Classification of students in different groups on the basis of their IQ tends to _____ their self-esteem and ______ their academic performance.
The news of 'a woman selling her child to obtain food' may be understood best on the basis of
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The knowledge of individual differences helps teachers in:
In which stage, the child responds to inferred reality?
दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
गोंड जनजाति, भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय हैं। भारत के कटि प्रदेश- विंध्यपर्वत, सिवान, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम - में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहने वाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जनजाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों में फैल गई। यह एक स्वतंत्र जनजाति थी, जिसका अपना राज्य था और जिसके 52 गढ़ थे। मध्य भारत में 14वीं से 18वीं शताब्दी तक इसका राज्य रहा था। मुग़ल शासकों और मराठा शासकों ने इन पर आक्रमण कर इनके क्षेत्र पर अधिकार कर लिया और इन्हें घने जंगलों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में शरण लेने को बाध्य किया। गोंड जनजाति के लोग काले तथा गहरे भूरे रंग के होते हैं। गोंड अपने वातावरण द्वारा प्रस्तुत भोजन सामग्री एवं कृषि से प्राप्त वस्तुओं पर अधिक निर्भर रहते हैं। इनका मुख्य भोजन कोदों, ज्वार और कुटकी मोटे अनाज होते हैं, जिन्हें पानी में उबालकर 'झोल' या 'राबड़ी' अथवा 'दलिया' के रूप में दिन में तीन बार खाया जाता है। रात्रि में चावल अधिक पसन्द किये जाते हैं। कभी-कभी कोदों और कुटकी के साथ सब्जी एवं दाल का भी प्रयोग किया जाता है। गोंड खेतिहर हैं और परंपरा से दहिया खेती करते हैं जो जंगल को जलाकर उसकी राख में की जाती है और जब एक स्थान की उर्वरता तथा जंगल समाप्त हो जाता है तब वहाँ से हटकर दूसरे स्थान को चुन लेते हैं। किंतु सरकारी निषेध के कारण यह प्रथा बहुत कम हो गई है। अनेक गोंड लंबे समय से हिन्दू धर्म तथा संस्कृति के प्रभाव में हैं और कितनी ही जातियों तथा कबीलों ने बहुत से हिन्दू विश्वासों, देवी देवताओं, रीति रिवाजों तथा वेशभूषा को अपना लिया है। पुरानी प्रथा के अनुसार मृतकों को दफनाया जाता है, किंतु बड़े और धनी लोगों के शव को जलाया जाने लगा है। स्त्रियाँ तथा बच्चे दफनाए जाते हैं।
Q. व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत गोंड जनजाति में क्या प्रथा है?
निर्देश: कविता को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
जब नहीं था इन्सान
धरती पर थे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्हीं सबके बीच उतरा इन्सान
और घटने लगे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्सान बढ़ने लगा बेतहाशा
अब कहाँ जाते जंगल,
जंगली जानवर, परिंदे
प्रकृति किसी के साथ
नहीं करती नाइन्साफ़ी
सभी के लिए बनाती है जगह सो अब
इन्सानों के भीतर उतरने लगे हैं
जंगल, जंगली जानवर
और परिंदे
Q. कविता के अंत में क्या व्यंग्य किया गया है?प्रकृति ने इन्सानों के प्रति नाइंसाफ़ी की
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके आधार पर दिए गए प्रश्नों) के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्प चुनिए :
विनम्रता का यह कथन बहुत ठीक है कि विनम्रता के बिना स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं। इस बात को सब लोग मानते हैं कि आत्मसंस्कार के लिए थोड़ी बहुत मानसिक स्वतंत्रता परमावश्यक है – चाहे उस स्वतंत्रता में अभिमान और नम्रता दोनों का मेल हो और चाहे वह नम्रता ही से उत्पन्न हो। यह बात तो निश्चित है कि जो मनुष्य मर्यादापूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहता है उसके लिए वह गुण अनिवार्य है, जिससे आत्मनिर्भरता आती है और जिससे अपने पैरों के बल खड़ा होना आता है। युवा को यह सदा स्मरण रखना चाहिए कि वह बहुत कम बातें जानता है, अपने ही आदर्श से वह बहुत नीचे है और उसकी आकांक्षाएँ उसकी योग्यता से कहीं बढ़ी हुई हैं। उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने बड़ों का सम्मान करे, छोटे और बराबर वालों से कोमलता का व्यवहार करे, ये बातें आत्म-मर्यादा के लिए आवश्यक हैं। यह सारा संसार, जो कुछ हम हैं और जो कुछ हमारा है – हमारा शरीर, हमारी आत्मा, - हमारे कर्म, हमारे भोग, हमारे घर और बाहर की दशा हमारे बहुत से अवगुण, और थोड़े गुण सब इसी बात की आवश्यकता प्रकट करते हैं कि हमें अपनी आत्मा को नम्र रखना चाहिए। नम्रता से मेरा अभिप्राय दब्बूपन से नहीं है जिसके कारण मनुष्य दूसरों का मुँह ताकता है जिससे उसका संकल्प क्षीण और उसकी प्रज्ञा मंद हो जाती है, जिसके कारण बढ़ने के समय भी पीछे रहता है और अवसर पड़ने पर झट से किसी बात का निर्णय नहीं कर सकता। मनुष्य का बेड़ा उसके अपने ही हाथ में है, उसे वह चाहे जिधर ले जाए। सच्ची आत्मा वही है जो प्रत्येक दशा में प्रत्येक स्थिति के बीच अपनी राह आप निकालती है।
Q. मनुष्य कैसा जीवन व्यतीत करना चाहता है ?
निर्देश: निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर उनके नीचे दिये गये बहुविकल्पी प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें।
उभरी नसोंवाले हाथ
घिसे नाखूनों वाले हाथ
पीपल के पत्ते से नये-नये हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
गंदे कटे पिटे हाथ
जख्म से फटे हुये हाथ
खुशबु रचते हैं हाथ
खुशबु रचते हैं हाथ।
यहीं इस गली में बनती हैं
मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ
इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग
बनाते है केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
अगरबत्तियाँ
दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।
Q. मजदूरों के जीवन की विडंबना है:
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
काल को हम बांध नहीं सकते। वह स्वत: नियंत्रित है, अबाध है। देवों का आह्वान करते हुए हम सकल कामना सिद्धि का संकल्प व्यक्त करते हुए और फिर विदा करते हुए कहते हैं- 'गच्छ-गच्छ सुरश्रेष्ठ पुनरागमनाय च'। जिसका अर्थ 'हे देव, आप स्वस्थान को तो जाएं, परंतु फिर आने के लिए' है। कितनी सकारात्मक हमारी संस्कृति है, जिसका मूल है- जो मानव मात्र के लिए हितकारी हो, कल्याणकारी हो, वह पुन:-पुन: हमारे जीवन में आए। गत वर्ष के लिए भी क्या ऐसी विदाई देना हमारे लिए संभव नहीं ? यह प्रश्न अनुत्तरित है। यह आना-जाना, आगमन-प्रस्थान सब क्या है ? एक उत्तर है कि ये काल द्वारा नियंत्रित क्रिया- प्रतिक्रियाएं हैं। जो आया है, वह जाएगा। फिर जो गया है, वह भी आएगा। यह हमारी संस्कृति की मान्यता है। हाल ही में एक विद्वान से उनके परिवार में हुई मृत्यु पर शोक संवेदना में कहा- 'गत आत्मा को शांति प्राप्त हो'। उन्होंने तुरंत ही टोकते हुए कहा- शांति प्राप्ति की बात तो पश्चिमी संस्कृति-सभ्यता की बात है। भारतीय परंपरा में तो उचित है- 'गत आत्मा को सद्गति प्राप्त हो'। इसके पीछे का गूढ़ भाव नए वर्ष के आगमन और पुराने वर्ष की विदाई की वेला को पूरी सार्थकता प्रदान करता है। शब्द और अर्थ मिलकर ही काल का, काल की गति का अर्थात् परिवर्तन का बोध कराते हैं।
काल (समय) निराकार है, अबूझ है। मानव ने समय को बांधने का बहुत प्रयास किया- पल, घड़ी, घंटा, दिन, सप्ताह, महीना, साल, मन्वन्तर... फिर भी समय कभी बंधा नहीं, कहीं ठहरता नहीं। 'कालोस्मि भरतर्षभ' कहकर कृष्ण ने काल की सार्वकालिक सत्ता को प्रतिपादित किया। इस सत्ता के आगे नत भाव से, साहचर्य के भाव से हम नया वर्ष मनाते हैं। काल ने जो दिया था, उसे स्वीकार करें और नए वर्ष में जो मिलेगा, उसको अंगीकार-स्वीकार करने के लिए हम पूरी तैयारी, पूरे जोश से तैयार रहें। इसी में पुरातन और नववर्ष के सन्धिकाल की सार्थकता है। यह सत्य है कि परिणाम पर मनुष्य का कोई नियंत्रण या दखल नहीं, पर नया साल भी पुराना होगा। इसलिए मनुष्य एक साल की अवधि के लिए अपने जीवन के कुछ नियामक लक्ष्य तो तय कर सकता है। नए साल का सूरज यही प्रेरणा लेकर आया है। जीवन के चरम लक्ष्य पीछे छूटते जा रहे हैं, खोते जा रहे हैं। ऐसे में नए वर्ष की शुरुआत अपने लक्ष्य निर्धारित करने का अच्छा अवसर है, आत्म निरीक्षण का अचूक मौका है यह। काल शाश्वत है। नए साल का आगमन और पुराने की विदाई यह हमारा कालबोध ही तो है। आगत का स्वागत भारतीय परम्परा के मूल में है। जो आया है, अतिथि है उसे अपना लो। काल के साथ, समय के साथ चलना मनुष्य की नियति है, परंतु काल के कपाल पर कुछ अंकित करने का संकल्प मनुष्य की जिजीविषा का मूल है।
Q. गद्यांश में आत्मनिरीक्षण का अर्थ है:
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।
Q. अनुच्छेद 344 में कहा गया :
उच्चारण संबंधी त्रुटियों का निदान करने के लिए किया जाता है:
निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
Q. ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी .. से क्या अभिप्राय है:
एक भाषा शिक्षक शिक्षण के दौरान कठिनाई को जानने के उद्देश्य से बालको का आवलोकन करता है। इस प्रक्रिया क दौरान आकलन किया जाता है-
फ़ैली खेतों में दूर तलक
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें
चाँदी की सी उजली जाली।
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक,
श्यामल भू तल पर झुका हुआ
नभ का चिर निर्मल नील फलक।
रोमांचित - सी लगती वसुधा
आई जौ गेहूँ में बाली,
अरहर सनई की सोने की
किंकिणियाँ है शोभाशाली।
उडती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली - पीली,
लो, हरित धरा से झाँक रही
नीलम की कलि, तीसी नीली।
रंग - रंग के फूलो में रिलमिल
हंस रही सखियाँ मटर खडी
मखमली पेटियों सी लटकी
छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी
फिरती है रंग रंग की तितली
रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
फुले फिरते हो फूल स्वयं
उड़ - उड़ वृन्तो से वृन्तो पर।
Q. जब सूरज की किरणे चमकती है तो किस चीज का भ्रम होता है?
दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।
Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के इस वर्ष के परिणाम में कितने प्रतिशत बच्चों ने 95 % से ज्यादा अंक अर्जित किये?
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु स्वेद रक्त से,
लथपथ लथपथ लथपथ,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।
उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर नीचे पूछे गए प्रश्न का उत्तर बताइए।
Q. इस कविता का मूलभाव क्या है?
निर्देश: निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पूछता क्यों शेष कितनी रात ?
अमर सम्पुट में ढला तू,
छू नखों की कांति चिर संकेत पर जिन के जला तू,
स्निग्ध सुधि जिन की लिये कज्जल-दिशा में हँस चला तू!
परिधि बन घेरे तुझे वे उँगलियाँ अवदात !
झर गए खद्योग सारे;
तिमिर-वात्याचक्र में सब पिस गये अनमोल तारे,
बुझ गई पवि के हृदय में काँप कर विद्युत-शिखा रे !
साथ तेरा चाहती एकाकिनी बरसात !
व्यंगमय है क्षितिज-घेरा
प्रश्नमय हर क्षण निठुर-सा पूछता परिचय बसेरा,
आज उत्तर हो सभी का ज्वालवाही श्वास तेरा !
छीजता है इधर तू उस ओर बढ़ता प्रात !
Q. ‘अनमोल’ शब्द मे उपसर्ग बताइए।
Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.
Q. What is the part of speech of the word "perspectives" as used in the second paragraph of the passage?
Directions: Read the poem given below and answer the question that follows.
T'was the night before Christmas,
And all through the kitchen,
My mother was cooking some delicious chicken.
All of the sudden,
The light bulb broke,
And my mother randomly started to choke.
In a flash, superman came.
My brother thought his costume was lame.
And instead of rescuing the day,
He ate up my dinner,
And he flew away !
Santa burnt the house with dynamites and flares,
I guess I was on the naughty list, next year,
I'll care !
Q. 'Santa' refers to
The digital revolution has indisputably reshaped our society, permeating virtually every facet of life. We live in a hyperconnected era, where the boundary between the real and virtual worlds is increasingly blurred. Though its benefits are myriad, it's worth pausing to consider the potential downsides of this digital immersion.
On the one hand, technology has democratized information, fostering global connectivity and accessibility. The internet, smartphones, and various digital platforms have empowered us with the ability to learn, communicate, and collaborate like never before. They have catapulted us into an era of unprecedented convenience and opportunity, where we can virtually traverse the globe with a simple click.
Yet, this digital immersion also comes with pitfalls. The unending influx of information can overwhelm our cognitive capabilities, leading to information overload. The constant bombardment of updates, notifications, and messages can disrupt our focus, leading to a condition known as "digital fatigue." Further, it's alarming to see the increasing prevalence of cyberbullying, privacy breaches, and disinformation campaigns, which have severe consequences on our societal harmony.
The digital revolution is a double-edged sword. It grants us unparalleled access to knowledge, yet it can also breed distraction, misinformation, and anxiety. We need to strike a balance, leveraging the best of what technology offers while mitigating its downsides. As we continue to navigate this digital landscape, it's crucial to remember that technology is merely a tool—it's how we use it that ultimately defines its impact.
Q. Which word from the passage is most similar in meaning to "immersion"?
The basic skills for learning a language are:
(i) Listening and speaking skill
(ii) Phonetic and word skill
(iii) Phonic and phrase skill
(iv) Reading and writing skill
Which of the following is FALSE in the context of Laws and the Government?
Direction: Answer the following question by selecting the correct/most appropriate option:
Statement A) India has a representative democracy.
Statement B) In India, people choose/elect their representatives through the process of elections.
Which of the following is/are correctly matched?
In which land revenue settlement were the 'Rajas' and 'Taluqdars' recognised as 'Zamindars'?
The following statements are correct about which type of vegetation?
Read the following statements about 'Civil Law'.
(A) It deals with any harm or injury to rights of individuals.
(B) A petition has to be filed before the relevant court by both the parties.
(C) The court gives the specific relief asked for in these cases.
Choose the correct option.
Who led the Anti-British movement in Kittur?
Which of the following statement is true about the mineral?
Consider the following statements with respect to diversity :-
(A) Diversity is a source of strength for India.
(B) There is unity in India's diversity.
(C) Diversity can also be a source of discrimination.
(D) Historical and geographical factors contribute to diversity.
Which of the above are true?