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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UPSC Prelims Mock Test Series in Hindi - UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 1

4 दर्जन केलों का मूल्य 240 रुपये है। यदि केलों के मूल्य में 60 रुपये प्रति दर्जन की वृद्धि हो जाती है तो 15 केलों का मूल्य क्या होगा?

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4 दर्जन केलों का मूल्य = रु. 240 रुपये
इसलिए 1 दर्जन केलों का मूल्य = 240/4 = 60 रुपये
यदि लागत में रु. 60 प्रति दर्जन की वृद्धि होती है, तब
1 दर्जन केलों का नया मूल्य = 60 + 60 = 120 रुपये
12 केलों का मूल्य = 120 रुपये
इसलिए 15 केलों का मूल्य = (120/12)x 15 = 150 रुपये
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 2

जब घड़ी में 4:35 बजे का समय प्रदर्शित हो रहा हो तो घंटे की सुई और मिनट की सुई के बीच का कोण क्या होगा?

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जब घड़ी में 4:35 बजे का समय प्रदर्शित हो रहा है तब हमें घंटे की सुई और मिनट की सुई द्वारा बनाए गए कोण को ज्ञात करना है।
4:35 बजे = 4 घंटे + 35 मिनट = 4 घंटे + (35/60) घंटे = 4 घंटे + (7/12) घंटे = (55/12)
घंटे घंटे की सुई द्वारा 12 घंटे में बनाया गया कोण = 360°
इसलिए घंटे की सुई द्वारा 55/12 घंटों में बनाया गया कोण = {360/12) x (55/12} = {275/2} = 137.5°
मिनट की सई द्वारा 60 मिनट में बनाया गया कोण = 360°
इसलिए मिनट की सुई द्वारा 35 मिनट में बनाया गया कोण = (360/60) x 35 = 210°
अभीष्ठ कोण = [210° - 137.5°] = 72.5°
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

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UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 3

जब एक संख्या को स्वयं उसी संख्या के तीन-चौथाई से गुणा किया जाता है तो परिणाम 14700 प्राप्त होता है। वह संख्या ज्ञात कीजिए।

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मान लीजिए कि संख्या x है।
प्रश्नानुसार,
x[x(3/4)] = 14700
⇒ 3x2/4 = 14700
⇒ x2 = 14700 x 4/3 = 19600
⇒ x = (19600)(1/2) = 140
अत: अभीष्ट संख्या 140 है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 4

यदि 17 मार्च 2008 को सोमवार हो तो 1 अप्रैल 2012 को कौन-सा दिन होगा?

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हमें 17 मार्च 2008 से 1 अप्रैल 2012 तक विषम दिनों की कुल संख्या की गणना करनी है।
17 मार्च 2008 से 31 दिसंबर 2008 तक विषम दिनों की कुल संख्या
= 14+2+3+2+3+3+2+3+2+3=37 विषम दिन =37/7 =2 विषम दिन
वर्ष 2009 में विषम दिनों की संख्या (साधारण वर्ष) = 1 विषम दिन
वर्ष 2010 में विषम दिनों की संख्या (साधारण वर्ष) = 1 विषम दिन
वर्ष 2011 में विषम दिनों की संख्या (साधारण वर्ष) = 1 विषम दिन
1 जनवरी 2012 से 1 अप्रैल 2012 (लीप वर्ष) तक विषम दिनों की संख्या = 3 +1+ 3 + 1 = 8 विषम दिन = 8/7 = । 1 विषम दिन
इसलिए, 17 मार्च 2008 से 1 अप्रैल 2012 तक विषम दिनों की कुल संख्या = 2+ 1+1+ 1 + 1 = 6 विषम दिन
 अत:, 1 अप्रैल 2012 को रविवार (सोमवार + 6 विषम दिन) होगा।
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 5

दिए गए मैट्रिक्स में प्रश्नवाचक चिन्ह (?) के स्थान पर क्या आएगा?

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इस आकृति में, तीसरे स्तंभ का निर्माण दूसरे स्तंभ की चार कोनों में चार छोटे वृत्तों (बाहर की ओर) वाली आकृति को क्रॉस से प्रतिस्थापित करके बनाया गया है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 6

8 और 9 बजे के बीच किस समय घड़ी की दोनों सुइयां एक सीधी रेखा में होती हैं लेकिन एक साथ नहीं होती हैं ?

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8 बजे घंटे की सुई 8 पर होती है और मिनट की सुई 12 पर होती है। इस प्रकार, दोनों सुईयां 20 मिनट की दूरी पर होती हैं ।
एक सीधी रेखा में होने, किंतु एक साथ नहीं होने के लिए, उनके बीच 30 मिनट का अंतर होना चाहिए।
अत: मिनट की सुई को घंटे की सुई से (30 - 20) मिनट = 10 मिनट की दूरी प्राप्त करनी होगी।
मिनट की सुई, घंटे की सुई से 55 मिनट की दूरी 60 मिनट में प्राप्त करती है (क्योंकि प्रत्येक 60 मिनट में घंटे की सुई भी 5 मिनट की दूरी तय करती है)।
इसलिए, मिनट की सुई, घंटे की सुई से 10 मिनट की दूरी (60/55) x 10 मिनट = 120/11 मिनट में प्राप्त करेगी।
इस प्रकार, 8 बजकर 120/11 मिनट पर सुइयां एक सीधी रेखा में होंगी लेकिन एक साथ नहीं होंगी।
इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 7

निम्नलिखित श्रृंखला में आने वाली अगली आकृति का चयन कीजिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 7

यहां, दूसरे ब्लॉक में आकृति को ब्लॉक के भीतर आधी दूरी तक दक्षिणावर्त किया गया है और इसे 90 डिग्री दक्षिणावर्त भी घुमाया गया है। तीसरे ब्लॉक में, आकृति को ब्लॉक के भीतर एक दूरी तक दक्षिणावर्त किया गया है और इसे पुन: 90 डिग्री दक्षिणावर्त घुमाया गया है। इसी प्रकार, चौथे ब्लॉक में, आकृति को ब्लॉक के भीतर डेढ़ दूरी तक दक्षिणावर्त किया गया है और इसे 90 डिग्री दक्षिणावर्त भी घुमाया गया है। इसलिए 5वें ब्लॉक में,आकृति को ब्लॉक के भीतर दो दूरी दक्षिणावर्त किया जाएगा और इसे 90 डिग्री दक्षिणावर्त भी घुमाया जाएगा।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 8

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-1

स्वयं के प्रति धारणा अनुबंधन का विषय है। पुरुष और महिलाएं जिस प्रकार स्वयं के प्रति धारणा बनाते हैं वह भी अनुबंधन का विषय है जो पृथ्वी पर मानव जाति की उत्पत्ति के बाद से है और हो रहा है। जैविक भिन्नताओं को देखते हुए, क्या महिलाएं मनोवैज्ञानिक रूप से पुरुषों से भिन्न हो सकती हैं? क्या महिलाएं मानसिक रूप से पुरुषों से कमतर हो सकती हैं? कई सहस्राब्दियों से विभेदक अनुबंधन ने इस धारणा में योगदान दिया है कि पुरुष एवं महिला दोनों मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक दोनों रूपों में भिन्न हैं। स्मरणातीत काल से ही धर्म, रीति-रिवाजों और विधियों ने महिलाओं को मानव सभ्यता के नेपथ्य में धकेल दिया था। जब आप दूसरों की शक्ति से डरते हैं और जब आपके पास दूसरों की बराबरी करने का कोई साधन नहीं होता है तो आप दूसरों को अपने अधीन करने के लिए षड्यंत्र रचते हैं और जाल बिछाते हैं।

इस परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तर्कसंगत और तार्किक निष्कर्ष निकला/निकाले जा सकता/सकते है/हैं?

  1. पुरुषों और महिलाओं के बीच भिन्नता मात्र एक धारणा है, न कि वास्तविकता।
  2. पितृसत्ता का परिणाम महिलाओं की अधीनता के रूप में सामने आया है।
  3. महिलाओं के विभेदक अनुबंधन के कारणों का पता लगाना संभव नहीं है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

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निष्कर्ष 1 सही नहीं है। इस पंक्ति पर ध्यान दीजिए, "जैविक भिन्नताओं को देखते हुए, क्या महिलाएं मनोवैज्ञानिक रूप से पुरुषों से भिन्न हो सकती हैं?" हालांकि यह परिच्छेद पुरुषों और महिलाओं के बीच विभेदक अनुबंधन और धारणा संबंधी भिन्नताओं पर केंद्रित है, लेकिन वास्तविकता में वे कम से कम जैविक रूप से भिन्न हैं। इसलिए यह निष्कर्ष सही नहीं है। 

निष्कर्ष 2 सही है। परिच्छेद के अनुसार, "कई सहस्राब्दियों से विभेदक अनुबंधन ने इस धारणा में योगदान दिया है कि पुरुष एवं महिला दोनों मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक दोनों रूपों में भिन्न हैं। स्मरणातीत काल से ही धर्म, रीति-रिवाजों और विधियों ने महिलाओं को मानव सभ्यता के नेपथ्य में धकेल दिया था।” इन पंक्तियों से पता चलता है कि अनुबंधन का विचार महिलाओं के पुरुषों से निम्नतर होने के दर्शन से संबंधित है जिसे पितृसत्ता भी कहा जाता है। इसलिए यह तार्किक निष्कर्ष सही है।

निष्कर्ष 3 सही नहीं है। इस परिच्छेद में उल्लेख है कि "स्मरणातीत काल से ही धर्म, रीति-रिवाजों और विधियों ने महिलाओं को मानव सभ्यता के नेपथ्य में धकेल दिया था।" यह दर्शाता है कि ये कई वर्षों से विभेदक अनुबंधन के माध्यम से महिलाओं की अधीनता के कारणों में से कुछ कारण हैं। इसलिए परिच्छेद में दी गई जानकारी के आधार पर कारणों का पता लगाया जा सकता है। इसलिए यह तार्किक निष्कर्ष सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 9

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-1

स्वयं के प्रति धारणा अनुबंधन का विषय है। पुरुष और महिलाएं जिस प्रकार स्वयं के प्रति धारणा बनाते हैं वह भी अनुबंधन का विषय है जो पृथ्वी पर मानव जाति की उत्पत्ति के बाद से है और हो रहा है। जैविक भिन्नताओं को देखते हुए, क्या महिलाएं मनोवैज्ञानिक रूप से पुरुषों से भिन्न हो सकती हैं? क्या महिलाएं मानसिक रूप से पुरुषों से कमतर हो सकती हैं? कई सहस्राब्दियों से विभेदक अनुबंधन ने इस धारणा में योगदान दिया है कि पुरुष एवं महिला दोनों मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक दोनों रूपों में भिन्न हैं। स्मरणातीत काल से ही धर्म, रीति-रिवाजों और विधियों ने महिलाओं को मानव सभ्यता के नेपथ्य में धकेल दिया था। जब आप दूसरों की शक्ति से डरते हैं और जब आपके पास दूसरों की बराबरी करने का कोई साधन नहीं होता है तो आप दूसरों को अपने अधीन करने के लिए षड्यंत्र रचते हैं और जाल बिछाते हैं।

निम्न कथनों में से कौन-सा एक परिच्छेद के लेखक द्वारा दी गई सलाह को श्रेष्ठ रूप से निहित करता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 9

विकल्प (a) सही है। परिच्छेद में उल्लेख किया गया है कि "पुरुष और महिलाएं जिस प्रकार स्वयं के प्रति धारणा बनाते हैं वह भी अनुबंधन का विषय है जो पृथ्वी पर मानव जाति की उत्पत्ति के बाद से है और हो रहा है।" और "कई सहस्राब्दियों से विभेदक अनुबंधन ने इस धारणा में योगदान दिया है कि पुरुष एवं महिला दोनों मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक दोनों रूपों में भिन्न हैं।" यह दर्शाता है कि विभेदक अनुबंधन महिलाओं की अधीनता का मूल कारण है और इस अनुबंधन की समाप्ति उन्हें पुरुषों के बराबर स्थान प्राप्त करने में सहयोग करेगी। इसलिए यह निहित सलाह अथवा संदेश सही उत्तर है। 

विकल्प (b)सही नहीं है। यह अत्यंत निकटतम विकल्प है क्योंकि इस परिच्छेद में उल्लेख किया गया है कि "स्मरणातीत काल से ही धर्म, रीति-रिवाजों और विधियों ने महिलाओं को मानव सभ्यता के नेपथ्य में धकेल दिया था।" हालांकि, यह चर्चा विभेदक अनुबंधन (धर्म, विधि और रीति-रिवाजों के माध्यम से जाने वाला) के विचार की तुलना में अत्यंत सीमित है। इसलिए यह विकल्प श्रेष्ठ रूप से निहित सलाह नहीं है।

विकल्प (c) सही नहीं है। यह विकल्प एक अत्यंत सामान्य कथन है। परिच्छेद में इस सुझाव पर चर्चा अवश्य की जानी चाहिए, लेकिन इस कथन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भी चर्चा नहीं की गई है। इसलिए यह कथन श्रेष्ठ रूप से निहित सलाह नहीं है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। इस विकल्प की चर्चा परिच्छेद में नहीं की गई है। साथ ही, परिच्छेद में दी गई सूचनाओं के संदर्भ में यह अत्यंत अव्यावहारिक विकल्प है। इसलिए यह कथन श्रेष्ठ रूप से निहित सलाह नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 10

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2

दवा-प्रतिरोधक क्षमता के वैश्विक स्तर पर प्रसार के कारण प्रतिजैविक दवाएं तीब्रता से अप्रभावी होती जा रही हैं जिससे संक्रमणों का उपचार और मृत्यु से बचाव करना अधिक कठिन होता जा रहा है। नई प्रतिजैविक दवाओं की तत्काल आवश्यकता है - उदाहरण के लिए, कार्बापेनम-रेजिस्टेंट ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरियल इन्फेक्शन के उपचार हेतु जिसे WHO की प्राथमिकता वाले रोगजनकों की सूची में पहचाना गया है। हालांकि, यदि लोग प्रतिजैविक दवाओं के उपयोग के तरीके को नहीं बदलते हैं, तो इन नई प्रतिजैविक दवाओं का भी वही हाल होगा जो मौजूदा दवाओं | का है और ये अप्रभावी हो जाएंगी। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं और उनकी स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) की लागत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दीर्घ अवधि तक अस्पताल में रहने और अत्यधिक महंगी एवं गहन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता के माध्यम से रोगियों या उनकी देखभाल करने वालों की उत्पादकता को प्रभावित करता है।

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

  1. दीर्घ अवधि के लिए प्रतिजैविक दवाओं की प्रभावशीलता यह मांग करती है कि लोगों द्वारा इनका उपयोग अधिक जिम्मेदारी से किया जाए।
  2. वैज्ञानिक एवं सूक्ष्म-स्तरीय हस्तक्षेप नए प्रतिजैविकों के माध्यम से संक्रामक रोगों के बोझ को कम करने हेतु पर्याप्त हैं।
  3. रोगाणुरोधी प्रतिरोध न केवल देश की स्वास्थ्य प्रणाली पर बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बड़ा बोझ है।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएंवैध हैं/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 10

पूर्वधारणा 1 सही है: परिच्छेद में उल्लेख किया गया है कि “नई प्रतिजैविक दवाओं का भी वही हाल होगा जो मौजूदा दवाओं का है" अर्थात, यदि लोग प्रतिजैविक दवाओं के उपयोग के तरीके को नहीं बदलेंगे तो वे भी अप्रभावी हो जाएंगी। इस प्रकार, सतत दीर्घ अवधि के लिए प्रतिजैविक दवाओं की प्रभावशीलता यह मांग करती है कि लोगों द्वारा इनका उपयोग अधिक जिम्मेदारी से किया जाए।

पूर्वधारणा 2 सही नहीं है: परिच्छेद के अनुसार, यह स्पष्ट है कि नए प्रतिजैविकों का विकास करना ही पर्याप्त नहीं है, इसके साथ ही इनका जिम्मेदारपूर्ण उपयोग भी करना होगा। इसलिए कथन 2 वैध पूर्वधारणा नहीं हो सकता है।

पूर्वधारणा 3 सही है: जैसा कि परिच्छेद में वर्णित किया गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) अस्पताल में रहने की अवधि और महंगी दवाओं के वित्तीय बोझ को बढ़ाता है तथा उत्पादकता को प्रभावित करता है। इसलिए कथन 3 वैध तथा उपयुक्त पूर्वधारणा है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 11

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

वर्तमान में किसी भी अधिराज्य के राज्य की गुणवत्ता को सभ्य राज्य के उद्देश्य से सहजता पूर्वक समझा जा सकता है, जिसका उद्देश्य कुछ और नहीं बल्कि जीवन की शांति और सुरक्षा है। इसलिए वह अधिराज्य सर्वश्रेष्ठ है, जहां लोगों द्वारा सामंजस्य से अपना जीवन व्यतीत किया जाता है और कानूनों का उल्लंघन नहीं किया जाता है। चूंकि यह निश्चित है कि राजद्रोह, युद्ध और अवमानना या कानूनों के उल्लंघन के लिए नागरिकों की धष्टता को इतना अधिक दोष नहीं दिया जाना चाहिए जितना कि अधिराज्य की खराब स्थिति को। क्योंकि मानव नागरिकता के अनुरूप जन्म नहीं लेते हैं, किंतु उन्हें ऐसा बनाया जाना चाहिए। किसी ऐसे सभ्य राज्य के लिए, जिसने राजद्रोह के कारणों को समाप्त नहीं किया है, यहां युद्ध का भय सतत व्याप्त रहता है और अंततः यहां प्रायः कानूनों का उल्लंघन किया जाता है इस प्रकार यह उस राज्य की प्रकृति से मात्र थोड़े ही भिन्न होते हैं, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने मन से जीवन की अत्यधिक जोखिमपूर्ण स्थिति के साथ जीवन व्यतीत करता है।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तर्कसंगत एवं विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 11

विकल्प (a) सही नहीं है: कानूनों के उल्लंघन की अपरिहार्यता का उल्लेख करने वाला विकल्प एक खराब अधिराज्य की विशेषता है। इसके अलावा, परिच्छेद की पंक्तियाँ, " चूंकि यह निश्चित है कि राजद्रोह, युद्ध और अवमानना या कानूनों के उल्लंघन के लिए नागरिकों की धृष्टता को इतना अधिक दोष नहीं दिया जाना चाहिए जितना कि अधिराज्य की खराब स्थिति को" का तात्पर्य यह है कि कानूनों का उल्लंघन नागरिकों के बुरे आचरण के बजाय सभ्य राज्य की गुणवत्ता पर अधिक निर्भर करता है। 

विकल्प (b) सही नहीं है: दी गई जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि समस्याओं के लिए लोगों को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है। हालांकि परिच्छेद शांति के लिए राज्य पर अधिक जिम्मेदारी डालता है, इसका तात्पर्य यह नहीं है कि नागरिक किसी भी जिम्मेदारी या दंड से मुक्त हैं। 

विकल्प (c) सही है: यह उल्लेख किया गया है कि "वर्तमान में किसी भी अधिराज्य के राज्य की गुणवत्ता को सभ्य राज्य के उद्देश्य से सहजता पूर्वक समझा जा सकता है, जिसका उद्देश्य कुछ और नहीं बल्कि जीवन की शांति और सुरक्षा है। इसलिए वह अधिराज्य सर्वश्रेष्ठ है, जहां लोगों द्वारा सामंजस्य से अपना जीवन व्यतीत किया जाता है और कानूनों का उल्लंघन नहीं किया जाता है।” इस प्रकार, कानूनों का उल्लंघन किए बिना सामंजस्य से अपना जीवन व्यतीत करने वाले लोग एक सभ्य राज्य के गुण को दर्शाते हैं। 

विकल्प (d) सही नहीं है: यह सर्वाधिक तर्कसंगत और विवेकपूर्ण निष्कर्ष नहीं है क्योंकि यहां राज्य की प्रकृति को स्वतंत्रता के साथ अभिलक्षित नहीं किया गया है बल्कि इसे एक ऐसे स्थान से किया गया है जहां प्रत्येक व्यक्ति जीवन के बड़े जोखिम के साथ, अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीते हैं। यहां, "प्रत्येक व्यक्ति मन से जीवन व्यतीत करता है" की तुलना स्वतंत्रता के साथ नहीं की जा सकती है, क्योंकि स्वतंत्रता के लिए, कुछ प्रणालियां अथवा संस्थान भी होने चाहिए जो प्रतिबंध भी लगा सकें।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 12

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

वर्तमान में किसी भी अधिराज्य के राज्य की गुणवत्ता को सभ्य राज्य के उद्देश्य से सहजता पूर्वक समझा जा सकता है, जिसका उद्देश्य कुछ और नहीं बल्कि जीवन की शांति और सुरक्षा है। इसलिए वह अधिराज्य सर्वश्रेष्ठ है, जहां लोगों द्वारा सामंजस्य से अपना जीवन व्यतीत किया जाता है और कानूनों का उल्लंघन नहीं किया जाता है। चूंकि यह निश्चित है कि राजद्रोह, युद्ध और अवमानना या कानूनों के उल्लंघन के लिए नागरिकों की धष्टता को इतना अधिक दोष नहीं दिया जाना चाहिए जितना कि अधिराज्य की खराब स्थिति को। क्योंकि मानव नागरिकता के अनुरूप जन्म नहीं लेते हैं, किंतु उन्हें ऐसा बनाया जाना चाहिए। किसी ऐसे सभ्य राज्य के लिए, जिसने राजद्रोह के कारणों को समाप्त नहीं किया है, यहां युद्ध का भय सतत व्याप्त रहता है और अंततः यहां प्रायः कानूनों का उल्लंघन किया जाता है इस प्रकार यह उस राज्य की प्रकृति से मात्र थोड़े ही भिन्न होते हैं, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने मन से जीवन की अत्यधिक जोखिमपूर्ण स्थिति के साथ जीवन व्यतीत करता है।

उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

  1. लोगों को एकता और शांति के साथ जीवन जीने के लिए एक बेहतर अधिराज्य पूर्वापेक्षा है।
  2. यद्यपि नागरिकता किसी सफल सभ्य राज्य हेतु अनिवार्य है किंतु यह लोगों को स्वाभाविक रूप से प्राप्त नहीं होती है।
  3. अच्छे कानूनों तथा उनके सख्त प्रवर्तन द्वारा लोगों की अंतर्निहित धृष्टता का समाधान किया जा सकता
  4. एक असफल सभ्य राज्य प्रकृति में विरोधात्मक होता है, जहां जीवन के बड़े जोखिम मौजूद होते हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणाएं वैध हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 12

कथन 1 सही है: चूंकि परिच्छेद में लोगों की एकता और समाज में शांति के लिए एक अच्छे अधिराज्य के महत्व के संबंध में चर्चा की गई है, अतः हम यह पूर्वधारणा बना सकते हैं कि राज्य में लोगों को एकता और शांति से जीवन जीने के लिए बेहतर अधिराज्य एक पूर्वापेक्षा है। 

कथन 2 सही है: चूंकि परिच्छेद में जन्म के साथ लोगों के नागरिकता के अनुरूप न होने की प्रकृति के संबंध में उल्लेख किया गया है ("क्योंकि मानव नागरिकता के अनुरूप जन्म नहीं लेते हैं, किंतु उन्हें ऐसा बनाया जाना चाहिए।"), और इस बारे में बताया गया है कि उन्हें नागरिकता के योग्य बनाया जाना चाहिए। इसलिए कथन 2 सही है। 

कथन 3 सही नहीं है: यह परिच्छेद लोगों के बुरे होने का संकेत नहीं देता है। पंक्ति, "नागरिकों की धृष्टता को इतना अधिक दोष नहीं दिया जाना चाहिए जितना कि अधिराज्य की खराब स्थिति को" का अर्थ यह नहीं है कि नागरिक बुरे हैं। इस पंक्ति का अर्थ यह है कि राज्य की समस्याएं जैसे राजद्रोह, युद्ध और अवमानना या कानूनों का उल्लंघन राज्य की कमियों के कारण होते हैं, न कि नागरिकों के कारण। 

कथन 4 सही नहीं है: इस परिच्छेद की अंतिम पंक्तियों कहा गया है कि "किसी ऐसे सभ्य राज्य के लिए, जिसने राजद्रोह के कारणों को समाप्त नहीं किया है, यहां युद्ध का भय सतत व्याप्त रहता है और अंततः यहां प्रायः कानूनों का उल्लंघन किया जाता है इस प्रकार यह उस राज्य की प्रकृति से मात्र थोड़े ही भिन्न होते हैं, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपने मन से जीवन की अत्यधिक जोखिमपूर्ण स्थिति के साथ जीवन व्यतीत करता है।" इस प्रकार, कथन 4 परिच्छेद में उल्लिखित तथ्यों के विपरीत है और इसलिए यह एक पूर्वधारणा नहीं हो सकता है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 13

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद -4

क्या वास्तव में स्वर्ग या नर्क जैसी कोई चीज होती है? क्या हम मृत्यु उपरांत एक नए जीवन को मूर्त रूप देने की आशा कर सकते हैं? क्या हम किसी सर्वशक्तिमान एवं सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय स्वरूप की रचना हैं? ये सभी दिलचस्प सत्तामूलक प्रश्न हैं। हालांकि ये प्रश्न समाजशास्त्रियों के केंद्रीय विषय नहीं हैं। इसके बजाय, समाजशास्त्री विभिन्न सामाजिक स्वरूपों, अनुभवों और कार्यों के संबंध में प्रश्न करते हैं, जिन्हें धार्मिक संगठन समाज के भीतर जाग्रत करते हैं एवं बढ़ावा देते हैं। एक सामाजिक परिघटना के रूप में धर्म क्या है? इसका अस्तित्व क्यों हैं? दूसरे शब्दों में, धार्मिक विश्वासों का "वास्तविक" कारक समाजशास्त्रियों की प्राथमिक चिंता नहीं है। इसके बजाय, समाजशास्त्रियों के लिए धर्म का महत्व लोगों को एकजुट करने तथा उल्लेखनीय मामलों में उन्हें हिंसक रूप से विभाजित करने की इसकी व्यावहारिक प्रवृत्ति में निहित है। समाजशास्त्रियों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि धर्म लोगों को विशेष तरीके से कार्य करने तथा व्यवहार करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह ऐसा कैसे करता है?

उपर्युक्त परिच्छेद के आधार पर सर्वाधिक तर्कसंगत पूर्वधारणा क्या हो सकती है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 13

विकल्प (a) सही है: परिच्छेद में इस संबंध में चर्चा की गई है कि कैसे समाजशास्त्री बजाय इसके कि धार्मिक विश्वासों का "वास्तविक" कारक क्या है, वे उन विभिन्न सामाजिक स्वरूपों, अनुभवों और कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिन्हें धार्मिक संगठन समाज के भीतर जाग्रत करते हैं एवं बढ़ावा देते हैं। इसलिए विकल्प (a) सही है। 

विकल्प (b) सही नहीं है: परिच्छेद में विभिन्न प्रश्नों के संबंध में चर्चा की गई है जिन पर समाजशास्त्री ध्यान नहीं देते हैं, उनमें से एक है, " क्या हम किसी सर्वशक्तिमान एवं सर्वश्रेष्ठ ईश्वरीय स्वरूप की रचना हैं?"
इस परिच्छेद में इस प्रश्न को केवल पूछा गया है तथा इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया गया है। इसलिए विकल्प (b) सही नहीं है। 

विकल्प (c) सही नहीं है: क्योंकि इस परिच्छेद में उन प्रश्नों के संबंध में चर्चा नहीं की गई है जिनके उत्तर धर्म के पास हैं। न ही परिच्छेद विज्ञान की तुलना धर्म से करता है। यह दिए गए कथन में उल्लिखित प्रभाव से संबंधित कोई दावा नहीं करता है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। हालांकि परिच्छेद में लोगों को एकजुट करने और कुछ मामलों में लोगों को विभाजित करने की धर्म की प्रवृत्ति का उल्लेख किया गया है। किंतु यह नहीं कहा गया है कि लोग एकजुट होने के लिए धर्म का अनुपालन करते हैं।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 14

निम्नलिखित में से किस वर्ष का कैलेंडर वर्ष 2011 के समान था?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 14

किसी लीप वर्ष के कैलेंडर का दोहराव 28 वर्षों के बाद होता है जबकि सामान्य वर्ष के कैलेंडर का दोहराव 6 अथवा 11 वर्षों के बाद होता है।
2011 एक सामान्य वर्ष है।
2011 में से 11 घटाने पर 2000 प्राप्त होता है जो एक लीप वर्ष है।
2011 में से 6 घटाने पर हमें 2005 प्राप्त होता है जो एक सामान्य वर्ष है।
अतः वर्ष 2005 और 2011 के कैलेंडर एक समान होंगे।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 15

अतुल का जन्म 1 जनवरी 2000 को हुआ था, इस दिन रविवार था। 18 वर्ष बाद, अतुल अपना जन्मदिन किस दिन मनाएगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 15

वर्ष 2000 से 2017 तक विषम दिनों की संख्या, अर्थात् 18 वर्ष = 5 लीप वर्ष (2000, 2004, 2008, 2012 और 2016) + 13 सामान्य वर्ष = 5 x 2 + 13 x 1 = 23 विषम दिन - 23/7 = 3 + 2/7 = 2 विषम दिन।
इस प्रकार, अतुल का जन्मदिन 1 जनवरी, 2018 को मंगलवार होगा।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 16

एक घड़ी किसी क्षैतिज मेज पर रखी हुई है। दोपहर 3 बजे, मिनट की सुई उत्तर दिशा की ओर संकेत करती है। 3.40 बजे, मिनट की सुई किस दिशा की ओर संकेत करेगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 16

दिया गया है कि, दोपहर 3 बजे:

इसके बाद दोपहर 3.40 बजे:

प्रत्येक 5 मिनट में = 30°
इस प्रकार, (5 मिनट + 5 मिनट) = 30° + 30° = 60°
इसलिए मिनट की सुई दक्षिण से 60° पश्चिम की ओर संकेत करेगी।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 17

नीचे दी गई श्रृंखला में लुप्त संख्या ज्ञात कीजिए: 6, 9, 14, 21, 30, ?, 54

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 17

6+3=9
9+5 = 14
14+7=21
21 +9= 30
30 + 11 = 41 = ?
41 + 13 = 54
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 18

निम्नलिखित आव्यूह में लुप्त आकृति ज्ञात कीजिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 18

यहां, पहले कॉलम की आकृति, दूसरे और तीसरे कॉलम की आकृतियों का संयोजन है।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 19

2 बजे मिनट की सुई दक्षिण दिशा की ओर संकेत कर रही है। यदि घड़ी की स्थिति अपरिवर्तित रहती है, तो घंटे की सुई 3 बजे किस दिशा की ओर संकेत करेगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 19

2 बजे मिनट की सुई दक्षिण दिशा की ओर संकेत कर रही है। इसका अर्थ यह है कि 12 दक्षिण दिशा में है।

3 बजे घंटे की सुई 3 की ओर संकेत करती है। इस प्रकार, घंटे की सुई पश्चिम दिशा की ओर संकेत करेगी।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 20

कैलेण्डर प्रणाली के प्रारंभ से 100 ई. तक के लीप वर्षों की संख्या ज्ञात कीजिए।

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 20

यदि दिए गए वर्षों की संख्या को 4 से विभाजित किया जाता है, तो भागफल लीप वर्ष की संख्या देता है।
यहाँ पर, 100 / 4 = 25
 परंतु, 100 एक लीप वर्ष नहीं है क्योंकि 100 एक शताब्दी वर्ष है। एक शताब्दी वर्ष को लीप वर्ष होने के लिए, 400 से पूर्णतः विभाज्य होना चाहिए।
इस प्रकार प्रारंभिक 100 वर्षों में लीप वर्ष की कुल संख्या- 25 - 1= 24
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 21

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-1

स्कूल व्यवस्था में प्राय: अतीत में क्या हुआ और वर्तमान समय तक क्या हो रहा है, यह केवल इसी पर आधारित शिक्षा की बात करते हैं, परंतु नई तकनीकों के सहारे पले-बढ़े छात्रों में वर्कशीट को पूरा करने और लेक्चर सुनने को लेकर धैर्य बहुत कम होता है। छात्र अब सिर्फ रटने वाले ज्ञान भर से संतुष्ट नहीं होते हैं और प्रायः स्कूल से ऊब जाते हैं। यह हमारी स्थापित व्यवस्था और वर्तमान समय की कक्षाओं में बैठे छात्रों के बीच एक द्विभाजन प्रस्तुत करता है। आज के शिक्षार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और वर्तमान समय की अपनी शिक्षा को उस विश्व से जोड़ना चाहते हैं, जिसमें वे रहते हैं। वे यह समझना चाहते हैं कि वे जो कुछ भी सीख रहे हैं, वह उनके जीवन में बाद में कैसे सहायक होगा। छात्र अच्छी तरह से परिकल्पित गतिविधियों को लेकर भी इतने गंभीर नहीं होते, जब तक कि उन्हें यह न लगे कि वो गतिविधि उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है या नहीं।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन उपर्युक्त परिच्छेद के मूल विचार को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 21

विकल्प (a) सही नहीं है। परिच्छेद नए शिक्षार्थियों की गतिशीलता के बारे में बात करता है जो तेज गति से चलने वाली और प्रासंगिक शिक्षा चाहते हैं। हालांकि, यह परिच्छेद शिक्षा व्यवस्था की पारंपरिक पद्धति की हीनता के इर्द-गिर्द केंद्रित नहीं है। इसके अतिरिक्त, रट्टा आधारित शिक्षा (Rote learning) और अनुपयोगी विषयों के अध्ययन को पूर्णतया परिच्छेद में उल्लेखित नहीं किया गया है। "अतीत में क्या हुआ और वर्तमान समय तक क्या हो रहा है" की तुलना "अनुपयोगी या निरर्थक" से नहीं की जा सकती। इसलिए विकल्प (a) सही नहीं है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। यह परिच्छेद कहीं भी आज के शिक्षार्थियों के बढ़े हुए स्वार्थ और आत्म-केंद्रितता को उल्लेखित नहीं करता है। इसलिए विकल्प (b) सही नहीं है। 

विकल्प (c) सही है। यह परिच्छेद आज के शिक्षार्थियों की गतिशीलता और परिणामोन्मुखी केंद्रिता पर जोर देता है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि नए शिक्षार्थी उन चीजों को कैसे सीखना चाहते हैं जिनका उनके जीवन पर कुछ प्रभाव पड़ता है। इसलिए विकल्प (c) सही है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। परिच्छेद यह निर्दिष्ट नहीं करता है कि नए शिक्षार्थियों के पास महत्वपूर्ण विषयों के लिए कम धैर्य होता है। आज के शिक्षार्थी कम प्रासंगिक और अनुपयोगी या निरर्थक विषयों को नहीं सीखना चाहते, जिसके लिए उनमें धैर्य की कमी होती है। इसलिए विकल्प (d) सही नहीं है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 22

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-2

शहरों का प्रारूप अद्वितीय सूक्ष्म-जलवायु (Micro-climate) का सृजन करता है, जो तापमान और वायु सहित परिवर्तनशील कारकों को प्रभावित करता है। अर्बन हीट आइलैंड प्रभाव इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इसका अर्थ ऐसी परिघटना से है जिसमें जटिल स्थलाकृति और भवनों के द्रव्यमान/असंख्य इमारतों (Mass of building), प्रवेश्य/भेदनीय वनस्पतिक भू-सतहों के अभेद्य निर्मित भू-सतहों से प्रतिस्थापन और मानवजनित गतिविधियों से ऊष्मा के उत्सर्जन के कारण, शहर अपने आसपास के परिक्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म होते हैं। ऐसा अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हीट आइलैंड प्रभाव और अधिक तीव्र हो सकता है। इसके अतिरिक्त, सीलबंद सतहों में रिसाव में कमी के कारण बाढ़ का जोखिम बढ़ जाता है और शहरों में इसके परिणामस्वरुप वर्षाजल के अधिक बहाव के कारण इस जोखिम में और भी वृद्धि हो जाती है। विकास गतिविधियां इन (शहरी) क्षेत्रों में अधिकाधिक हो रही हैं जहां पर जलवायु परिवर्तन के खतरों का जोखिम संभावित रूप से अधिक होता है। उदाहरण के लिए तटीय क्षेत्रों में, ढलानों पर और बाढ़ के मैदानों के भीतर।

उपर्युक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक तर्कसंगत एवं विवेकपूर्ण निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 22

विकल्प (a) सही है। परिच्छेद शहरों के प्रारूप के विभिन्न पहलुओं का उल्लेख करता है, जो तापमान और वायु के पैटर्न में बदलाव को प्रभावित करते हैं। वे खतरे की आशंका वाले क्षेत्रों के निकट भी स्थित हैं। ये कारक शहरों को आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाते हैं। इसलिए विकल्प (a) सही है। 

विकल्प (b) सही नहीं है। यद्यपि परिच्छेद की अंतिम कुछ पंक्तियों में शहरों के जोखिम भरे स्थान का उल्लेख किया गया है परंतु, परिच्छेद का मुख्य पहलू शहरों के समग्र प्रारूप पर केंद्रित है। इसलिए यह विकल्प सही नहीं है। साथ ही, "सभी" एक चरम कथन है और इसे आसानी से खारिज किया जा सकता है। इसलिए विकल्प (b) सही नहीं है। 

विकल्प (c) सही नहीं है। यह परिच्छेद हीट आइलैंड प्रभाव की परिघटना के लिए उत्तरदायी अनेक कारणों का उल्लेख करता है और बाद में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि "ऐसा अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हीट आइलैंड प्रभाव और अधिक तीव्र हो सकता है।" इस प्रकार, हीट आइलैंड विभिन्न अन्य कारकों के कारण होता है जो केवल जलवायु परिवर्तन से तीव्र होते हैं। इसलिए विकल्प (c) सही नहीं है। 

विकल्प (d) सही नहीं है। केवल विकल्प (a) सही है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 23

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-3

भारत, बाजार की शक्तियों (Market forces) को बढ़ावा देने के साथ-साथ विकास की अधिकार-आधारित अवधारणा की ओर बढ़ रहा है। ये दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। यह दो-स्तरीय दृष्टिकोण न केवल बांछनीय है बल्कि कमोबेश अपरिहार्य भी है। चारों ओर जो भूख
और दुर्बलता देखने को मिलती है, वह शर्मनाक है और उसे धीरेधीरे समाप्त हो जाना चाहिए। इससे आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बाजार किसी भूखे को नजरअंदाज कर सकते हैं, परंतु गरीब लोकतंत्र एक सीमा से आगे ऐसा नहीं कर सकते। भारत का लोकतंत्र उस सीमा तक पहुंचता दिख रहा है। खाद्य सुरक्षा बह कीमत है, जो एक निम्न आय वाले लोकतंत्र में काम करने के लिए, भारत के बढ़ते हुए पूंजीवाद को चुकानी पड़ सकती है।

इस परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएं बनाई गई हैं:

  1. निम्न आय वाले लोकतंत्र खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में आने वाले खर्च को वहन करने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं को विवश कर सकते हैं।
  2. भारत में भूख की व्यापकता के कारण विकास की अधिकार-आधारित अवधारणा अनिवार्य है।
  3. भूव को नजरअंदाज करते हुए बाजार की ताकतों पर पूरा फोकस भारत के आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाएगा।

उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध है/हैं?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 23

कथन 1 सही है। चूंकि बाजार भूखे लोगों की उपेक्षा कर सकता है लेकिन लोकतंत्र नहीं कर सकता, इसलिए लोकतंत्र खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा। परिच्छेद की अंतिम पंक्ति "खाद्य सुरक्षा वह कीमत है जो एक निम्न आय वाले लोकतंत्र में काम करने के लिए, भारत के बढ़ते हुए पूंजीवाद को चुकानी पड़ सकती है।" इससे स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में आने वाला ख़र्च कॉर्पोरेट संस्थाओं (बढ़ते हुए पूंजीवाद) से लेंगे। 

कथन 2 सही है। परिच्छेद की आरंभिक कुछ पंक्तियाँ कथन 2 में किए गए दावे की पुष्टि करती हैं। परिच्छेद में उल्लेखित किया गया है कि "भारत, बाजार की शक्तियों (Market forces) को बढ़ावा देने के साथ-साथ विकास की अधिकारआधारित अवधारणा की ओर बढ़ रहा है" और यह कि "यह दो स्तरीय दृष्टिकोण न केवल वांछनीय है बल्कि कमोबेश अपरिहार्य भी है। चारों ओर जो भूख और दुर्बलता देखने को मिलती है, वह शर्मनाक है और उसे धीरे-धीरे समाप्त हो जाना चाहिए।" इसलिए, हम यह मान सकते हैं कि भारत में भूख की व्यापकता के कारण विकास की अधिकार-आधारित अवधारणा अनिवार्य है। 

कथन 3 सही है। चूंकि अकेले बाजार भूख का ख्याल नहीं रख सकते हैं (जैसा कि इस पंक्ति से समझा जा सकता है कि "बाजार किसी भूखे को नजरअंदाज कर सकते हैं, परंतु गरीब लोकतंत्र एक सीमा से आगे ऐसा नहीं कर सकते।'), इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि भूखों को उनका हक मिले, इसे अधिकार-आधारित दृष्टिकोण द्वारा समर्थित होना चाहिए। परिच्छेद में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि "चारों ओर जो भूख और दुर्बलता देखने को मिलती है, वह शर्मनाक है और उसे धीरे-धीरे समाप्त हो जाना चाहिए। इससे आर्थिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।"

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 24

नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और इसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। इस प्रश्न के लिए आपका  उत्तर केवल इसी परिच्छेद पर ही आधारित होना चाहिए।

परिच्छेद-4

हमने अब तक के सबसे ऊंचे कैंप की पिचिंग शुरू कर दी है। प्रत्येक कार्य में पांच गुना अधिक समय लगा था जितना कि उसे किसी ऐसे स्थान पर घटित होने में लगता जहां सांस लेने के लिए पर्याप्त वायु थी, किन्तु अंततः हमने तम्बू खड़ा कर दिया और जब हम घुटने के बल रेंगते हुए भीतर गए, तो यह अत्यधिक खराब नहीं था। वहां हल्की हवा चल रही थी और उसके भीतर इतनी अधिक ठंड नहीं थी कि हम अपने दस्ताने न उतार सकें। रात में अधिकांश पर्वतारोही अपने जूते उतार देते हैं, किंतु मैंने उन्हें पहने रखना ही - पसंद किया। दूसरी ओर, हिलेरी ने उन्हें उतार दिया और अपने स्लीपिंग बैग के बगल में रख दिया।

परिच्छेद के अनुसार, "सर्वाधिक ऊंचे कैंप को लगाना" अभिव्यक्ति का सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निहितार्थ क्या है?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 24

विकल्प (a) सही नहीं है: "हमने अब तक के सबसे ऊंचे कैंप की पिचिंग शुरू कर दी है।" यह पंक्ति विश्व के "सबसे ऊंचे पर्वत" के शिखर तक पहुंचने का उल्लेख नहीं करती है। 

विकल्प (b) सही नहीं है: अब तक के सबसे ऊंचे कैंप की पिचिंग का तात्पर्य है कि कोई भी अभी तक इतनी ऊंचाई तक नहीं पहुंचा है। 

विकल्प (c) सही है: परिच्छेद के अनुसार, "सबसे ऊंचे कैंप की पिचिंग" का अर्थ है कि अब तक कोई भी उस ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया है। 

विकल्प (d) सही नहीं है: चूंकि परिच्छेद केवल लेखक और हिलेरी के बारे में बात करता है, न कि अन्य पर्वतारोहियों के बारे में। अतः हो सकता है कि कैंप में सिर्फ लेखक और हिलेरी ही रहे हों।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 25

एक सही समय बताने वाली घड़ी 1 बजे का समय दिखा रही है। यदि वह वामावर्त दिशा में 180° घूम जाती है, तो घड़ी वाली घंटे की सुई क्या समय दर्शाएगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 25

जब घड़ी 180° वामावर्त दिशा में घूमती है, तो घड़ी की घंटे वाली सुई 7 बजे का समय दर्शाएगी। इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 26

घड़ी की सुइयां समकोण कब बनाएंगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 26

हमें प्रत्येक विकल्प की एक-एक करके जांच करनी होगी।
विकल्प (c) की जांच करने पर:
5 बजे घड़ी की सुइयां 25 मिनट के अंतराल पर हैं।
समकोण पर होने के लिए और वह भी 5.30 और 6 के बीच, मिनट की सुई को (25+15)= 40 मिनट का अंतराल हासिल करना पड़ता है।
55 मिनट का अंतराल 60 मिनट में प्राप्त होता है।
40 मिनट का अंतराल प्राप्त होगा (60/55)x 40 मिनट = 480/11 = 43(7/11) मिनट।
इस प्रकार, 5 बजकर 43 (7/11) मिनट पर घड़ी की सुइयां समकोण बनाएंगी।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 27

यदि आज सोमवार है, तो आज से 7777 वें दिन कौन-सा दिन होगा?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 27

यदि आज सोमवार है तो आज से सातवां दिन सोमवार होगा। इसी प्रकार 14वां दिन, 21वां दिन या 70वां दिन या 700 वां दिन या 7000वां दिन या 7777वां दिन सोमवार होगा। अत: उत्तर सोमवार है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 28

दो क्रमिक लीप वर्षों के मध्य अधिकतम अंतराल होता है:

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 28

इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। उदाहरण के लिए वर्ष 1896 एक लीप वर्ष है। अगला लीप वर्ष, वर्ष 1904 में आता है (वर्ष 1900 लीप वर्ष नहीं है)। इसलिए दो क्रमिक लीप वर्षों के बीच अधिकतम अंतर 8 वर्ष है।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 29

आंकड़ों की एक श्रृंखला नीचे दी गई है। निम्नलिखित श्रृंखला में अगली आकृति क्या होगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 29

यहां सभी प्रतीक दक्षिणावर्त दिशा में घूम रहे हैं जबकि तीर वामावर्त दिशा में घूम रहा है। इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है।

UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 30

आंकड़ों की एक श्रृंखला नीचे दी गई है। निम्नलिखित श्रृंखला में अगली आकृति क्या होगी?

Detailed Solution for UPSC CSE प्रीलिम्स पेपर 2 (CSAT) मॉक टेस्ट - 9 - Question 30

इस श्रृंखला में तीर वाली रेखा प्रत्येक चरण में घड़ी की दिशा में 45 डिग्री घूम रही है। इसी प्रकार क्रॉस वाली रेखा भी प्रत्येक चरण में घड़ी की दिशा में 45 डिग्री घूम रही है।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर होगा।

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