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Test: स्वदेश - Class 8 MCQ


Test Description

15 Questions MCQ Test Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT - Test: स्वदेश

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Test: स्वदेश - Question 1

कविता में किस भूमि के नव रत्नों की बात हुई है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 1

कविता भारत भूमि के गौरव का चित्रण करती है। इसमें बताया गया है कि इस भूमि ने नव रत्न दिए — यह ज्ञान, संस्कृति, वीरता और समृद्धि का प्रतीक है।

Test: स्वदेश - Question 2

कविता का मुख्य भाव क्या है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 2

कविता का मूल स्वर देशभक्ति है। कवि व्यक्ति को चेताते हैं कि यदि उसमें देश के प्रति प्रेम नहीं है, तो उसका जीवन व्यर्थ है। यह एक प्रेरणादायक राष्ट्रभक्ति कविता है।

Test: स्वदेश - Question 3

कविता में कौन-कौन से हथियारों का उल्लेख है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 3

कविता में तोप और तलवार का उल्लेख राष्ट्र की रक्षा और शक्ति का प्रतीक बनकर आया है। कवि बताते हैं कि आवश्यकता पड़ने पर हमें आत्म-रक्षा और वीरता के लिए भी तत्पर रहना चाहिए।

Test: स्वदेश - Question 4

कवि के अनुसार हमारे हाथ में क्या है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 4

कवि का आशय है कि हम अपने जीवन को किस दिशा में ले जाएँगे, यह हमारे हाथ में है। यदि हम चाहें तो अपने देश, समाज और भविष्य को सशक्त बना सकते हैं।

Test: स्वदेश - Question 5

परवाने जलते हैं — इसका तात्पर्य क्या है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 5

परवाना दीपक के प्रेम में अपनी जान दे देता है। यहाँ वह प्रतीक है देशप्रेम में पूर्ण समर्पण का। कवि भी ऐसा समर्पण चाहते हैं, जो स्वदेश के लिए सबकुछ न्यौछावर कर दे।

Test: स्वदेश - Question 6

काल को कवि किस रूप में प्रस्तुत करते हैं?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 6

‘काल-दीप’ एक प्रतीक है, जो यह बताता है कि समय हमेशा जलता रहता है, गतिशील है। यह दीप ‘परवाने’ रूपी मनुष्य को अंततः जलाकर समाप्त कर देता है — यानी मृत्यु अटल है।

Test: स्वदेश - Question 7

कवि के अनुसार मृत्यु की क्या प्रकृति है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 7

कवि कहते हैं कि जीवन क्षणभंगुर है और मृत्यु निश्चित। इसी सत्य को स्वीकार कर मनुष्य को अपने कर्तव्यों और देशप्रेम की भावना से भरे कार्य करने चाहिए।

Test: स्वदेश - Question 8

जो स्वदेश पर नहीं पसीजा, वह क्या कहलाता है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 8

कवि कहता है कि जो व्यक्ति अपने देश की पीड़ा, सौंदर्य, संघर्ष को देख कर भी भावुक नहीं होता, वह केवल धरती पर बोझ है, क्योंकि उसमें संवेदना नहीं है।

Test: स्वदेश - Question 9

जिस पर दुनिया दीवानी है, वह क्या है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 9

कवि गर्व से कहते हैं कि हमारा देश इतना समृद्ध है कि पूरी दुनिया उसकी प्रशंसा करती है, उसकी संस्कृति, कला, ज्ञान पर मोहित है — इसलिए ‘दुनिया दीवानी है’।

Test: स्वदेश - Question 10

कवि के अनुसार कौन लोग भी इस देश पर मरते हैं?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 10

कवि बताते हैं कि हमारे देश की महानता इतनी है कि यहाँ की ज्ञान, संस्कृति और धरोहरों पर देश-विदेश के ज्ञानी भी मोहित होते हैं और इसे अपनाने की इच्छा रखते हैं।

Test: स्वदेश - Question 11

किस भूमि को कवि स्वदेश कहकर गौरव से देखता है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 11

कवि अपने देश की महिमा बताते हुए कहते हैं कि जिस मिट्टी में उन्होंने जन्म लिया, भोजन-पानी पाया और जहाँ उनके परिजन रहते हैं – वही स्वदेश है और वह अत्यंत पूजनीय है।

Test: स्वदेश - Question 12

कवि के अनुसार वह हृदय भावशून्य है जिसमें क्या नहीं बहती?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 12

‘रस-धार’ का अर्थ है संवेदना, करुणा और देशप्रेम की सजीव अनुभूति। कवि कहते हैं कि जिस हृदय में यह रस नहीं बहता, वह संवेदनशील नहीं, केवल कठोर पत्थर के समान है।

Test: स्वदेश - Question 13

‘जिससे न जाति-उद्धार हुआ’ — इस पंक्ति में कौन-सा भाव छिपा है?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 13

यहाँ कवि उस व्यक्ति को निरर्थक मानते हैं, जिससे न तो समाज और न ही राष्ट्र को कोई लाभ पहुँचा। उनका कहना है कि यदि व्यक्ति समाज-कल्याण में सहायक नहीं बना, तो उसका जीवन व्यर्थ है।

Test: स्वदेश - Question 14

कवि के अनुसार जिस जीवन में जोश न हो, उसमें क्या नहीं होता?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 14

कवि कहते हैं कि जो जीवन देशप्रेम और उत्साह से नहीं भरा है, उसमें कोई सार नहीं। यहाँ ‘सार’ का आशय मूल्य, उद्देश्य और जीवंतता से है। ऐसा जीवन केवल एक बोझ है।

Test: स्वदेश - Question 15

कविता के अनुसार वह हृदय किसके समान है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं होता?

Detailed Solution for Test: स्वदेश - Question 15

कविता में कवि स्पष्ट कहते हैं कि यदि किसी हृदय में स्वदेश के प्रति प्रेम नहीं है, तो वह पत्थर के समान है। यहाँ ‘पत्थर’ प्रतीक है निष्ठुरता, जड़ता और भावना-शून्यता का।

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