने सन् 1604 ई० में किया जो 'गुरु ग्रंथ साहिब' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
  • गुरु नानक की रचनाएँ - 'जपुजी', 'आसादीवार', 'रहिरास' और सोहिला ।

अतिरिक्त जानकारी

  • गुरुनानक ने पंजाबी के साथ हिंदी में भी कविताएँ कीं।
  • इनकी हिंदी में ब्रजभाषा और खड़ी बोली दोनों का मेल है।
  • इनके भक्ति और विनय के पद बहुत मार्मिक हैं।
  • इनके दोहों में जीवन के अनुभव उसी प्रकार गुंथे हैं जैसे कबीर की रचनाओं में, लेकिन इन्होंने उलटबाँसी शैली नहीं अपनाई ।
  • इनके उपदेशों के अंतर्गत गुरु की महत्ता, संसार की क्षणभंगुरता, ब्रह्म की सर्वशक्तिमत्ता, नाम जप की महिमा, ईश्वर की सर्वव्यापकता आदि बातें मिलती हैं।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 26

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के प्रामाणिक ग्रंथों की संख्या कितनी मानी?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 26

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के प्रामाणिक ग्रंथों की संख्या 12 (बारह) मानी है।
प्रमुख बिंदु
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने तुलसी के प्रामाणिक 12 ग्रंथ---->

अतिरिक्त जानकारी
आचार्य रामचंद्र शुक्ल:

  • रामचन्द्र शुक्ल का जन्म 4 अक्टूबर 1884 को बस्ती अगोना गाँव, ज़िला बस्ती, उत्तरप्रदेश में हुआ था।
  • हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बंधित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
  • शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की।
  • शुक्ल जी की कृतियाँ तीन प्रकार की हैं।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ : सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रस मीमांसा आदि शुक्ल जी की आलोचनात्मक रचनाएं हैं। निबंधात्मक ग्रंथ : उनके निबंध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं।
RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 27

निम्नलिखित में से कौन सा पद इकाई योजना के पदों की सही व्याख्या नहीं करता है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 27

इकाई योजना या इकाई विधि- यह एक मनोवैज्ञानिक विधि है। इसमें जो अधिगम प्रक्रिया होती है वह व्यवस्थित होती है। इकाई विधि में संपूर्ण विषय वस्तु को ध्यान में रखा जाता है। इस विधि के पदों में सम्पूर्ण पाठ्य सामग्री को एकरूप इकाइयों में संगठित करना अत्यन्त आवश्यक है।
प्रमुख बिंदु

  • इकाई विधि का जन्म "GESTALT" (समग्र, संपूर्ण) की धारणा के आधार पर हुआ।
  • इस विधि के जनक अमेरिकन शिक्षा शास्त्री मारीसन को माना जाता है।
  • इस विधि द्वारा अध्यापक दैनिक पाठ-योजना का निर्माण करते हैं।
  • यह विधि पूर्ण से अंश की ओर कार्य करती है।
  • इस विधि में पूरी इकाई को उपविभागों में बाँटा जाता है।

महत्वपूर्ण बिंदु
इकाई पाठ योजना के पद-

  1. खोज- अध्यापक को शिक्षण के उद्देश्यों और छात्रों के पूर्व ज्ञान के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। छात्रों के पूर्व ज्ञान के अनुसार ही शिक्षण उद्देश्य बनाये जाते हैं।
  2. प्रस्तुतीकरण- शिक्षण विधियों को निश्चित करना। प्रस्तुतीकरण में यह देखा जाता है कि कौन सी शिक्षण सामग्री के तहत नवीन ज्ञान प्रदान कियी जा सकता है।
  3. आत्मीकरण- शिक्षक विद्यार्थी क्रिया प्रत्येक उपविभाग के लिए निश्चित करता है। अध्यापक निर्देशन का कार्य करता है तथा विद्यार्थी सक्रिय होकर कार्य करते हैं।
  4. संगठन- छात्रों द्वारा ग्रहण किये गये ज्ञान को प्राप्त अनुभवों के आधार पर क्रमबद्ध रूप से लिपिबद्ध किया जाता है।
  5. कथन- बच्चें अपने द्वारा लिखित अनुभवों को कक्षा के सामने रखते हैं।

इकाई योजना का जन्म ही समग्र व संपूर्ण की धारणा के साथ हुआ है। अतः आवश्यक नहीं की सम्पूर्ण पाठ्य सामग्री को एकरूप इकाइयों में संगठित किया जाये। यह पद इकाई योजना के पदों की सही व्याख्या नहीं करता है।

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 28

सी. बी. एस. ई. (CBSE) ने किस वर्ष 10वीं की बोर्ड परीक्षा से सतत् एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली लागू कर दी है?

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 28

सतत् एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली भारत के स्कूलों में मूल्यांकन के लिये लागू की गयी एक नीति है जिसे 2009 में आरम्भ किया गया था। यह मूल्यांकन प्रक्रिया राज्य सरकारों के परीक्षा-बोर्डों तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शुरू की गयी है।
महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस पद्धति द्वारा 6वीं कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया जाता है।
  • मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सत्र 2010-11 सी. बी. एस. ई. की 10वीं में सतत् एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली से परीक्षा लेने की शुरुआत की
  • सी. बी. एस. ई. ने इस प्रणाली को 2009 में ही कक्षा 6 से 9 तक लागू कर दिया गया था जिसे 2010-11 में कक्षा 10 में भी जारी रखा गया। परंतु वर्ष 2017 में कक्षा 10 से इसे समाप्त कर दिया गया।

अत:, उपरोक्त विवरण से यह ज्ञात होता है की सी. बी. एस. ई. (CBSE ) ने वर्ष वर्ष 2010-11 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा से सतत एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली लागु कर दी

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 29

विभिन्न विधाओं को पढ़ने के अवसर मिलने पर-

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 29

एक पाठ्य-पुस्तक शिक्षण प्रक्रिया में प्रभावी शिक्षण की सुविधा के लिए उपयोग किया जाने वाला एक आवश्यक उपकरण है। सामूहिक शिक्षण व्यवस्था में पाठ्य-पुस्तक बहुत ही आवश्यक एवं उत्तम शैक्षिक साधन है
हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तक हिंदी भाषा शिक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण औजार हैहिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तकों में उन रचनाओं को स्थान दिया जाना चाहिए जो बच्चों के परिवेश से जुड़ी हों और जिनमें भाषा की अलग-अलग छटाएँ हों अर्थात् पाठ्यपुस्तक के माध्यम से बालक को विभिन्न विधाओं को पढ़ने के अवसर मिलने चाहिएविभिन्न विधाओं को पढ़ने के अवसर मिलने पर भाषा को विविध संदर्भों में प्रयोग करने की समझ बनती है।
महत्वपूर्ण बिंदु
हिन्दी भाषा की पाठ्य-पुस्तक के माध्यम से विभिन्न विधाओं को पढ़ने के अवसर मिलने पर-

  • बच्चे लिखी/छपी सामग्री को पढ़ और समझ पाएंगे।
  • बच्चे विभिन्न संदर्भ में भाषा प्रयोग में सफल हो सकेंगे।
  • बच्चों को हिंदी के विविध रूपों से परिचित कराया जा सकता है।
  • बच्चे पाठ को आसपास के परिवेश (समाज) से जोड़कर समझ सकेंगे।
  • बच्चे भाषा के द्वारा अपने परिवेश एवम् अनुभव को समझ सकेंगे।
  • बच्चों में भाषा की समझ तथा सहज अभिव्यक्ति का विकास हो सकेंगा।
  • बच्चों को सामाजिक तथ्यों से अवगत कराती है
  • बच्चों को समाज, संस्कृति और आसपास के लोगो से जोड़ती है।
  • बच्चों को सामाजिक चिंतन, व्यवहार और बातचीत के तरीके सिखाती है।
  • बच्चों को समाज के नियमों, रीति-रिवाजों और धारणाओं से परिचित करती है

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि विभिन्न विधाओं को पढ़ने के अवसर मिलने पर- भाषा को विविध संदर्भों में प्रयोग करने की समझ बनती है।

RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 30

सत्र की समाप्ति पर मूल्यांकन है

Detailed Solution for RPSC Senior Grade II (Hindi) Mock Test - 2 - Question 30

मूल्यांकन वह प्रक्रिया होती है जिससे कार्यक्रम की प्रभावशील तथा सक्षमता का आकलन किया जाता है | कक्षा में तीन प्रकार के मुल्यानाकनो का प्रयोग किया जाता है | ये है संकलनात्मक (summative), रचनात्मक (formative) और निदानात्मक (diagnostic):
प्रमुख बिंदु
संकलनात्मक
मूल्यांकन सत्र की समाप्ति पर किया जाने वाला मूल्यांकन है। इसे 'योगात्मक मूल्यांकन' या 'सीखने का आकलन' के रूप में भी जाना जाता है, जो कि सत्र के अंत में विद्यार्थियों के आकलन द्वारा उनके सीखने के स्तर को मापने, प्रमाणित करने और रिपोर्ट करने को संदर्भित करता है। मूल्यांकन की यह पद्धति छात्रों को ग्रेड प्रदान कर के उनकी क्षमता और उपलब्धि का सटीक विवरण प्रस्तुत करती है।
अतः सत्र की समाप्ति पर मूल्यांकन, संकलनात्मक मूल्यांकन है
महत्वपूर्ण बिंदु

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