Class 8 Exam  >  Class 8 Tests  >  Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT  >  Test: मत बाँधो - Class 8 MCQ

Test: मत बाँधो - Class 8 MCQ


Test Description

15 Questions MCQ Test Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT - Test: मत बाँधो

Test: मत बाँधो for Class 8 2025 is part of Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT preparation. The Test: मत बाँधो questions and answers have been prepared according to the Class 8 exam syllabus.The Test: मत बाँधो MCQs are made for Class 8 2025 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for Test: मत बाँधो below.
Solutions of Test: मत बाँधो questions in English are available as part of our Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT for Class 8 & Test: मत बाँधो solutions in Hindi for Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT course. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for Class 8 Exam by signing up for free. Attempt Test: मत बाँधो | 15 questions in 20 minutes | Mock test for Class 8 preparation | Free important questions MCQ to study Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT for Class 8 Exam | Download free PDF with solutions
Test: मत बाँधो - Question 1

कविता में “इन सपनों के पंख न काटो” पंक्ति से काव्यरचना में कवयित्री कौन-सा भाव प्रदर्शित कर रही हैं?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 1

यह पंक्ति स्पष्ट रूप से सपनों की उड़ान पर लगाम नहीं लगाने की बात कहती है। कवयित्री स्वतंत्रता (मुक्ति) की महत्ता रेखांकित कर रही हैं—सपनों को आत्माभिव्यक्ति और साकार करने की स्वायत्तता मिलनी चाहिए। पंख काटने से उनका विकास और विस्तार रुक जाता है, जो स्वतंत्रता के मूल से टकराता है।

Test: मत बाँधो - Question 2

“सौरभ उड़ जाता है नभ में / फिर वह लौट कहाँ आता है?” में ‘सौरभ’ का क्या रूपक है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 2

‘सौरभ’ शब्द सीधे ‘सुगंध’ का सूचक है, लेकिन यहाँ कविता में यह कल्पना की सूक्ष्म, अप्रत्यक्ष परिमाण को दर्शाता है। सुगंध हवा में बिखरकर स्वातंत्र्य से विचरण कराती है— ठीक वैसे ही कल्पना अनुप्राणित होकर विस्तृत होती है, लौटकर नहीं आती।

Test: मत बाँधो - Question 3

“बीज धूलि में गिर जाता जो / वह नभ में कब उड़ पाता है?” पंक्तियों का मुख्य आशय है—

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 3

यह रूपक बताता है कि यदि कोई विचार (बीज) स्थिर, धूलि (जमीन) में ही रह जाए, तो वह ऊँचाई (नभ) नहीं छू सकता। यानी प्रारंभिक निरोध या संकोच से विकास रुक जाता है। यह कविता में रचनात्मक मानवीय क्षमता की उड़ान को प्रतिबंधित करने की बात कहती है।

Test: मत बाँधो - Question 4

“अग्नि सदा धरती पर जलती / धूम गगन में मँडराता है” में ‘अग्नि’ और ‘धूम’ का संयोजन क्या दर्शाता है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 4

यहां ‘अग्नि’ (निम्न स्तर) और ‘धूम’ (उच्च स्तर) एक साथ गतिशीलता दिखाते हैं। धरती पर जलने और गगन में मंडराने का समन्वय सपनों की दोध्रुवीय उड़ान को रेखांकित करता है—उठना और गिरना दोनों ही रचनात्मक प्रक्रियाएँ हैं, जिनमें विरोध नहीं, संतुलन है।

Test: मत बाँधो - Question 5

“इसका आरोहण मत रोको इसका अवरोहण मत बाँधो” में कवयित्री क्या चेतावनी दे रही हैं?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 5

यह पंक्ति स्पष्ट करती है कि केवल उड़ान (आरोहण) पर ही नहीं, बल्कि अवतरण (अवरोहण) पर भी रोक नहीं लगानी चाहिए। रचनात्मकता में ऊँचाई और नीचाई दोनों का अपना महत्व है। कवयित्री यह संदेश दे रही हैं कि हर प्रक्रिया को सहजता से घटित होने दें।

Test: मत बाँधो - Question 6

“मुक्त गगन में विचरण कर यह / तारों में फिर मिल जायेगा” अंश का मूल संदेश क्या है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 6

यहां ‘मुक्त गगन’ और ‘तारे’ का मिलन संभावनाओं की असीमता दर्शाता है। कवयित्री कहती हैं कि जब सपने और कल्पनाएँ स्वतंत्रता से विचरण करेंगी, तब वे अनंत संभावनाओं (तारों) से मिलकर और भी प्रभावकारी हो जाएँगी।

Test: मत बाँधो - Question 7

“मेघों से रंग औ’ किरणों से / दीप्ति लिए भू पर आयेगा” में कविता किस प्रक्रिया का वर्णन करती है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 7

यहां कल्पना (मेघों का रंग, किरणों की दीप्ति) के माध्यम से सृजन की बात हो रही है। जैसे बादल और सूर्य-करण नई भूमि पर उन्नति का प्रकाश लाते हैं, वैसे ही स्वतंत्र सपने धरती पर नए विचार और कृतियाँ जन्म दिलाएँगे।

Test: मत बाँधो - Question 8

“स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प / भूमि को सिखलायेगा !” पद्यांश से क्या सन्देश मिलता है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 8

‘स्वर्ग बनाने का शिल्प’ रूपक है उच्च कोटि के रचनात्मक कार्य का। कवयित्री कहती हैं कि जब कल्पनाएँ मुक्त होंगी, तब कोई काल्पनिक स्वर्ग (उच्च आदर्श) धरती पर भी निर्मित हो सकेगा। यह मानव-सृजन की असीम क्षमता की ओर संकेत है।

Test: मत बाँधो - Question 9

कविता में ‘नभ तक जाने से मत रोको / धरती से इसको मत बाँधो’ कहाँ तक का विस्तार मांगती है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 9

कवयित्री यहाँ रचनात्मक उड़ान की सीमाओं को पूरी तरह हटा देने का आह्वान कर रही हैं। न तो ऊपर जाने से रोकें, न नीचे आने से—दोनो दिशाओं में स्वतंत्र विचरण ही सृजन की कुंजी है।

Test: मत बाँधो - Question 10

कविता का समग्र विषय क्या है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 10

पूरे कविता में सपनों के पंखों की बात, आरोहण-अवरोहण की आज़ादी, गगन में विचरण—सब मिलकर यह संदेश देते हैं कि कल्पनाओं और सपनों को किसी भी प्रकार की रोक-टोक से आज़ाद छोड़ना चाहिए। यही कविता का केंद्रीय भाव है।

Test: मत बाँधो - Question 11

कवयित्री ने “मेघों से रंग” और “किरणों से दीप्ति” की कौन-सी विधा अपनाई है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 11

यहाँ मेघों और किरणों की छवियाँ सपने और कल्पना के रंग-दीप्ति का रूपक हैं। कवयित्री ने प्राकृतिक तत्वों के जरिए अमूर्त भाव को प्रत्यक्ष रूप से व्यक्त करने के लिए रूपक काव्यशैली का प्रयोग किया है।

Test: मत बाँधो - Question 12

 “स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प” में ‘शिल्प’ किस अर्थ में उपयोग हुआ है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 12

‘शिल्प’ यहाँ निर्माण सामग्री और प्रक्रिया का संकेत है—जिस तरह कोई कलाकार या शिल्पकार कृति बनाता है, वैसे ही स्वतंत्र कल्पना धरती पर स्वर्ग-नुमा आदर्श या उन्नति का निर्माण करेगी।

Test: मत बाँधो - Question 13

कविता का प्रमुख लयात्मक ढाँचा क्या है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 13

लय और मात्रा से बँधे पारंपरिक छंदों के बजाय कवयित्री ने मुक्त छंद में रचना की है, जहाँ पंक्तियों की लम्बाई बदलती रहती है और भावानुसार विराम मिलता है, जो आधुनिक कविता की विशिष्टता है।

Test: मत बाँधो - Question 14

 “पृथ्वी को सिखलायेगा” पंक्ति में ‘पृथ्वी’ किस प्रतीक के रूप में है?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 14

यहां “पृथ्वी” प्रतीकात्मक रूप से हमारे समाज, संस्कृति या जन-मानस को दर्शाती है, जिसे कल्पनाशील सृजन से शिक्षित किया जाएगा। इसका आशय है कि जब सपने स्वतंत्र होंगे, तब समाज को भी नया पाठ मिलेगा।

Test: मत बाँधो - Question 15

कविता का अन्तिम प्रभाव पाठक पर क्या छोड़ेगा?

Detailed Solution for Test: मत बाँधो - Question 15

कविता में निरंतर स्वतंत्रता, उड़ान और सृजन की बात होने से पाठक में आशा का संचार होता है। यह प्रेरित करती है कि अपने स्वप्नों को खोलें, उन्हें पंख दें और समाज में नई ऊँचाइयाँ छुएँ— एक सकारात्मक, उत्साहवर्धक संदेश।

31 videos|101 docs|10 tests
Information about Test: मत बाँधो Page
In this test you can find the Exam questions for Test: मत बाँधो solved & explained in the simplest way possible. Besides giving Questions and answers for Test: मत बाँधो, EduRev gives you an ample number of Online tests for practice
Download as PDF