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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi - UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 1

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -1

जलीय कृषि गतिविधि मिस्र में मत्स्यन से संबंधित किसी भी गतिविधि की तुलना में सर्वाधिक सुदृढ़ वृद्धि प्रदर्शित कर रही है। इसे मत्स्य उत्पादन एवं उपभोग के बीच के अंतराल को कम करने हेतु एकमात्र व्यवहार्य विकल्प माना जाता है। अधिकांश जलीय कृषि गतिविधियां नील नदी के डेल्टा क्षेत्र में की जाती हैं। वर्तमान में यह क्षेत्र मत्स्य आपूर्ति का सबसे बड़ा एकल स्रोत है, जो मिस्र के कुल मत्स्य उत्पादन का लगभग 65 प्रतिशत है तथा इसका 99 प्रतिशत से अधिक उत्पादन निजी फार्मों द्वारा किया जाता है।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन परिच्छेद के मूल भाव को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?

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विकल्प (a) सही है। परिच्छेद की पंक्ति " इसे मत्स्य उत्पादन एवं उपभोग के बीच के अंतराल को कम करने हेतु एकमात्र व्यवहार्य विकल्प माना जाता है। इससे ज्ञात होता है कि जलीय कृषि सबसे उत्तम विधि है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद के मूल भाव को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद के अनुसार, मिस्र में निश्चित रूप से जलीय कृषि के माध्यम से बहुत अधिक उत्पादन होता है किंतु विश्व स्तर पर इसकी क्षमता के संदर्भ में कोई चर्चा नहीं की गई है। परिच्छेद में इससे संबंधित कोई संकेत भी नहीं है। इसलिए यह अंतर्निहित सर्वोत्तम मूल भाव नहीं है।

विकल्प (c) सही नहीं है। परिच्छेद की पंक्ति में मिस्र के कुल मत्स्य उत्पादन ... 99 प्रतिशत से अधिक उत्पादन निजी फार्मों द्वारा किया जाता है। यह मात्र यह दर्शाता है कि निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी अधिकतम है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि राज्य को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। इसलिए यह विकल्प परिच्छेद का मूल भाव नहीं है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद की पंक्ति "अधिकांश जलीय कृषि गतिविधियां नील नदी के डेल्टा क्षेत्र में की जाती हैं। यह पंक्ति मात्र उत्पादन के क्षेत्र के संबंध में एक तथ्य प्रस्तुत करती है। किंतु यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि अन्य घाटियों की खोज करने की आवश्यकता है। इसलिए यह परिच्छेद का मूल भाव नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 2

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -2

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार, विश्वास किसी संज्ञानात्मक घटक अर्थात आस्था, अपेक्षा, सद्भावना, आशाओं के माध्यम से ही बना रह सकेगा। इस प्रकार, व्यवहारपरक मंतव्य जो किसी पूर्वधारणा अथवा प्रतिबद्धता के अनुरूप होती है, विश्वास का परिणाम है। व्यवहारपरक दृष्टिकोण के अनुसार, विश्वास जोखिम लेने वाले व्यवहार के रूप में विश्लेषित किया जाता है। विश्वास को एक व्यवहारपरक मंतव्य के रूप में समझा जाता है जो सुभेद्य बनने
और जोखिम लेने की इच्छा में परिणत हो जाता है। इसे समझाने के लिए, कुछ शोधकर्ता विश्वास को दो तरफा अवधारणा के रूप में देखते हैं जो एक ही समय में अपेक्षाओं और व्यवहार दोनों को शामिल करती है। अन्य शोधकर्ता विश्वास के मनोवैज्ञानिक और व्यवहारपरक पक्षों के बीच पृथक्करण की अत्यधिक आलोचना करते हैं।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं:

1. विश्वास दो व्यक्तियों के बीच किसी भी अंतःक्रिया की नींव होती है।
2. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण विश्वास की अवधारणा का अधिक स्पष्ट रूप से व्याख्या करता है।

निम्नलिखित में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ वैध है/हैं?

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पूर्वधारणा 1 सही नहीं है। परिच्छेद में, इस तथ्य पर कोई चर्चा नहीं की गई है कि विश्वास किसी भी अंतःक्रिया का आधार है या नहीं। विश्वास के अर्थ के संबंध में केवल दो प्रकार के दृष्टिकोणों (मनोवैज्ञानिक और व्यवहारपरक) पर चर्चा की गई है। इसलिए यह कथन वैध पूर्वधारणा नहीं है।

पूर्वधारणा 2 सही नहीं है। परिच्छेद में दोनों दृष्टिकोणों के बीच कोई तुलना नहीं की गई है। अतः यह निष्कर्ष निकालना कि पहला दूसरे से बेहतर है, सही नहीं है। इसलिए यह कथन वैध पूर्वधारणा नहीं है।

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 3

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -3

लोक सेवक सामूहिक रूप से सेवाओं के लिए अधिक स्वायत्तता के प्रबल पक्षधर हैं तथा संघीय सेवकों के लिए न्यूनतम कार्यकाल स्थापित किए जाने की मांग कर रहे हैं। लोक सेवा का आकार सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और इस वृद्धि के कारण लोक सेवा की गुणवत्ता में गिरावट हो रही है। लोक सेवा का विस्तार एवं संवृद्धि कई समस्याओं का कारण बनती है, जिसमें लोक सेवा में निम्न उत्पादकता और अदक्षता, प्रभावहीन और हीनतर सार्वजनिक सेवा वितरण तथा भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या में वृद्धि शामिल है।

परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक विवेकपूर्ण और तर्कसंगत निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

1. लोक सेवकों के इष्टतम प्रदर्शन के लिए उनके कार्यकाल को सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
2. लोक सेवा का विशाल आकार एक सहायक की तुलना में बाधक अधिक है।
3. भ्रष्टाचार को कम करने के लिए लोक सेवा के आकार में वृद्धि को सीमित किया जाना चाहिए।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

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कथन 1 सही नहीं है। परिच्छेद की पंक्ति "लोक सेवक सामूहिक रूप से सेवाओं के लिए अधिक स्वायत्तता के प्रबल पक्षधर हैं तथा संघीय सेवकों के लिए न्यूनतम कार्यकाल स्थापित किए जाने की मांग कर रहे हैं। ये पंक्तियां दर्शाती हैं कि लोक सेवक न्यूनतम कार्यकाल के पक्षधर हैं। हालांकि परिच्छेद में इसका संबंध इष्टतम प्रदर्शन के साथ स्थापित नहीं किया गया है। इसलिए यह निष्कर्ष सही नहीं है। 

कथन 2 सही है। परिच्छेद के अनुसार "लोक सेवा का आकार सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और इस वृद्धि के कारण लोक सेवा की गुणवत्ता में गिरावट हो रही है।" इसलिए यह निष्कर्ष सही है। 

कथन 3 सही है। परिच्छेद की पंक्तियाँ "लोक सेवा का विस्तार एवं संवृद्धि कई समस्याओं का कारण बनती है, जिसमें लोक सेवा में निम्न उत्पादकता और अदक्षता, प्रभावहीन और हीनतर सार्वजनिक सेवा वितरण तथा भ्रष्टाचार के मामलों की संख्या में वृद्धि शामिल है।" ये पंक्तियां वर्णित करती हैं कि सेवाओं के विस्तार एवं संवृद्धि के कारण भ्रष्टाचार उत्पन्न होता है। इसलिए इसकी संवृद्धि को सीमित किया जाना चाहिए। इसलिए यह निष्कर्ष सही है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 4

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

वैज्ञानिक प्रबंधन का मुख्य लक्ष्य प्रबंधन के मानक को बढ़ावा देना और सुधार करना है, साथ ही साथ कर्मचारियों के प्रदर्शन की प्रभावशीलता और गुणवत्ता में भी सुधार करना है। वैज्ञानिक प्रबंधन के केंद्र में एक ऐसा दृष्टिकोण व दर्शन है जो परियोजनाओं और कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए पारंपरिक हिट-या-मिस और रूल-ऑफ-थंब दृष्टिकोण को अस्वीकार करता है। यह औद्योगिक प्रबंधन की समस्याओं के समाधान हेतु वैज्ञानिक जांच विधियों का अनुप्रयोग है। प्रबंधन का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अधिकतम दक्षता तक विकसित करके नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की समृद्धि को अधिकतम करना होना चाहिए। व्यर्थता और अदक्षता को कम करके उत्पादन और उत्पादकता में सुधार किया जा सकता है तथा प्रबंधन को ऐसा करने के लिए प्रबंधकीय समस्याओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. उत्पादन से संबंधित समस्याओं के कारण व्यर्थता और अदक्षता उत्पन्न हो सकती है।
2. प्रौद्योगिकी में सुधार से उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 4

कथन 1 सही है। परिच्छेद की पंक्ति "व्यर्थता और अदक्षता को कम करके उत्पादन और उत्पादकता में सुधार किया जा सकता है तथा..." दर्शाती है कि उत्पादन की समस्याओं के कारण व्यर्थता और अदक्षता उत्पन्न हो सकती है। इसलिए यह पूर्वधारणा सही है।

कथन 2 सही नहीं है। यह परिच्छेद वैज्ञानिक प्रबंधन के विषय पर है तथा प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं उत्पादन की गुणवत्ता पर इसके प्रभाव पर कोई चर्चा नहीं की गई है। अतः यह विकल्प परिच्छेद के दायरे से बाहर है। इसलिए यह पूर्वधारणा सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 5

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

वैज्ञानिक प्रबंधन का मुख्य लक्ष्य प्रबंधन के मानक को बढ़ावा देना और सुधार करना है, साथ ही साथ कर्मचारियों के प्रदर्शन की प्रभावशीलता और गुणवत्ता में भी सुधार करना है। वैज्ञानिक प्रबंधन के केंद्र में एक ऐसा दृष्टिकोण व दर्शन है जो परियोजनाओं और कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए पारंपरिक हिट-या-मिस और रूल-ऑफ-थंब दृष्टिकोण को अस्वीकार करता है। यह औद्योगिक प्रबंधन की समस्याओं के समाधान हेतु वैज्ञानिक जांच विधियों का अनुप्रयोग है। प्रबंधन का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अधिकतम दक्षता तक विकसित करके नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की समृद्धि को अधिकतम करना होना चाहिए। व्यर्थता और अदक्षता को कम करके उत्पादन और उत्पादकता में सुधार किया जा सकता है तथा प्रबंधन को ऐसा करने के लिए प्रबंधकीय समस्याओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. उत्पादन से संबंधित समस्याओं के कारण व्यर्थता और अदक्षता उत्पन्न हो सकती है।
2. प्रौद्योगिकी में सुधार से उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन परिच्छेद के मूल भाव को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 5

विकल्प (a) सही नहीं है। दिया गया विकल्प अस्पष्ट और थोड़ा अतिशय है। यह परिच्छेद के सही मूल भाव को नहीं दर्शाता है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। परिच्छेद में प्रबंधन क्रांति की अवधारणा को शामिल नहीं किया गया है। अतः यह परिच्छेद के दायरे से बाहर है। इसलिए यह परिच्छेद के सही मूल भाव को नहीं दर्शाता है। 

विकल्प (c) सही है। परिच्छेद के अनुसार, "वैज्ञानिक प्रबंधन के केंद्र में एक ऐसा दृष्टिकोण व दर्शन है जो परियोजनाओं और कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए पारंपरिक हिट-या-मिस और रूल-ऑफ-थंब दृष्टिकोण को अस्वीकार करता है। ..... प्रबंधन का लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति को उसकी अधिकतम दक्षता तक विकसित करके नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की समृद्धि को अधिकतम करना होना चाहिए।" यह दर्शाता है कि वैज्ञानिक प्रबंधन की सहायता से समतापूर्ण संवृद्धि प्राप्त की जा सकती है और पारंपरिक त्रुटियों को दूर किया जा सकता है। इसलिए यह परिच्छेद के सर्वोत्तम मूल भाव को दर्शाता है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद की पंक्तियां, "वैज्ञानिक प्रबंधन के केंद्र में एक ऐसा दृष्टिकोण व दर्शन है जो परियोजनाओं और कर्मचारियों के प्रबंधन के लिए पारंपरिक हिट-या-मिस और रूल-ऑफ-थंब दृष्टिकोण को अस्वीकार करता है।' विकल्प में दिए गए मूल तत्वों से भिन्न मुख्य तत्वों का उल्लेख करती हैं। इसलिए यह परिच्छेद के सही मूल भाव को नहीं दर्शाता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 6

किसी भाषा में, "DMSP" को "HJUO" के रूप में लिखा जाता है। उसी भाषा में हम “IASIPS" को कैसे लिखेंगे?

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जैसा कि हम देख सकते हैं-
D+ 4 = H; M-3 = J; S+ 2 = U; P-1 = 0
इसी प्रकार, | +6=0;A-5 = V; S+4 = W; I-3 = F: P+2 = R: S-1 =R
अतः, "IASIPS" को "OWFRR" के रूप में लिखा जाएगा।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 7

निम्नलिखित जानकारी का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए।

टोक्यो ओलंपिक में, भारत के आठ ओलंपिक खिलाड़ियों - नीरज चोपड़ा, मीराबाई, मनप्रीत, रवि, सिंधु, लबलीना, बजरंग और रानी रामपाल आठ मंजिलों (भूतल पहली मंजिल और आठवीं मंजिल सबसे ऊपरी मंजिल है) की इमारत में रहते हैं परंतु, आवश्यक नहीं कि वे उसी क्रम में रह रहे हों। रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। रवि, बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। मीराबाई, चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के | बीच एक व्यक्ति रहता है। सिंधु, सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर वाली मंजिल पर रहती है। मनप्रीत, रानी रामपाल के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। रानी रामपाल, तीसरी मंजिल के ऊपर एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। बजरंग, एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है और बजरंग एवं लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। मीराबाई, लवलीना के ऊपर रहती है। बजरंग, पहली मंजिल अथवा सातवीं मंजिल पर नहीं रहता है।

निम्नलिखित में से कौन सातवीं मंजिल पर रहता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 7

दिया गया है कि, बजरंग एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है, और बजरंग और लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। बजरंग मंजिल संख्या 1 या 7 पर नहीं रहता है। मीराबाई चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के बीच एक व्यक्ति रहता है। मीराबाई लवलीना के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि बजरंग मंजिल संख्या 3 पर रहता है तथा मीराबाई मंजिल संख्या 8 पर और लवलीना मंजिल संख्या 6 पर रहती है।

रवि बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। इसलिए, वह अनिवार्य रूप से मंजिल संख्या 4 पर रहता है।

रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। सिंधु सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर की मंजिल पर रहती है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है।

रानी रामपाल एक विषम संख्या वाली मंजिल पर, मंजिल संख्या 3 के ऊपर रहती है। मनप्रीत रानी रामपाल के ऊपर की किसी मंजिल पर रहती है। इस प्रकार, हम अंत में तालिका को इस प्रकार दर्शा सकते हैं:

मनप्रीत सातवीं मंजिल पर रहती है। इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 8

निम्नलिखित जानकारी का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए।

टोक्यो ओलंपिक में, भारत के आठ ओलंपिक खिलाड़ियों - नीरज चोपड़ा, मीराबाई, मनप्रीत, रवि, सिंधु, लबलीना, बजरंग और रानी रामपाल आठ मंजिलों (भूतल पहली मंजिल और आठवीं मंजिल सबसे ऊपरी मंजिल है) की इमारत में रहते हैं परंतु, आवश्यक नहीं कि वे उसी क्रम में रह रहे हों। रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। रवि, बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। मीराबाई, चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के | बीच एक व्यक्ति रहता है। सिंधु, सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर वाली मंजिल पर रहती है। मनप्रीत, रानी रामपाल के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। रानी रामपाल, तीसरी मंजिल के ऊपर एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। बजरंग, एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है और बजरंग एवं लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। मीराबाई, लवलीना के ऊपर रहती है। बजरंग, पहली मंजिल अथवा सातवीं मंजिल पर नहीं रहता है।

निम्नलिखित में से कौन लवलीना और रवि के बीच वाली मंजिल पर रहता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 8

दिया गया है कि, बजरंग एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है, और बजरंग और लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। बजरंग मंजिल संख्या 1 या 7 पर नहीं रहता है। मीराबाई चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के बीच एक व्यक्ति रहता है। मीराबाई लवलीना के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि बजरंग मंजिल संख्या 3 पर रहता है तथा मीराबाई मंजिल संख्या 8 पर और लवलीना मंजिल संख्या 6 पर रहती है।

रवि बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। इसलिए, वह अनिवार्य रूप से मंजिल संख्या 4 पर रहता है।

रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। सिंधु सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर की मंजिल पर रहती है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है।

रानी रामपाल एक विषम संख्या वाली मंजिल पर, मंजिल संख्या 3 के ऊपर रहती है। मनप्रीत रानी रामपाल के ऊपर की किसी मंजिल पर रहती है। इस प्रकार, हम अंत में तालिका को इस प्रकार दर्शा सकते हैं:

रानी रामपाल, रवि और लवलीना के बीच वाली मंजिल पर रहती है। इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 9

निम्नलिखित जानकारी का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए।

टोक्यो ओलंपिक में, भारत के आठ ओलंपिक खिलाड़ियों - नीरज चोपड़ा, मीराबाई, मनप्रीत, रवि, सिंधु, लबलीना, बजरंग और रानी रामपाल आठ मंजिलों (भूतल पहली मंजिल और आठवीं मंजिल सबसे ऊपरी मंजिल है) की इमारत में रहते हैं परंतु, आवश्यक नहीं कि वे उसी क्रम में रह रहे हों। रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। रवि, बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। मीराबाई, चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के | बीच एक व्यक्ति रहता है। सिंधु, सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर वाली मंजिल पर रहती है। मनप्रीत, रानी रामपाल के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। रानी रामपाल, तीसरी मंजिल के ऊपर एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। बजरंग, एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है और बजरंग एवं लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। मीराबाई, लवलीना के ऊपर रहती है। बजरंग, पहली मंजिल अथवा सातवीं मंजिल पर नहीं रहता है।

निम्नलिखित चार में से तीन एक निश्चित तरीके से समान हैं और इसलिए एक समूह का निर्माण करते हैं। कौन-सा उस समूह से संबंधित नहीं है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 9

दिया गया है कि, बजरंग एक विषम संख्या वाली मंजिल पर रहता है, और बजरंग और लवलीना के बीच दो व्यक्ति रहते हैं। बजरंग मंजिल संख्या 1 या 7 पर नहीं रहता है। मीराबाई चौथी मंजिल के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहती है। मीराबाई और लवलीना के बीच एक व्यक्ति रहता है। मीराबाई लवलीना के ऊपर किसी मंजिल पर रहती है। हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि बजरंग मंजिल संख्या 3 पर रहता है तथा मीराबाई मंजिल संख्या 8 पर और लवलीना मंजिल संख्या 6 पर रहती है।

रवि बजरंग के ऊपर एक सम संख्या वाली मंजिल पर रहता है। इसलिए, वह अनिवार्य रूप से मंजिल संख्या 4 पर रहता है।

रवि और सिंधु के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है। सिंधु सबसे निचली मंजिल पर नहीं रहती है और नीरज चोपड़ा के ऊपर की मंजिल पर रहती है। बजरंग और नीरज चोपड़ा के बीच केवल एक व्यक्ति रहता है।

रानी रामपाल एक विषम संख्या वाली मंजिल पर, मंजिल संख्या 3 के ऊपर रहती है। मनप्रीत रानी रामपाल के ऊपर की किसी मंजिल पर रहती है। इस प्रकार, हम अंत में तालिका को इस प्रकार दर्शा सकते हैं:

रानी रामपाल को छोड़कर, सभी किसी-न-किसी सम संख्या वाली मंजिल पर रहते हैं। इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 10

अक्षरों का कौन-सा सेट दी गई अक्षर श्रृंखला के रिक्त स्थानों पर क्रमिक रूप से रखे जाने पर इसे पूरा करेगा। d_l_imu_ba_ _ol_ata_he_nai

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यह देखा जा सकता है कि यह चार भारतीय महानगरों के नाम है। यदि हम सभी रिक्त स्थानों को भर दें, तो यह निम्नलिखित शहरों के नाम बन जाते हैं:
delhi/mumbai/kolkata/chennai
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 11

नीचे दी गई आकृति में लुप्त संख्या ज्ञात कीजिए।

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अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला में वर्णों की स्थिति:
A = 1, B = 2, C = 3, D = 4............X = 24, Y%D 25, Z = 26
इस प्रकार, P= 16, H= 8,Q= 17, C = 3,F= 6, N= 14, K= 11, Y = 25
अब, P, H और 24 के संबंध का विश्लेषण करने पर, हमे ज्ञात होता है कि
P(16) + H(8) = 16+8 = 24
इसी प्रकार,
Q(17) + C(3) = 17 + 3 = 20
N(14) + F (6) = 14 +6 = 20
इसी प्रकार से,
K(11) + Y(25) = 11 + 25 = 36

इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 12

निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तीन अंकों की संख्याओं पर आधारित है:
729  936  868   385   469   367
यदि संख्याओं में मौजूद सभी अंकों को आपस में गणा कर दिया जाए, तो इस प्रकार बनने वाली कितनी संख्याएं 150 से कम होंगी?

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दी गई संख्याओं के अंकों को आपस में गुणा करने पर, हमें प्राप्त होता है:

 

इस प्रकार, तीन ऐसी संख्याएं हैं जिनके अंकों का गुणनफल 150 से कम है। इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 13

निम्नलिखित अक्षरांकीय श्रृंखला को ध्यानपूर्वक पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
K 7 # 6 J G 5 Y T A 9 % D 3 0 # M 0 1 % K # G ) 7 G @
यदि किसी संख्या के ठीक पहले एक चिहन है और ठीक बाद में एक वर्ण आता है, तो उस चिह्न को लिखिए जो T और 9 के बीच में आता है। अंतत: हमें कौन सी श्रृंखला प्राप्त होगी? 

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 13

दिया गया अनुक्रम है:
K 7 # 6 J G 5 Y T A 9 % D 3 0 # M 0 1 % K # G ) 7 G @

यदि किसी संख्या के ठीक पहले एक चिह्न हो और ठीक बाद में एक वर्ण हो, तो उस चिह्न को लिखिए जो T और 9 के बीच में आता है अर्थात् "^"|
K 7 # 6J G 5 Y T ^ 9 % D 3 0 # M O I % K # G ) 7 G @
इस प्रकार, हम ^^ प्राप्त करेंगे।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 14

ज्ञात कीजिए कि आकृति (X) में दिए गए टुकड़ों से (a), (b), (c) और (d) में से कौन-सी आकृति बनाई जा सकती
आकृति (X):

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विकल्प (a) में दी गई आकृति को प्रश्न की आकृति में दिए गए टुकड़ों को मिलाकर बनाया जा सकता है जैसा कि नीचे दर्शाया गया है:

इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 15

अंग्रेजी वर्णमाला में, पहले 4 वर्णों को विपरीत क्रम में लिखा जाता है और अगले 4 वर्णों को विपरीत क्रम में लिखा जाता है एवं इसी प्रकार आगे भी। अंत में Y व z के आपस में स्थान बदल दिए जाते हैं। दायें छोर से 13वें वर्ण के दायें से चौथा वर्ण कौन-सा होगा?

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अंग्रेजी वर्णमाला है:
ABCDEFGHIJKLMNOPQRSTUVWXYZ
प्रश्नानुसार, वर्णों को कुछ इस प्रकार व्यवस्थित किया गया है:
DCBAHGFELKJIPONMTSRQXWVUZY
अत: दायें छोर से 13वें वर्ण के दायें से चौथा वर्ण है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 16

निम्नलिखित अनुक्रम में गलत पद ज्ञात कीजिए, जहां विषम पद और सम पद समान पैटर्न का अनुसरण करते
5,8, 13, 16, 25, 28,41, 44,63, 64,85,88

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विषम और सम श्रृंखला को अलग करने पर, हम निम्नलिखित पैटर्न देखते हैं:

उपर्युक्त श्रृंखला में 63 गलत पद है। इसे 61 से बदल दिया जाना चाहिए।
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 17

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-1

ड्रग्स का उत्पादन करने वाले गरीब देशों में, राजस्व प्राय: आंतरिक संघर्षों और पुलिस, सेना एवं सरकारी महकमों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। ये कुछ ऐसी दशाएं हैं जो किसी देश के विकास करने और गरीबी उन्मूलन की क्षमता को नष्ट कर सकती हैं। इनमें से कुछ राजस्व तो अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के युद्ध कोश में पहुंच सकता है या किसी दुष्ट राष्ट्र (Rogue state) को भी पूर्णत: वित्तपोषित कर सकता है। दुनिया भर में, ऐसे ही लगभग 80-100 अरब डॉलर का प्रयोग इन घृणित या अनैतिक कार्यों को संचालित करने हेतु किया जाता है। संभवतः ड्रग्स के व्यापार से अफगानिस्तान को प्राप्त कुछ राजस्व का लाभ अल-कायदा नेटवर्क को मिला हो।

उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. गरीब देशों में ड्रग्स के खतरे के प्रसार की जाँच के लिए वैश्विक स्तर पर विचार-विमर्श और आम सहमति की आवश्यकता है।
2. ड्रग्स का व्यापार न केवल आतंकी हमलों को वित्तपोषित करता है बल्कि शांतिपूर्ण समाजों को भी बर्बाद करता है।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

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पूर्वधारणा 1 वैध नहीं है। परिच्छेद के अनुसार, वैश्विक स्तर पर विचार-विमर्श और आम सहमति पर कोई चर्चा नहीं की गई है। यह परिच्छेद केवल ड्रग्स के खतरे और इसकी अभिव्यक्तियों के बारे में बात करता है। इसलिए यह कथन वैध पूर्वधारणा नहीं है। 

पूर्वधारणा 2 वैध है। अग्रलिखित पंक्तियां हैं: “इनमें से कुछ राजस्व तो अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के युद्ध कोश में पहुंच सकता है या किसी दुष्ट राष्ट्र (Rogue state) को भी पूर्णत: वित्तपोषित कर सकता है। दुनिया भर में ऐसे ही लगभग 80-100 अरब डॉलर का प्रयोग इन घृणित या अनैतिक कार्यों को संचालित करने हेतु किया जाता है। संभवतः ड्रग्स के व्यापार से अफगानिस्तान को मिले कुछ राजस्व का लाभ अल-कायदा नेटवर्क को मिला हो।” ये पंक्तियां दर्शाती हैं कि ड्रग्स शांतिपूर्ण समाजों को बर्बाद कर सकता है और आतंकवादी संगठनों को वित्तपोषित कर सकता है। इसलिए यह कथन एक वैध पूर्वधारणा है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 18

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2

अगस्त 1997 में थाईलैंड में एक प्रबंधनीय समस्या की तरह दिखने वाला संकट, दो वर्षों में तीव्र होकर, महाद्वीपों में प्रसार के साथ पूर्वी एशिया के उभरते बाजारों में और फिर रूस और ब्राजील में भी वित्तीय संकट के रूप में फैल गया। वर्ष 1998 के अंत में, इससे और भी व्यापक क्षति की आशंका उत्पन्न हुई। अनुभवी पर्यवेक्षक इसकी गति और संक्रमण के कई माध्यमों/चैनलों -पूंजी पलायन, बैंकों द्वारा अपने फंड वापस लेना, वस्तुओं/पण्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट, उभरते बाजारों से अचानक और अंधाधुंध रूप से पोर्टफोलियो पुन:समायोजन के दूर होने, अत्यधिक लीवरेज्ड हेज फंड/बचाव निधि में अचानक तीव्र उलटने/उलटफेर से स्तब्ध थे। इस संकट ने अत्यधिक क्षति पहुंचाई, विशेष रूप से इंडोनेशिया, थाईलैंड, कोरिया, फिलीपींस और मलेशिया में; गरीब लोग इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

1. बासेल मानकों के कड़े कार्यान्वयन के कारण विकसित देश एशियाई बाजारों के आर्थिक झटकों से सुरक्षित हैं।
2. गरीबों और सुभेद्य लोगों की रक्षा के लिए आर्थिक संकट को प्राथमिकता से संभाला जाना चाहिए।
3. वैश्वीकरण के प्रति विश्व की धारणा वर्ष 1998 के बाद परिवर्तित हुई है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 18

कथन 1 सही नहीं है। परिच्छेद में उल्लेख किया गया है, "अगस्त 1997 में थाईलैंड में एक प्रबंधनीय समस्या की तरह दिखने वाला संकट, दो वर्षों में तीव्र हो कर, महाद्वीपों में प्रसार के साथ पूर्वी एशिया के उभरते बाजारों में और फिर रूस और ब्राजील में भी वित्तीय संकट के रूप में फैल गया। हालांकि विकसित देशों पर प्रभाव के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं की गई है, अतः हम यह नहीं मान सकते कि वे आर्थिक झटकों से सुरक्षित हैं। यह दर्शाता है कि यह कथन सही नहीं

कथन 2 सही है। "अगस्त 1997 में थाईलैंड में एक प्रबंधनीय समस्या की तरह दिखने वाला ..." और "इस संकट ने अत्यधिक क्षति पहुंचाई, विशेष रूप से इंडोनेशिया, थाईलैंड, कोरिया, फिलीपींस और मलेशिया में, गरीब लोग इससे सर्वाधिक प्रभावित हुए।" ये पंक्तियां दर्शाती हैं कि आर्थिक संकट आरंभ में प्रबंधनीय होता है। हालांकि, यदि प्राथमिकता के आधार पर इसे संभाला नहीं जाता है. तो यह सभी को प्रभावित करता है, विशेषकर गरीबों को। इसलिए यह कथन सही

कथन 3 सही नहीं है। यद्यपि इस संकट का प्रभाव अनेक देशों पर पड़ा, तथापि वैश्वीकरण पर देशों की धारणा पर परिच्छेद में कोई चर्चा नहीं की गई है। इस संकट के प्रभाव के बारे में केवल एक सीमित चर्चा की गई है। किंतु ये देश वैश्वीकरण को कैसे देखते हैं, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए यह कथन सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 19

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

सार्वजनिक क्षेत्रक में रोजगार भी संसाधन पुनर्वितरण का एक स्रोत हो सकता है। उदाहरण के लिए, जब सरकारें अत्यधिक बेरोजगारी और निम्न आय वाले अल्प लाभान्वित स्थानों में सार्वजनिक क्षेत्रक की अधिक नौकरियों का सृजन करती हैं, तो वे उन नौकरियों के भुगतान हेतु उसी अर्थव्यवस्था के अधिक सुविधा प्राप्त वर्गों के संसाधनों का अकथित रूप से उपयोग कर सकती हैं। ऐसा तब होता है जब कर संग्रहण को समेकित किया गया हो और सार्वजनिक क्षेत्रक में मजदूरी अधिकांशत: एकसमान हो।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

1. अल्प लाभान्वित स्थानों में सार्वजनिक क्षेत्रक की नौकरियों की कम संख्या का परिणाम असमानता है।
2. संसाधन पुनर्वितरण सुनिश्चित करने के लिए सभी को करों का भुगतान करना चाहिए।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 19

कथन 1 सही नहीं है। इन पंक्तियों, "...अत्यधिक बेरोजगारी और निम्न आय वाले अल्प लाभान्वित स्थानों में सार्वजनिक क्षेत्रक की अधिक नौकरियों का सृजन करती हैं...", में असमानता के कारण पर चर्चा नहीं की गई है, बल्कि एक समाधान दिया गया है। इसलिए कथन सही नहीं है।

कथन 2 सही नहीं है। परिच्छेद में इस पर कोई चर्चा नहीं की गई है कि कर किन लोगों के द्वारा दिया जाना चाहिए। कर समेकन पर केवल सीमित चर्चा की गई है। इसलिए यह कथन सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 20

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

यूनानी चिकित्सक हिपोक्रेटिस का मानना था कि भोजन को ही औषधि बनाना चाहिए। और इसी तर्ज पर, अधिकांश नीग्रोअफ्रीकी खाद्य परंपराएं स्पष्ट रूप से दावा करती हैं कि भोजन औषधि का एक विकल्प है। इसी का अनुसरण करते हुए, रोगों की रोकथाम के लिए और स्वयं को ठीक करने के लिए भोजन ग्रहण करना चाहिए। हालांकि, एक अन्य अर्थ में, भोजन ग्रहण करना स्वयं को रोगग्रस्त करना भी है, यह स्वयं को विष देना है और यह तब होता है जब भोजन की गुणवत्ता खराब होती है। यह सभी मिलकर, नृजातीय-आहार विज्ञान और नृजातीय-पोषण, नीग्रोअफ्रीकी समाजों द्वारा उत्पादित खाद्य पदार्थों के पोषण, स्वास्थ्य और चिकित्सा मूल्य/मान्यता पर उनके अंतर्जात ज्ञान के भंडार निकाय को प्रकट करते हैं।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

1. सही मात्रा में भोजन का सेवन रोगों को ठीक कर सकता है।
2. नीग्रो-अफ्रीकी खाद्य परंपराएं भोजन को भूख मिटाने से परे अधिक और कुछ मानती हैं।

निम्नलिखित में से कौन-सी पूर्वधारणा वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 20

कथन 1 सही नहीं है। इस पंक्ति में "हालांकि, भोजन ग्रहण करना स्वयं को रोगग्रस्त करना भी है, यह स्वयं को विष देना है और यह तब होता है जब भोजन की गुणवत्ता खराब होती है। परिच्छेद केवल भोजन की गुणवत्ता के बारे में बात करता है, मात्रा के बारे में नहीं। इसलिए यह पूर्वधारणा सही नहीं है। 

कथन 2 सही है। परिच्छेद के अनुसार, "यह सभी मिलकर, नृजातीय-आहार विज्ञान और नृजातीय-पोषण, नीग्रो-अफ्रीकी समाजों द्वारा उत्पादित खाद्य पदार्थों के पोषण, स्वास्थ्य और चिकित्सा मूल्य/मान्यता पर उनके अंतर्जात ज्ञान के भंडार/निकाय को प्रकट करते हैं यह दर्शाता है कि भोजन को अलग तरीकों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए कथन में पूर्वधारणा सही है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 21

केन्द्रीय विद्यालय की कक्षा 7 में 60 विद्यार्थी हैं। यदि प्रतीक नीचे से 29वां स्थान प्राप्त करता है तो ऊपर से उसका स्थान क्या होगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 21

ऊपर से प्रतीक का स्थान = कुल छात्र +1- नीचे से प्रतीक का स्थान = 60 + 1-29 = 32
ऊपर से प्रतीक का स्थान 32वां होगा।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 22

निम्नलिखित जानकारी का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए।

पांच सहेलियों ने अपनी अंतिम परीक्षा में अलग-अलग अंक प्राप्त किए। मधुमिता ने सोनचिता से अधिक किंतु अवंतिका से कम अंक प्राप्त किए। अवंतिका ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। मौमिता ने केवल पोरिनिता से कम अंक प्राप्त किए। न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 79 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

किसके द्वारा 83 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की सबसे अधिक संभावना है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 22

मधुमिता ने सोनचिता से अधिक किंतु अवंतिका से कम अंक प्राप्त किए। अवंतिका ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अवंतिका (87 प्रतिशत)> मधुमिता > सोनचिता
मौमिता ने केवल पोरिनिता से कम अंक प्राप्त किए।
पोरिनिता > मौमिता 2 अवंतिका (87 प्रतिशत)> मधुमिता > सोनचिता
न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 79 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
अतः, अंतिम व्यवस्था इस प्रकार होगी:
पोरिनिता (98 प्रतिशत) > मौमिता 2 अवंतिका (87 प्रतिशत) > मधुमिता > सोनचिता (79 प्रतिशत)

मधुमिता के द्वारा 83 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की सबसे अधिक संभावना है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 23

निम्नलिखित जानकारी का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए।

पांच सहेलियों ने अपनी अंतिम परीक्षा में अलग-अलग अंक प्राप्त किए। मधुमिता ने सोनचिता से अधिक किंतु अवंतिका से कम अंक प्राप्त किए। अवंतिका ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। मौमिता ने केवल पोरिनिता से कम अंक प्राप्त किए। न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 79 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

दूसरा उच्चतम अंक किसने प्राप्त किया?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 23

मधुमिता ने सोनचिता से अधिक किंतु अवंतिका से कम अंक प्राप्त किए। अवंतिका ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। अवंतिका (87 प्रतिशत)> मधुमिता > सोनचिता
मौमिता ने केवल पोरिनिता से कम अंक प्राप्त किए।
पोरिनिता > मौमिता 2 अवंतिका (87 प्रतिशत)> मधुमिता > सोनचिता
न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 79 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
अतः, अंतिम व्यवस्था इस प्रकार होगी:
पोरिनिता (98 प्रतिशत) > मौमिता 2 अवंतिका (87 प्रतिशत) > मधुमिता > सोनचिता (79 प्रतिशत)

मौमिता या अवंतिका ने दूसरा उच्चतम अंक प्राप्त किया है। इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 24

दी गई आकृति में घनों की संख्या ज्ञात कीजिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 24

हम इसे चरण दर चरण हल करेंगे, 
शीर्ष ब्लॉक में 9 कॉलम हैं जिनमें से प्रत्येक में 5 घन हैं। अत: इसमें घनों की कुल संख्या = 9x5 = 45 दूसरे शीर्ष ब्लॉक में 7 कॉलम हैं जिनमें से प्रत्येक में 4 घन हैं। अत: इसमें घनों की कुल संख्या = 7x4 = 28 तीसरे शीर्ष ब्लॉक में 5 कॉलम हैं जिनमें से प्रत्येक में 3 घन हैं। अत: इसमें घनों की कुल संख्या = 5x3 = 15 सबसे निचले ब्लॉक में केवल 1 घन है।
अत: दी गई आकृति में घनों की कुल संख्या = 45+ 28 + 15 + 1 = 89
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 25

एक विशिष्ट कूट भाषा में "संस्कृति सभ्यता है" को "759" के रूप में कूटबद्ध किया गया है, "सभ्यता नैतिकता है" को "369" के रूप में कूटबद्ध किया गया है, "संस्कृति नैतिकता है" को "675" के रूप में कूटबद्ध किया गया है और "धर्म सभ्यता है" को '9 24' के रूप में कूटबद्ध किया गया है। 

उसी कूट भाषा में "धर्म नैतिकता है" के लिए कूट क्या होगा है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 25

संस्कृति सभ्यता है → 759 ..........(i)
सभ्यता नैतिकता है→369.........(ii)
संस्कृति नैतिकता है→675........(iii)
धर्म सभ्यता है→ 924..............(iv)
समीकरणों (ii) और (iii) से,
नैतिकता→6
समीकरणों (i) और (ii) से,
सभ्यता→9
समीकरणों (i) और (iii) से,
संस्कृति / है→7/5
हमें "है" और "धर्म" के लिए सटीक कूट नहीं प्राप्त हो सकता है। अतः दिए गए आंकड़ें पर्याप्त नहीं है।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 26

"EXAMINATION' शब्द के प्रत्येक व्यंजन को अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला के अगले अक्षर में बदल दिया जाता है और प्रत्येक स्वर को अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला के पिछले अक्षर में बदल दिया जाता है। यदि इस प्रकार बने नए अक्षरों को वर्णमाला क्रम में (बाएं से दाएं) व्यवस्थित किया जाता है तो निम्नलिखित में से कौन-सा अक्षर दाएं छोर से सातवां अक्षर होगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 26

दिया गया शब्द: EXAMINATION
यदि शब्द 'EXAMINATION' के प्रत्येक व्यंजन को अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला के अगले अक्षर में बदल दिया जाए और प्रत्येक स्वर को अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला के पिछले अक्षर में बदल दिया जाए तो हमें प्राप्त होता है:
D Y Z N H O Z U H N O
अब, इन सभी अक्षरों को अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला के अनुसार व्यवस्थित करने पर, हम प्राप्त करते हैं:
D H H N N O O U Y Z Z
उपर्युक्त में दायें छोर से सातवां अक्षर "N" है।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 27

निम्नलिखित आकृति को ध्यान से देखिए और उसके नीचे
दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।


निम्नलिखित में से किस आकृति में उपर्युक्त आकृति अंतर्निहित है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 27

प्रश्न में दी गई आकृति विकल्प (a) में अंतर्निहित है जैसा कि नीचे दर्शाया गया है:

इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 28

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -1 शिक्षा वास्तविक लोकतांत्रिक समाजों के निर्माण के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। नैतिक दृष्टिकोण से भी यह तर्क दिया जा सकता है कि शिक्षा एक प्रकार का सार्वभौमिक अधिकार है क्योंकि यह 'मानवीय क्षमताएं' प्रदान करती है जो, अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के शब्दों में, चिंतन करने, विकल्पों का चयन करने और बेहतर जीवन की ओर बढ़ने के लिए अनिवार्य और व्यक्तिगत शक्ति है। शिक्षा वैश्विक नागरिकता की भावना के निर्माण की कुंजी है जो कि वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक है। साथ ही, यह साझा वैश्विक मूल्यों की भावना विकसित करने के लिए एक प्रमुख उपकरण है जो भावी पीढ़ियों को सभ्यताओं के बीच अनावश्यक, पुराने तनावों से दूर रखने में मदद कर सकता है।
उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं:

1. उचित शिक्षा के बिना वैश्विक समाज में योगदान देना संभव नहीं है।
2. शिक्षा के माध्यम से व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्रों में सशक्त बनाना संभव है।
3. नैतिक सूझबूझ और अंततः सामाजिक नैतिकता के विकास के लिए शिक्षा अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
4. शिक्षा के बहुआयामी लाभों को ध्यान में रखते हुए सरकारों को 100 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

उपर्युक्त में से कौन सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ अमान्य है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 28

कथन 1 सही नहीं है। यह पूर्वधारणा परिच्छेद के दायरे से बाहर है क्योंकि परिच्छेद में यह नहीं कहा गया है कि शिक्षा वैश्विक समाज में योगदान के लिए आवश्यक है। 

कथन 2 सही है। परिच्छेद की इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए, "शिक्षा एक प्रकार का सार्वभौमिक अधिकार है क्योंकि यह "मानवीय क्षमताएं" प्रदान करती है जो, अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के शब्दों में, चिंतन करने, विकल्पों का चयन करने और बेहतर जीवन की ओर बढ़ने के लिए अनिवार्य और व्यक्तिगत शक्ति है।” इससे स्पष्ट होता है कि शिक्षा से सशक्तीकरण संभव है | इसलिए यह कथन सही है।

कथन 3 सही नहीं है। परिच्छेद में उल्लेख है कि "नैतिक दृष्टिकोण से भी यह तर्क दिया जा सकता है कि शिक्षा एक प्रकार का सार्वभौमिक अधिकार है क्योंकि यह 'मानवीय क्षमताएं प्रदान करती है......" यहां शिक्षा को एक सार्वभौमिक अधिकार कहा गया है, लेकिन इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है यह नीतिपरक या नैतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। 

कथन 4 सही नहीं है। 100 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने में सरकार की भूमिका पर कोई चर्चा नहीं की गयी है। साथ ही साक्षरता, शिक्षा से भिन्न है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 29

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -2

सामुदायिक पुलिसिंग एक मौलिक बदलाव है जिसे सभी के लिए एक भयरहित और सुरक्षित परिवेश के निर्माण में सामुदायिक भागीदारी के सुदृढ़ आधार पर स्थापित किया गया है। यह ऐसी पुलिसिंग है जिसके द्वारा लोग अपने मामलों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं: पुलिस को एक समस्या या अजनबी के रूप में नहीं देखा जाता है जिसकी उपस्थिति खतरे का संकेत हो, बल्कि उसे विकास में भागीदार के रूप में देखा जाता है और समुदाय के सदस्यों को न्याय एवं गुणवत्तापूर्ण पुलिस सेवा के सह-निर्माता के रूप में देखा जाता है। यह तथ्य अपराध से निपटने के लिए मिलकर कार्य करने हेतु समुदाय, स्थानीय सरकार और पुलिस को शामिल करने की आवश्यकता को दर्शाता है। इथियोपिया में अपराध के स्तर को कम करने के लिए विभिन्न पुलिस प्रशासनों द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग की स्थापना और कई प्रयासों के बावजूद देश में अपराध और सामाजिक अव्यवस्था बनी हुई है। सार्वजनिक भागीदारी के लिए एक तर्क यह विश्वास है कि अकेले पुलिस न तो भयरहित समुदायों का निर्माण कर सकती है और न ही उसे बनाए रख सकती है।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं:

1. सामुदायिक पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के लिए इसे कानून में शामिल किया जाना चाहिए।
2. सामुदायिक पुलिसिंग के कारण पुलिस के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदलता है।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ मान्य है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 29

कथन 1 सही नहीं है। परिच्छेद में सामुदायिक पुलिसिंग को कानूनी समर्थन देने पर कोई चर्चा नहीं की गयी है। अत: यह कथन परिच्छेद के दायरे से बाहर है। इसलिए यह पूर्वधारणा सही नहीं है।

कथन 2 सही है। परिच्छेद के अनुसार, "पुलिस को एक समस्या या अजनबी के रूप में नहीं देखा जाता है जिसकी उपस्थिति खतरे का संकेत हो, बल्कि उसे विकास में भागीदार के रूप में देखा जाता है।" यह दर्शाता है कि इस प्रकार की पुलिसिंग से लोगों की धारणा बदलती है। इसलिए यह कथन एक मान्य पूर्वधारणा है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 30

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -2

सामुदायिक पुलिसिंग एक मौलिक बदलाव है जिसे सभी के लिए एक भयरहित और सुरक्षित परिवेश के निर्माण में सामुदायिक भागीदारी के सुदृढ़ आधार पर स्थापित किया गया है। यह ऐसी पुलिसिंग है जिसके द्वारा लोग अपने मामलों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं: पुलिस को एक समस्या या अजनबी के रूप में नहीं देखा जाता है जिसकी उपस्थिति खतरे का संकेत हो, बल्कि उसे विकास में भागीदार के रूप में देखा जाता है और समुदाय के सदस्यों को न्याय एवं गुणवत्तापूर्ण पुलिस सेवा के सह-निर्माता के रूप में देखा जाता है। यह तथ्य अपराध से निपटने के लिए मिलकर कार्य करने हेतु समुदाय, स्थानीय सरकार और पुलिस को शामिल करने की आवश्यकता को दर्शाता है। इथियोपिया में अपराध के स्तर को कम करने के लिए विभिन्न पुलिस प्रशासनों द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग की स्थापना और कई प्रयासों के बावजूद देश में अपराध और सामाजिक अव्यवस्था बनी हुई है। सार्वजनिक भागीदारी के लिए एक तर्क यह विश्वास है कि अकेले पुलिस न तो भयरहित समुदायों का निर्माण कर सकती है और न ही उसे बनाए रख सकती है।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं:

1. सामुदायिक पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के लिए इसे कानून में शामिल किया जाना चाहिए।
2. सामुदायिक पुलिसिंग के कारण पुलिस के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदलता है।

निम्नलिखित में कौन-सा कथन परिच्छेद के केंद्रीय विचार का सर्वोत्तम प्रेषण करता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 6 - Question 30

विकल्प (a) सही नहीं है। परिच्छेद में उल्लेख है कि "इथियोपिया में अपराध के स्तर को कम करने के लिए विभिन्न पुलिस प्रशासनों द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग की स्थापना और कई प्रयासों के बावजूद देश में अपराध और सामाजिक अव्यवस्था बनी हुई है।" अत: यह संभव है कि सामुदायिक पुलिसिंग सबसे अच्छा मॉडल नहीं हो और परिच्छेद में भी कहीं भी ऐसा उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए, यह विकल्प केंद्रीय विचार का सर्वोत्तम प्रेषण नहीं करता है। 

विकल्प (b) सही है। पुलिसिंग के बारे में इस परिच्छेद का सार यह है कि समुदाय की भागीदारी महत्वपूर्ण है लेकिन सामुदायिक पुलिसिंग अकेले अपराधों को नियंत्रित नहीं कर सकती है, जैसा कि इथियोपिया के मामले में देखा जा सकता है। अत:, यदि समाज नैतिक है और नियमों का पालन करता है तो सामाजिक व्यवस्था को आसानी से बनाए रखा जा सकता है। इसलिए, यह विकल्प केंद्रीय विचार का सर्वोत्तम प्रेषण करता है। 

विकल्प (c) सही नहीं है। समुदाय को शामिल करके पुलिस का बोझ कम करने पर कोई चर्चा नहीं की गई है। इसलिए, यह कथन परिच्छेद का केंद्रीय विचार नहीं है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद की इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए, "सार्वजनिक भागीदारी के लिए एक तर्क यह विश्वास है कि अकेले पुलिस न तो भयरहित समुदायों का निर्माण कर सकती है और न ही उसे बनाए रख सकती है।" इसलिए विकल्प में दिया गया कथन सही नहीं है।

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