Given below are two statements : One is labelled as Assertion (A) and the other is labelled as Reason (R) :
Assertion (A) : A learner centered approach provides best experience for learners.
Reason (R) : Learner centered approach does not acknowledge the needs of the learner as central to learning experience.
In the light of the above statements, choose the correct answer from the options given below :
Continuous and comprehensive evaluation includes:
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According to Piaget's stages of cognitive development, with whom the 'sensory-motor state' is related?
Which of the following is not a technique to manage anxiety due to an approaching examination?
Which of the areas of individual differences is most important for organising educational programmes effectively?
Knowing the naive conceptions that students bring to the classroom:
If a child has mental age of 5 years and chronological age of 4 years, then what will be the IQ of the child?
किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।
Q. अधिकारों के मामले में भारतीय उपभोक्ताओं की स्थिति कैसी है?
निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
क्या रोकेंगे प्रलय मेघ ये, क्या विद्युत-धन के नर्तन,
मुझे न साथी रोक सकेंगे, सागर के गर्जन-तर्जन।
मैं अविराम पथिक अलबेला रुके न मेरे कभी चरण,
शूलों के बदले फूलों का किया न मैंने मित्र चयन।
मैं विपदाओं में मुसकाता नव आशा के दीप लिए
फिर मुझको क्या रोक सकेंगे जीवन के उत्थान-पतन,
मैं अटका कब, कब विचलित में, सतत डगर मेरी संबल
रोक सकी पगले कब मुझको यह युग की प्राचीर निबल
आँधी हो, ओले-वर्षा हों, राह सुपरिचित है मेरी,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे ये जग के खंडन-मंडन।
मुझे डरा पाए कब अंधड़, ज्वालामुखियों के कंपन,
मुझे पथिक कब रोक सके हैं अग्निशिखाओं के नर्तन।
मैं बढ़ता अविराम निरंतर तन-मन में उन्माद लिए,
फिर मुझको क्या डरा सकेंगे, ये बादल-विद्युत नर्तन।
Q. प्रस्तुत पद्यांश में कवि के स्वभाव की कौन-सी दो विशेषताओं के विषय में बताया गया है?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके आधार पर दिए गए प्रश्नों) के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्प चुनिए :
विनम्रता का यह कथन बहुत ठीक है कि विनम्रता के बिना स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं। इस बात को सब लोग मानते हैं कि आत्मसंस्कार के लिए थोड़ी बहुत मानसिक स्वतंत्रता परमावश्यक है – चाहे उस स्वतंत्रता में अभिमान और नम्रता दोनों का मेल हो और चाहे वह नम्रता ही से उत्पन्न हो। यह बात तो निश्चित है कि जो मनुष्य मर्यादापूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहता है उसके लिए वह गुण अनिवार्य है, जिससे आत्मनिर्भरता आती है और जिससे अपने पैरों के बल खड़ा होना आता है। युवा को यह सदा स्मरण रखना चाहिए कि वह बहुत कम बातें जानता है, अपने ही आदर्श से वह बहुत नीचे है और उसकी आकांक्षाएँ उसकी योग्यता से कहीं बढ़ी हुई हैं। उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने बड़ों का सम्मान करे, छोटे और बराबर वालों से कोमलता का व्यवहार करे, ये बातें आत्म-मर्यादा के लिए आवश्यक हैं। यह सारा संसार, जो कुछ हम हैं और जो कुछ हमारा है – हमारा शरीर, हमारी आत्मा, - हमारे कर्म, हमारे भोग, हमारे घर और बाहर की दशा हमारे बहुत से अवगुण, और थोड़े गुण सब इसी बात की आवश्यकता प्रकट करते हैं कि हमें अपनी आत्मा को नम्र रखना चाहिए। नम्रता से मेरा अभिप्राय दब्बूपन से नहीं है जिसके कारण मनुष्य दूसरों का मुँह ताकता है जिससे उसका संकल्प क्षीण और उसकी प्रज्ञा मंद हो जाती है, जिसके कारण बढ़ने के समय भी पीछे रहता है और अवसर पड़ने पर झट से किसी बात का निर्णय नहीं कर सकता। मनुष्य का बेड़ा उसके अपने ही हाथ में है, उसे वह चाहे जिधर ले जाए। सच्ची आत्मा वही है जो प्रत्येक दशा में प्रत्येक स्थिति के बीच अपनी राह आप निकालती है।
Q. 'अभिमान' शब्द में उपसर्ग का कौन-सा विकल्प सही है ?
निर्देश: गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प को चुनिए।
प्राचीन भारत में शिक्षा, ज्ञान प्राप्ति का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता था। व्यक्ति के जीवन को सन्तुलित और श्रेष्ठ बनाने तथा एक नई दिशा प्रदान करने में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण योगदान था। सामाजिक बुराइयों को उसकी जड़ों से निर्मूल करने और त्रुटिपूर्ण जीवन में सुधार करने के लिए शिक्षा की नितान्त आवश्यकता थी। यह एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसके द्वारा सम्पूर्ण जीवन ही परिवर्तित किया जा सकता था। व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व का विकास करने, वास्तविक ज्ञान को प्राप्त करने और अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए शिक्षा पर निर्भर होना पड़ता था। आधुनिक युग की भाँति प्राचीन भारत में भी मनुष्य के चरित्र का उत्थान शिक्षा से ही सम्भव था। सामाजिक उत्तरदायित्वों को निष्ठापूर्वक वहन करना प्रत्येक मानव का परम उद्देश्य माना जाता है। इसके लिए भी शिक्षित होना नितान्त अनिवार्य है। जीवन की वास्तविकता को समझने में शिक्षा का उल्लेखनीय योगदान रहता है। भारतीय मनीषियों ने इस ओर अपना ध्यान केन्द्रित करके शिक्षा को समाज की आधारशिला के रूप में स्वीकार किया। विद्या का स्थान किसी भी वस्तु से बहुत ऊँचा बताया गया। प्रखर बुद्धि एवं सही विवेक के लिए शिक्षा की उपयोगिता को स्वीकार किया गया। यह माना गया कि शिक्षा ही मनुष्य की व्यावहारिक कर्तव्यों का पाठ पढ़ाने और सफल नागरिक बनाने में सक्षम है। इसके माध्यम से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और आत्मिक अर्थात् सर्वांगीण विकास सम्भव है। शिक्षा ने ही प्राचीन संस्कृति को संरक्षण दिया और इसके प्रसार में मदद की। विद्या का आरम्भ ‘उपनयन संस्कार’ द्वारा होता था। उपनयन संस्कार के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मनुस्मृति में उल्लेख मिलता है कि गर्भाधान संस्कार द्वारा तो व्यक्ति का शरीर उत्पन्न होता है पर उपनयन संस्कार द्वारा उसका आध्यात्मिक जन्म होता है। प्राचीन काल में बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आचार्य के पास भेजा जाता था। शतपथ ब्राह्मण के अनुसार, जो ब्रह्मचर्य ग्रहण करता है। वह लम्बी अवधि की यज्ञावधि ग्रहण करता है। छान्दोग्योपनिषद् में उल्लेख मिलता है कि आरुणि ने अपने पुत्र श्वेतकेतु को ब्रह्मचारी रूप से वेदाध्ययन के लिए गुरु के पास जाने को प्रेरित किया था। आचार्य के पास रहते हुए ब्रह्मचारी को तप और साधना का जीवन बिताते हुए विद्याध्ययन में तल्लीन रहना पड़ता था। इस अवस्था में बालक जो ज्ञानार्जन करता था उसका लाभ उसको जीवन भर मिलता था। गुरु गृह में निवास करते हुए विद्यार्थी समाज के निकट सम्पर्क में आता था। गुरु के लिए समिधा, जल का लाना तथा गृह-कार्य करना उसका कर्त्तव्य माना जाता था। गृहस्थ धर्म की शिक्षा के साथ-साथ वह श्रम और सेवा का पाठ पढ़ता था। शिक्षा केवल सैद्धान्तिक और पुस्तकीय न होकर जीवन की वास्तविकताओं के निकट होती थी।
Q. प्राचीन काल में विद्यार्थियों के कर्त्तव्य निम्नलिखित में से कौन-से थे?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए व प्रश्नों के उत्तर उपयुक्त विकल्पों द्वारा दीजिये-
बारहसिंगा हिरण प्रजाति का बड़े आकार का शानदार वन्य पशु है। इस वन्य जीव को उत्तरप्रदेश की सरकार ने अपना राज्य पशु घोषित कर रखा है। दुर्लभ वन्य जीव होने के कारण इसे संकटग्रस्त सूची में रखा गया है। बारहसिंगा दुधवा राष्ट्र्रीय उद्यान, हस्तिनापुर अभ्यारण्य, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और बंगाल के सुंदरवनों में भी पाया जाता है। मध्यप्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में भी बारहसिंगा की दूसरी प्रजाति पाई जाती है। बारहसिंगा की कंधे तक की ऊँचाई 135 सेंटीमीटर होती है। इसका वजन लगभग 170 - 180 किलोग्राम तक होता है। यह प्रायः नम दलदली घास वाले क्षेत्रो में रहना पसंद करते है। बारहसिंगा प्रायः समूहों में पाए जाते है। इसके सींग 75 सेंटीमीटर लम्बे होते है। अधिकांश बारहसिंगो के सींगों में 10 से 14 तक शाखाएं होती है। अधिकतम 20 शाखाएँ वाले बारहसिंगा भी देखे गये हैं।
Q. इनमें से 'हिरन' किसका पर्यायवाची है?
निर्देश: नीचे दी गई काव्य – पंक्तियों को पढ़कर सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए:
ये कोरोना वाली छुट्टी, बहुत कुछ सिखा गयी
जरूरते है कितनी कम, रिश्तो में है दम
पैसे कि क्या अहमियत, किसकी है कैसी नीयत हाँ, पर सब कुछ जता गयी..
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
पर जो नही आ पायी बाई, खुद किये घर की सफाई
सब्जी जो नही मिल पायी, चावल दाल बुरी नही भाई
सहनशक्ति को आजमा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
नौकरी करते या खेती बाडी, छोटी कार या बड़ी गाडी
बड़ा बंगलो या छोटा घर, बीमारी के सामने सब बराबर
इंसान को हैसियत समझा गयी
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
अंग्रेजी वाले शब्द हुए पॉपुलर
क्वारंटाइन, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग
लोकल के लिए वोकल सच में
ये कोरोना वाली छुट्टी बहुत कुछ सिखा गयी
Q. लॉकडाउन से अभिप्राय है:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विदेशी भाषाओं के संबंध में सही कथन का चयन करो?
निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश के बाद प्रश्न दिए गए हैं। इस गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चार विकल्पों में से प्रत्येक प्रश्न का सर्वोत्तम उत्तर चुनें।
लगभग पांच शताब्दी पूर्व पुर्तगाली इतिहासकार डोमिंग पेस ने हम्पी (विजयनगर) को स्वप्नों की नगरी कहा था। यह संगम वंश के शासकों की राजधानी थी जिन्होंने 1336 में प्राचीन हम्पी के निर्माण स्थल पर विजय नगर साम्राज्य की नींव रखी थी। लेकिन वह कृष्णदेव राय (1509-1529) थे जिन्होंने भव्य महल और मंदिरों से राजधानी को अलंकृत किया और विजयनगर साम्राज्य की सीमाओं को दूर-दूर तक फैलाया जिससे वह दक्षिण भारत का सर्वाधिक शाक्तिशाली हिन्दु साम्राज्य बना। परन्तु इस साम्राज्य की शक्ति का पतन पड़ोसी बहमई राज्यों के संघ के 1565 में संयुक्त आक्रमण से आरंभ हुआ। इस विजयनगर को परास्त करके नष्ट कर दिया गया। यह उस साम्राज्य का दुखत अंत था जो कभी अरब सागर से बंगाल की खाड़ी और दक्कन पठार से भारतीय प्रायद्वीप तक फैला था। विजयनगर के भग्नाशेष एक दूसरे पर टंगी विशाल चट्टानों की निर्जन दृश्यावली के बीच फैले हैं। दक्षिण भारत के राजनीतिक परिदृश्य में अपने उदय से पूर्व हम्पी कई शताब्दियों से एक प्रख्यात पावन स्थल था। रामायण में जैसा वर्णित है यह बाली शासित क्षेत्र किष्किन्धा का एक भाग था। इस स्थान में बाली और सुग्रीव, हनुमान, राम सीता, लक्ष्मण से जुड़ी अनेक घटनाएं घटी हैं। तुंगभद्रा नदी के पार स्थित वर्तमान एनीगोण्डी दुर्ग इस वानर साम्राज्य का प्रमुख केन्द्र था। हम्पी के चट्टानी पर्वत जैसे हेमकूट पर्वत, मातण्ग पर्वत और माल्यावंथ पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है। तुंगभद्रा का प्राचीन नाम और पार्वती का नाम पम्पा है जिसने विरूपाक्ष रूपी शिव से विवाह किया था। इसी नाम पर इस नगरी का नाम पड़ा है।
Q. 'दूर-दूर' शब्द :-
बच्चे के विकास में मौखिक रचना क्यों उपयोगी है?
निर्देश: दिए गए पद्यांश को ध्यानपर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मुक्त करो नारी को, मानव !
चिर बंदिनी नारी को,
युग-युग की निर्मम कारा से
जननी, सखी, प्यारी को !
छिन्न करो सब स्वर्ण-पाश ।
उसके कोमल तन-मन के,
वे आभूषण नहीं, दाम
उसके बंदी जीवन के !
उसे मानवी का गौरव दे
पूर्ण सत्व दो नूतन,
उसका मुख जग का प्रकाश हो,
उठे अंध अवगुंठन।
मुक्त करो जीवन–संगिनी को,
जननी देवी को आदृत
जगजीवन में मानव के संग
हो मानवी प्रतिष्ठित !
प्रेम–स्वर्ग हो धरा, मधुर
नारी महिमा से मंडित,
नारी-मुख की नव किरणों से
युग–प्रभात हो ज्योतित !
Q. कवि नारी को किससे मुक्त कराना चाहता है?
Direction: Read the given passages carefully and answer the question that follows.
Everything that men do or think concerns either the satisfaction of the needs they feel or the need to escape from pain. This must be kept in mind when we seek to understand spiritual or intellectual movements and the way in which they develop, for feeling and longing are the motive forces of all human striving and productivity – however nobly these latter may display themselves to us.
What, then, are the feelings and the needs which have brought mankind to religious thought and to faith in the widest sense? A moment’s consideration shows that the most varied emotions stand at the cradle of religious thought and experience.
In primitive people, it is, first of all, fear that awakens religious ideas – fear of hunger, of wild animals, of illness, and of death. Since the understanding of causal connections is usually limited on this level of existence, the human soul forges a being, more or less like itself, on whose will and activities depend the experiences which it fears. One hopes to win the favor of this being, by deeds and sacrifices, which according to the tradition of the race are supposed to appease the being or to make him well disposed to man. I call this the religion of fear.
This religion is considerably established, though not caused, by the formation of priestly caste which claims to mediate between the people and the being they fear and so attains a position of power. Often a leader or despot will combine the function of the priesthood with its own temporal rule for the sake of greater security, or an alliance may exist between the interests of political power and the priestly caste.
Identify the part of speech of the underlined word:
Q. I call this the religion of fear.
Which of the following is/are sub-skill/s of writing skills?
A. Writing letters of the alphabet at a reasonable speed
B. Spelling out words correctly
C. Inferring from text
D. An acceptable degree of fluency
Bengali language is associated with which language family?
Directions: In the following sentence, an idiomatic expression or a proverb is underlined. Select the alternative which best describes its use in the sentence.
The police will leave no stone unturned to discover the murderer.
How many sounds are there in the English language?
Aluminium is used for making cooking utensils. Which of the following properties of aluminium are responsible for the same?
(i) Good thermal conductivity
(ii) Good electrical conductivity
(iii) Ductility
(iv) High melting point
Ammonia reacts with excess of chlorine to form an explosive compound 'X'. The compound 'X' is
Which of the following provides quantitative as well as qualitative descriptions of the outcomes of teaching-learning process?
For an effective discussion in class VII on the topic "Why smoke rises up?", a science teacher should
A. discourage questions during discussion
B. provide a common platform to the learners
C. acknowledge learners' responses to sustain their interest
D. summarise and assess the learners' ideas at the end of discussion
What do you mean by objectivity?
PROFORMA
Q. The above proforma is used to maintain which register in Biology Science Laboratory?
Which of the following is not an activity based teaching aid?