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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi - UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 1

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-1

कुछ समय से भारत की तीव्र आर्थिक संवृद्धि - निर्धनता को कम करने और असमानता का सामना करने में अशक्त प्रतीत हो रही है। भारत जैसे अपेक्षाकृत निर्धन देश के लिए, असमानता को कम करने का सर्वाधिक उपयुक्त और विश्वसनीय तरीका GDP पाई के आकार को बढ़ाना है। हालांकि, हालांकि, जैसा कि विश्व भर के साक्ष्यों से ज्ञात होता है कि केवल तीव्र GDP विकास अकेले ही सहायता नहीं करता है, विशेषकर तब जब शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच में असमानताओं से निपटने की बात आती है। इस संदर्भ में सरकार के लिए एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु देश के भीतर असमानता पर डेटा की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।

उपर्युक्त परिच्छेद में निम्नलिखित में से कौन -सा/से महत्वपूर्ण निहितार्थ हो सकता है/सकते हैं ? ।

1. असमानताओं को कम करने के लिए सरकार को सामाजिक क्षेत्र में 25% अधिक निवेश करने की आवश्यकता है।
2. देश में असमानता से निपटने के लिए सरकार को असमानता पर अधिक डेटा की आवश्यकता है।

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कथन (1) गलत है। परिच्छेद में उल्लेख किया गया है, "हालांकि, जैसा कि विश्व भर के साक्ष्यों से ज्ञात होता है कि केवल तीव्र GDP विकास अकेले ही सहायता नहीं करता है, विशेषकर तब जब शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुंच में असमानताओं से निपटने की बात आती है।" इसका तात्पर्य यह हो सकता है कि केवल GDP वृद्धि से असमानता की समस्या का समाधान नहीं होगा और सरकार को असमानताओं को कम करने के लिए सामाजिक क्षेत्र अर्थात स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश करने की आवश्यकता है। हालांकि, परिच्छेद ने अन्य समाधानों पर विचार नहीं किया है, जैसे कि सामाजिक क्षेत्र में सरकार की ओर से अधिक निवेश किया जाना। इसके अन्य साधन और समाधान भी उपलब्ध हो सकते हैं। 

कथन (2) सही नहीं है। परिच्छेद में उल्लेखित है, "इस संदर्भ में सरकार के लिए एक अच्छा प्रारंभिक बिंदु देश के भीतर असमानता पर डेटा की गुणवत्ता में सुधार करना होगा।" यहाँ परिच्छेद डेटा की अधिक गुणवत्ता की बात करता है, न कि असमानता पर अधिक मात्रा में डेटा की। 

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 2

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -2

बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें आधुनिक राज्य की कल्याणकारी नीतियों द्वारा परिवार की भूमिका के समर्थन और उसकी अभिवृद्धि की अपेक्षा की जाती है। इन दोनों क्षेत्रों में, नीतिगत ढांचा वित्तीय निवेश एवं संस्थागत शक्ति दोनों के संदर्भ में एक न्यूनतमवादी दृष्टिकोण को दर्शाता है। नीतियों के साथ-साथ उनके क्रियान्वयन में भी राज्यों के बीच काफी विविधता एवं असमानता विद्यमान है। समग्र स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि बाल्यावस्था चिंता का गौण विषय है। इस संदर्भ में प्राप्त किए गए लाभों को बनाए रखना कठिन साबित हुआ है।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित करता है?

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विकल्प (a) सही है। परिच्छेद का सार यह दर्शाता है कि बच्चे चिंता का गौण विषय नहीं होने चाहिए बल्कि उन्हें नीतिगत ढांचे का केंद्र होना चाहिए। साथ ही, आधुनिक राज्य की कल्याणकारी नीतियों से परिवार की भूमिका के समर्थन और अभिवृद्धि की अपेक्षा की जाती है। इसलिए यह परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित करता है।

विकल्प (b) सही नही है। परिच्छेद में बच्चों पर शिक्षा के बोझ की कोई चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह विकल्प मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित नहीं करता है।

विकल्प (c) सही नहीं है। पंक्ति "बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें आधुनिक राज्य की कल्याणकारी नीतियों द्वारा परिवार की भूमिका के समर्थन और उसकी अभिवृद्धि की अपेक्षा की जाती है।" यह दर्शाता है कि आधुनिक राज्य को परिवार की भूमिका का समर्थन करना चाहिए और उसकी अभिवृद्धि हेतु प्रयास करना चाहिए। हालांकि, इस भूमिका के वैधीकरण का कोई उल्लेख नहीं है। साथ ही, यह केवल उल्लिखित बिंदुओं में से एक है, न कि यह परिच्छेद का मर्म है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। पंक्ति "नीतियों के साथ-साथ उनके क्रियान्वयन में भी राज्यों के बीच काफी विविधता एवं असमानता विद्यमान है" वर्णित करती है कि असमानता विद्यमान है। हालांकि, इसे नीति निष्पादन में एकरूपता की आवश्यकता के रूप में नहीं माना जा सकता है।

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 3

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

वैश्विक तापन कृषि को गंभीर रूप से प्रभावित् करेगा - जिससे चावल, गेहूं, मक्का और सोया के उत्पादन में काफी कमी आएगी। जलवायु परिवर्तन कुपोषण के अतिरिक्त नवीन संक्रमणों और रोगों को उत्पन्न करेगा। इस असंतुलन के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी जिससे संघर्ष, युद्ध और वैश्विक अशांति की स्थिति उत्पन्न होगी। वैश्विक तापन पहले से ही ध्रुवीय हिम परतों को पिघला रहा है। यदि यही स्थिति जारी रही तो समुद्र के जलस्तर में वृद्धि होगी और तटीय शहर जलमग्न हो जाएंगे। ये प्राकृतिक आपदाएं लाखों लोगों को जलवायु शरणार्थी बना देंगी।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित करता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 3

विकल्प (a) सही नहीं है। परिच्छेद में पेरिस समझौते की भूमिका पर कोई चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद के दायरे से बाहर है और इसलिए यह परिच्छेद का मर्म नहीं हो सकता है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद में वैश्विक तापन के परिणामों पर चर्चा की गई है। लेकिन इसमें शमन या तैयारियों के महत्व का कोई संदर्भ नहीं दिया गया है। इसलिए यह परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित नहीं करता है।

विकल्प (c) सही है। विकल्प में दिया गया कथन परिच्छेद की निम्नलिखित पंक्तियों “इस असंतुलन के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी जिससे संघर्ष, युद्ध और वैश्विक अशांति की स्थिति उत्पन्न होगी। वैश्विक तापन पहले से ही ध्रुवीय हिम परतों को पिघला रहा है। यदि यही स्थिति जारी रही तो समुद्र के जलस्तर में वृद्धि होगी और तटीय शहर जलमग्न हो जाएंगे। ये प्राकृतिक आपदाएं लाखों लोगों को जलवायु शरणार्थी बना देंगी की वैकल्पिक अभिव्यक्ति है।" इसलिए यह परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित करता है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। जलवायु शरणार्थियों के प्रति अनुक्रिया में वैश्विक समुदाय की भूमिका का कोई संदर्भ नहीं है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद के दायरे से बाहर है और सही नहीं है। इसके अतिरिक्त, "जलवायु शरणार्थियों" का उल्लेख विभिन्न बिंदुओं में से एक के रूप में किया गया है। इसलिए यह परिच्छेद का मर्म नहीं हो सकता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 4

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

विश्व स्तर पर, कोई भी देश लैंगिक समानता को पूर्णत: प्राप्त नहीं कर पाया है। आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन जैसे स्कैंडिनेवियाई देश लैंगिक अंतराल को पाटने की दिशा में अपनी प्रगति के कारण विश्व में अग्रणी हैं। इन देशों में, पुरुषों और महिलाओं के लिए उपलब्ध आय, संसाधनों एवं अवसरों का अपेक्षाकृत समतामूलक वितरण किया जाता है। सर्वाधिक लैंगिक अंतराल वाले क्षेत्र मुख्य रूप से मध्य पूर्व, अफ्रीका और दक्षिण एशिया हैं। हालांकि, इन क्षेत्रों के अनेक देशों, जिनमें लेसोथो, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं, ने लैंगिक समानता के मामले में संयुक्त राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है।

इस परिच्छेद में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत और तार्किक निष्कर्ष निकाला जा सकता है/निकाले जा सकते हैं?

1. कुछ अफ्रीकी देश संयुक्त राज्य अमेरिका से ज्यादा विकसित हैं।
2. आर्थिक संवृद्धि और लैंगिक समानता के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
3. संस्कृति लैंगिक समानता के प्रति मानसिकता को अत्यधिक प्रभावित करती है। नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

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कथन 1 सही नहीं है। पंक्ति "हालांकि, इन क्षेत्रों के अनेक देशों, जिनमें लेसोथो, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका शामिल हैं, ने लैंगिक समानता के मामले में संयुक्त राज्य को भी पीछे छोड़ दिया है," दर्शाती है कि कुछ देश लैंगिक समानता के मामले में आगे हैं, लेकिन इसका यह अर्थ लगाना कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका से अधिक विकसित (समग्र रूप से) हैं, गलत होगा। इसलिए यह अनुमान सही नहीं है। 

कथन 2 सही नहीं है। परिच्छेद में आर्थिक विकास का कोई उल्लेख नहीं है। "उपलब्ध आय" शब्द "आर्थिक संवृद्धि " का पर्याय नहीं है

कथन 3 सही नहीं है। संस्कृति और लैंगिक समानता पर इसके प्रभाव का कोई संदर्भ नहीं दिया गया है। इसलिए यह अनुमान परिच्छेद के दायरे से बाहर है। इसलिए यह कथन सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 5

160 व्यक्तियों के एक बहुभाषाविद समाज में, 120 व्यक्तियों द्वारा हिब्रू बोली जाती है, जबकि 90 व्यक्ति स्पेनिश बोलते हैं। हिब्रू एवं स्पेनिश दोनों भाषा बोलने वाले व्यक्तियों की संख्या है।

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हिब्रू और स्पेनिश दोनों बोलने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संभावित संख्या 90 हो सकती है, यदि सभी स्पेनिश बोलने वाले व्यक्ति हिब्रू भी बोलते हों।
हिब्रू बोलने वाले व्यक्तियों की न्यूनतम संभावित संख्या, जो स्पेनिश भी बोल सकते हैं, 50 है। इसलिए हिब्रू एवं स्पैनिश दोनों भाषा बोलने वाले व्यक्ति 50 से 90 के मध्य आएंगे।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 6

गुणनफल 25 x 36 x 52 के सभी गुणनखंडों पर विचार कीजिए। निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. पूर्ण वर्ग वाले गुणनखंडों की संख्या 24 है।
2. हम यह निर्धारित नहीं कर सकते कि इसके गुणनखंड पूर्ण वर्ग हैं या नहीं।

सही कूट का प्रयोग कर उत्तर चुनिए।

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इस संख्या का कोई भी गुणनखंड 2a x 3b x 5c के रूप का होना चाहिए।
गुणनखंड के पूर्ण वर्ग होने के लिए a, b, और को सम संख्या होना चाहिए।
a का मान 0, 2, 4 ले सकते हैं।
b का मान 0, 2, 4, 6 ले सकते हैं।
c का मान 0, 2 ले सकते हैं। 

इसलिए पूर्ण वर्गों की कुल संख्या = 3x4 x 2 = 24 होगी।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 7

लड़कों के दो समूह हैं, A और B, जिनमें क्रमशः 60 और 70 लड़के हैं। समूह A में सबसे लंबे लड़के की ऊंचाई 130 सेंटीमीटर है और सबसे छोटे लड़के की ऊंचाई 120 सेंटीमीटर है। समूह B में सबसे लंबे लड़के की ऊंचाई 180 सेंटीमीटर और सबसे छोटे लड़के की ऊंचाई 140 सेंटीमीटर है। चार लड़कों को ग्रुप-A से ग्रुप-B में स्थानांतरित किया गया है। निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए : 

1. ग्रुप-B की औसत ऊंचाई निश्चित रूप से घटेगी।
2. ग्रुप-A की औसत ऊंचाई निश्चित रूप से बढ़ेगी।

उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

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औसत = प्रेक्षणों का योग/प्रेक्षणों की संख्या
चूँकि 4 छात्रों को A से B में स्थानांतरित किया जाता है और नए छात्रों की ऊंचाई कक्षा B की पिछली न्यूनतम ऊंचाई से कम है। इसलिए समूह B की औसत ऊंचाई में निश्चित रूप से कमी आएगी। इसलिए कथन 1 सही है। हालांकि, हम समूह A से स्थानांतरित किए गए 4 छात्रों की ऊंचाई के बारे में सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं। उनकी ऊंचाई 130 सेमी के करीब भी हो सकती है, जिससे समूह A की औसत ऊंचाई में कमी आएगी। यदि उनकी ऊंचाई 120 के करीब होती है, तो समूह A की औसत ऊंचाई में वृद्धि होगी। इसलिए हम यह निर्धारित नहीं कर सकते कि समूह A की औसत ऊंचाई में वृद्धि होगी या कमी होगी। इसलिए कथन 2 सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 8

साक्षात्कार के उद्देश्य से सभी उम्मीदवारों को दो समूहों में बांटा गया है, अर्थात् समूह A और समूह B। दोनों समूह इस प्रकार निर्मित किए गए हैं कि समूह B में समूह A की तुलना में 50% अधिक उम्मीदवार हैं और समूह A में महिला उम्मीदवारों की संख्या समूह B में पुरुष उम्मीदवारों की संख्या के समान है। साक्षात्कार में उपस्थित होने वाले पुरुष उम्मीदवारों का प्रतिशत क्या है?

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मान लीजिए कि समूह A में महिला उम्मीदवारों की संख्या है = x
मान लीजिए कि समूह A में पुरुष उम्मीदवारों की संख्या है = y
समूह A में उम्मीदवारों की कुल संख्या होगी = x + y
समूह B में पुरुष उम्मीदवारों की संख्या है = x
समूह B में उम्मीदवारों की कुल संख्या होगी = 1.5(x + y)
अत: पुरुष उम्मीदवारों की कुल संख्या होगी = x + y
उम्मीदवारों की कुल संख्या = (x + y) + 1.5 (x + y) = 2.5 (x + y)  
∴ पुरुष उम्मीदवारों का अभीष्ट प्रतिशत है = [(x+y) / 2.5(x+y)] x 100 = 40%

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 9

मैं दो वस्तुओं में से प्रत्येक को रु.1000 में, एक को 20% की हानि पर और दूसरे को 20% के लाभ पर बेचता हूं। इस लेन-देन के परिणामस्वरूप मुझे हुई हानि (-) या लाभ (+) का प्रतिशत क्या है?

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पहली वस्तु का विक्रय मूल्य (SP) = 1000 रु.; लाभ = 20%
अतः क्रय मूल्य (CP) = 1000/1.2
दूसरी वस्तु का विक्रय मूल्य (SP)= 1000 रु.;
हानि = 20% अतः क्रय मूल्य (CP) = 1000/0.8
कुल विक्रय मूल्य (SP) = 2000 रु.
कुल क्रय मूल्य (CP) = 1000 {(1/1.2) + (1/0.8)} = 1000 {(5/6) + (5/4)} = 1000 (25/12) = 2000 (25/24)
हानि = CP - SP = 2000 {(25/24) - 1} = 2000 (1/24)
प्रतिशत हानि = (हानि/CP) x 100 = {[2000 (1/24)] : [2000 (25/24)]} x 100 = 4%

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 10

​एक व्यवसायी किसी निश्चित वस्तु का विक्रय कर कुछ लाभ कमाना चाहता है। वह लाभ कमाने के कई तरीकों के बारे में सोचता है। निम्नलिखित में से कौन-सा तरीका उसके लाभ को अधिकतम करेगा?

I. उस वस्तु का 10% लाभ पर विक्रय करे।
II. गलत वजन का प्रयोग करे जो 1 किग्रा से 100 ग्राम कम है, किंतु 1 किग्रा के रूप में चिन्हित है।
III. उस वस्तु में 10% मिलावट करे और उस वस्तु को क्रय मूल्य पर विक्रय करे।
IV. कीमत में 5% की वृद्धि करे तथा गलत वजन का उपयोग करे जिसका वास्तविक मूल्य उस पर अंकित मूल्य से 5% कम हो।

सही कूट का प्रयोग कर उत्तर चुनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 10

मामला I:
पहले मामले में, यह दिया गया है कि लाभ 10% है। 

मामला II: 
दूसरे मामले के लिए, मान लीजिए कि 1 किग्रा वस्तु का क्रय मूल्य (CP) रु. 100 है।
 तो, 900 ग्राम वस्तु का क्रय मूल्य (OP) होगा = (100/1000) x 900 = रु. 90
इसलिए, दूसरे मामले में लाभ प्रतिशत होगा = {(100-90)/90}x100 = 11.11%
मामला III:
मान लीजिए की 1 किग्रा शुद्ध वस्तु का क्रय मूल्य (CP) रु. 100 है।
यदि वह 10% मिलावट करता है, तो 1 किग्रा का क्रय मूल्य (CP) होगा = {(1000/1100) x 100} = रु. 90.90
इसलिए तीसरे मामले में लाभ प्रतिशत होगा= {(100-90.90)/90.90} x 100 = 10.01% 

मामला IV: यदि वह वजन 5% कम करता है, तो 950 ग्राम का क्रय मूल्य (CP) होगा = {(100/1000) x 950} = रु.95 और SP = रु. 105
अत: चौथे मामले में लाभ प्रतिशत होगा = {(105 - 95)/95}X 100 = 10.52% इसलिए हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि दूसरे मामले में लाभ अधिकतम होगा।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 11

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -1

हाल ही में, सोशल मीडिया ने विश्व भर में इतनी वृद्धि की है और इतनी प्रसिद्धि प्राप्त की है कि कई शोधकर्ता अब इन सामाजिक प्लेटफार्मों के बारे में और समुदाय पर इनके प्रभावों के संबंध में जानने में रुचि रखने लगे हैं। आज, हमारे युवाओं पर सोशल मीडिया के उपयोग के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ रहे हैं। सोशल मीडिया ने मित्रों के बीच के अंतराल को समाप्त किया है, क्योंकि अफ्रीका में रह रहा कोई व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने मित्र के साथ संपर्क और संवाद कर सकता है। सोशल मीडिया साइट्स पर लंबे समय तक चैट करने से युवाओं की उत्पादकता कम हो जाती है। परिणामस्वरूप युवा आत्मनिर्भर | नहीं बन पाते और इसके स्थान पर वे अपने पालन-पोषण हेतु अपने माता-पिता एवं परिवारजनों पर निर्भर रहते हैं।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन इस परिच्छेद के मूल विचार को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?

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विकल्प (a) सही नहीं है। यह परिच्छेद केवल सोशल मीडिया के लाभों और समस्याओं पर केंद्रित है। परिच्छेद में माता-पिता और परिवारजनों की भूमिका पर चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद का मूल विचार नहीं है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद में कहीं भी सोशल मीडिया से संबंधित सरकारी विनियमन का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए यह परिच्छेद का मूल विचार नहीं है। 

विकल्प (c) सही नहीं है। इस पंक्ति "सोशल मीडिया ने मित्रों के बीच के अंतराल को समाप्त किया है, क्योंकि अफ्रीका में रह रहा कोई व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने मित्र के साथ संपर्क और संवाद कर सकता है" का अर्थ भौतिक दूरी के बजाय संवाद को सुगम बनाना है। इसलिए, यह परिच्छेद का सर्वोत्तम मूल विचार नहीं है। 

विकल्प (d) सही है। परिच्छेद की पंक्तियां, “आज हमारे युवाओं पर सोशल मीडिया के उपयोग के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ रहे हैं। सोशल मीडिया ने मित्रों के बीच के अंतराल को समाप्त किया है, क्योंकि अफ्रीका में रह रहा कोई व्यक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने मित्र के साथ संपर्क और संवाद कर सकता है। सोशल मीडिया साइट्स पर लंबे समय तक चैट करने से युवाओं की उत्पादकता कम हो जाती है।" यह संदर्भ, एक अच्छे सेवक किंतु एक बुरे स्वामी के विचार को सही ढंग से दर्शाता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 12

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद - 2

भारत जैसे देश को अपनी विविधता के लिए जाना जाता है, इसमें सभी धर्मों, रीति-रिवाजों और पृष्ठभूमि के लोग निवास करते हैं और इसलिए यह सुनिश्चित करना आसान है कि किसी एक वस्तु का अर्थ पूरे देश के लिए समान नहीं हो सकता है और यही स्थिति निजता के साथ भी है। निजता का अर्थ भिन्न-भिन्न लोगों के लिए भिन्न-भिन्न है। कुछ लोगों के लिए, यह सूचना की गोपनीयता है, अन्य लोगों के लिए शारीरिक निजता है और कुछ के लिए, इसका अन्य कोई दृष्टिकोण हो सकता है। इसलिए निजता या गोपनीयता को समाज या देश के विभिन्न पहलुओं के साथ विभिन्न परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन इस परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से अंतर्निहित करता है?

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विकल्प (a) सही है। परिच्छेद की पंक्तियां “निजता का अर्थ भिन्न-भिन्न लोगों के लिए भिन्न-भिन्न है। कुछ लोगों के लिए, यह सूचना की गोपनीयता है, अन्य लोगों के लिए शारीरिक निजता है और कुछ के लिए, इसका अन्य कोई दृष्टिकोण हो सकता है। इसलिए, निजता या गोपनीयता को समाज या देश के विभिन्न पहलुओं के साथ विभिन्न परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है" दर्शाती है कि सामाजिक के साथ-साथ कानूनी दृष्टिकोण से निजता के विभिन्न पहलुओं पर समाज का प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह परिच्छेद के मर्म को श्रेष्ठ रूप से प्रेषित करता है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। यहां कानून के माध्यम से कार्यान्वयन का कहीं कोई संदर्भ नहीं है। इसलिए यह परिच्छेद का मर्म नहीं 

विकल्प (c) सही नहीं है। दिया गया विकल्प परिच्छेद के दायरे से परे है क्योंकि परिच्छेद में निजता की चर्चा मूल अधिकार के । रूप में नहीं की गई है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद का मर्म नहीं है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद में पश्चिमी देश के निजता के प्रति दृष्टिकोण के संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद के दायरे से परे है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 13

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

चक्रवात और प्रकृति के प्रकोप के अन्य स्वरूपों के संबंध में कुछ अत्यधिक मौलिक है। मनुष्य चाहे कितनी ही "प्रगति" क्यों न कर
ले, फिर भी उनके संबंध में अभी भी हम बहुत कम ही कर सकते हैं।
ज्वालामुखी अभी भी अचानक प्रस्फुटित होते हैं, जिसके कारण अंततः कई दिनों के लिए एयरलाइन समय-सारणियां बाधित हो जाती हैं; भूकंप मानव निर्मित सबसे ठोस संरचनाओं को भी धराशायी कर देता है; और हां, चक्रवात शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में समान तीव्रता से गुजरते हैं। ये हमें हमारी स्वाभाविक सुभेद्यता का स्मरण कराते हैं। किंतु विज्ञान में प्रगति - और सूचना अधिभार - भी हमारे भय को बढ़ाता है, भले ही पूर्व चेतावनियां मृत्यु और विनाश को कम करती हैं।

परिच्छेद द्वारा प्रेषित सर्वाधिक तार्किक और निर्णायक संदेश क्या है?

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कथन (a) सही नहीं है क्योंकि परिच्छेद में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि जब आपदा की तैयारी की बात आती है, तो विज्ञान ने अच्छे से अधिक बुरा किया है। 

कथन (b) सही है और परिच्छेद का सर्वाधिक तार्किक व निर्णायक संदेश है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से बताता है कि मनुष्यों के पास आपदाओं से निपटने की सीमित क्षमता है। 

कथन (c) सही नहीं है तथा इसका उल्लेख परिच्छेद में कहीं नहीं किया गया है। 

कथन (d) सही होने के बावजूद भी, परिच्छेद का सर्वाधिक तार्किक और निर्णायक संदेश नहीं है। साथ ही, पंक्ति "... भले ही पूर्व चेतावनियां मृत्यु और विनाश को कम करती हैं"इसे आंशिक रूप से गलत बनाती है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 14

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

बोरियत एक चिर-परिचित एहसास है। किसी गतिविधि में रुचि न लेना या उससे विलग महसूस करना बोरियत का कारण बन सकता है। बोरियत तब हो सकती है जब आप ऊर्जावान तो महसूस करें परंतु, इस ऊर्जा का उपयोग करने हेतु आपको कोई केंद्र समझ न आ रहा हो। ऐसा तब भी हो सकता है जब आपको किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आ रही हो। बोरियत, रिक्तता का एक एहसास है जो निराशा और खालीपन की भावना उत्पन्न करती है। जब आप ऊब जाते हैं, तो चीजों में आपकी रुचि लगभग समाप्त हो जाती है। आपके आस-पास जो घटित हो रहा होता है, उस पर आप बहुत कम ध्यान देते हैं। आप सुन्न, थका हुआ, परेशान या घबराया हुआ महसूस कर सकते हैं। दिशाहीनता और नीरस जीवन चक्र की भावना ने अनेक अनभिज्ञ | लोगों को थका दिया है। दुःख की बात यह है कि चीजें यहीं समाप्त नहीं होती हैं। ऊब, उन सबसे बड़े कारणों में एक है जिनके चलते | लोग जीवन में गलत कदम उठा लेते हैं। बोरियत हमारी व्यस्ततम दुनिया में भी सदैव मौजूद रहती है और यह एक आम, किंतु विनाशकारी शक्ति है। यह न केवल तब होती है जब हमारे पास करने के लिए बहुत कम हो या कुछ भी नहीं होता है, बल्कि तब भी होती है जब हम सामने मौजूद विकल्पों के प्रति अपेक्षाकृत उदासीन हों ।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 14

इसमें कथन (a) सही है और उपर्युक्त परिच्छेद से निकाला जा सकने वाला सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष भी है। इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि "..आप ऊर्जावान तो महसूस करें परंतु, इस ऊर्जा का उपयोग करने हेतु आपको कोई  केंद्र समझ न आ रहा हो। ऐसा तब भी हो सकता है जब आपको किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आ रही हो। बोरियत, रिक्तता का एक एहसास है जो निराशा और खालीपन की भावना उत्पन्न करती है।"

कथन (b) सही नहीं है क्योंकि परिच्छेद में बोरियत को नशीली दवाओं के पहली बार प्रयोग और उपयोग से नहीं जोड़ा गया है। 

कथन (c) सही नहीं है क्योंकि परिच्छेद में यह उल्लेखित नहीं है कि बोरियत दुनिया भर में आत्महत्याओं का एक प्रमुख कारण

कथन (d) सही नहीं है क्योंकि परिच्छेद में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि "बोरियत तब हो सकती है जब आप ऊर्जावान तो महसूस करें परंतु, इस ऊर्जा का उपयोग करने हेतु आपको कोई केंद्र समझ न आ रहा हो।"

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 15

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-5

खुले में शौच वैश्विक स्तर पर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। इससे दुनिया भर में लगभग 1 बिलियन लोग प्रभावित हैं। साथ ही, प्रत्येक वर्ष स्वच्छता संबंधी बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या को 8,42,000 तक पहुंचाने में यह अत्यधिक जिम्मेदार रही है। खुले में शौच उप-सहारा अफ्रीका के अनेक देशों के समक्ष एक प्रमुख पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्या है। हालांकि, वर्ष 2000 के बाद से खुले में शौच की दर धीरे-धीरे कम हो रही है, तथापि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (MDGs) की प्राप्ति की अवधि उप-सहारा अफ्रीका के सभी देशों में लक्ष्य 7. प्राप्त किए बिना ही समाप्त हो गई। इस लक्ष्य के तहत वर्ष 2015 तक ऐसी आबादी के हिस्से को आधा करना था जिसकी बुनियादी स्वच्छता तक स्थायी पहुंच नहीं थी। कुछ आंकड़ों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि वर्तमान दर पर इसे केवल वर्ष 2026 तक ही प्राप्त किया जा सकता है। उप-सहारा अफ्रीका को छोड़कर, सभी संधारणीय विकास लक्ष्य (SDG) देशों में, खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या में गिरावट देखी गई है। उपसहारा अफ्रीका में उच्च जनसंख्या वृद्धि के कारण खुले में शौच करने बालों की संख्या 204 मिलियन से बढ़कर 220 मिलियन हो गई है और ओशिनिया में इनकी संख्या 1 मिलियन से बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई है।

उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गईं हैं:

1. खुले में शौच की समस्या विकसित देशों में व्याप्त नहीं है।
2. शौच के लिए जगह की व्यवस्था करने की लागत बहुत अधिक है।
3. स्वच्छता संबंधी अवसंरचना, जैसे कि सीवेज नेटवर्क शायद उप-सहारा अफ्रीका में विकसित नहीं है।
4. खुले में शौच दिव्यांग व्यक्तियों और महिलाओं जैसी कमजोर आबादी को प्रभावित करता है, जो यौन हिंसा के अधिक शिकार होते हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 15

कथन 1 वैध पूर्वधारणा नहीं है। परिच्छेद में विकसित और विकासशील देशों के बीच कोई भेद नहीं किया गया है। “खुले में शौच वैश्विक स्तर पर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। इससे दुनिया भर में लगभग 1 बिलियन लोग प्रभावित हैं। साथ ही, प्रत्येक वर्ष स्वच्छता संबंधी बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या को 8,42,000 तक पहुंचाने में यह अत्यधिक जिम्मेदार रही है, इस वाक्य में यह उल्लेख किया गया है कि दुनिया भर में लगभग 1 बिलियन लोग खुले में शौच संबंधी समस्याओं से प्रभावित हैं। इससे यह नहीं माना जा सकता है कि खुले में शौच का मुद्दा विकसित देशों में व्याप्त है अथवा नहीं। 

कथन 2 वैध पूर्वधारणा नहीं है। क्योंकि, परिच्छेद में कहीं भी खुले में शौच के लिए जगह की व्यवस्था हेतु लागत के पहलू का उल्लेख नहीं किया गया है। 

कथन 3 वैध पूर्वधारणा है। क्योंकि परिच्छेद में अफ्रीकी देशों में स्वच्छता संबंधी मुद्दों के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। इसका अनुमान इन पंक्तियों से लगाया जा सकता है, "हालांकि, वर्ष 2000 के बाद से खुले में शौच की दर धीरे-धीरे कम हो रही है, तथापि सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों (MDGs) की प्राप्ति की अवधि उप-सहारा अफ्रीका के सभी देशों में लक्ष्य 7.C प्राप्त किए बिना ही समाप्त हो गई है। इस लक्ष्य के तहत वर्ष 2015 तक, ऐसी आबादी के हिस्से को आधा करना था जिसकी बुनियादी स्वच्छता तक स्थायी पहुंच नहीं थी। कुछ आंकड़ों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि वर्तमान दर पर इसे केवल वर्ष 2026 तक ही प्राप्त किया जा सकता है।" पूर्वधारणा 4 में दी गई जानकारी परिच्छेद द्वारा समर्थित नहीं है। इसलिए इसे सरलता से एक गलत या अवैध पूर्वधारणा माना जा सकता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 16

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस  प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-5

खुले में शौच वैश्विक स्तर पर, एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। इससे दुनिया भर में लगभग 1 बिलियन लोग प्रभावित हैं। साथ ही, प्रत्येक वर्ष स्वच्छता संबंधी बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या को 8,42,000 तक पहुंचाने में यह अत्यधिक जिम्मेदार रही है। खुले में शौच उप-सहारा अफ्रीका के अनेक देशों के समक्ष एक प्रमुख पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्या है। हालांकि, वर्ष 2000 के बाद से खुले में शौच की दर धीरे-धीरे कम हो रही है, तथापि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (MDGs) की प्राप्ति की अवधि उप-सहारा अफ्रीका के सभी देशों में लक्ष्य 7. प्राप्त किए बिना ही समाप्त हो गई। इस लक्ष्य के तहत वर्ष 2015 तक ऐसी आबादी के हिस्से को आधा करना था जिसकी बुनियादी स्वच्छता तक स्थायी पहुंच नहीं थी। कुछ आंकड़ों से ऐसे संकेत मिलते हैं कि वर्तमान दर पर इसे केवल वर्ष 2026 तक ही प्राप्त किया जा सकता है। उप-सहारा अफ्रीका को छोड़कर, सभी संधारणीय विकास लक्ष्य (SDG) देशों में, खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या में गिरावट देखी गई है। उपसहारा अफ्रीका में उच्च जनसंख्या वृद्धि के कारण खुले में शौच करने बालों की संख्या 204 मिलियन से बढ़कर 220 मिलियन हो गई है और ओशिनिया में इनकी संख्या 1 मिलियन से बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई है।

उपर्युक्त परिच्छेद द्वारा प्रेषित सर्वाधिक तार्किक और निर्णायक संदेश क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 16

विकल्प (a) सही है, क्योंकि उचित स्वच्छता सुविधाओं की कमी दुनिया भर में सभी को समान रूप से प्रभावित करती है। इसलिए, इसे एक बुनियादी मानवाधिकार के रूप में माना जाना चाहिए जो सभी के लिए उपलब्ध हो। विकल्पों को लेकर भ्रम की स्थिति में, इनमें दिए गए सबसे आधारभूत/सामान्यीकृत कथन का भी चयन किया जा सकता है।

विकल्प (b) सही उत्तर के निकट है परंतु, परिच्छेद में दिए गए सबसे निर्णायक संदेश को प्रेषित नहीं करता है। यदि कथन में "पेयजल" शब्द का प्रयोग नहीं किया गया होता, तो यह सबसे उपयुक्त उत्तर होता।

विकल्प (c) सही नहीं है क्योंकि परिच्छेद में कहीं भी संधारणीय विकास लक्ष्यों (SDGs) और सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों (MDGs) के मध्य तुलना नहीं की गई है।

विकल्प (d) सही उत्तर के निकट है, किंतु सही नहीं है क्योंकि MDGs की अवधि वर्ष 2015 में पहले ही समाप्त हो चुकी है। साथ ही, सभी MDGs केवल स्वच्छता और गरीबी को लक्षित नहीं कर रहे थे, बल्कि इनमें बहुत व्यापक आयाम और संभावनाएं शामिल थीं।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 17

दो संतरे, तीन केले और चार सेब की कीमत 15 रुपए है। तीन संतरे, दो केले और एक सेब की कीमत 10 रुपए है। मैंने 3 संतरे, 3 केले और 3 सेब खरीदे। मैंने कितने रुपए का भुगतान किया?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 17

मान लीजिए कि संतरे, केले B और सेब A हैं। दिया गया है कि,
20+ 3B + 4A = 15.....(1)
30+ 2B + A = 10.......(2)
समीकरण 1 और 2 को जोड़ने पर, हम प्राप्त करते हैं:
50 + 5B + 5A = 25
या 0 + B + A = 5
इस प्रकार,
30+ 3B+ 3A = 3x5= 15 रुपए

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 18

नीचे तीन कथन दिए गए हैं और उनके उपरांत एक प्रश्न दिया गया है। प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करते समय, इनमें से किस कथन को छोड़ा जा सकता है (अर्थात्, किसकी आवश्यकता नहीं है)?

I. बेची गई वस्तुओं का अंकित मूल्य, क्रय मूल्य का 130% था।
II. प्रत्येक वस्तु का क्रय मूल्य 550 रुपए था।
III. अंकित मूल्य पर 10% की छूट दी गई थी। लाभ प्रतिशत क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 18

I. मान लीजिए कि क्रय मूल्य (C.P.) x रुपए है।
तो, बाजार मूल्य (M.P.) = x का 130% = 13x/10 रुपए
III. विक्रय मूल्य (S.P.) = M.P. का 90%
I और III का उपयोग करने पर हम प्राप्त करते हैं:
विक्रय मूल्य = (90/100) x (13x/10) रुपए = 117x/100 रुपए
लाभ = विक्रय मूल्य - क्रय मूल्य = (117x/100) - x = 17x/100 रुपए
इस प्रकार, । और II से लाभ प्रतिशत प्राप्त किया जा सकता है।
स्पष्ट रूप से, प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करते समय कथन II को छोड़ा जा सकता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 19

नीचे दो कथन दिए गए हैं जिनके उपरांत एक प्रश्न दिया गया है। प्रश्न का उत्तर देने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन आवश्यक है/हैं? 

S1: अर्जित किया गया कुल ब्याज 6500 रुपए था।
S2: धनराशि को 6 वर्षों के लिए निवेश किया गया था। साधारण ब्याज की दर क्या है? 

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 19

हम जानते हैं कि
R= (100 x साधारण ब्याज)/मूलधन x समय
कथन I केवल साधारण ब्याज दर्शाता है।
कथन II समय दर्शाता है = 6 वर्ष
परंतु, मूलधन अज्ञात है। इसलिए, हम दर प्राप्त नहीं सकते।
अत:, दिए गए आंकड़ें दर का मान ज्ञात करने के लिए अपर्याप्त हैं।
इसलिए सही उत्तर विकल्प (d) है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 20

संख्या 2, 4, 5, 6 और 10 को अंग्रेजी वर्णों a, b, c,d और e द्वारा निरूपित किया जाता है, परंतु आवश्यक नहीं कि ये इसी क्रम में निरूपित की जाती हैं। निम्नलिखित संबंधों पर विचार कीजिए:

I. a+c=e
I. b-d=d
III. e+a = b

निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 20

हमें ज्ञात है कि a+c=e है, तो संभावित मान हैं: 6 + 4 = 10 या 4 + 2 = 6
साथ ही, b = 2d है तो, संभावित मान हैं: 4 = 2 x 2 या 10 = 5 x 2
दोनों पर विचार करते हुए हम प्राप्त करते हैं: b= 10,d=5,a/c = 4 या 2,e=6
इसलिए सही उत्तर विकल्प (b) है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 21

"S" 2 से बड़ी या उसके बराबर तथा 100 से छोटी अभाज्य संख्याओं का एक समुच्चय है। यदि इस समुच्चय के सभी अवयवों का गुणा किया जाए तो गुणनफल के अंत में कितने क्रमागत शून्य होंगे?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 21

गुणनफल के अंत में शून्यों की संख्या ज्ञात करने के लिए हमें 100 से छोटी अभाज्य संख्याओं में इकाई के स्थान पर अंक 2 और अंक 5 पर ध्यान देना होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि केवल यही अंक गुणनफल के अंत में शून्य उत्पन्न कर सकते हैं। हमारे पास अंक 2 और अंक 5 का ऐसा केवल 1 युग्म है। ये अभाज्य संख्याएं 2 और 5 हैं। इसलिए, हमें अंत में केवल 1 शून्य मिलेगा।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 22

60 पृष्ठों की एक पुस्तक में प्रति पृष्ठ n पंक्तियां हैं। यदि प्रत्येक पृष्ठ में पंक्तियों की संख्या 3 कम कर दी जाए तो समान लेखन सामग्री हेतु स्थान देने के लिए पृष्ठों की संख्या में 10 की वृद्धि करनी होगी। n का मान क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 22

पंक्तियों की कुल संख्या = पृष्ठों की संख्या x प्रति पृष्ठ पंक्तियों की संख्या = 60 x n = 60n 
अब, 3 पंक्तियों को कम करने पर पंक्तियों की संख्या = n - 3 
पंक्तियों को कम करने पर पृष्ठों की संख्या = 70 
पंक्तियों की कुल संख्या = 70 x (n-3) = 70n - 210 

प्रश्न के अनुसार, 
60n = 70n-210 
⇒ 10n = 210 
⇒ n =21 
अत:n का मान 21 है। 
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 23

एक परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के औसत अंक 60 थे। बाद में, संदर्भ उत्तर कुंजी में एक त्रुटि पाई गई और सभी छात्रों के अंक तदनुसार बदल दिए गए। 80 छात्रों के अंक 90 से घटकर 60 हो गए। औसत अंक भी घटकर 50 हो गए। परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या कितनी है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 23

माना छात्रों की कुल संख्या n और सभी छात्रों के अंकों का योग S है।
औसत = प्रेक्षणों का योग/प्रेक्षणों की कुल संख्या
अत:, औसत अंक = S/n = 60
⇒ S= 60n .....(i)
अब, 80 छात्रों के अंक 90 से घटकर 60 हो गए।
अत: अंकों का नया योग = S-80 x 30 = S-2400
और, नया औसत = (S - 2400)/n = 50
अब, समीकरण (i) से, हम जानते हैं कि S = 60n
⇒ 60n - 2400 = 50n
⇒ 10n =2400
⇒ n =240
इस प्रकार, छात्रों की कुल संख्या 240 है।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 24

x, धारा के विपरीत दिशा में किसी दूरी को नाव से तय करने में धारा की दिशा में उसी दूरी को नाव से तय करने में लिए गए समय का दोगुना समय लेता है। यदि x शांतजल में 24 किमी प्रति घंटे की गति से नाव चला सकता है तो धारा की गति ज्ञात कीजिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 24

u/v = (x + y)/(x -y)
जहां, u धारा की दिशा में नाव की चाल है, v धारा के विपरीत दिशा में नाव की चाल है, x शांत जल में नाव की चाल है औरy धारा की चाल है।
धारा की दिशा में चाल = (x + y), धारा के विपरीत दिशा में चाल = (x - y)
शांत जल में नाव की चाल, x = 24 किमी/घंटा
X, धारा के विपरीत दिशा में किसी दूरी को नाव से तय करने में धारा की दिशा में उसी दूरी को नाव से तय करने में लिए गए समय का दोगुना समय लगता है।
∴u= 2xv
⇒ u/v= 2/1
⇒ (x + y)/(x-y) = 2/1
⇒ x + y = 2x-2y
⇒ x= 3y
⇒ y = x/3 = 24/3 = 8 किमी/घंटा।
अत: धारा की चाल = 8 किमी/घंटा इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 25

एक दिए गए तल पर 9 बिंदु हैं जिनमें से चार सीधी रेखा (संरेख) में हैं। इन 9 बिंदुओं का प्रयोग करके कितने चतुर्भुज बनाए जा सकते हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 25

दी गई 'n' वस्तुओं में से 'r' वस्तुओं के चुनने के तरीकों की संख्या, जहां r≤n दिया गया है: nCr=n!/[r!x(n-r)!] निम्नलिखित मामलों में एक चतुर्भुज बनाया जा सकता है:
i) सभी चारों बिंदू असरेखीय हो।
ऐसा करने के तरीकों की संख्या = (9-4)C4 = 5C4 = 5
ii) दो बिंदु संरेख बिंदुओं के समुच्चय से हों, और दो बिंदु असंरेख बिंदुओं के समुच्चय से हों। ऐसा करने के तरीकों की संख्या = 4C(9-4)C2 = 4C2 x 5C2 = 6 x 10 = 60
iii) एक बिंदु संरेख बिंदुओं के समुच्चय से हो, और शेष तीन बिंदु असंरेख बिंदुओं के समुच्चय से हों। ऐसा करने के तरीकों की संख्या = 4C1 X (9-4)C3 = 4C1 x 5C3 = 4 x 10 = 40
नोट: यदि दो से अधिक बिंदु संरेख बिंदुओं के समुच्चय से होंगे तो एक त्रिभुज बनेगा, चतुर्भुज नहीं।
अत: बनाए जा सकने वाले चतुर्भुजों की कुल संख्या = 5 + 60 + 40 = 105.
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 26

एक साथ खोले जाने पर दो नल A और B एक टंकी को 4 घंटे में भर सकते हैं। उन्हें अलग-अलग खोले जाने पर नल B की तुलना में नल A को टंकी को भरने में 15 घंटे कम समय लगता है। टंकी को भरने में नल B को अकेले कितने घंटे लगेंगे?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 26

अकेले नल A द्वारा टंकी को भरने में लिया जाने वाला समय = अकेले नल B द्वारा टंकी को भरने में लिया जाने वाला समय - 15 मान लीजिए कि नल B को टंकी को भरने में x घंटे लगते हैं।
अत:, नल A को टंकी को भरने में (x - 15) घंटे लगेंगे।
नल A द्वारा 1 घंटे में भरी गयी टंकी = 1/(x - 15)
नल B द्वारा 1 घंटे में भरी गयी टंकी = (1/x) A और B द्वारा 1 घंटे में भरी गयी टंकी = 1/4
प्रश्नानुसार,
(1/x) + 1/(x - 15) = 1/4
⇒ (x -15 + x)/(x) (x - 15) = 1/4
⇒ 4(2x - 15) = x2 - 15x = 8x - 60 = x2 - 15x
⇒ x2 - 15x -8x + 60 = 0
⇒ x2 - 23x + 60 = 0
⇒ x2 - 20x - 3x + 60 = 0
⇒ x (x -20) - 3 (x-20) = 0
⇒ (x - 3) (x - 20) = 0
⇒ x= 3 या 20
यदि हम x = 3 लें, तो (x - 15) ऋणात्मक होगा जो संभव नहीं है।
इसलिए, x =20 होगा।
अत: अकेले नल B द्वारा टंकी को भरने में 20 घंटे का समय लगता है।
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 27

आवर्ती दशमलव निरूपण 7.55555 ......... समतुल्य

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 27

विकल्पों की जाँच करने पर, हमें प्राप्त होता है:
68/9 = 7.5555555.......
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 28

निम्नलिखित आंकड़ों पर विचार कीजिए:

उपर्युक्त तालिका में x का मान क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 28

माना टीम A में सदस्यों की संख्या a है और टीम B में सदस्यों की संख्या b है।
फ्रीस्टाइल में औसत समय = (9a+8b/a + b) = 8.8
या 9a + 8b = 8.8a + 8.8b
या 0.2a = 0.8b या a=4b..........(i)
अब, बैकस्ट्रोक में औसत समय, x = (8a + 7b)/(a + b)
समीकरण (i) से a का मान रखने पर, हमें प्राप्त होता है:
x = (8x4b +7b)/(4b + b)
या x = 39b/5b
या x =7.8

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 29

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर केवल  परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -1

भारत का जल संकट स्थायी है। हालांकि भारत में विश्व की 16 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, किन्तु यहाँ विश्व के ताजे जल के केवल चार प्रतिशत संसाधन हैं। परिवर्तित होते मौसम प्रतिरूपों और बार-बार सूखे के कारण भारत जल संकट का सामना कर रहा है। इस संकट की सर्वाधिक शिकार ज्यादातर महिलाएं हैं। भारत में महिलाओं के साथ आमतौर पर दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार होता है। जल का यह संकट केवल उन्हें ही सुभेद्यता के उच्च जोखिम में डालता है। महिलाओं की जल, सफाई एवं स्वच्छता की आवश्यकताओं को पूरा करना लैंगिक समानता प्राप्त करने और विश्व की आधी आबादी की क्षमता को साकार करने के लिए एक  महत्वपूर्ण चालक है।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है/निकाले जा सकते हैं?

1. जल संकट की गंभीरता में कई गुना वृद्धि होने वाली
2. महिलाओं को जल-संकट की समस्या का समाधान करने में प्रमुख भूमिका निभानी चाहिए।
3. जल नीतियों को लैंगिक मुद्दों के गहन ज्ञान के साथ तैयार किया जाना चाहिए।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 29

कथन 1 सही नहीं है। परिच्छेद में जल संकट के भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। परिच्छेद में महिलाओं पर जल संकट के प्रभाव की चर्चा केवल एक सीमित संदर्भ में की गई है। इसका तात्पर्य यह है कि दिया गया कथन सही निष्कर्ष नहीं है। 

कथन 2 सही नहीं है। परिच्छेद के अनुसार "महिलाओं की जल, सफाई एवं स्वच्छता की आवश्यकताओं को पूरा करना लैंगिक समानता प्राप्त करने और विश्व की आधी आबादी की क्षमता को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक है।" इन पंक्तियों से पता चलता है कि लैंगिक समानता के लिए महिलाओं के मुद्दों को हल करना आवश्यक है, किन्तु यह भूमिका किसे निभानी चाहिए, इस पर चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह कथन सही नहीं है। 

कथन 3 सही है। "महिलाओं की जल, सफाई एवं स्वच्छता की आवश्यकताओं को पूरा करना लैंगिक समानता प्राप्त करने और विश्व की आधी आबादी की क्षमता को साकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक है।" ये पंक्तियाँ दर्शाती हैं कि जल नीतियों के निर्माण और निष्पादन के दौरान महिलाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसलिए यह कथन सही है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 30

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर केवल  परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2

20 वीं शताब्दी का यूजेनिक्स (सुजननिकी) आंदोलन उस खतरे का एक आदर्श उदाहरण है जो धर्म और विज्ञान के मिलन से संभव है। विकासवाद और आनुवंशिकता के उभरते हए विज्ञान के आधार पर सामाजिक डार्विनवादियों ने सामाजिक मूल्य, नस्लीय श्रेष्ठता और ईश्वरीय शक्ति के बारे में अपने विश्वासों को निष्पक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान पर आरोपित किया। सुजननिकी के समर्थकों ने मूर्त तरीकों से अपने विश्वासों को अन्य लोगों पर थोपने के लिए अपेक्षाकत हीन लोगों के बारे में धार्मिक और सांस्कृतिक विचारों को छद्म वैज्ञानिक तर्कों के साथ संयोजित किया। आधुनिक अमेरिकी सामाजिक व्यवस्थाओं में अवशेषी सुजननिकी प्रथाएं अभी भी विद्यमान हैं और नई प्रौद्योगिकियां आनुवंशिक अभियांत्रिकी में नई प्रगति के रूप में "सकारात्मक" सुजननिकी प्रक्रियाओं की संभावित वृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. सामाजिक डार्विनवाद और सुजननिकी की अवधारणाएं कुछ पहलुओं में एकसमान हैं।
2. सुजननिकी भेदभाव को प्रोत्साहित करती है। उपर्युक्त पूर्वधारणाओं में से कौन-सी वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 5 - Question 30

कथन 1 सही है। परिच्छेद के अनुसार "विकासवाद और आनुवंशिकता के उभरते हुए विज्ञान के आधार पर सामाजिक डार्विनवादियों ने सामाजिक मूल्य, नस्लीय श्रेष्ठता और ईश्वरीय शक्ति के बारे में अपने विश्वासों को निष्पक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान पर आरोपित किया। सुजननिकी के समर्थकों ने मूर्त तरीकों से अपने विश्वासों को अन्य लोगों पर थोपने के लिए अपेक्षाकृत हीन लोगों के बारे में धार्मिक और सांस्कृतिक विचारों को छद्म वैज्ञानिक तर्कों के साथ संयोजित किया।" परिच्छेद के अनुसार सामाजिक डार्विनवाद और सुजननिकी की प्रकृति एक समान है, अर्थात भेदभावपूर्ण है। इसलिए यह एक सही पूर्वधारणा है। 

कथन 2 सही है। परिच्छेद की इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए "सुजननिकी के समर्थकों ने मूर्त तरीकों से अपने विश्वासों को अन्य लोगों पर थोपने के लिए अपेक्षाकृत हीन लोगों के बारे में धार्मिक और सांस्कृतिक विचारों को छद्म वैज्ञानिक तर्कों के साथ संयोजित किया।" इन पंक्तियों से पता चलता है कि सुजननिकी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के आधार पर भेदभाव करती है। इसलिए यह पूर्वधारणा सही है।

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