Class 9 Exam  >  Class 9 Tests  >  Test: ल्हासा की ओर- 2 - Class 9 MCQ

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Class 9 MCQ


Test Description

10 Questions MCQ Test - Test: ल्हासा की ओर- 2

Test: ल्हासा की ओर- 2 for Class 9 2025 is part of Class 9 preparation. The Test: ल्हासा की ओर- 2 questions and answers have been prepared according to the Class 9 exam syllabus.The Test: ल्हासा की ओर- 2 MCQs are made for Class 9 2025 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for Test: ल्हासा की ओर- 2 below.
Solutions of Test: ल्हासा की ओर- 2 questions in English are available as part of our course for Class 9 & Test: ल्हासा की ओर- 2 solutions in Hindi for Class 9 course. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for Class 9 Exam by signing up for free. Attempt Test: ल्हासा की ओर- 2 | 10 questions in 10 minutes | Mock test for Class 9 preparation | Free important questions MCQ to study for Class 9 Exam | Download free PDF with solutions
Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 1

तिब्बत में भिक्षु को क्या कहते हैं?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 1

नम्से बौद्ध भिक्षु थे व शेकर की खेती के मुखिया थे। वह खेती का इंतजाम देखने का कार्य करते थे और जागीर के आदमियों के लिये राजा से कम न थे।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 2

‘भरिया’ किसे कहते हैं?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 2

भरिया मालवाहक, भारवाहक को कहते हैं जो कि तिब्बत के क्षेत्र में पाए जाते हैं। तिब्बत में माल ढुलाई करने वाले कुली को भरिया कहते हैं।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 3

‘मैं अब पुस्तकों के भीतर या’ इस कथन का आशय

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 3

मैं अब पुस्तकों के भीतर था। इस वाक्य का सही अर्थ होगा कि लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया था।

‘ल्हासा की ओर’ पाठ में राहुल सांकृत्यायन जब बुध विहार में गए तो वहां पर उन्हें ढेर सारी बौद्ध साहित्य की पुस्तके मिलीं। इसी कारण है उन पुस्तकों को पढ़ने बैठ गए। उन्होंने सुमति को जाने दिया ताकि वह आराम से पुस्तकों को पढ़ सकें। इसीलिए उन्होंने ऐसा लगा कि मैं अब पुस्तकों के भीतर था, उसको पढ़ने में रम गए।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 4

‘कुची-कुची’ का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 4

कुची-कुची का अर्थ है दया-दया।

तिब्बती भाषा में ‘कुची-कुची’ का अर्थ ‘दया-दया’ होता है।

‘ल्हासा की ओर’ पाठ में लेखक राहुल सांकृत्यायन इस बारे में वर्णन करते हैं। जब वे तिब्बत की अपनी पहली यात्रा में तिब्बत गए थे, तो एक भिखमंगे का वेश धारण करके गए थे।
उस समय उन्हें वहाँ के खतरनाक क्षेत्र डाँडे से भी गुजरना पड़ा था। जहाँ पर हमेशा डाकुओं का आतंक रहता है। इसलिए उन्होंने भिखमंगे का भेष बनाया था।
यदि रास्ते में उन्हें कोई डाकू आदि मिल जाता था तो वह ‘कुची-कुची’ कहने लगते। अर्थात ‘दया-दया’ कहते हुए पैसे मांगने लगते थे।  

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 5

राहुल सांकृत्यायन जी ने कौन-सा धर्म अपनाया?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 5

राहुल सांकृत्यायन जी का जन्म 1893 में आजमगढ़ में हुआ था। उन्होंने पहले वैष्णव धर्म की दीक्षा ली फिर आर्य समाज से जुड़ गए। बौद्ध धर्म के अध्ययन के बाद वे बौद्ध हो गए। आधुनिक हिदी साहित्य में वे एक साम्यवादी चितक पत्रकार इतिहासकार तत्वान्वेषी युग परिवर्तनकार साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 6

राहुल सांकृत्यायन का जन्म कहाँ हुआ?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 6

राहुल सांकृत्यायन का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के पंदहा गाँव में 9 अप्रैल 1893 को हुआ था। उनके बाल्यकाल का नाम केदारनाथ पाण्डेय था। उनके पिता गोवर्धन पाण्डेय एक धार्मिक विचारों वाले किसान थे। उनकी माता कुलवंती अपने माता-पिता की अकेली पुत्री थीं।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 7

डॉड़े की ऊँचाई कितनी है?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 7

डाँड़ा तिब्बत के खतरनाक घने जंगलों एवं ऊँची-ऊँची पहाड़ियों से भरे स्थान हैं। यह स्थान सोलह-सत्राह हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ दोनों तरफ मीलों तक कोई गाँव भी नहीं है। 

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 8

डकैत आदमी को किस प्रकार लूटते हैं?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 8

यहाँ डाकू निर्भय रहते हैं। यहाँ पुलिस के बंदोबस्त पर सरकार पैसा खर्च नहीं करती। यहाँ डाकू किसी की भी हत्या कर उसे लूट लेते हैं। डाकू यात्राी को पहले मार डालते हैं। 

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 9

शेकर की खेती के मुखिया भिक्षु (नम्से) ने लेखक के साथ कैसा व्यवहार किया?

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 9

पाठ में उल्लेख है कि शेकर की खेती के मुखिया भिक्षु (नम्से) बड़े भद्र पुरुष थे और उन्होंने लेखक से बहुत प्रेम से मुलाकात की, भले ही लेखक का भेष ऐसा नहीं था कि उन पर ध्यान देना चाहिए था।

Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 10

कन्जुर की पोथियाँ कैसी थीं?  

Detailed Solution for Test: ल्हासा की ओर- 2 - Question 10

पाठ में बताया गया है कि कन्जुर की 103 हस्तलिखित पोथियाँ मोटे कागज पर अच्छे अक्षरों में लिखी थीं, और प्रत्येक पोथी का वजन 15 सेर (लगभग 12 किलोग्राम) से कम नहीं था।

Information about Test: ल्हासा की ओर- 2 Page
In this test you can find the Exam questions for Test: ल्हासा की ओर- 2 solved & explained in the simplest way possible. Besides giving Questions and answers for Test: ल्हासा की ओर- 2, EduRev gives you an ample number of Online tests for practice
Download as PDF