परिच्छेद-1
जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उपज में रूकावट और कीमतों में वृद्धि होने की वजह से, पूरे विश्व में बहुत सारे लोग पहले से ही भुखमरी का शिकार हैं। और जलवायु परिवर्तन के कारण केवल खाद्य ही नहीं बल्कि पोषक तत्व भी अपर्याप्त होते जा रहे हैं। जैसे-जैसे फसलों की उपज और जीविका पर खतरे की स्थिति बन रही है, सबसे गरीब समुदायों को ही, भु खमरी और कुपोषण के बढ़ने के समेत, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से ग्रस्त होना पड़ेगा। दूसरी ओर, गरीबी जलवायु परिवर्तन की कारक है, क्योंकि निराशोन्मत समुदाय अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संसाधनों के अधारणीय (अनसंस्टेनबल) उपयोग का आश्रय लेते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा, उपर्युक्त परिच्छेद का संर्वाधिक तार्किक उपनिगमन (कोरोलरी) है?
परिच्छेद-2
विश्व वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट) ने पाया है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के कुल ऋण और ईक्विटी निवेशों में, किया गया पोर्टफोलियो निवेश का अंश पिछले दशक में दुगुना होकर 12 प्रतिशत हो गया है। इस घटना से भारतीय नीति निर्माताओं पर प्रभाव संभावित है क्योंकि ऋण तथा ईक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश बढ़ता रहा है। इस घटना को एक आशंका भी बताया जा रहा है कि यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिजर्व की ‘‘मात्रात्मक ढील (क्वांटिटेटिव ईंजिगं ) नीति में आसन्न उत्क्रमण (इम्मिनेंट रिवर्सल) होने की दशा में, एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया के रूप में विश्व की वित्तीय स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
उपर्युक्त परिच्छेद से, निम्नलिखित में से कौन सा सर्वाधिक तर्कसंगत आरै निणार्य क अनुमान (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?
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परिच्छेद-3
खुले में मलत्याग अनर्थकारी हो सकता है, जब यह अति सघन आबादी वाले क्षेत्रें में व्यवहार में लाया जा रहा हो, जहां मानव मल को फसलों, कुओं, खाद्य सामग्रियों और बच्चों के हाथों से दरू रखना असंभव होता है। भामै जल (ग्राउन्डवाटर) भी खुले में किए गए मलत्याग से संदूषित हो जाता है। आहार में गए अनेक रोगाणु और कृमियां बीमारियां फैलाते हैं। वे शरीर को कैलोरियों और पोषक तत्वों का अवशोषण करने लायक नहीं रहने देते। भारत में लगभग आधो बच्चे कुपोषित बने रहते हैं। उनमें से लाखों, उन रोग दशाओं से मर जाते हैं जिनसे बचाव सम्भव था। अतिसार (डायरिया) के कारण भारतीयों के शरीर औसत रूप से उन लोगों से छोटे हैं जो अपेक्षाकृत गरीब देशों के हैं, जहां लोग खाने से अपेक्षाकृत कम कैलोरियाँ लेते हैं। न्यून-भार (अंडरवेट) माताएँ ऐसे अविकसित (स्टंटेड) बच्चे पैदा करती है जो आसानी से बीमारी का शिकार हो सकते हैं और अपनी पूरी संज्ञानात्मक संभावनाओं (कोग्निटिव पोटेंशियल) को विकसित करने में असफल रह सकते हैं। जो रोगाणु पर्यावरण में निर्मुक्त हो जाते हैं वे न केवल अमीर और गरीब, बल्कि शौचालयों का प्रयोग करने वालों को भी, एक समान हानि पहुँचाते हैं।
उपर्युक्त परिच्छदे से निम्नलिखित में से कानै सा,सबसे निर्णायक अनुमान (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?
परिच्छेद-4
हम सामान्यतः लोकतंत्र की बात करते हैं पर जब किसी विशेष विशेष पर बात आती है, तो हम अपनी जाति या समुदाय या धर्म से सम्बन्ध रखना ज्यादा पसन्द करते हैं। जब तक हम इस तरह के प्रलोभन से ग्रस्त रहेंगे, हमारा लोकतंत्र एक बनावटी लोकतंत्र बना रहेगा। हमें इस स्थिति में होना चाहिए कि मनुष्य को मनुष्य की इज्जत मिले और विकास के अवसर उन तक पहुचें जो उसके योग्य है न कि उन्हें जो अपने समुदाय या प्रजाति के हैं। हमारे देश में पक्षपात का यह तथ्य बहुत असंतेाष और दुर्भावना के लिए उत्तरदायी रहा है।
निम्नलिखित कथनों में से कानै सा एक, उपर्युक्त परिच्छदे का सर्वोत्तम सारांश प्रस्तुत करता है?
परिच्छेद-5
बचत संग्रहण हेतु, सुरक्षित, विश्वसनीय और वैकल्पिक वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इन्स्टूमेंटस्) प्रदान करने वाली औपचारिक वित्तीय संस्थाओं का होना/स्थापित किया जाना मूलभूत रूप से आवश्यक है। बचत करने के लिए, व्यक्तियों को बैंक जैसी सुरक्षित और विश्वसनीय वित्तीय संस्थाओं के सुलभ होने की, और उपयुक्त वित्तीय साधनों और पर्याप्त वित्तीय प्रोत्साहनों की आवश्यकता होती है। इस तरह की सलु भता भारत जैसे विकासशील देशों में, और उस पर भी ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी लोगों को हमेशा उपलब्ध नहीं है। बचत से गरीब परिवारों को नकदी प्रवाह की अस्थिरता के प्रबंधन में मदद मिलती है, उपभागे में आसानी होती है, और र्कायशील पूंजी के निर्माण में मदद मिलती है। औपचारिक बचत तंत्र के सुलभ न होने से गरीब परिवारों में तुरन्त खर्च कर देने के प्रलोभनों को बढ़ावा मिलता है।
उपर्युक्त परिच्देद के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. भारतीय वित्तीय संस्थाएं ग्रामीण परिवारों को अपनी बचत के संग्रहण के लिए कोई वित्तीय साधन उपलब्ध नहीं करातीं।
2. गरीब परिवार, उपयुक्त वित्तीय साधनों के सुलभ न होने के कारण अपनी आय/बचत को व्यय करने की आरे प्रवृत्त होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कानै -सा/से सही है/हैं?
परिच्छेद-5
बचत संग्रहण हेतु, सुरक्षित, विश्वसनीय और वैकल्पिक वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इन्स्टूमेंटस्) प्रदान करने वाली औपचारिक वित्तीय संस्थाओं का होना/स्थापित किया जाना मूलभूत रूप से आवश्यक है। बचत करने के लिए, व्यक्तियों को बैंक जैसी सुरक्षित और विश्वसनीय वित्तीय संस्थाओं के सुलभ होने की, और उपयुक्त वित्तीय साधनों और पर्याप्त वित्तीय प्रोत्साहनों की आवश्यकता होती है। इस तरह की सलु भता भारत जैसे विकासशील देशों में, और उस पर भी ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी लोगों को हमेशा उपलब्ध नहीं है। बचत से गरीब परिवारों को नकदी प्रवाह की अस्थिरता के प्रबंधन में मदद मिलती है, उपभागे में आसानी होती है, और र्कायशील पूंजी के निर्माण में मदद मिलती है। औपचारिक बचत तंत्र के सुलभ न होने से गरीब परिवारों में तुरन्त खर्च कर देने के प्रलोभनों को बढ़ावा मिलता है।
इस परिच्छेद के द्वारा क्या महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है?
परिच्छेद - 6
सरकारों को ऐसे कदम उठाने पड़ सकते हैं जो अन्यथा व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों का अतिलंघन करने हैं, जैसे किसी व्यक्ति की इच्छा के विरूद्ध उसकी भूमि का अधिग्रहण करना, या किसी भवन-निर्माण की अनुमति देने से इनकार करना, किन्तु जिस वृहत्तर लोकहित के लिए ऐसा किया जाता है, उसे जनता (ससंद) द्वारा प्राधिकतृ किया जाना आवश्यक है। प्रशासन के विवेकाधिकार को समाप्त किया जा सकता है। चूंकि, सरकार को अनेकों कार्य करने पड़ रहे हैं, इस अधिकार को सीमा में रखना निरन्तर कठिन होता जा रहा है। जहां विवेकाधिकार का प्रयोग करना होता है, वहां उस अधिकार के दुरूपयोग को रोकने के लिए नियम एवं रक्षोपाय अवश्य होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था की युक्ति करनी होगी, जो विवेकाधिकारों के दुरूपयोग को, यदि रोक न सके, तो न्यूनतम ही कर सके। सरकारी कार्य मान्य नियमों और सिद्धांतों के ढाँचे के अन्तर्गत ही किए जाने चाहिए, तथा निर्णय समान रूप तथा पूर्वानुमेय (प्रिडिक्टेबल) होने चाहिए।
उर्पयुक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सी, सर्वाधिक तार्किक धारणा बनाई जा सकती है?
प्रधानाचार्य के एक पद और उप-प्रधानाचार्य के दो पदों के लिए चयन होना है। साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 6 उम्मीदवारों में सेकेवल दो उम्मीदवार प्रधानाचार्य के पद के लिए पात्र है जबकि उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए वे सभी उम्मीदवार पात्र हैं। चुनेजाने वाले उम्मीदवारों के सभी संभव संयोजनों की संख्या क्या है?
एक विद्यार्थी को एक पाठयक्रम के लिए 5 विषयों, नामतः वाणिज्य, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, गणित I और गणित II में से 2 विषयों कोचुनना है। गणित II केवल तभी चुना जा सकता है जब गणित I भी चुना गया हो। दो विषयों के चुने जा सकने वाले संभव संयोजनों की संख्या क्या है?
एक व्यक्ति ने 5 जोडे़ काले मोजे और कुछ जोड़े भूरे मोजे का आर्डर दिया। एक काले जोडे़ की कीमत एक भूरे जोड़े की कीमत से तीन गुनी थी। बिल बनाते समय, बिल क्लर्क ने काले और भूरे जोड़ों की संख्या को गलती से आपस में बदल दिया जिसके कारण बिल 100 प्रतिशत बढ़ गया। मूल आर्डर में भूरे मोजे के जोड़ों की संख्या क्या थी?
सिर्फ पत्रिका X पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, पत्रिका Y पढ़ने वाले व्यक्ति कि संख्या की तीन गुनी है। सिर्फ पत्रिका Y पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, पत्रिका X पढने़ वाले व्यक्तियों की संख्या की तीन गुनी है। तब, निम्नलिखित में से कौन सा/ से निष्कर्ष निकाला/निकाले जा सकता/सकते है/ हैं?
1. दोनों पत्रिकाएँ पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, सिर्फ पत्रिका X पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या की दुगुनी है।
2. उन व्यक्तियों की कुल संख्या जो या तो कोई एक पत्रिका पढते़ हैं या दोनों पत्रिकाएँ पढते़ हैं, दोनों पत्रिकाएं पढने़ वाले
व्यक्तियों की संख्या की दुगनी है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) में A और B का वर्ष 2000-2010 अवधि का उपार्जन दिखाया गया हैः
इस आलेख से, निम्नलिखित में से कौन सा एक निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
दो नल A और B किसी टंकी को अलग-अलग क्रमशः 20 और 30 मिनट में पूरा भर सकते हैं। यदि दोनों नल एक साथ खोल दिए जाएं, तो टंकी को पूरी तरह भरने में उन्हें कितना समय लगेगा?
एक घन के छः विभिन्न फलकों में से प्रत्येक को भिन्न रंग, अर्थात, V, I, B, G, Y और O से रंगा गया है। निम्नलिखित सूचना दी गई हैः
1. रंग Y, O और B संलग्न फलकों पर है।
2. रंग I, G और Y संलग्न फलकों पर है।
3. रंग B, G और Y संलग्न फलकों पर है।
4. रंग O, V और B संलग्न फलकों पर है।
रंग O से रंगे फलक के प्रतिमुख फलक पर कौन सा रंग है?
नीचे दिए गए कथनों और उनके दिए गए दो निष्कर्षों पर विचार कीजिएः
कथनः
कुछ व्यक्ति महान होते हैं।
कछु व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं।
निष्कर्ष I : व्यक्ति या तो महान होते हैं या बुद्धिमान।
निष्कर्ष II: कुछ व्यक्ति न तो महान् होते है, न ही बुद्धिमान।
निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. कुछ लोग UFOs (अनभिज्ञात उड़न तस्तरियों) को देखे होने का दावा करते हैं।
2. दूसरे खगोलीय पिण्डों पर जीवन की संभावना मानी जाती है।
3. अंतरिक्ष यात्रा अब एक स्थापित तथ्य है।
उपर्युक्त कथनों से, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि
यदि ABC × DEED = ABCABC; जहां A, B, C, D और E भिन्न अंक है, तो D और E के मान क्या हैं?
नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) में किसी विशेष वस्तु की कीमत का
वर्ष-वार विचरण (वैरिएशन) दिखाया गया हैः
वर्ष 1990 में वस्तु की कीमत
दो परिवारों, A आरै B, द्वारा विभिन्न मदों पर किए गए खर्च का अनुपात निम्नलिखित दंड संचित्रों (बार चार्ट्स) में निरूपित किया गया हैः
इन संचित्रों से, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि
ऊषा, कमला से तेज दौड़ती है; प्रीति, स्वाति से धीमे दौड़ती है;स्वाति, कमला से धीमे दौड़ती है। सबसे धीमे कौन दौड़ती है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उनके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। प्रश्न का उत्तर केवल इन
परिच्छेद पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
भारत सतत उच्च मुद्रास्फीति से ग्रस्त रहा है। निर्देशित कीमतों में वृद्धि, मांग और पूर्ति में असंतुलन, रूपए के अवमूल्यन से बदतर हुई आयातित मुद्रास्फीति, और सट्टेबाजी- इन सबने मिलकर उच्च मुद्रास्फीति को बनाए रखा है। यदि इन सभी मे कोई एक समान तत्व है, तो वह यह है कि इनमें से कई आथिर्क सुधारों के परिणाम है। अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों में बदलाव के प्रभावों के प्रति भारत की सुभेधता (वल्नरेबिलिटी) व्यापार उदारीकरण के साथ-साथ और बढ़ी है। उपदानों को कम करने के प्रयासों के कारण उन वस्तुओं की कीमतों में निरन्तर वृद्धि हुई है जो निर्देशित है।
उपर्युक्त परिच्छेद में अन्तर्निहित सर्वाधिक ताकिर्क, तर्कसंगत और महत्वपूर्ण संदेश क्या है?
परिच्छेद-2
कोई भी अधिकार परम, अनन्य और अनुल्लंघनीय नहीं है। इसी तरह, व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार को उसकी कल्पित वैधता के वृहत्तर सन्दर्भ में देखा जाना चाहिए। व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार में, स्वतंत्रता के सिद्धान्त का समता के सिद्धान्त के साथ, और इन दोनों का सहयोग के सिद्धान्त के साथ समन्वय होना चाहिए।
उपर्युक्त परिच्छेद में दिए गए तर्क के आलोक में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सबसे अधिक विश्वासप्रद स्पष्टीकरण है?
परिच्छेद-3
मानव एवं राज्य के मध्य संघर्ष उतना ही पुराना है जितना कि राज्य का इतिहास। यद्यपि सदियों से राज्य एवं व्यक्ति के प्रतिस्पर्धी दावों के बीच तालमेल बनाने के प्रयास हुए हैं, किन्तु समाधान अभी भी दूर प्रतीत होता है। यह मुख्यतः इसलिए है क्योंकि मानव समाज की प्रकृति गतिशील है जिसमें पुराने मूल्यों आरै विचारों ने निरन्तर नए मूल्यों आरै विचारों को स्थान दिया है। यह स्पष्ट है कि यदि व्यक्तियों को बाले ने और कार्य करने की निरपेक्ष स्वतन्त्रता दे दी गई, तो उसका परिणाम अव्यवस्था, विनाश एवं
अराजकता में हो सकता है।
निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, लेखक के दृष्टिकोण का सर्वोत्तम सारांश प्रस्तुत करता है?
परिच्छेद-4
जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।
इस परिच्छेद के अनुसार, जलवायु परिवर्तन में विकासशील देशों की भूमिका के संदर्भ में UNFCCC के अन्तर्गत बहुपक्षीय वार्ताओं में,
निम्नलिखित में से कौन-सा/से, गहन चर्चा का/के विषय है। हैं?
1. अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण।
2. विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली उपज की हानि।
3. विकासशील देशों में न्यूनीकरण तथा अनुकूलन कार्याें का संवर्धन करना।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।
इस परिच्छद में, यह सम्मेलन विकसित देशों पर वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की जिम्मेदारी किस कारण डालता है?
1. उनका प्रति व्यक्ति आय का उच्चतर स्तर।
2. उनकी GDP की अधिक मात्रा।
3. वायुमंडल में ग्रीनहास गैसों (GHGs) के जमाव में उनका वहृत् योगदान।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।
विकासशील देशों के सम्बन्ध में, परिच्छेद से यह अनुमान निकाला जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन से उनके
1. घरेलू वित्त पर प्रभाव पड़ना संभावित है।
2. बहुपक्षीय व्यापार की क्षमता पर प्रभाव पड़ना संभावित है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः
जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।
इस परिच्छेद में, निम्नलिखित में से किस एक पर अनिवार्यतः विचार-विमर्श किया गया है?
अपराह् 6 बजे से 7 बजे के बीच किस समय, किसी घड़ी की मिनट क सुई घंटे की सुई से 3 मिनट आगे होगी?
5 कार्य हैं और 5 व्यक्ति हैं। कार्य-1, या तो व्यक्ति-1 को अथवा व्यक्ति-2 को नहीं दिया जा सकता। कार्य-2, या तो व्यक्ति-3 को अथवा व्यक्ति-4 को ही दिया जाना चाहिए। हर व्यक्ति को एक कार्य दिया जाना है। कार्य कितने तरीकों से दिया जा सकता है?
पीटर और पाॅल की मासिक आय 4: 3 के अनुपात में हैं। उनके व्यय 3: 2 के अनुपात में है। यदि मास के अंत में प्रत्येक व्यक्ति ₹ 6,000 की बचत करता है, तो उनकी मासिक आय (₹ में) क्रमशः क्या है?
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