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Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Class 10 MCQ


Test Description

10 Questions MCQ Test - Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2

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Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 1

‘टी-सेरेमनी’ के लिए किस प्रकार के कक्ष का उपयोग किया जाता है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 1

‘टी-सेरेमनी’ के लिए एक छोटी-सी पर्णकुटी जैसी जगह का उपयोग किया जाता है, जहाँ तीन से अधिक लोग नहीं बैठ सकते। यह स्थान पूरी तरह शांत और सादगीपूर्ण होता है, जिसका उद्देश्य बाहरी दुनिया की भागदौड़ से व्यक्ति को दूर करके उसे आंतरिक शांति और एकाग्रता प्रदान करना है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 2

‘टी-सेरेमनी’ में चाय कौन परोसता है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 2

‘टी-सेरेमनी’ में एक चाजिन (टीचर ऑफ़ टी) होता है जो बहुत ही गरिमापूर्ण तरीके से चाय बनाता और परोसता है। उसकी हर गतिविधि, हर मुद्रा इतनी सहज और धीमी होती है कि उससे मेहमानों के मन को शांति मिलती है। यह चाजिन ही पूरी क्रिया को नियंत्रित करता है और मेहमानों को शांत रहने में मदद करता है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 3

‘टी-सेरेमनी’ में मेहमानों को कितने समय तक चाय पीने को मिलती है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 3

‘टी-सेरेमनी’ में मेहमानों को सिर्फ़ डेढ़ प्याली चाय परोसी जाती है, लेकिन उसे पीने में उन्हें डेढ़ घंटा लग जाता है। यह धीमी प्रक्रिया मेहमानों को वर्तमान क्षण में पूरी तरह डूबने और मानसिक शांति का अनुभव करने का अवसर देती है, जिससे वे अपने दिमाग की अनावश्यक तेज़ी से मुक्ति पा सकें।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 4

लेखक ने टी-सेरेमनी में किस स्थिति का अनुभव किया?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 4

टी-सेरेमनी के दौरान, लेखक ने महसूस किया कि उनके दिमाग की गति धीरे-धीरे धीमी पड़ गई। उन्हें भूत और भविष्य दोनों का महत्व खोता हुआ लगा, और उन्हें केवल वर्तमान क्षण ही अनंत काल तक फैला हुआ महसूस हुआ। यही वह स्थिति थी जब वे पूरी तरह शांत होकर वर्तमान में जी रहे थे।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 5

‘गिन्नी का सोना’ प्रसंग में किस प्रसिद्ध व्यक्ति का उदाहरण दिया गया है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 5

‘गिन्नी का सोना’ प्रसंग में महात्मा गांधी का उदाहरण दिया गया है। लेखक उन्हें एक ‘प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट’ के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जो अपने आदर्शों को व्यवहारिक रूप से जीने और लागू करने में विश्वास रखते थे। गांधीजी के जीवन और दर्शन के माध्यम से शुद्ध आदर्श और व्यवहारिक आदर्श के बीच का अंतर समझाया गया है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 6

‘झेन की देन’ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 6

‘झेन की देन’ का मुख्य संदेश यह है कि आधुनिक जीवन की भागदौड़ और प्रतिस्पर्द्धा ने मनुष्य को मानसिक रूप से बीमार कर दिया है। इससे बचने के लिए हमें अपनी गति धीमी करनी होगी और ‘वर्तमान’ में जीना सीखना होगा। टी-सेरेमनी इसी का एक माध्यम है, जहाँ व्यक्ति बाहरी दुनिया से कटकर आंतरिक शांति का अनुभव करता है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 7

‘मनोरुग्ण’ शब्द का क्या अर्थ है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 7

‘मनोरुग्ण’ शब्द का अर्थ है ‘मन से रोगी’ या ‘मानसिक रूप से अस्वस्थ’। लेखक ने जापान में बढ़ते मानसिक रोगों की समस्या का उल्लेख किया है, जहाँ अत्यधिक प्रतिस्पर्द्धा और तनाव के कारण लोग मनोरुग्ण होते जा रहे हैं। टी-सेरेमनी इस मनोरुग्णता को दूर करने का एक तरीका प्रस्तुत करती है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 8

लेखक ने ‘स्पीड’ का इंजन किस पर सवार बताया है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 8

लेखक कहते हैं कि “चलना नहीं, दौड़ना नहीं, बल्कि उड़ना चाहते हैं। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में करना चाहते हैं।” यह तेज़ी लोगों के दिमाग पर ‘स्पीड’ के इंजन की तरह सवार हो गई है, जिससे वे लगातार तनाव में रहते हैं और उनके सोचने-समझने की शक्ति प्रभावित होती है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 9

चाजिन द्वारा चाय बनाने और परोसने की क्रिया कैसी होती है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 9

चाजिन द्वारा चाय बनाने और परोसने की हर क्रिया अत्यंत धीमी, गरिमापूर्ण और कलात्मक होती है। वह अपनी हर मुद्रा को इतने ध्यान से करता है कि देखने वाले भी शांत हो जाते हैं। यह धीमी प्रक्रिया मेहमानों को अपने विचारों को शांत करने और वर्तमान क्षण में लीन होने का अवसर देती है।

Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 10

‘गिन्नी का सोना’ हमें क्या सिखाता है?

Detailed Solution for Test: पतझर में टूटी पत्तियाँ - 2 - Question 10

‘गिन्नी का सोना’ प्रसंग यह सिखाता है कि जीवन में केवल आदर्शों पर अड़े रहना या केवल व्यवहारिक होना, दोनों ही सही नहीं हैं। एक सफल और उपयोगी जीवन के लिए आदर्शों को व्यवहारिकता के साथ जोड़ना आवश्यक है। गांधीजी जैसे महापुरुषों ने यही संतुलन साधा और इसलिए वे समाज में इतना प्रभाव डाल पाए।

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