UPSC Exam  >  UPSC Tests  >  UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi  >  UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - UPSC MCQ

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi - UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 for UPSC 2024 is part of UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi preparation. The UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 questions and answers have been prepared according to the UPSC exam syllabus.The UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 MCQs are made for UPSC 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 below.
Solutions of UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 questions in English are available as part of our UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi for UPSC & UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 solutions in Hindi for UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi course. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for UPSC Exam by signing up for free. Attempt UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 | 80 questions in 120 minutes | Mock test for UPSC preparation | Free important questions MCQ to study UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi for UPSC Exam | Download free PDF with solutions
UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 1

नीचे दिया हुआ रेखा आरेख दो अलग-अलग दिनों में ट्रेनों (A,B,C,D और E) की समान गति (मीटर/सेकंड में) का प्रतिनिधित्व करता है, और बार ग्राफ प्रत्येक ट्रेन की लंबाई (मीटर में) का प्रतिनिधित्व करता है।

पहले दिन सभी ट्रेनों की औसत गति किमी./घंटा में लगभग कितनी होगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 1

रेखा आरेख से,
पहले दिन A, B, C, D और E ट्रेनों की औसत गति = (60 + 75 + 105 + 200 + 170)/5 = 610/5 मी./से. = (610/5) x (18/5) किमी/घंटा = 439.2 किमी/घंटा .
∴ पहले दिन सभी ट्रेनों की अनुमानित औसत गति = 439 किमी प्रति घंटा 

इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 2

100 संख्याओं का औसत शून्य है। उन संख्याओं के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 2

मान लेते हैं कि 100 संख्याएँ A1, A2, ..., A100 हैं।
दिया गया है कि 100 संख्याओं का औसत शून्य है।
इसलिए (A1 + A2 + ........ + A100)/100 = 0
⇒ A1+ A2 + ... + A100 = 0
⇒ A1+ A2 + ... + A99 = - A100
इसलिए अधिकतम 99 संख्याएँ शून्य से बड़ी हो सकती हैं।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? Download the App
UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 3

एक पात्र में 500 लीटर पेट्रोल है। इस पात्र में से 50 लीटर पेट्रोल निकाला जाता है तथा इसे गैसोलीन से प्रति स्थापित कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को दो बार और दोहराया जाता है। पात्र में अब कितना पेट्रोल शेष

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 3

3 बार पेट्रोल निकालने के पश्चात पेट्रोल की शेष मात्रा = 500 (1-50/500)3 = 500 (9/10)3 = (9x9x9) x 0.5 = 364.5 लीटर
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 4

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

नैतिक निर्णय तथा निर्णय निर्माण में मस्तिष्क की भूमिका का अध्ययन नैतिक संज्ञान (Moral cognition) कहलाता है। सामाजिक विज्ञान के रूप में, मस्तिष्क में तर्कसंगतता एवं पूर्वाग्रहों को समझना शामिल है, जो नैतिक निर्णयन को प्रभावित करते हैं। नैतिक संज्ञान में मस्तिष्क का वैज्ञानिक अध्ययन भी शामिल है, जो कि प्रौद्योगिकी के साथ विकसित हो रहा है। नैतिक संज्ञान का अध्ययन करने वाले शोधकर्ता इस बात के लिए सामाजिक एवं जैविक स्पष्टीकरण प्रदान करने का प्रयास करते हैं कि हमारा मस्तिष्क कैसे सूचनाओं को संसाधित करता है एवं नैतिक अथवा अनैतिक विकल्पों चयन करता है। कुछ वैज्ञानिक आनुवंशिक एवं आणविक प्रभावों की जांच करते हैं, जबकि अन्य, मस्तिष्क के उन क्षेत्रों के मानचित्रण के लिए न्यूरोइमेजिंग का उपयोग करते हैं, जो लोगों की पसंद को निर्देशित करते हैं। नैतिक चिंतन एक जटिल प्रक्रिया प्रतीत होती है। मस्तिष्क में नैतिक गतिविधि से संबंधित एक भी स्थान नहीं होता है। हालांकि, मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों का एक नेटवर्क निरंतर नैतिक निर्णयन में शामिल होता है। इसलिए, नैतिक संज्ञान के अध्ययन का उद्देश्य लोगों को यह बताना नहीं है कि उन्हें कौन से विकल्प का चयन करना चाहिए। इसके बजाय, यह समझाने का प्रयास करना है कि लोगों अपने द्वारा चयनित नैतिक विकल्पों का चुनाव कैसे और क्यों करते हैं।

उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. सरकारी नीतियों को सफल बनाने के लिए नैतिक संज्ञान का अध्ययन आवश्यक है।
2. नैतिक निर्णय और निर्णय निर्माण की प्रक्रिया को समझना असंभव है।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 4

पूर्वधारणा 1 वैध नहीं है। परिच्छेद के अनुसार, "नैतिक निर्णय तथा निर्णय निर्माण में मस्तिष्क की भूमिका का अध्ययन नैतिक संज्ञान (Moral cognition) कहलाता है। सामाजिक विज्ञान के रूप में, इसमें तर्कसंगतता और पूर्वाग्रहों को समझना शामिल है जो नैतिक निर्णयन को प्रभावित करते हैं।" परिच्छेद में सामाजिक विज्ञान का उल्लेख किया गया है और यह सरकारी नीति निर्माण के लिए प्रासंगिक भी हो सकता है। हालांकि, इनका परस्पर संबंधित होना कठिन प्रतीत होता है। इसलिए यह पूर्वधारणा वैध नहीं है कि सरकारी नीतियों को सफल बनाने के लिए नैतिक संज्ञान का अध्ययन महत्वपूर्ण ही है। 

पूर्वधारणा 2 वैध नहीं है। परिच्छेद के अनुसार, "नैतिक संज्ञान एक जटिल प्रक्रिया प्रतीत होती है। मस्तिष्क में नैतिक गतिविधि से संबंधित एक भी स्थान नहीं होता है।... इसलिए, नैतिक संज्ञान के अध्ययन का उद्देश्य लोगों को यह बताना नहीं है कि उन्हें कौन से विकल्प का चयन करना चाहिए। इसके बजाय, यह समझाने का प्रयास करना है कि लोगों अपने द्वारा चयनित नैतिक विकल्पों का चुनाव कैसे और क्यों करते हैं।" इसलिए यह पूर्वधारणा वैध नहीं है कि नैतिक निर्णय तथा निर्णय निर्माण को समझना असंभव है। यह जटिल हो सकता है, परंतु यह संभव है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 5

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2 

अर्थशास्त्रियों एवं विकास वित्त पेशेवरों के लिए सर्वाधिक कठिन कार्यों में से एक आर्थिक विकास मॉडल में मानव जीवन के मूल्य सुनिश्चित करना है। हालांकि, आधुनिक व्यावसायिक विश्व तथा निर्णयन प्रक्रिया में कठिन संख्याओं एवं निष्पक्ष मापदंडों की खोज का प्रभुत्व है जो मनुष्यों को निर्णयों तक पहुंचने के लिए गैरव्यक्तिनिष्ठ कारक प्रदान कर सकते हैं। इसलिए, मानव जीवन के आर्थिक मूल्य की अवधारणा कम से कम 1990 के दशक से प्रचलन में है। यह अवधारणा अस्पतालों, राजमार्गों, आपातकालीन सेवाओं और आपदा प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों में निवेश करने जैसे निर्णयों में सहायता करती है। सामाजिक परियोजनाएं शायद ही कभी आर्थिक रूप से लाभदायक होती हैं। यदि जीवन विश्लेषण के आर्थिक मूल्य के कारण सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक प्रतिफल (रिटर्न) प्राप्त होता है, तो सामाजिक परियोजनाओं में वित्तीय हानियों के साथ निवेश के उपरांत सामाजिक प्रतिफल उचित है।

निम्नलिखित में से कौन-सा एक परिच्छेद में सर्वश्रेष्ठ निहितार्थ है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 5
  • विकल्प (a) सही नहीं है। यह परिच्छेद मानव जीवन के मूल्यांकन की प्रक्रिया, यह कैसे किया जाता है, इसे किन आयामों को शामिल करना चाहिए आदि के बारे में कहीं भी विशद जानकारी प्रदान नहीं करता है। यह सिर्फ इस बात पर बल देता है कि निर्णय निर्माण में शामिल होने के दौरान मानव जीवन को महत्व दिया जाना चाहिए। 
  • विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद यह सुझाव नहीं देता है कि मानव जीवन का प्रभावी ढंग से मूल्यांकन करने हेतु अर्थशास्त्रियों और विकास वित्त पेशेवरों का क्षमता निर्माण किया जाना चाहिए। इस संबंध में परिच्छेद में कोई चर्चा नहीं की गई है।
  • विकल्प (c) सही नहीं है। परिच्छेद में यह चर्चा नहीं की गई है कि मानव जीवन का मूल्यांकन करने में पूर्ण निष्पक्षता संभव नहीं है। इस पहलू पर परिच्छेद मौन है। 
  • विकल्प (d) परिच्छेद में निहित विषय के सन्निकट है। परिच्छेद इस तर्क का समर्थन करता है कि एक वैश्विक दृष्टिकोण आकार ले रहा है और सार्वजनिक संपत्तियों जैसे कि अस्पतालों, राजमार्गों के निर्माण को एक संकीर्ण आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।
UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 6

एक कक्षा में छात्रों की कुल संख्या 400 है। कला में रूचि रखने वाले व विज्ञान में रूचि रखने वाले छाए।त्रों की संख्या का अनुपात 3:5 है। विज्ञान में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या कला में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या से कितनी अधिक है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 6

कुल छात्रों की संख्या = 400
माना कि कला में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या 3x और विज्ञान में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या 5x है। प्रश्नानुसार,
3x + 5x = 400
8x = 400
x = 50
अत: कला में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या = 3x = 3 x 50 = 150
तथा विज्ञान में रूचि रखने वाले छात्रों की संख्या = 5x = 5 x 50 = 250
अभीष्ट अंतर = 250 - 150 = 100
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 7

तीन कथन S1, S2 और 53 नीचे दिए गए हैं, इसके पश्चात एक प्रश्न दिया गया है:

S1: रीता का बज़न टॉम और जॉन के औसत वज़न से 9 किलोग्राम अधिक है।
S2: टॉम और जॉन का औसत वज़न टॉम के वज़न से 2 किलोग्राम अधिक है।
S3: रीता, टॉम और जॉन का औसत वज़न 45 किलोग्राम

प्रश्न: रीता और जॉन में वज़न के मध्य कितना अंतर है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 7

प्रश्नानुसार,
S3 से: 
(रीता+टॉम जॉन)/3 = 45
रीता+टॉम+जॉन= 135.......(i)
S1 से:
रीता= [(टॉम+जॉन)/2] +9
2रीता- टॉम- जॉन= 18  .. ... (ii)
समीकरण (i) और (ii) को हल करने पर, हमें प्राप्त होता है:
रीता= 51 किलोग्राम
समीकरण (i) से, हमें प्राप्त होता है:
टॉम+जॉन= 135 -51= 84 किलोग्राम   . . . . .(iii)
S2 से: 
(टॉम+ जॉन)/2 = टॉम+ 2
टॉम जॉन 2 टॉम+4 जॉन- टॉम= 4
समीकरण (iii) तथा (iv) से, हमें प्राप्त होता है :
जॉन% 44 किलोग्राम
∴अभीष्ट अंतर = 51-44 = 7 किलोग्राम
इसलिए, S1, S2 और S3 एकसाथ प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त हैं।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 8

नेहा ने जिला स्तर पर मैराथन प्रतियोगिता में भाग लिया। जब वह 15 किलोमीटर के निशान को पार कर रही थी, तब उसे बताया गया कि उसने 75% दौड़ ही पूरी की है। इस मैराथन प्रतियोगिता में उसे कितने किलोमीटर दौड़ना था?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 8

मान लीजिए मैराथन प्रतियोगिता में नेहा को x किलोमीटर दौड़ना है।
अब, प्रश्नानुसार,
x का 75% = 15
⇒ (75/100)* x= 15
या x= 20 किलोमीटर इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 9

कोको पाउडर की दो किस्मों का 70 किलोग्राम मिश्रण, जिसका मूल्य 7 रु प्रति किग्रा. है। वह मिश्रण हो सकता है:

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 9

हम प्रत्येक विकल्प की एक-एक करके जांच करेंगे और परिणामी मिश्रण का औसत मूल्य ज्ञात करेंगे। 

विकल्प (a): 
परिणामी मिश्रण का औसत मूल्य = (55 x 6) + (15 x 13)/70 = 525/70 = 7.5 रु. 

विकल्प (b): 
परिणामी मिश्रण का औसत मूल्य = (45x3) + (25x10)/70 = 385/70 = 5.5 रु. 

विकल्प (c): 
परिणामी मिश्रण का औसत मूल्य = (50x5) + (20 x 12)/70 = 490/70 = 7 रु. 

इसलिए  विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 10

दो समूहों में छात्रों के औसत अंक क्रमशः 30 और 40 हैं। यदि इन दोनों समूहों के छात्रों को एक साथ मिलाकर एक नया समूह बनाया जाता है, तो परिणामी समूह का औसत अंक 34 हो जाता है। पहले समूह में छात्रों की संख्या का दूसरे समूह में छात्रों की संख्या से कितना अनुपात होना चाहिए?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 10

एलीगेशन (Alligation) नियम के अनुसार,

अभीष्ट अनुपात = 6 : 4 = 3 : 2
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 11

एक गेंद 4 मी/से की गति से बाउंड्री की ओर जाती है और फील्डर 5.2 मी/से की गति से उसका पीछा करता है। यदि फील्डर और गेंद के बीच की प्रारंभिक दूरी 3.6 मीटर है, तो वह गेंद को पकड़ने में कितना समय लेगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 11

विधि I:
गेंद की गति = 4 मी/से, और फील्डर की गति = 5.2 मी/से
फील्डर द्वारा तय की जाने वाली अतिरिक्त दूरी = 3.6 मीटर
मान लीजिए, फील्डर द्वारा लिया गया समय 't' सेकंड है।
मान लीजिए, गेंद द्वारा तय की गई दूरी D1 मीटर है और फील्डर द्वारा तय की गई दूरी Dमीटर है।

प्रश्नानुसार,
D2 - D1 = 5.2t - 4t = 1.2t = 3.6
= t = 3.6/1.2 = 3
फील्डर द्वारा गेंद पकड़ने में लिया गया समय 3 सेकंड है।
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

विधि II:
गेंद की गति = 4 मी/से और फील्डर की गति = 5.2 मी/से
फील्डर द्वारा तय की जाने वाली अतिरिक्त दूरी = 3.6 मीटर
गेंद पकड़ने में फील्डर द्वारा लिया गया समय = फील्डर और गेंद के बीच की प्रारंभिक दूरी/फील्डर और गेंद की सापेक्ष गति = 3.6/(5.2 - 4) = 3.6/1.2 = 3 सेकंड
फील्डर द्वारा गेंद पकड़ने में लिया गया समय 3 सेकंड है। 

इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 12

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2 

खाद्य आपूर्ति में बाधा एक गंभीर मुद्दा है जिसमें विश्व भर में वृद्धि हो रही है। चरम-मौसमी घटनाएं, जिनमें संभवतः जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्रता आई है, खाद्य आपूर्ति में बाधाओं की मुख्य वाहक हैं। साथ ही वैश्विक उपजाऊ क्षेत्र (Breadbasket) की न्यूनता के जोखिम में भी संभवतः वृद्धि हो रही है, जिससे प्रणालीगत और विनाशकारी खाद्य उत्पादन क्षति का खतरा उत्पन्न हो रहा है। भू-राजनीतिक संकट और नीतियों में परिवर्तन भी विभिन्न खाद्य प्रणालियों हेतु बड़े स्तर पर इन बाधाओं के लिए उत्तरदायी हैं। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न खतरा खाद्य आपूर्ति शृंखला को बाधित कर सकता है, जैसा कि विश्व भर की कई राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में कोरोना वायरस जनित महामारी द्वारा वर्ष 2019 में देखा गया है। वैश्विक और राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाएं स्थानीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं की तुलना में इन बाधाओं के जोखिम को बढ़ाती हैं, परंतु इनसे विविधता और सुनम्यता भी आती हैं।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत निष्कर्ष निकाला जा सकता है/निकाले जा सकते हैं?
1. विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अंतर्गत नीतियों, विशेष रूप से कृषि-खाद्य व्यवसाय के संदर्भ में,
सुधार की आवश्यकता है।
2. जलवायु परिवर्तन के लिए सतत विकास लक्ष्य (SDG)-13 को प्राप्त करने में हुई प्रगति जीरो हंगर के लिए सतत विकास लक्ष्य (SDG)-2 को प्राप्त करने में हुई प्रगति को प्रभावित कर रही है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 12

कथन 1 सही नहीं है। यह कथन अपने आप में सत्य हो सकता है परन्तु परिच्छेद से इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। यह परिच्छेद केवल खाद्य आपूर्ति बाधाओं के लिए उत्तरदायी कारकों को सूचीबद्ध करता है जिसमें भू-राजनीति और नीतियां भी शामिल हैं, जैसा कि "भू-राजनीतिक संकट एवं नीतियों में परिवर्तन भी विभिन्न खाद्य प्रणालियों हेतु बड़े स्तर पर इन बाधाओं के लिए उत्तरदायी हैं।" पंक्ति में व्यक्त किया गया है। परंतु यह या तो नीतियों में आवश्यक सुधारों या इस संदर्भ में विश्व व्यापार संगठन की भूमिका की व्याख्या नहीं करता है। इसलिए, यह एक वैध निष्कर्ष नहीं है।
कथन 2 सही नहीं है। पंक्ति "चरम-मौसमी घटनाएं, जिनमें संभवत: जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्रता आई हैं, खाद्य आपूर्ति बाधाओं की मुख्य वाहक हैं" के द्वारा विश्व में जलवायु परिवर्तन और खाद्य आपूर्ति के मध्य के संबंध को रेखांकित किया गया है। चरम मौसमी घटनाओं में कमी करना सतत विकास लक्ष्य (SDG)-13 (जलवायु कार्रवाई) के तहत प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से संबंधित है। अभी तक सब ठीक है। हालांकि, परिच्छेद में कही भी SDG के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त, खाद्य आपूर्ति और वैश्विक भूख के मुद्दे आपस में संबंधित हैं, किन्तु एक जैसे नहीं हैं। भूख का संबंध निर्धनता से है। जिन देशों में प्रचुर मात्रा में खाद्य आपूर्ति है, वहां अभी भी लोग भूखे हो सकते हैं। समग्र रूप में यह परिच्छेद भूख के संदर्भ में न होकर खाद्य आपूर्ति के संदर्भ में है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 13

तीन कथन S1, S2 और 53 नीचे दिए गए हैं, जिसके बाद एक प्रश्न है:
तीन व्यक्तियों आकाश, पंकज और संजय के पास मिलाकर 675 रोटियां हैं।
S1 : आकाश के पास 300 रोटियां हैं।
S2 : पंकज के पास 100 रोटियां हैं।
S3 : आकाश के पास पंकज से तीन गुना अधिक रोटियां हैं, जो संजय से अधिक हैं।

प्रश्न: संजय के पास कितनी रोटियां हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 13

कुल रोटियां = 675
S1 से:
आकाश के पास 300 रोटियां हैं।
S2 से:
पंकज के पास 100 रोटियां हैं।
S1 और 2 से एक साथ:
संजय के पास रोटियों की संख्या = 675 - (300 + 100) = 275
इस प्रकार, S1 और 52 एक साथ प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त हैं।
S2 और 53 से एक साथ: पंकज के पास 100 रोटियां हैं।
आकाश के पास रोटियों की संख्या = 3x 100 = 300
संजय के पास रोटियों की संख्या = 675 - (300 + 100) = 275
इस प्रकार, S2 और S3 एक साथ प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त हैं।
S1 और 53 से एक साथ:
आकाश के पास 300 रोटियां हैं।
पंकज के पास रोटियों की संख्या = 100
संजय के पास रोटियों की संख्या = 675 - (300 + 100) = 275
इस प्रकार, S1 और 53 एक साथ प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त हैं।
इस प्रकार, सभी विकल्प सत्य हैं। इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 14

रेणु प्रत्येक माह 6 चॉकलेट और 14 आइसक्रीम खाती है, जिनका मूल्य 1800 रुपए है। यदि एक चॉकलेट का मूल्य 120 रुपए है, तो निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 14

प्रश्नानुसार,
6 चॉकलेट + 14 आइसक्रीम = 1800 रुपए
एक चॉकलेट का मूल्य =120 रुपए
∴ चॉकलेट का कुल मूल्य = 120 x 6 = 720 रुपए
रेणु के द्वारा चॉकलेट की वार्षिक खपत = 720 x 12 = 8,640 रुपए
अत:, विकल्प (a) से निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
14 आइसक्रीम का कुल मूल्य = 1800 - 720 = 1080 रुपए
अत:, विकल्प (b) से निष्कर्ष निकाला जा सकता है।
एक आइसक्रीम का औसत मूल्य = 1080/14 = 77.14 रुपए
अतः, विकल्प (c) से निष्कर्ष निकाला जा सकता है। 

इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 15

एक बाइक की मरम्मत किए जाने के बाद वह 65 कि.मी./घंटे की चाल से चलती है, जबकि मरम्मत किए जाने के पूर्व वह 45 कि.मी./घंटे की चाल से चलती थी। यह मरम्मत किए जाने के बाद 4 घंटे में एक निश्चित दूरी तय करती है। मरम्मत किए जाने से पूर्व समान दूरी को तय करने में उसे लगभग कितना समय लगा होगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 15

मरम्मत किए जाने से पूर्व बाइक की चाल = 45 कि.मी./घंटा
मरम्मत किए जाने के बाद बाइक की चाल = 65 कि.मी./घंटा दिए गए प्रश्न में तय की गई दूरी समान है।
मान लीजिए की मरम्मत किए जाने से पूर्व समान दूरी तय करने में लगने वाला समय '' था।
 प्रश्नानुसार, मरम्मत किए जाने के बाद 4 घंटे में बाइक द्वारा तय की गई दूरी = मरम्मत किए जाने से पूर्व 't' घंटे में बाइक द्वारा तय की गई दूरी
65x4 = 45xt
t = (65 x 4)/45 = 5 घंटे 46 मिनट (लगभग)
∴ इसे मरम्मत किए जाने से पूर्व समान दूरी तय करने में 5 घंटे 46 मिनट का समय लगता था।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 16

एक व्यक्ति ने सोने के एक टुकड़े को भार के अनुसार 2:4:5 के अनुपात में तीन भागों में तोड़ दिया और परिणामस्वरूप उसे 15200 रुपए की हानि हुई। सोने के एक टकड़े की कीमत उसके भार के वर्ग के अनुपातिक है। सोने के तीन टूटे हुए टुकड़ों की कीमत होनी चाहिए:

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 16

सोने के टूटे हुए टुकड़ों के भार का अनुपात = 2:4:5
माना छोटे टूटे हुए सोने के टुकड़ों का भार क्रमश: '2a', '4a' और '5a' है।
सोने के बड़े टुकड़े का कुल भार = 2a+ 4a + 5a = 11a
प्रश्नानुसार,
कीमत α (वजन)2 सोने के बड़े टुकड़े की कीमत = 11a x 11a = 121a2
'2a' वजन वाले सोने के टुकड़े की कीमत = 2a x 2 = 4a2 
'4a' वजन वाले सोने के टुकड़े की कीमत = 4ax 4a = 16a2 
'5a' वजन वाले सोने के टुकड़े की कीमत = 5a x 5a = 25a2 
सोने के छोटे टूटे हुए टुकड़ों की कुल कीमत = 4a2 + 16a2 + 25a2 = 45a2 
हानि = 121a2 - 45a2 = 76a2 
हानि = 15200 रुपए
तो, 76a2 = 15200 रुपए
a2 = 15200/76 = 200
'2a' वजन वाले सोने की कीमत = 4a2 = 4 x 200 = 800 रुपए
'4a' वजन वाले सोने की कीमत = 16a2 = 16 x 200 =3200 रुपए
'5a' वजन वाले सोने की कीमत = 25a2 = 25 x 200 = 5000 रुपए
सोने के छोटे टुकड़ों की कीमत 800 रुपए, 3200 रुपए और 5000 रुपए 

इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 17

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -1 

आय एवं संपत्ति की असमानता में आवश्यक परिवर्तन केवल दीर्घावधिक परिप्रेक्ष्य में ही संभव है। किसी अर्थव्यवस्था की रोजगार संरचना ही एक सामान्य साधन है, जो असमानता में किसी भी तरह से परिवर्तन का कारण बन सकती है, अर्थात् असमानता में वृद्धि या कमी। लक्षित समूह की नीतियों और कार्यक्रमों जैसे अन्य आर्थिक साधनों का प्रभाव अल्पकालिक होता है, लेकिन रोजगार के माध्यम से इसका पुनर्वितरण धारणीय होता है। चूंकि सरकारें प्रशासनिक और राजकोषीय सीमाओं के अंतर्गत कार्य करती हैं, इसलिए सामान्यत: लक्षित समूह के कार्यक्रमों का आय पुनर्वितरण (Income Redistribution ) पर मामूली प्रभाव पड़ता है। श्रमिक वर्ग की आय लोगों के विभिन्न आय वर्गों के मध्य और सामाजिक एवं जातीय समूहों में संसाधनों के प्रवाह को सक्षम बनाती है।

परिच्छेद द्वारा संप्रेषित सबसे तार्किक और निर्णायक संदेश क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 17

विकल्प (a) सही नहीं है। परिच्छेद के अनुसार, "लक्षित समूह की नीतियों और कार्यक्रमों जैसे अन्य आर्थिक साधनों का प्रभाव अल्पकालिक होता है, लेकिन रोजगार के माध्यम से इसका पुनर्वितरण दीर्घकालिक होता है।" इसलिए परिच्छेद के अनुसार, आय का पुनर्वितरण रोजगार नीतियों के माध्यम से भी किया जा सकता है। हालांकि, गिनी गुणांक जैसे संकेतकों में सुधार सहायक हो सकते हैं लेकिन यह एकमात्र समाधान नहीं है। विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद में कहीं भी PDS जैसे विभिन्न सहायक उपायों का उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए यह उत्तर विकल्प इस परिच्छेद की सीमा से पूर्णत: परे है। विकल्प (c) सही है। इस परिच्छेद में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है: "लक्षित समूह की नीतियों और कार्यक्रमों जैसे अन्य आर्थिक साधनों का प्रभाव अल्पकालिक होता है, लेकिन रोजगार के माध्यम से इसका पुनर्वितरण दीर्घकालिक होता है।" इसलिए रोजगार सृजन निर्णायक तरीके से असमानता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद में केंद्र या राज्य सरकार का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए यह उत्तर विकल्प भी इस परिच्छेद की सीमा से पूर्णत: परे है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 18

क्रमागत 15 संख्याओं का औसत 26 है। तीसरी सबसे बड़ी और पांचवीं सबसे छोटी संख्या के बीच का अंतर है:

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 18

विधि I:
क्रमागत 15 संख्याओं का औसत 26 है।
मध्य पद = (15+1)/2 = 8वाँ पद
यहाँ, मध्य पद अर्थात 8वाँ पद 26 होना चाहिए और प्रत्येक पद के बीच का अंतर 1 है।
इसलिए, संख्याएँ होंगी:
19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33
इनमें से तीसरी सबसे बड़ी संख्या = 31
इनमें से 5वीं सबसे छोटी संख्या = 23
अभीष्ट अंतर = 31-23 = 8
इसलिए, विकल्प (B) सही उत्तर है।

विधि II: 
माना श्रृंखला की पहली संख्या x है। चूंकि संख्याएं क्रमागत हैं, पांचवीं सबसे छोटी संख्या x+4 होनी चाहिए, और तीसरी सबसे बड़ी संख्या x+12 होनी चाहिए।
अतः अभीष्ट अंतर= (x+12) - (x+4)= 8
इसलिए, विकल्प (B) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 19

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2

1980 के दशक के अंत तथा 1990 के दशक की शुरुआत में, पर्यावरण और विकास पर विश्व आयोग तथा तत्पश्चात उस विषय पर रियो डी जनेरियो में आयोजित और पृथ्वी शिखर सम्मेलन के नाम से प्रसिद्ध संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन ने संधारणीय विकास पर विश्व का ध्यान केंद्रित किया। इन सम्मेलनों में ऐसा माना गया कि अल्पकाल में प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास पर निर्भर विकास से, दीर्घकालिक समृद्धि या कल्याण संभव नहीं हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में संधारणीय विकास को "एक ऐसे विकास के रूप में परिभाषित किया गया जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताओं की पूरी करने के लिए, किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े। पृथ्वी शिखर सम्मेलन के बाद से विकास संबंधी नीतियों के निर्माण में संधारणीयता के महत्व को तेजी से पहचाना गया है। हालांकि, यह आर्थिक तथा सामाजिक के साथ-साथ पारिस्थितिक संधारणीयता से संबंधित है परंतु, पर्यावरणीय मुद्दों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तनों ने इस पहल के महत्व को बनाए रखा है।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 19
  • विकल्प (a) सही नहीं है। परिच्छेद में संधारणीय विकास लक्ष्यों (SDGs) का कोई उल्लेख नहीं है। इसके अतिरिक्त, SDGs का विचार पृथ्वी शिखर सम्मेलन के काफी समय बाद वर्ष 2015 से शुरू हुआ था। इसलिए यह सही विकल्प नहीं है। 
  • विकल्प (b) सही है। परिच्छेद के अनुसार, "संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में संधारणीय विकास को "एक ऐसे विकास के रूप में परिभाषित किया गया जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति इस प्रकार से करता है कि भावी पीढ़ी को अपनी आवश्यकताओं की पूरी करने के लिए, किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े। पृथ्वी शिखर सम्मेलन के बाद से विकास संबंधी नीतियों के निर्माण में संधारणीयता के महत्व को तेजी से पहचाना गया है।" इसलिए, यह निष्कर्ष निकालना सही है कि संधारणीयता, अंतर-पीढ़ी (विभिन्न पीढ़ियों के मध्य) तथा अंतरा-पीढ़ी (एक ही पीढ़ियों के मध्य), दोनों पहलूओं को समाहित करती है।
  • विकल्प (c) सही नहीं है। पृथ्वी शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को वैश्विक सहयोग के बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है। यह कथन सही है किंतु, उपर्युक्त परिच्छेद से यह सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। यह विकल्प (b) में उल्लिखित सबसे तार्किक निष्कर्ष के सहायक तर्कों में से एक है। 
  • विकल्प (d) सही नहीं है। यह सही है कि जलवायु परिवर्तन के कारण संधारणीय विकास के विचार को लागू करना कठिन है। किंतु, यह संधारणीय विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में उत्पन्न होने वाली बाधाओं में से एक है, न कि सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष, जिसे उपर्युक्त परिच्छेद से निकाला जा सकता है।
UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 20

निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

I. एक नाव धारा की दिशा में 24 कि.मी.की यात्रा 4 घंटे में कर सकती है। यदि यह नाव धारा के विपरीत दिशा में 8 घंटे में 32 कि.मी. की यात्रा तय कर सकती है, तो धारा की गति 2 कि.मी./घंटा है।
II. एक ट्रेन की लंबाई 1650 मीटर है। यदि यह 1950 मीटर लंबे प्लेटफॉर्म को 240 सेकंड में पार कर
सकती है, तो उस ट्रेन की गति 80 कि.मी./घंटा है।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 20

कथन | से: 
धारा की विपरीत दिशा में गति = 32/8 = 4 कि.मी./घंटा।
धारा की दिशा में गति = 24/4 = 6 कि.मी./घंटा।
धारा की गति = (धारा की दिशा में गति - धारा की विपरीत दिशा में गति)/2 = (6-4)/2 = 2/2 = 1 कि.मी./घंटा।
अत: धारा की गति 1 कि.मी./घंटा है। इसलिए, कथन I गलत है।

कथन || से: 
ट्रेन की गति = (1650 + 1950)/240 = 3600/240 मी./से. = (3600/240) x (18/5) = 54 कि.मी./घंटा
इस प्रकार, ट्रेन की गति 54 कि.मी./घंटा है।
इसलिए, कथन II गलत है।
दोनों कथन गलत हैं। 

इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 21

100 मीटर की दौड़ में गगन, राजा से 30 मीटर आगे से दौड़ना प्रारंभ करता है, किन्तु राजा दौड़ जीत जाता है जबकि गगन, अभी भी 10 मीटर पीछे है। यदि दोनों एक ही समय पर दौड़ना प्रारंभ करते हैं, तो राजा एवं गगन की चाल का अनुपात क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 21

कुल दूरी = 100 मीटर
राजा प्रारंभ लाइन से दौड़ना प्रारंभ करता है। अतः राजा द्वारा तय की गई दूरी = 100 मीटर
गगन द्वारा तय की गई दूरी = 100 - 30 - 10 = 60 मीटर
अतः राजा और गगन द्वारा तय की गई दूरियों का अनुपात = 100 : 60 = 5 : 3
हम जानते हैं कि नियत समय के लिए चाल और तय की गई दूरियों का अनुपात समान होता है।
राजा और गगन की चालों का अनुपात = 5 : 3
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 22

निम्नलिखित प्रश्न में दो राशियाँ दी गई हैं। दोनों राशियों के अंकीय मान की तुलना कीजिए और तदनुरूप उत्तर दीजिए।
एक नाव की धारा की दिशा में और धारा की विपरीत दिशा में चाल का योग 24 किमी/घंटा है, जबकि शांत जल में उस नाव की चाल, धारा की चाल से 200% अधिक है।
राशि I धारा की दिशा में 96 किमी की दूरी तय करने में लगा समय।
राशि II: धारा की विपरीत दिशा में 60 किमी की दूरी तय करने में लगा समय। 

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 22

माना कि शांत जल में नाव की चाल a किमी/घंटा है और धारा की चाल x किमी/घंटा है।
शांत जल में नाव की चाल धारा की चाल से 200% अधिक है।
 a=3x
प्रश्न के अनुसार,
नाव की धारा की दिशा में चाल + नाव की धारा के विपरीत दिशा में चाल = 24
 (a +x) + (a-x) = 24
2a= 24
a = 12 किमी/घंटा।
a = 3x
x = a/3 = 12/3 = 4 किमी/घंटा।
अतः नाव की धारा की दिशा में चाल = 12 + 4 = 16 किमी/घंटा।
नाव की धारा के विपरीत दिशा में चाल = 12-4 = 8 किमी/घंटा।
राशि।
आवश्यक समय = 96/16 = 6 घंटे।
राशि ॥
आवश्यक समय = 60/8 = 7.5 घंटे।
राशि ॥ > राशि।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 23

दो कथन S1 और 2 नीचे दिए गए हैं और उसके बाद एक प्रश्न दिया गया है।
S1: विनीत एक निश्चित दूरी तक पैदल जाता है और वापस गाड़ी से आता है। इसमें उसे कुल 29 मिनट का समय लगता है।
S2: विनीत 45 मिनट में दोनों तरफ की पैदल यात्रा कर सकता है।

प्रश्न: विनीत को दोनों ओर गाड़ी से यात्रा करने में कितना समय लगेगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 23

पैदल चलने और पुनः गाड़ी से यात्रा करने में लगने वाला समय = 29 मिनट
दोनों ओर पैदल चलने में लगा समय = 45 मिनट
माना कि पैदल चलने और गाड़ी से यात्रा करने में लिया गया समय क्रमशः Tw और Tहैं।
प्रश्नानुसार,
T+ T= 29 ---- (i)
2Tw = 45 ---- (ii)
समीकरण (i) और (ii) का उपयोग करके, हमें प्राप्त होता है:
2 (29 - T.) = 45 2T, = 58-45 2T, = 13
विनीत द्वारा दोनों ओर से गाड़ी से यात्रा करने में लिया गया समय 13 मिनट है।
इस प्रकार, इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए 1 और 2 दोनों एक साथ पर्याप्त है, किन्तु न तो अकेले 51 और न ही अकेले 52 प्रश्न का उत्तर देने के लिए पर्याप्त है।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 24

कोई एक्सप्रेस ट्रेन 80 किमी/घंटा की औसत चाल से चलती है। अपने स्रोत स्टेशन से प्रारंभ करके, यह अपने गंतव्य पर पहुंचने से पूर्व प्रत्येक 45 किमी चलने के बाद 3 मिनट के लिए रुकती है। यदि स्रोत से गंतव्य के बीच की दूरी 720 किमी है, तो निम्नलिखित में से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 24

ट्रेन की औसत चाल 80 किमी/घंटा है और दूरी 720 किमी है।
ट्रेन प्रत्येक 45 किमी के बाद 3 मिनट के लिए रुकती है।
माना कि ट्रेन द्वारा लिया गया समय 1 घंटे है।
प्रश्न के अनुसार, हम जानते है कि: समय (t) = दूरी (d)/चाल (s)
t= 720/80
t = 9 घंटा
बिना ठहराव के ट्रेन को 720 किमी चलने में 9 घंटे समय लगेंगे।
इस प्रकार विकल्प (a) गलत है।
720 किमी में ठहरावों की संख्या = (720/45) - 1 = 16 - 1 = 15
इसलिए स्रोत और गंतव्य के बीच 15 ठहराव हैं।
इस प्रकार विकल्प (d) सही है।
प्रत्येक 45 किमी के बाद ठहराव के दौरान लगा कुल समय- 15x3 = 45 मिनट।
720 किमी की दूरी तय करने में लगा कुल समय = 9 घंटे + 45 मिनट = 9 घंटे 45 मिनट।
इसलिए, ठहराव के साथ 720 किमी की चलने में ट्रेन को 9 घंटे 45 मिनट का समय लगता है।
इस प्रकार विकल्प (b) गलत है।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 25

शिवम अपनी यात्रा का 375 कि.मी. 25 कि.मी./घंटे की चाल से तथा शेष दूरी 45 कि.मी./घंटे की चाल से तय करता है। यदि कुल यात्रा 645 कि.मी. है, तो पूरी यात्रा के लिए उसकी औसत चाल क्या होगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 25

कुल दूरी = 645 कि.मी.
प्रथम 375 कि.मी. के लिए चाल = 25 कि.मी./घंटा
अगले 270 कि.मी. के लिए चाल = 45 कि.मी./घंटा
375 कि.मी. की दूरी तय करने में लिया गया समय = 375/25 = 15 घंटे
270 कि.मी. की दूरी तय करने में लिया गया समय = 270/45 = 6 घंटे
औसत चाल = (कुल तय की गई दूरी) / (कुल लिया गया समय) = 645 / (15 + 6) = 645 / 21 = 30.7 कि.मी./घंटा।
इस प्रकार, पूरी यात्रा तय करने में उसकी औसत चाल 30.7 कि.मी./घंटा होगी।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 26

एक बस की गति ठहराव (stoppages) के बिना 84 किमी प्रति घंटा है और ठहराव के साथ 70 किमी. प्रति घंटा है। बस प्रति घंटे कितने मिनट के लिए रुकती है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 26

ठहराव के बिना बस की गति = 84 किमी/घंटा।
ठहराव के साथ बस की गति = 70 किमी/घंटा।
ठहराव के कारण बस की गति में कमी = 84 -70 = 14 किमी/घंटा।
ठहराव के कारण, बस 1 घंटे में 14 किमी कम दूरी तय करती है।
14 किमी की दूरी तय करने में लगने वाला समय = 14/84 = 1/6 घंटा = (1/6) x 60 मिनट = 10 मिनट
अत: बस प्रति घंटे 10 मिनट के लिए रुकती है। 

इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 27

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -2 

प्रारंभिक चरणों में मुख से संबंधित बीमारियां और इससे जुड़ी परेशानियां कुछ यथोचित उपायों द्वारा जैसे फ्लोराइडों के उपयोग; और चीनी, तंबाकू एवं शराब के उपभोग को कम करके काफी हद तक रोके जा सकने योग्य और/या उनका उपचार किया जा सकने योग्य होते है। ऐसे उपाय मुख स्वास्थ्य एवं समग्र आरोग्यता में सुधार, उपचार लागत में संभावित कमी तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के उचित उपयोग से पर्याप्त आर्थिक लाभ का सजन और श्रम बाजार तथा उससे परे होने वाले उत्पादकता क्षति में कमी करेंगे। यदि मुख स्वास्थ्य उपचारों को सावधानी से चुना जाता है, तो मुख स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कबरेज (UHC) प्राप्त करने पर होने
वाले आर्थिक लाभ, लागत से अधिक हो जाएंगे। उच्च वर्धित मूल्य वाले मुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 27
  • विकल्प (a) सही है। एक लोक कल्याण के रूप में मुख संबंधी स्वास्थ्य के लिए नीति निर्माताओं को नए तरीके से ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इससे विभिन्न लाभ प्राप्त होता है। इसका अनुमान अग्रलिखित पंक्तियों से लगाया जा सकता है, "ऐसे उपाय मुख स्वास्थ्य एवं समग्र आरोग्यता में सुधार, उपचार लागत में संभावित कमी तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के उचित उपयोग से पर्याप्त आर्थिक लाभ का सृजन और श्रम बाजार तथा उससे परे होने वाले उत्पादकता क्षति में कमी करेंगे। यदि मुख स्वास्थ्य उपचारों को सावधानी से चुना जाता है, तो मुख स्वास्थ्य के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) प्राप्त करने पर होने वाले आर्थिक लाभ, लागत से अधिक हो जाएंगे।" 
  • विकल्प (b) सही उत्तर के निकट है, किंतु सही नहीं है। लोगों की उनकी जेब की क्षमता से बाहर होने वाले व्यय को कम करने में मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम, महत्वपूर्ण रूप से सहायक होंगे। यह परिच्छेद इस तर्क का समर्थन तो करता है किन्तु यह तर्क, केवल आंशिक रूप से परिच्छेद के मूल विषय के बारे में बताता है। यह प्रभावी मुख स्वास्थ्य नीति द्वारा प्रदान किए जाने वाले कई लाभों में से एक लाभ है। इसलिए विकल्प (a) अधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण विकल्प होगा। 
  • विकल्प (c) सही नहीं है। अवश्य ही यह परिच्छेद मुख स्वास्थ्य के महत्व और इससे संबंधित प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभों के बारे में कुछ बताता है। हालांकि, यह नहीं बताता है कि लोगों के मुख स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए, मुख स्वास्थ्य प्रबंधन की क्षमता निर्माण को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए

  • विकल्प (d) सही नहीं है। यह विकल्प भी सही नहीं है क्योंकि, परिच्छेद में मुख स्वास्थ्य पेशेवर पाठ्यक्रमों को प्रोत्साहित करने पर चर्चा नहीं की गई है। इस परिच्छेद का ध्यान सरकार द्वारा मुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता को रेखांकित करना है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 28

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2
भारतीय और अफ्रीकी नेतृत्व उपनिवेशवाद को अलग तरह से समझते हैं और जिसके परिणामस्वरूप, उनके उपनिवेश विरोधी
आंदोलन बहुत अलग हैं। भारत में, यह एक राजनीतिक विरोध था क्योंकि नेतृत्व के एक प्रमुख वर्ग ने उपनिवेशवाद को राजनीतिक दासता के रूप में माना था जो धन की निकासी से जुड़ा था। इसलिए लोगों की लामबंदी उसी के अनुसार की गई। हालांकि, अफ्रीकी नेतृत्व ने न केवल राजनीतिक वर्चस्व और नस्लीय भेदभाव बल्कि समान शक्ति के साथ सांस्कृतिक अधीनता से भी लड़ाई लड़ी।

उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. भारत और अफ्रीका पर एक ही औपनिवेशिक शक्ति का शासन था।
2. औपनिवेशिक काल में भारत की सांस्कृतिक विरासत अफ्रीका की तुलना में अधिक समृद्ध थी।
3. भारत में औपनिवेशिक सत्ता द्वारा अपनाई गई आर्थिक नीतियां स्थानीय लोगों के अनुकूल नहीं थीं।
4. औपनिवेशिक शासन के दौरान अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव प्रमुख मुद्दों में से एक था।
5. औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ अफ्रीकी नेतृत्व भारतीय नेतृत्व से अधिक शक्तिशाली साबित हुआ।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 28

कथन 1 एक वैध पूर्वधारणा नहीं है। परिच्छेद में यह चर्चा की गई है कि भारत और अफ्रीकी दोनों देशों पर औपनिवेशिक शक्तियों का शासन था। हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया है कि वे समान शक्तियाँ थीं या नहीं। परिच्छेद केवल भारतीय एवं अफ्रीकी देशों में स्वतंत्रता आंदोलनों की भिन्न-भिन्न प्रकृति की चर्चा करता है। इसलिए, इस परिच्छेद के दायरे में, यह मान लेना सही नहीं होगा कि भारत और अफ्रीका एक ही औपनिवेशिक शक्ति द्वारा शासित थे। 

कथन 2 एक वैध पूर्वधारणा नहीं है। परिच्छेद भारत और अफ्रीका की सांस्कृतिक विरासत की तुलना नहीं करता है। इसलिए यह सही उत्तर विकल्प नहीं है। 

कथन 3 एक वैध पूर्वधारणा है। परिच्छेद के अनुसार, "भारत में, यह एक राजनीतिक विरोध था क्योंकि नेतृत्व के एक प्रमुख वर्ग ने उपनिवेशवाद को राजनीतिक दासता के रूप में माना था जो धन की निकासी से जुड़ा था।" जैसा कि परिच्छेद में चर्चा की गई है, 'धन की निकासी' औपनिवेशिक शक्तियों की प्रतिकूल आर्थिक नीतियों से संबंधित है। इसलिए यह सही विकल्प है। 

कथन 4 एक वैध पूर्वधारणा है। परिच्छेद के अनुसार, "हालांकि, अफ्रीकी नेतृत्व ने न केवल राजनीतिक वर्चस्व और नस्लीय भेदभाव बल्कि समान शक्ति के साथ सांस्कृतिक अधीनता का भी सामना किया।" इसलिए नस्लीय भेदभाव अफ्रीका में औपनिवेशिक शासन के दौरान प्रमुख मुद्दों में से एक था। 

कथन 5 एक वैध पूर्वधारणा नहीं है। यह परिच्छेद शक्ति के पैमाने पर अफ्रीकी नेतृत्व की तुलना भारतीय नेतृत्व से नहीं करता है। इसलिए यह सही विकल्प नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 29

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और नीचे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के उत्तर केवल परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2 

खाद्य आपूर्ति में बाधा एक गंभीर मुद्दा है जिसमें विश्व भर में वृद्धि हो रही है। चरम-मौसमी घटनाएं, जिनमें संभवतः जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्रता आई है, खाद्य आपूर्ति में बाधाओं की मुख्य वाहक हैं। साथ ही वैश्विक उपजाऊ क्षेत्र (Breadbasket) की न्यूनता के जोखिम में भी संभवतः वृद्धि हो रही है, जिससे प्रणालीगत और विनाशकारी खाद्य उत्पादन क्षति का खतरा उत्पन्न हो रहा है। भू-राजनीतिक संकट और नीतियों में परिवर्तन भी विभिन्न खाद्य प्रणालियों हेतु बड़े स्तर पर इन बाधाओं के लिए उत्तरदायी हैं। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न खतरा खाद्य आपूर्ति शृंखला को बाधित कर सकता है, जैसा कि विश्व भर की कई राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में कोरोना वायरस जनित महामारी द्वारा वर्ष 2019 में देखा गया है। वैश्विक और राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाएं स्थानीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं की तुलना में इन बाधाओं के जोखिम को बढ़ाती हैं, परंतु इनसे विविधता और सुनम्यता भी आती हैं।

परिच्छेद द्वारा संप्रेषित सर्वाधिक तार्किक और निर्णायक संदेशक्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 29

विकल्प (a) सही नहीं है। यह परिच्छेद निम्नलिखित पंक्तियों में खाद्य आपूर्ति बाधा (Food Supply Shock) के लिए उत्तरदायी विभिन्न कारकों को सूचीबद्ध करता है, “चरम-मौसमी घटनाएं, जिनमें संभवतः जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्रता आई है, खाद्य आपूर्ति में बाधाओं की मुख्य वाहक हैं। साथ ही वैश्विक उपजाऊ क्षेत्र (Breadbasket) की न्यूनता के जोखिम में भी संभवतः वृद्धि हो रही है, जिससे प्रणालीगत और विनाशकारी खाद्य उत्पादन क्षति का खतरा उत्पन्न हो रहा है। भूराजनीतिक संकट और नीतियों में परिवर्तन भी विभिन्न खाद्य प्रणालियों हेतु बड़े स्तर पर इन बाधाओं के लिए उत्तरदायी हैं।" परंतु इस कथन में उल्लिखित उदाहरण स्वास्थ्य संकट से संबंधित है जैसा कि उल्लिखित किया गया है " इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न खतरा खाद्य आपूर्ति शृंखला को बाधित कर सकता है, जैसा कि विश्व भर की कई राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं में कोरोना वायरस जनित महामारी द्वारा वर्ष 2019 में देखा गया है।" साथ ही, जलवायु परिवर्तन को उत्क्रमित किया जाना एक दीर्घकालिक समाधान है किन्तु यह आपूर्ति शृंखलाओं के संरक्षण का एकमात्र समाधान नहीं है। इसलिए, यह परिच्छेद द्वारा संप्रेषित तार्किक और निर्णायक संदेश नहीं है।
विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद खाद्य आपूर्ति बाधाओं के लिए उत्तरदायी कारकों को सूचीबद्ध करता है जिसमें निम्नलिखित पंक्तियों में वैश्विक ऊर्वरक क्षेत्र (ब्रेडबास्केट) की न्यूनता के परिणामस्वरूप खाद्य उत्पादन में होने वाली क्षति का उल्लेख एक अनुमानित खतरे के रूप में किया गया है "साथ ही वैश्विक उपजाऊ क्षेत्र (Breadbasket) की न्यूनता के जोखिम में भी संभवतः वृद्धि हो रही है, जिससे प्रणालीगत और विनाशकारी खाद्य उत्पादन क्षति का खतरा उत्पन्न हो रहा है।" हालांकि, यह विशेष रूप से प्रमुख खाद्य उत्पादक देशों में खाद्य उत्पादन या वितरण हानि से निपटने के लिए कोई समाधान प्रदान नहीं करता है। साथ ही, वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु किसी विशेष देश को प्राथमिकता देना एक अतार्किक समाधान हो सकता है। इसलिए, यह सही विकल्प नहीं हो सकता है।
विकल्प (c) सही नहीं है। यह परिच्छेद खाद्य आपूर्ति बाधाओं से संबंधित कारकों और इससे निपटने में वैश्विक और स्थानीय आपूर्ति शृंखलाओं की भूमिका की व्याख्या करता है। पंक्ति "वैश्विक और राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाएं स्थानीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं की तुलना में इस बाधा के जोखिम को बढ़ाती हैं, परंतु इनसे विविधता और सुनम्यता भी आती हैं" वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देने से जुड़े खतरों को रेखांकित करती है, परंतु साथ ही साथ उन लाभों का भी उल्लेख करती हैं जिनमें ऐसी बाधाओं के लिए सुनम्यता सम्मिलित है। परिच्छेद के अनुसार, यह सुनम्यता केवल स्थानीय आपूर्ति शृंखलाओं द्वारा प्रदान नहीं की जाती है। इसलिए,बाह्य आघात से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए, आवश्यक समाधान बाहरी विश्व से आते हैं। स्थानीय __ आपूर्ति शृंखलाओं का प्रचार परिच्छेद के विषय के साथ संरेखित नहीं होता है।
विकल्प (d) सही है। पंक्ति "वैश्विक और राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाएं स्थानीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं की तुलना में इस बाधा के जोखिम को बढ़ाती हैं, परंतु इनसे विविधता और सुनम्यता भी आती हैं।" यह संदेश संप्रेषित करती है कि विविधीकरण से खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं में सुनम्यता आती है। यह इस तरह की बाधाओं से निपटने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति शृंखलाओं के महत्व की व्याख्या करती है, इसके बावजूद कि वे बाधाओं के बढ़ते जोखिम के लिए उत्तरदायी हैं। इससे इस विचार को बल मिलता है कि समस्या से ही समाधान निकलता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 30

निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही नहीं है/हैं?
यदि a: b = 3:2 और b:c=7:4
I. b+c, a से बड़ा है।
II. a-c, b से बड़ा है।
III. a/2, b से छोटा है।
IV. b. 20 से बड़ा है। सही कूट का प्रयोग कर उत्तर चुनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 - Question 30

a: b = 3: 2 = [3:2] x 7 = 21: 14
b:c= 7:4 = [7: 4] x 2 = 14 :8
अत:a : b:c= 21 : 14 : 8
आइए अब दिए गए कथनों की जांच करें।

कथन I:
b+ c= 14+8 = 22
∴ b+c>a
इसलिए कथन I सही है।

कथन II:
a-c= 21-8 = 13
∴ a-c<b
अत: a-c, b से बड़ा नहीं है। 
इसलिए कथन II सही नहीं है।

कथन III : 
a/2 = 21/2 = 11.5
b= 14
∴ a/2<b
अत:, a/2, b से छोटा है।
इसलिए कथन III भी सही है। 

कथन IV:
2c=2x8 = 16
b = 14
∴ b<2c
b, 2c से बड़ा नहीं है।
इसलिए कथन IV सही नहीं है।

इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

View more questions
4 docs|136 tests
Information about UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 Page
In this test you can find the Exam questions for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 solved & explained in the simplest way possible. Besides giving Questions and answers for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 2 , EduRev gives you an ample number of Online tests for practice

Top Courses for UPSC

Download as PDF

Top Courses for UPSC