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Test: दो गौरैया - Class 8 MCQ


Test Description

15 Questions MCQ Test Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT - Test: दो गौरैया

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Test: दो गौरैया - Question 1

‘पिताजी स्टूल पर से नीचे उतर आए हैं’ — यह दृश्य किस बात का संकेत देता है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 1

यह क्षण पिताजी के भीतर आए बदलाव का प्रतीक है। जब वे नन्हीं गौरैयों की पुकार सुनते हैं, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है और वे हिंसा छोड़ देते हैं। यह उनका आत्मबोध और हृदय परिवर्तन का सूचक है।

Test: दो गौरैया - Question 2

‘पंखे के गोले में उन्होंने अपना बिछावन बिछा लिया है’ – यहाँ ‘उन्होंने’ से तात्पर्य है:

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 2

यहाँ ‘उन्होंने’ से आशय गौरैयों से है, जिन्होंने बैठक की छत पर लगे पंखे के गोले में अपना घोंसला बना लिया था। इससे यह पता चलता है कि गौरैयों को वह स्थान सुरक्षित और उपयुक्त लगा।

Test: दो गौरैया - Question 3

जब नन्हीं गौरैयों की आवाज सुनाई दी, तो पिताजी का व्यवहार क्यों बदल गया?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 3

जब पिताजी ने देखा कि घोंसले में नन्हीं गौरैयाँ हैं जो अपने माता-पिता को बुला रही हैं, तो उनका कठोर मन पिघल गया। उन्हें एहसास हुआ कि यह केवल पक्षियों की लड़ाई नहीं है, यह एक माँ-बाप की जिम्मेदारी है।

Test: दो गौरैया - Question 4

कहानी में ‘दो गौरैया’ प्रतीक हैं —

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 4

गौरैयाँ इस कहानी में स्वतंत्रता, मातृत्व और दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं। वे बार-बार लौटती हैं, घोंसला बनाती हैं, अंडे देती हैं, बच्चों को खाना देती हैं और कभी हार नहीं मानतीं, चाहे कितनी भी बाधाएँ क्यों न हों।

Test: दो गौरैया - Question 5

माँ की कहानी में भूमिका किस रूप में दिखाई देती है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 5

माँ एक ऐसी महिला के रूप में सामने आती हैं जो चिड़ियों की तकलीफ को समझती हैं। वे व्यंग्य, हास्य और सहानुभूति से स्थितियों को संभालती हैं और अंतिम समय पर ही पिताजी को मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

Test: दो गौरैया - Question 6

कहानी का अंत किस भाव के साथ होता है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 6

कहानी का अंत एक सुंदर मोड़ पर होता है जब पिताजी गौरैयों को स्वीकार कर लेते हैं। वे अब उन्हें भगाने की बजाय मुस्कराकर देखते हैं। यह करुणा, समझदारी और जीवन के साथ सामंजस्य का संकेत है।

Test: दो गौरैया - Question 7

लेखक का उद्देश्य इस कहानी के माध्यम से क्या है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 7

कहानी ‘दो गौरैया’ के माध्यम से लेखक यह दर्शाते हैं कि मनुष्यों को केवल अपने हित नहीं, बल्कि छोटे-छोटे जीवों के जीवन का भी ध्यान रखना चाहिए। यह एक मानवीय करुणा और जीवों के सह-अस्तित्व की सिख देने वाली कथा है।

Test: दो गौरैया - Question 8

‘अबकी बार वे रोशनदान में से आ गई थीं’ — यह वाक्य किस बात की पुष्टि करता है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 8

यह वाक्य यह दर्शाता है कि गौरैयाँ किसी भी प्रकार की बाधा से नहीं डरतीं और अपने घोंसले की रक्षा करने के लिए हर रास्ता खोज लेती हैं। यह उनकी जिजीविषा और मातृत्व के प्रति अडिग समर्पण को दर्शाता है।

Test: दो गौरैया - Question 9

कहानी में बार-बार ‘चीं-चीं’ ध्वनि किस बात की ओर संकेत करती है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 9

‘चीं-चीं’ चिड़ियों की संचार भाषा है, जिसके माध्यम से वे अपनी उपस्थिति, भय, प्रेम और उत्साह प्रकट करती हैं। यह ध्वनि पूरे घर में जीवन का संचार करती है और कहानी में केंद्रीय भूमिका निभाती है।

Test: दो गौरैया - Question 10

पंखे के ऊपर से नन्हीं गौरैयों की आवाज आने पर पिताजी की क्या प्रतिक्रिया थी?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 10

जब पिताजी को पता चला कि घोंसले में अब बच्चे आ गए हैं और वे उन्हें बुला रहे हैं, तो उनका हृदय पिघल गया। उन्होंने घोंसला नहीं तोड़ा और शांत होकर कुर्सी पर बैठ गए।

Test: दो गौरैया - Question 11

‘अब तो इन्होंने अंडे दे दिए होंगे’ — इस वाक्य का भाव है कि:

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 11

जब चिड़ियाँ अंडे दे देती हैं तो वे अपने घोंसले से हटने को तैयार नहीं होतीं। यह वाक्य इस भाव को प्रकट करता है कि अब उन्हें हटाना मुश्किल है और उन्हें रहने देना ही उचित होगा।

Test: दो गौरैया - Question 12

‘पिताजी लाठी उठाए पर्दे के डंडे की ओर लपके’ – यह दृश्य किस भावना को दर्शाता है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 12

यह दृश्य हास्य से भरपूर है क्योंकि पिताजी बार-बार लाठी लेकर चिड़ियों के पीछे भागते हैं, लेकिन वे हर बार चकमा देकर बच जाती हैं। माँ की हँसी भी इस हास्यपूर्ण स्थिति को और मजेदार बनाती है।

Test: दो गौरैया - Question 13

माँ द्वारा दरवाजे खोलने का क्या उद्देश्य था?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 13

जब नन्हीं गौरैयाँ चीं-चीं करके अपने माता-पिता को बुला रही थीं, माँ ने दरवाजे खोल दिए ताकि वे अंदर आ सकें। यह माँ की संवेदनशीलता और समझदारी को दर्शाता है।

Test: दो गौरैया - Question 14

कहानी के अनुसार माँ किस समय गंभीर हुईं?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 14

कहानी में माँ उस समय गंभीर हुईं जब पिताजी घोंसला तोड़ने लगे। उन्होंने पहली बार गम्भीर लहजे में कहा कि अब चिड़ियों ने अंडे दे दिए हैं, इसलिए उन्हें नहीं भगाया जाना चाहिए।

Test: दो गौरैया - Question 15

‘पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है’ – इससे उनका क्या आशय है?

Detailed Solution for Test: दो गौरैया - Question 15

पिताजी घर को “सराय” कहते हैं क्योंकि वहाँ चूहे, बिल्ली, पक्षी, चींटियाँ आदि बहुत से जीव-जंतु रहते हैं। उनका आशय यह है कि जैसे कोई भी सराय में ठहर सकता है, वैसे ही कोई भी प्राणी उनके घर में आकर बस जाता है।

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