निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 1
पारदर्शिता और प्रतियोगिता को समाप्त करने से, क्रोनी-पूंजीवाद (क्रोनी-कैपिटलिज़्म) मुक्त उद्यम, अवसर और आर्थिक प्रगति के लिए हानिकारक है। क्रोनी-पूंजीवाद, जिसनें धनाढ्य और प्रभावशाली व्यक्तियों पर यह आरोप लगता है कि उन्होंने भ्रष्टाचारी राजनीतिज्ञों को घूस देकर जमीन और प्राकृतिक संसाधन तथा विभिन्न लाइसेन्स प्राप्त किए हैं, अब एक प्रमुख मुद्दा बन गया है जिसे निपटने की जरूरत है। भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की संवृध्दि के लिए बहुत बड़ा खतरा मध्य-आय-जाल (मिडिल इन्कम ट्रैप) है जहां क्रोनी-पूंजीवाद अल्पतंत्रों (ऑलिगार्कीज) को निर्मित करता है जो संवृद्धि को धीमा कर देते हैं।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद का सर्वाधिक तार्किक उपनिगमन (कारोली) निम्नलिखित में से कौन-सा है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 2
जलवायु अनुकूलन अप्रभावी हो सकता है यदि दूसरे विकास संबंधी सरोकारों के संदर्भ में नीतियों को अभिकल्पित नहीं किया जाता। उदाहरण के तौर पर, एक व्यापक नणनीति, जो जलवायु परिवर्तन के सन्दर्भ में खाद्य सुरक्षा की अभिवृद्धि करने का प्रयास करती है, कृषि प्रसार, फस्ल विविधता, एकीकृत जल एवं पीड़क प्रबंधन और कृषि सूचना सेवाओं से संबंधित उपायों के एक समुच्च को, सम्मिलित कर सकती है। इनमें से कुछ उपाय जलवायु परिवर्तन से और अन्य उपाय आर्थिक विकास से संबंधित हो सकते हैं।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद से कौन सा सर्वाधिक तर्कसंगत और निणार्यक निष्कर्ष (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?
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निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 3
जलीय चक्र में जैव-विविधता की भूमिका की समझ बेहतर नीति-निर्माण में सहायक होती हे। जैव-विविधत शब्द अनेक किस्मों के पादपों, प्राणियों, सूक्ष्मजीवों की ओर उन पारितंत्रों को, जिसमें वे पाए जाते हैं, निर्दिष्ट करता है। जल और जैव-विविधता एक दूसरे पर निर्भर हैं। वास्तव में जलीय चक्र से यह निश्चित होता है कि जैव-विविधता कैसे कार्य करती है। क्रम से, वनस्पति और मृदा के प्रवाह को निर्धारित करते हैं। हर एक गिलास जल जो हम पीते हैं, कम से कम उसका कोई अंश, मछलियों, वृक्षों, जीवाणुओं, मिट्टी और अन्य जीवों (ऑर्गनिज़मस) से होकर गुजरा होता है। इन परितंत्रों से गुज़रते हुए वह शुद्ध होता है और उपभोग के लिए उपुयुक्त होता है। जल की पूर्ति एक महत्वपूर्ण सेवा है जो पर्यावरण प्रदान करता है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में कौन-सा सर्वाधिक निष्कर्ष (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 4
पिछले दशक में, बैंकिंग क्षेत्र को, मुख्यतः मध्यवर्ग और उच्च मध्यवर्ग समाज को सेवा प्रदान करने वाले उच्च कोटि के स्वचालन और उत्पादों से पुनः संरचित किया गया है। आज बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वितीय सेवाओं के लिए ऐसे नए कार्यक्रम की आवश्यकता है जो आम आदमी की पहुंचे से बाहर न हो।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद में निम्नलिखित में से कौन-सा सन्देश अनिवार्यतः अंतर्निहित है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 5
मलिन बस्तियों में सुरक्षित तथा संधारणीय सफाई से महिलाओं और लड़कियों को उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा, निजता तथा समान के रूप में असीमित लाभ मिलता है। तथापि शहरी सफाई पर बनने वाली अधिकार योजनाओं और नीतियों में महिलाओं प्रतिलक्षित नहीं होतीं। यह तथ्य कि मैला ढोने की प्रथा आज भी अस्तित्व मे है यह दिखाता है कि प्रवाही-फ्लश शौचालयों को बढ़ावा देने तथा शुष्क शौचालयों को बंद करने को लेकर अभी तक बहुत कुछ नहीं किया गया है। स्वच्छता के अधिकार की दिशा में बहुत बड़े पैमाने पर अधिक स्थायी और मजबूत अभियान शुरू किया जाना चाहिए। यह मुख्य रूप से मैला ढोने के उन्मूलन पर ध्यान केन्द्रित करने वाला होना चाहिए।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. शहरी सफाई समस्या का पूर्ण निराकरण केवल मैला ढोने के उन्मूलन से ही किया जा सकता है।
2. शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित सफाई व्यवहार की जागरूकता को अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यक्ता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 6
मानव के लिए उपयुक्त, सरकार की प्रकृति और परिमाण को समझने के लिए यह आवश्यक है कि मानव के स्वभाव को समझा जाए। चूंकि प्रकृति ने उसे सामाजिक जीवन के लिए बनाया है, उसे उस स्थान के लिए भी युक्त किया हहै जिसे उसने नियम किया है। सभी परिस्थितियों में उसने उसकी नैसर्गिक आवश्यकताओं को उसकी व्यक्तिगत शक्तियों से बड़ा बनाया है। कोई भी एक व्यक्ति समाज की सहायता के बिना अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में सक्षम नहीं हैः और वही आवश्यकताएं प्रत्येक व्यक्ति पर क्रियाशील होकर समग्र रूप से उनको एक समाज के रूप में रहने के लिए प्रेरित करती है।
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा, उपर्युक्त परिच्छेद का सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निष्कर्ष (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 7
किसी राज्य में कानूनी आदेशकों (इम्रेटिव्स) की प्रकृति उन प्रभावकारी मांगों के अनुरूप होती है जिनका राज्य को सामना करना पड़ता है, और यह, कि अपने क्रम में ये सामान्य रूप से उस रीति पर आश्रित होती हैं जिसमें समाज में वह आर्थिक शक्ति वितरित होती है जिस पर राज्य नियंत्राण करता है।
प्रश्न: यह कथन किसको निर्दिष्ट करता है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 8
भूमंडलीय ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग 15 प्रतिशत कृषि प्रक्रियाओं से आता है। इसमें उर्वरकों से निकले नाइट्रस ऑक्साइड , पशुधन, चावल उत्पादन तथा खाद भण्डारण से निकली मेथेन तथा जैवमात्रा (बायोमास) को जलाने से निकली कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) सम्मिलित हैं, किंतु मृदा-प्रबंधन प्रक्रियाओं से, घास के मैदानों (सवाना) को जलाने से तथा वनोंमूलन से उत्सर्जित CO2 इसमें सम्मिलित नहीं है। वानिकी, भू-उपयोग तथा भ-उपयोग में परिवर्तन, प्रति वर्ष और अधिक 17 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन अधिकांशतः उष्णकटिबंधीय पीटभूमि के अपवहन तथा जलाने से निकलता है। अमेजन के वर्षा-वन में जमा कार्बन की मात्रा के लगभग बराबर मात्रा विश्व की पीट-भूमियों में जमा है।
प्रश्न: निम्नलिखित में कौन-सा, उपर्युक्त परिच्छेद से सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निष्कर्ष निकाला जा सकता है?
कोई व्यक्ति जमीन पर किसी बिंदु O से सीधे रास्ते से उतर-पूर्व की दिशा में एक पहाड़ी पर चढ़ता है और 5 किमी. की दूरी तय करके बिंदु A पर पहुंचता है। उसके बाद, वह बिंदु A से उतर-पश्चिम की दिशा में बिंदु B तक जाता है। AB की दूरी 12 कि.मी. है। अब वह व्यक्ति प्रारम्भिक बिंदु O से किनती दूर है?
एक खेत आयताकार आकृति में है जिसकी लम्बाई X1 मीटर है और चैड़ाई X2 मीटर है (X1 और X2 चर है)। यदि X1 + X2 = 40 मीटर है तो उस खेत का क्षेत्रफल निम्नलिखित किस एक समान से अधिक नही होगा?
5 सदस्यों वाले परिवार में 3 वर्ष पूर्व सभी सदस्यों की आयु का येाग 80 वर्ष था। इस परिवार की 3 वर्ष पूर्व जो औसत आयु थी, आज भी वही है क्योंकि अन्तस्थ अवधि में परिवार में एक शिशु की वृद्धि हुई। शिशु की आयु क्या है?
दो व्यक्तियों की सम्पूर्ण वेतन-लब्धियां बराबर हैं, पर उनमें से एक को अपने मूल वेतन का 65% भत्तों के रूप में मिलता है जबकि दूसरे को मूल वेतन का 80% भतों के रूप में मिलते है। पहले व्यक्ति के मूल वेतन का, दूसरे व्यक्ति के मूल वेतन से क्या अनुपात है?
एक व्यक्ति सीढ़ी के तल से पहले पायदान पर खड़ा है। ठीक बीच वाले पायदान तक पहुंचने के लिए अगर उसे 4 पायदान और चढ़ने पड़े, तो सीढी में कितने पायदान है?
निन्नलिखित सूचना पर विचार कीजिए और आगे दिए गए प्रश्नांशों के उतर दीजिए।
जब तीन मित्र A, B और C मिले, तो पाया गया कि उनमें से प्रत्येक ने एक भिन्न रंग की उपरी पोशाक पहन रखी थी। यादृच्दिक क्रम में वे पोशाकें जैकेट, स्वेटर और टाई हैंः और रंग नीला, सफेद और काला है। उनके कुलनाम यादृच्छिक क्रम में रिबीरो, कुमार और सिंह हैं। आगे, यह ज्ञात है कि
1. न तो B ने, न ही रिबीरों ने सफेद स्वेटर पहना था
2. C ने टाई पहनी थी
3. सिंह की पोशाक सफेद नहीं थी
4. कुमार जैकेट नही पहनता
5. रिबीरो को काला रंग पहनना पसंद नहीं है
6. हर एक मित्र ने केवल एक ही रंग की एक ही उपरी पोशाक पहनी थी।
प्रश्न: C का कुलनाम क्या है?
निन्नलिखित सूचना पर विचार कीजिए और आगे दिए गए प्रश्नांशों के उतर दीजिए।
जब तीन मित्र A, B और C मिले, तो पाया गया कि उनमें से प्रत्येक ने एक भिन्न रंग की उपरी पोशाक पहन रखी थी। यादृच्दिक क्रम में वे पोशाकें जैकेट, स्वेटर और टाई हैंः और रंग नीला, सफेद और काला है। उनके कुलनाम यादृच्छिक क्रम में रिबीरो, कुमार और सिंह हैं। आगे, यह ज्ञात है कि
1. न तो B ने, न ही रिबीरों ने सफेद स्वेटर पहना था
2. C ने टाई पहनी थी
3. सिंह की पोशाक सफेद नहीं थी
4. कुमार जैकेट नही पहनता
5. रिबीरो को काला रंग पहनना पसंद नहीं है
6. हर एक मित्र ने केवल एक ही रंग की एक ही उपरी पोशाक पहनी थी।
प्रश्न: टाई का रंग क्या है?
निन्नलिखित सूचना पर विचार कीजिए और आगे दिए गए प्रश्नांशों के उतर दीजिए।
जब तीन मित्र A, B और C मिले, तो पाया गया कि उनमें से प्रत्येक ने एक भिन्न रंग की उपरी पोशाक पहन रखी थी। यादृच्दिक क्रम में वे पोशाकें जैकेट, स्वेटर और टाई हैंः और रंग नीला, सफेद और काला है। उनके कुलनाम यादृच्छिक क्रम में रिबीरो, कुमार और सिंह हैं। आगे, यह ज्ञात है कि
1. न तो B ने, न ही रिबीरों ने सफेद स्वेटर पहना था
2. C ने टाई पहनी थी
3. सिंह की पोशाक सफेद नहीं थी
4. कुमार जैकेट नही पहनता
5. रिबीरो को काला रंग पहनना पसंद नहीं है
6. हर एक मित्र ने केवल एक ही रंग की एक ही उपरी पोशाक पहनी थी।
प्रश्न: स्वेटर किसने पहना था?
AB किसी विशाल वृक्ष का ऊर्ध्वाधर तना है और A वह बिंदु है जहां पर तने का आधार जमीन को छूता है। किसी तूफान के कारण तना उसे बिंदु C पर टूट गया है जो 12 मीटर की उंचाई पर है। टूटा हुआ भाग आंशिक रूप से तने के ऊर्ध्वाधर हिस्से से C पर जुड़ा है। यदि टूटे हुए भाग का सिरा B, जमीन को D पर छूता है जो बिंदु A से 5 मीटर की दूरी पर है, तने की मूल उंचाई क्या है?
कोई व्यक्ति 12 किमी. उतर की ओर, फिर 15 कि.मी., पूर्व की ओर, फिर 19 कि.मी. पश्चिम की ओर, और तब 15 किमी. दक्षिण की ओर चलता है। वह प्रारम्भिक बिंदु से कितनी दूर है?
किसी घन के सभी फलक विभिन्न रंगों से रंगे गए है। उसे समान आमाप के छोटे-छोटे घनों में इस प्रकार काटा गया कि छोटे घन की भुजा बड़े घने की एक चैथाई हो। केवल एक ही रंगे हुए फलक वाले छोटे घनों की संख्या कितनी होगी?
राम और श्याम किसी कार्य को करने के लिए चार दिन एक साथ काम करते हैं और 60% कार्य पुरा करते हैं। तब राम की छुट्टी पर चला जाता है और श्याम काम को पूरा करने में आठ दिन और लगाता है। राम को अकेले कार्य पूरा करने में कितने दिन लगते?
किसी मिलिट्र कोड में SYSTEM को SYSMET और NEARER को AENRER लिखा जाता है। उसी कोड का प्रयोग करते हुए FRACTION को किस रूप में लिखा जा सकता है?
यदि R और S दोनों अलग-अलग पूर्ण संख्याएं हों और दोनों 5 से विभाज्य हों तो इनमें से कौन-सा अनिवार्यतः सही नही है?
100 और 300 के बीच, 2 से शुरू होने वाली या 2 पर समाप्त होने वाली कितनी संख्याएं है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 1
यदि हम 2050 की ओर देखा जब हमें दो अरब अधिक लोगों को आहार खिलाने की आवश्यकता होगी, तो यह प्रश्न कि कौन सा आहार सर्वोतम है, एक नई अत्यावश्यकता बन गया है। आने वाले दशकों में हम जिन खाद्य पदार्थों को खाने के लिए चुनेंगे, उनके इस ग्रह के लिए गम्भीर रूप से बहुशाखन होंगे। सामान्य रूप से कहें तो समूचे विकासशील देशों में खानपान की जो मांस और डेरी उत्पाद के आहार के गिर्द ही घूमते रहने वाली प्रवृति बढ़ रही है, वह भूमंडलीय संसाधनों पर, अपरिष्कृत अनाज, गिरी, फलों और सब्जियों पर निर्भर करने वाली प्रवृति की तुलना में अधिक दबाव डालेगी।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद से क्या निर्णायक सन्देश निकलता है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 2
सभी मनुष्य शैशवावस्था में माँ के दूध को पचाते हैं, परन्तु 10,000 वर्ष पहले मवेशियों की पालन प्रणाली के आरम्भ होने तक, शिशुओं को एक बाद दूध छुड़ाने पर उनको दूध पचाने की आवश्यकता नही होतीथी। इसके परिणामस्वरूप उनमें लैक्टेज इंजाइम का बनना बंद हो गया, जो लैक्टोज शर्करा को सरल शर्कराओं में तोड़ता है। मानव के मवेशी चराने की प्रणाली आरम्भ होने के बाद दूध को पचाना अत्याधिक लाभदायक हो गया और यूरोप, मध्यपूर्ण और अफ्रीका में मवेशी चराने वालों में स्वतन्त्र रूप से लैक्टोज सहन-शक्ति का विकास हुआ। चीनी और थाई लोग जो मेवशियों पर निर्भर नहीं थे, वे लैक्टोज अहसनशील बने हुए है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सी सर्वाधिक पूर्वधारण प्राप्त की जा सकती है?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 3
‘‘अल्पविकसित आर औद्योगीकृत देशों की राष्ट्रीय आयों के बीच तुलना करते समय आने वाली संकल्पनात्मक कठिनाईयां विशेष रूप से गंभी होती हैं क्योंकि विभिन्न अल्पविकसित देशों में राष्ट्रीय उत्पाद के एक भाग का उत्पादन वाणिज्यिक माध्यमों से गुजरे बिना होता है।’’
प्रश्न: इस कथन से लेखक का तात्पर्य है कि:
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िये तथा परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इस प्रश्न का उत्तर परिच्छेद पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 4
वायुमंडल में मानव निर्मित कार्बन डाईऑक्साइड के बढ़ने से पादपों और सूक्ष्मजीवों के बीच एक श्रृंखला अभिक्रिया प्रारंभ हो सकती है जो इस ग्रह पर कार्बन के सबसे बड़े भंडार-मृदा को अव्यवस्थित कर सकती है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि वह मृदा जिसमें कार्बन की मात्रा, सभी पादपों और पृथ्वी के वायुमंडल में उपस्थित कुल कार्बन की दुगुनी है, लोगों के द्वारा वायुमंडल में और अधिक कार्बन छोड़ते जाने पर वर्धमान रूप से अस्थिर होती जाएगी। ऐसा अधिकांशतः पादपवृद्धि में बढ़ोतरी के कारण होता है। यद्यपि कार्बन डाईऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस और एक प्रदूषक है, यह पादपवृद्धि को प्रोत्साहित भी करती है। चूंकि वृक्ष और दूसरी वनस्पतियां भविष्य में होने वाली कार्बन डाईऑक्साइड की प्रचुरता में फलती-फूलती हैं, उनकी जड़ें मृदा में सूक्ष्मजीवों की क्रियाशीलता को प्रेरित कर सकती हैं जो परिणामस्वरूप मृदा-कार्बन के अपघटन को और तेज कर वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में वृद्धि कर सकती है।
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा, उपर्युक्त परिच्छेद का सबसे अधिक तर्कसंगत उपनिगमन है?
निम्नलिखित परिच्छेदों को पढ़िये तथा प्रत्येक परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के आपके उतर परिच्छेदों पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 5
ऐतिहासिक रूप से, विश्व-कृषि के सामने, खाद्य की मांग और पूर्ति के बीच संतुलन प्राप्त करना सबसे बड़ी चुनौती रही है। वैयक्तिक देशों के स्तर पर, मांग-पूर्ति संतुलन बंद अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक नीतिगत मुद्दा हो सकता है, विशेषकर, यदि वह एक जनसंख्याबहुल अर्थव्यवस्था है और उसकी घरेलू कृषि, स्थायी आधार पर पर्याप्त खाद्य पूर्ति नहीं कर पा रही है। यह उस मुक्त और बढ़ती हुए अर्थव्यवस्था के लिए जिसके पास विदेशों से खाद्य क्रय करने हेतु पर्याप्त विनिमय अधिशेष है, उतनी बड़ी, और न ही सदैव होने वाली, बाध्यता है। विश्व के लिए समग्र रूप से, मांग-पूर्ति संतुलन, भूख तथा भुखमरी से बचाव हेतु, सदैव ही एक अपरिहार्य पूर्व-शर्त है। तथापि, पर्याप्त पूर्ति की विश्वव्यापी उपलब्धता का आवश्यक रूप से यह मतलब नहीं है कि खाद्य स्वतः अधिशेष वाले देशों से उन अभावग्रस्त देशों की ओर, जिनके पास क्रय-शक्ति का अभाव है, चला जाएगा। अतः विश्व स्तर पर भूख, भुखमरी, न्यून पोषण या कुपोषण आदि का असमान वितरण, खाली जेबों वाले भूखे लोगों की मौजूदगी की वजह से है, जो वृहद रूप से अविकसित अर्थव्यवस्थाओं तक सीमित है। जहां तक आधारभूत मानवीय अस्तित्व के लिए ‘‘दो वक्त का भरपेट भोजन’’ का प्राथमिक महत्व है, उसमें खाद्य की विश्वव्यापी पूर्ति के मुद्दे को, हाल के वर्षों में, महत्व मिलता रहा है, क्योंकि मांग की मात्रा और संरचना दोनों में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं, और क्योंकि हाल के वर्षों में अलग-अलग देशों की खाद्य-पूर्तियों की अबाधित श्रृंखला निर्मित करने की क्षमताओं में कमी आई है। खाद्य-उत्पादन, विपणन और कीमते, विशेषकर विकासशील विश्व में गरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता, विश्वव्यापी मुद्दे बन गए हैं, जिनका विश्वव्यापी चिंतन और विश्वव्यापी समाधान आवश्यक है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के अनुसार, विश्व खाद्य सुरक्षा के लिए निम्नलिखित में कौन-से मूलभूत हल है?
1. अपेक्षाकृत अधिक कृषि-आधारित उद्योग स्थापित करना
2. गरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता को सुधारना
3. विपणन की दशाओं का नियमन करना
4. हर एक को खाद्य सहायिकी प्रदान करना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उतर चुनिये:
निम्नलिखित परिच्छेदों को पढ़िये तथा प्रत्येक परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के आपके उतर परिच्छेदों पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 5
ऐतिहासिक रूप से, विश्व-कृषि के सामने, खाद्य की मांग और पूर्ति के बीच संतुलन प्राप्त करना सबसे बड़ी चुनौती रही है। वैयक्तिक देशों के स्तर पर, मांग-पूर्ति संतुलन बंद अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक नीतिगत मुद्दा हो सकता है, विशेषकर, यदि वह एक जनसंख्याबहुल अर्थव्यवस्था है और उसकी घरेलू कृषि, स्थायी आधार पर पर्याप्त खाद्य पूर्ति नहीं कर पा रही है। यह उस मुक्त और बढ़ती हुए अर्थव्यवस्था के लिए जिसके पास विदेशों से खाद्य क्रय करने हेतु पर्याप्त विनिमय अधिशेष है, उतनी बड़ी, और न ही सदैव होने वाली, बाध्यता है। विश्व के लिए समग्र रूप से, मांग-पूर्ति संतुलन, भूख तथा भुखमरी से बचाव हेतु, सदैव ही एक अपरिहार्य पूर्व-शर्त है। तथापि, पर्याप्त पूर्ति की विश्वव्यापी उपलब्धता का आवश्यक रूप से यह मतलब नहीं है कि खाद्य स्वतः अधिशेष वाले देशों से उन अभावग्रस्त देशों की ओर, जिनके पास क्रय-शक्ति का अभाव है, चला जाएगा। अतः विश्व स्तर पर भूख, भुखमरी, न्यून पोषण या कुपोषण आदि का असमान वितरण, खाली जेबों वाले भूखे लोगों की मौजूदगी की वजह से है, जो वृहद रूप से अविकसित अर्थव्यवस्थाओं तक सीमित है। जहां तक आधारभूत मानवीय अस्तित्व के लिए ‘‘दो वक्त का भरपेट भोजन’’ का प्राथमिक महत्व है, उसमें खाद्य की विश्वव्यापी पूर्ति के मुद्दे को, हाल के वर्षों में, महत्व मिलता रहा है, क्योंकि मांग की मात्रा और संरचना दोनों में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं, और क्योंकि हाल के वर्षों में अलग-अलग देशों की खाद्य-पूर्तियों की अबाधित श्रृंखला निर्मित करने की क्षमताओं में कमी आई है। खाद्य-उत्पादन, विपणन और कीमते, विशेषकर विकासशील विश्व में गरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता, विश्वव्यापी मुद्दे बन गए हैं, जिनका विश्वव्यापी चिंतन और विश्वव्यापी समाधान आवश्यक है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के अनुसार, विश्व कृषि के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
निम्नलिखित परिच्छेदों को पढ़िये तथा प्रत्येक परिच्छेद के पश्चात् आने वाले प्रश्नांश के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के आपके उतर परिच्छेदों पर आधारित ही होने चाहिए।
परिच्छेद - 5
ऐतिहासिक रूप से, विश्व-कृषि के सामने, खाद्य की मांग और पूर्ति के बीच संतुलन प्राप्त करना सबसे बड़ी चुनौती रही है। वैयक्तिक देशों के स्तर पर, मांग-पूर्ति संतुलन बंद अर्थव्यवस्था के लिए निर्णायक नीतिगत मुद्दा हो सकता है, विशेषकर, यदि वह एक जनसंख्या बहुल अर्थव्यवस्था है और उसकी घरेलू कृषि, स्थायी आधार पर पर्याप्त खाद्य पूर्ति नहीं कर पा रही है। यह उस मुक्त और बढ़ती हुए अर्थव्यवस्था के लिए जिसके पास विदेशों से खाद्य क्रय करने हेतु पर्याप्त विनिमय अधिशेष है, उतनी बड़ी, और न ही सदैव होने वाली, बाध्यता है। विश्व के लिए समग्र रूप से, मांग-पूर्ति संतुलन, भूख तथा भुखमरी से बचाव हेतु, सदैव ही एक अपरिहार्य पूर्व-शर्त है। तथापि, पर्याप्त पूर्ति की विश्वव्यापी उपलब्धता का आवश्यक रूप से यह मतलब नहीं है कि खाद्य स्वतः अधिशेष वाले देशों से उन अभावग्रस्त देशों की ओर, जिनके पास क्रय-शक्ति का अभाव है, चला जाएगा। अतः विश्व स्तर पर भूख, भुखमरी, न्यून पोषण या कुपोषण आदि का असमान वितरण, खाली जेबों वाले भूखे लोगों की मौजूदगी की वजह से है, जो वृहद रूप से अविकसित अर्थव्यवस्थाओं तक सीमित है। जहां तक आधारभूत मानवीय अस्तित्व के लिए ‘‘दो वक्त का भरपेट भोजन’’ का प्राथमिक महत्व है, उसमें खाद्य की विश्वव्यापी पूर्ति के मुद्दे को, हाल के वर्षों में, महत्व मिलता रहा है, क्योंकि मांग की मात्रा और संरचना दोनों में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं, और क्योंकि हाल के वर्षों में अलग-अलग देशों की खाद्य-पूर्तियों की अबाधित श्रृंखला निर्मित करने की क्षमताओं में कमी आई है। खाद्य-उत्पादन, विपणन और कीमते, विशेषकर विकासशील विश्व में गरीबों द्वारा कीमत वहन करने की क्षमता, विश्वव्यापी मुद्दे बन गए हैं, जिनका विश्वव्यापी चिंतन और विश्वव्यापी समाधान आवश्यक है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के अनुसार, विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भूख और भुखमरी घटानें में, निम्नलिखित में से किससे/किनसे सहायता मिलती है?
1. खाद्य की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन करना
2. खाद्य आयात में वृद्धि करना
3. निर्धनों की क्रयशक्ति कें वृद्धि करना
4. खाद्य उपभोग प्रतिमानों और प्रयासों में बदलाव लाना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
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