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Test: हरिद्वार - Class 8 MCQ


Test Description

20 Questions MCQ Test - Test: हरिद्वार

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Test: हरिद्वार - Question 1

लेखक ने किस अवसर पर स्नान किया?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 1

लेखक ने हरिद्वार में रात्रि के समय ग्रहण के अवसर पर स्नान किया और इस अवसर को अत्यंत आनंददायक बताया। ग्रहण में स्नान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

Test: हरिद्वार - Question 2

भारतेंदु हरिश्चंद्र की हरिद्वार यात्रा किस वर्ष हुई थी?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 2

पाठ के आरंभ में स्पष्ट उल्लेख है कि भारतेंदु हरिश्चंद्र 1871 ई. में हरिद्वार की यात्रा पर गए थे। यह जानकारी ‘कविवचन सुधा’ पत्रिका के 14 अक्टूबर 1871 के अंक में प्रकाशित उनके पत्र से प्राप्त होती है।

Test: हरिद्वार - Question 3

हरिद्वार में कैसा व्यावसायिक वातावरण था?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 3

लेखक ने लिखा है कि हरिद्वार में कोई बखेड़ा नहीं था। दुकानदार रात को दुकानें बंद कर देते थे और पंडे भी संतोषी थे। वहाँ व्यापारिक अराजकता नहीं थी।

Test: हरिद्वार - Question 4

हरिद्वार के वर्णन से भारतेंदु हरिश्चंद्र को कैसा अनुभव हुआ?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 4

लेखक का कहना है कि हरिद्वार जाते ही उनका चित्त इतना प्रसन्न और निर्मल हुआ कि वह वर्णन के बाहर है। इसका अर्थ है कि उन्होंने वहाँ विशेष मानसिक शांति और आत्मिक सुख की अनुभूति की।

Test: हरिद्वार - Question 5

लेखक ने भोजन कहाँ पर किया?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 5

लेखक ने गंगा के जल के अत्यंत निकट पत्थर पर बैठकर भोजन किया। यह अनुभव उनके लिए सोने की थाली में भोजन करने से अधिक सुखद प्रतीत हुआ।

Test: हरिद्वार - Question 6

लेखक ने वृक्षों की तुलना किससे की है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 6

लेखक ने लिखा है कि बड़े-बड़े वृक्ष ऐसे खड़े हैं मानो एक पैर से खड़े तपस्या कर रहे हों और घाम, ओस, वर्षा सहन करते हों। यह तुलना तपस्वियों के समान उनकी सहनशीलता दर्शाती है।

Test: हरिद्वार - Question 7

कनखल तीर्थ का पौराणिक संबंध किससे है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 7

कनखल में राजा दक्ष ने यज्ञ किया था और यहीं सती ने शिवजी के अपमान को सहन न कर आत्मदाह किया। यह प्रसंग शिव-पार्वती के जीवन से जुड़ा है।

Test: हरिद्वार - Question 8

लेखक किसके घर पर ठहरे थे?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 8

लेखक दीवान कृपा राम के घर के ऊपर वाले बंगले पर ठहरे थे। वहाँ से चारों ओर से शीतल पवन आती थी, जो स्थान को और अधिक सुखद बनाती थी।

Test: हरिद्वार - Question 9

भारतेंदु ने हरिद्वार को कैसा तीर्थ बताया है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 9

लेखक का कहना है कि यह क्षेत्र इतना निर्मल है कि इच्छा और क्रोध जैसे विकार वाले लोग वहाँ नहीं टिकते। इस तीर्थ का शुद्ध वातावरण मन को शांति प्रदान करता है।

Test: हरिद्वार - Question 10

हरिद्वार के चारों ओर कौन-सी प्राकृतिक संरचना है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 10

भारतेंदु हरिश्चंद्र ने लिखा है कि हरिद्वार तीन ओर से सुंदर हरे-हरे पर्वतों से घिरा है, जो वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण को और भी मनोहारी बना देते हैं।

Test: हरिद्वार - Question 11

भारतेंदु के अनुसार हरिद्वार की भूमि कैसी है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 11

लेखक ने हरिद्वार को “पुण्य भूमि” कहा है, जहाँ प्रवेश करने मात्र से मन शुद्ध हो जाता है। यह धार्मिक स्थल आत्मिक शुद्धता और भक्ति के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बताया गया है।

Test: हरिद्वार - Question 12

खक को भोजन करते समय कैसा अनुभव हुआ?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 12

गंगा तट पर भोजन करते समय लेखक के मन में ज्ञान, वैराग्य और भक्ति की तरंगें उठने लगीं। यह दर्शाता है कि प्रकृति और आध्यात्मिकता से जुड़ाव उन्हें आध्यात्मिक सुख दे रहा था।

Test: हरिद्वार - Question 13

लेखक के अनुसार हरिद्वार किसके योग्य स्थल है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 13

लेखक ने हरिद्वार को साक्षात विरागमय भूमि बताया है, जो साधुओं और विरक्तों के सेवन योग्य है। वहाँ का शांत, पवित्र वातावरण आत्मिक साधना के लिए उपयुक्त है।

Test: हरिद्वार - Question 14

गंगा जल कैसा प्रतीत होता है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 14

लेखक के अनुसार गंगा जल अत्यंत शीतल और मिष्ट है, मानो चीनी के पने को बर्फ में जमाया गया हो। यह उपमा जल की शुद्धता और मधुरता को दर्शाती है।

Test: हरिद्वार - Question 15

हरिद्वार क्षेत्र के कितने तीर्थ विशेष रूप से बताए गए हैं?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 15

लेखक ने पाँच तीर्थों का वर्णन किया है—हरिद्वार, कुशावर्त्त, नीलधारा, विल्वपर्वत और कनखल। ये सब आसपास स्थित हैं और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

Test: हरिद्वार - Question 16

हरिद्वार की गंगा नदी को किस उपमा से नवाजा गया है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 16

लेखक ने गंगा नदी को राजा भगीरथ की उज्ज्वल कीर्ति की लता के समान बताया है, जो उनकी धार्मिक-आध्यात्मिक प्रतिष्ठा को दर्शाने का प्रतीक है।

Test: हरिद्वार - Question 17

वृक्षों के किस गुण की लेखक ने प्रशंसा की है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 17

भारतेंदु ने वृक्षों की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा है कि वे फल, फूल, पत्ते, लकड़ी, जड़, यहाँ तक कि राख और कोयले के रूप में भी मनोर्थ पूर्ण करते हैं।

Test: हरिद्वार - Question 18

नीलधारा के तट पर किस देवी की मूर्ति है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 18

लेखक ने बताया है कि नीलधारा के तट पर एक छोटा-सा चुटीला पर्वत है, जिसकी शिखर पर चण्डिका देवी की मूर्ति स्थित है। यह दर्शाता है कि स्थान धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से समृद्ध है।

Test: हरिद्वार - Question 19

गंगा की कितनी धाराओं का उल्लेख किया गया है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 19

हरिद्वार में गंगा की दो धाराओं का वर्णन है—एक नीलधारा और दूसरी सामान्य गंगा जी के नाम से। दोनों धाराओं के बीच एक नीचा पर्वत भी स्थित है।

Test: हरिद्वार - Question 20

‘हरि की पैड़ी’ क्या है?

Detailed Solution for Test: हरिद्वार - Question 20

हरि की पैड़ी एक पक्का घाट है जहाँ गंगा स्नान होता है। यह हरिद्वार के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और अत्यंत पवित्र माना जाता है।

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