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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Uttarakhand Police SI MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test Uttarakhand Police SI Mock Test Series 2024 - Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 1

निम्नलिखित में से अव्ययीभाव समास का एक उदाहरण कौन-सा है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 1

अव्ययीभाव समास का एक उदाहरण है:

4. लेन-देन

अव्ययीभाव समास में ऐसे शब्दों को जोड़ा जाता है जिनमें किसी क्रिया का सम्बन्ध प्रकट किया जाता है, जैसे कि "लेन-देन" (लेना और देना)।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 2

गेंहूँ का तत्सम रूप है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 2

गेंहूँ का तत्सम रूप गोधूम है। अतः विकल्प d सही उत्तर होगा।

अन्य शब्द:

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 3

रिपु शब्द का सही विलोम शब्द बताइये-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 3

दिए गए शब्द रिपु का अर्थ होता है दुश्मन जिसका विलोम शब्द होगा मित्र।  अत: विकल्प सही है। 

अन्य शब्दों के अर्थ:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 4

निम्नलिखित पर्यायवाची में से विछोह का पर्यायवाची शब्द बताओ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 4
  • विछोह के अन्य पर्यायवाची:-  अलगाव, बिलगाव, जुदाई, दूरी, विछोह, पार्थक्य, वियुक्तता, विच्छेद, तालाक,पृथकता, विभाजन, निस्संगता, पृथक्करण

अन्य विकल्प:-

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 5

‘थकावट’ शब्द किस संज्ञा का भेद है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 5
  • ‘थकावट’ शब्द भाववाचक संज्ञा का भेद है।
  • ‘थकना’ क्रिया शब्द से ‘थकावट’ भाववाचक संज्ञा शब्द बना है।
  • जो शब्द किसी चीज़ या पदार्थ की अवस्था, दशा या भाव का बोध कराते हैं, उन शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 6

दिये गए किस विकल्प में सभी शब्द अशुद्ध हैं?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 6
  • 'प्रर्वतक, सम्रद्ध, स्त्रोत' शब्द वर्तनीगत अशुद्ध हैं। अन्य विकल्प वर्तनीगत शुद्ध रूप में हैं।
  • 'प्रर्वतक, सम्रद्ध, स्त्रोत' के सही रूप निम्न लिखित हैं-

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 7

‘छ’ ध्वनि का उच्चारण स्थान कौन -सा है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 7

‘छ’ ध्वनि का उच्चारण स्थान तालव्य है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 3 'तालव्य'  सही उत्तर है। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 8

‘व’ व्यंजन का उच्चारण स्थान क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 8

दन्त्योष्ठ्य अर्थात जिन व्यंजनों के उच्चारण में निचला ओष्ठ दाँतों को स्पर्श करता है, दन्त्योष्ठ्य व्यंजन कहलाते हैं। ‘व’ दन्त्योष्ठ्य व्यंजन है। अतः सही विकल्प दन्त्योष्ठ्य है।

अन्य विकल्प

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 9

जगत् + ईश = जगदीश में कौन-सी संधि है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 9
  • 'जगदीश' में व्यंजन संधि है।
  • जगत + ईश = जगदीश (त् + ई = दी), यहाँ 'त्' और 'ई' के मेल से 'दीबना है। 
  • ‘व्यंजन संधि’ में एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 10

‘दाँतों तले उँगली दबाना’ मुहावरे का सही अर्थ क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 10

दाँतों तले उँगली दबाना’ मुहावरे का सही अर्थ है – दंग रह जाना। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 4 ‘दंग रह जाना’ है।

स्पष्टीकरण:

अन्य विकल्प:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 11

निम्नलिखित शब्दों में तद्भव शब्द पहचानिए। 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 11
  • उपर्युक्त शब्दों में ‘आँसू’ तद्भव शब्द है जिसका तत्सम शब्द ‘अश्रु’ होता है। 
  • दुख, ख़ुशी या कष्ट के क्षणों में आँखों से बहने वाला पानी जैसा तरल पदार्थ। 
  • आँसू के पर्यायवाची शब्द हैं- नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, नेत्रनीर। 

अन्य विकल्प: 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 12

‘वर्षा’ शब्द का उचित बहुवचन ज्ञात करें।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 12

'वर्षा' शब्द सदैव एकवचन में प्रयोग किया जाता है। जैसे - इस बार आगरा में बहुत कम वर्षा हुई। इस प्रकार 'वर्षा' का बहुवचन 'वर्षा' ही रहेगा। अतः सही विकल्प ‘वर्षा है।

विशेष:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 13

‘चालाक’ शब्द किस प्रकार का विशेषण है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 13

‘चालाक’ शब्द ‘गुणवाचक विशेषण’ का उदाहरण है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प d गुणवाचक विशेषण’ होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 14

‘मीरा बहुत परेशान है।’ इस वाक्य का अपूर्ण भूतकाल में होता है-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 14
  • दिए गए विकल्पों में ‘मीरा बहुत परेशान हो रही थी।’ यह वाक्य अपूर्ण भूतकाल का उदाहरण है।
  • जिस क्रिया से यह ज्ञात हो कि भूतकाल में कार्य सम्पन्न नहीं हुआ था - अभी चल रहा था, उसे अपूर्ण भूत कहते हैं। जैसे- रीता सो रही थी।

भूतकाल के छह भेद होते है:

  1. सामान्य भूतकाल
  2. आसन भूतकाल
  3. पूर्ण भूतकाल
  4. अपूर्ण भूतकाल
  5. संदिग्ध भूतकाल
  6. हेतुहेतुमद् भूत
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 15

"उसने चाक़ू से फल काटे l" वाक्य में कौन-सा कारक है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 15

दिए गए विकल्पों में "उसने चाक़ू से फल काटे l"  वाक्य में करण कारक है l अन्य विकल्प असंगत है lअतः सही विकल्प2- करण कारक है। 
अन्य विकल्प:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 16

निर्देश:- दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

भारत एक अनोखी स्थिति में है। अपनी उच्च प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भाषाओं, दर्शनों के होते हुए भी अधकचरे रूप में अपने शासकों की भाषा अपनाने की होड़ में लगा हुआ है। भारत आर्थिक असमानता के ऐसे कगार पर खड़ा है कि तल की गहराई का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उन की अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं। वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जर्मनी, फ्राँस, इटली, स्विटज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड और पूर्वी यूरोप के सारे देश तथा रूस इत्यादि अपनी ही भाषा में अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। अंतर सिर्फ़ इतना ही है कि वे उपनिवेश नहीं थे। उनका शासक अगर कोई थोड़ी बहुत देर तक था भी तो उन्हीं की संस्कृति का, उन्हीं के वर्ण का। ज्ञान-विज्ञान पर उनका भी उतना ही ऊँचा स्थान है जितना किसी भी अगुआ देश का। वे अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं। उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं। लेकिन लगता है कि हमारे देश में यह तर्क एक कमज़ोर आदमी का तर्क है क्योंकि वहाँ सारी ताकत अंग्रेज़ी से आती है। अपनी आत्मछवि को बाहर देखने की और मनोरंजन की भूख स्वाभाविक है और वो हम अपनी भाषा की फिल्में देख कर या अपनी भाषा के अख़बार पढ़ कर पूरा कर लेते हैं। कम उम्र के बच्चों को हम यह आत्मछवि बिल्कुल नहीं देना चाहते। उन्हें, इसलिए हम नाम-मात्र को ही अपनी भाषाओं के संपर्क में देखना चाहते हैं। फिल्में देखना और बात है, लेकिन किताब वे अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ें, यह हीन स्थिति है। भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मनस्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया। सारे मौलिक रूप से आज़ाद देश और समाज अपनी सांस्कृतिक भाषा में ही आज भी सारी शिक्षा प्राप्त करते हैं, किताबें लिखते हैं, पढ़ते हैं। बहुत सीमित रूप से आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेज़ी सीख लेते हैं। उन के बौद्धिक और नेता भी अपने देशों से बाहर जाकर अपनी ही भाषाओं में विश्वास के साथ बोलते हैं। ठीक जो कहना चाहते हैं, वही निर्भीकता और आत्मविश्वास से कहते हैं।

प्रश्न: दिए गए गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 16
  • उपर्युक्त गद्यांश में बताया गया है कि वैश्वीकरण के इस दौर में भारत आज भी कैसे भारत पश्चिमीकरण का अंधानुकरण करता जा रहा है और अपनी ही चीजों को पीछे छोड़ने में लगा हुआ।
  • फिर चाहे वह हमारी भाषा ही क्यों न हो।
  • इसलिए इसका शीर्षक ‘पश्चिमीकरण’ उचित है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 17

निर्देश:- दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

भारत एक अनोखी स्थिति में है। अपनी उच्च प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भाषाओं, दर्शनों के होते हुए भी अधकचरे रूप में अपने शासकों की भाषा अपनाने की होड़ में लगा हुआ है। भारत आर्थिक असमानता के ऐसे कगार पर खड़ा है कि तल की गहराई का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उन की अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं। वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जर्मनी, फ्राँस, इटली, स्विटज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड और पूर्वी यूरोप के सारे देश तथा रूस इत्यादि अपनी ही भाषा में अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। अंतर सिर्फ़ इतना ही है कि वे उपनिवेश नहीं थे। उनका शासक अगर कोई थोड़ी बहुत देर तक था भी तो उन्हीं की संस्कृति का, उन्हीं के वर्ण का। ज्ञान-विज्ञान पर उनका भी उतना ही ऊँचा स्थान है जितना किसी भी अगुआ देश का। वे अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं। उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं। लेकिन लगता है कि हमारे देश में यह तर्क एक कमज़ोर आदमी का तर्क है क्योंकि वहाँ सारी ताकत अंग्रेज़ी से आती है। अपनी आत्मछवि को बाहर देखने की और मनोरंजन की भूख स्वाभाविक है और वो हम अपनी भाषा की फिल्में देख कर या अपनी भाषा के अख़बार पढ़ कर पूरा कर लेते हैं। कम उम्र के बच्चों को हम यह आत्मछवि बिल्कुल नहीं देना चाहते। उन्हें, इसलिए हम नाम-मात्र को ही अपनी भाषाओं के संपर्क में देखना चाहते हैं। फिल्में देखना और बात है, लेकिन किताब वे अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ें, यह हीन स्थिति है। भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मनस्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया। सारे मौलिक रूप से आज़ाद देश और समाज अपनी सांस्कृतिक भाषा में ही आज भी सारी शिक्षा प्राप्त करते हैं, किताबें लिखते हैं, पढ़ते हैं। बहुत सीमित रूप से आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेज़ी सीख लेते हैं। उन के बौद्धिक और नेता भी अपने देशों से बाहर जाकर अपनी ही भाषाओं में विश्वास के साथ बोलते हैं। ठीक जो कहना चाहते हैं, वही निर्भीकता और आत्मविश्वास से कहते हैं।

प्रश्न: भारत में  किस बात की होड़ लगी रहती है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 17
  • हमारे देश में अंग्रेजी भाषा का बहुत ज्यादा प्रभाव दिखाई देता है।
  • हमें अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करने में हीन भावना दिखाई देती है।
  • यही कारण है कि हमारे देश की बहुत सी भाषाएँ विलुप्त होती जा रही हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 18

निर्देश:- दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

भारत एक अनोखी स्थिति में है। अपनी उच्च प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भाषाओं, दर्शनों के होते हुए भी अधकचरे रूप में अपने शासकों की भाषा अपनाने की होड़ में लगा हुआ है। भारत आर्थिक असमानता के ऐसे कगार पर खड़ा है कि तल की गहराई का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उन की अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं। वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जर्मनी, फ्राँस, इटली, स्विटज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड और पूर्वी यूरोप के सारे देश तथा रूस इत्यादि अपनी ही भाषा में अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। अंतर सिर्फ़ इतना ही है कि वे उपनिवेश नहीं थे। उनका शासक अगर कोई थोड़ी बहुत देर तक था भी तो उन्हीं की संस्कृति का, उन्हीं के वर्ण का। ज्ञान-विज्ञान पर उनका भी उतना ही ऊँचा स्थान है जितना किसी भी अगुआ देश का। वे अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं। उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं। लेकिन लगता है कि हमारे देश में यह तर्क एक कमज़ोर आदमी का तर्क है क्योंकि वहाँ सारी ताकत अंग्रेज़ी से आती है। अपनी आत्मछवि को बाहर देखने की और मनोरंजन की भूख स्वाभाविक है और वो हम अपनी भाषा की फिल्में देख कर या अपनी भाषा के अख़बार पढ़ कर पूरा कर लेते हैं। कम उम्र के बच्चों को हम यह आत्मछवि बिल्कुल नहीं देना चाहते। उन्हें, इसलिए हम नाम-मात्र को ही अपनी भाषाओं के संपर्क में देखना चाहते हैं। फिल्में देखना और बात है, लेकिन किताब वे अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ें, यह हीन स्थिति है। भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मनस्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया। सारे मौलिक रूप से आज़ाद देश और समाज अपनी सांस्कृतिक भाषा में ही आज भी सारी शिक्षा प्राप्त करते हैं, किताबें लिखते हैं, पढ़ते हैं। बहुत सीमित रूप से आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेज़ी सीख लेते हैं। उन के बौद्धिक और नेता भी अपने देशों से बाहर जाकर अपनी ही भाषाओं में विश्वास के साथ बोलते हैं। ठीक जो कहना चाहते हैं, वही निर्भीकता और आत्मविश्वास से कहते हैं।

प्रश्न: यूरोपीय देश किस भाषा में शिक्षा लेते हैं?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 18
  • यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उनकी अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं।
  • वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 19

निर्देश:- दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

भारत एक अनोखी स्थिति में है। अपनी उच्च प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भाषाओं, दर्शनों के होते हुए भी अधकचरे रूप में अपने शासकों की भाषा अपनाने की होड़ में लगा हुआ है। भारत आर्थिक असमानता के ऐसे कगार पर खड़ा है कि तल की गहराई का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उन की अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं। वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जर्मनी, फ्राँस, इटली, स्विटज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड और पूर्वी यूरोप के सारे देश तथा रूस इत्यादि अपनी ही भाषा में अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। अंतर सिर्फ़ इतना ही है कि वे उपनिवेश नहीं थे। उनका शासक अगर कोई थोड़ी बहुत देर तक था भी तो उन्हीं की संस्कृति का, उन्हीं के वर्ण का। ज्ञान-विज्ञान पर उनका भी उतना ही ऊँचा स्थान है जितना किसी भी अगुआ देश का। वे अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं। उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं। लेकिन लगता है कि हमारे देश में यह तर्क एक कमज़ोर आदमी का तर्क है क्योंकि वहाँ सारी ताकत अंग्रेज़ी से आती है। अपनी आत्मछवि को बाहर देखने की और मनोरंजन की भूख स्वाभाविक है और वो हम अपनी भाषा की फिल्में देख कर या अपनी भाषा के अख़बार पढ़ कर पूरा कर लेते हैं। कम उम्र के बच्चों को हम यह आत्मछवि बिल्कुल नहीं देना चाहते। उन्हें, इसलिए हम नाम-मात्र को ही अपनी भाषाओं के संपर्क में देखना चाहते हैं। फिल्में देखना और बात है, लेकिन किताब वे अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ें, यह हीन स्थिति है। भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मनस्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया। सारे मौलिक रूप से आज़ाद देश और समाज अपनी सांस्कृतिक भाषा में ही आज भी सारी शिक्षा प्राप्त करते हैं, किताबें लिखते हैं, पढ़ते हैं। बहुत सीमित रूप से आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेज़ी सीख लेते हैं। उन के बौद्धिक और नेता भी अपने देशों से बाहर जाकर अपनी ही भाषाओं में विश्वास के साथ बोलते हैं। ठीक जो कहना चाहते हैं, वही निर्भीकता और आत्मविश्वास से कहते हैं।

प्रश्न: यूरोपीय देश की सृजनात्मकता किस भाषा में थी?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 19
  • यूरोपीय देश अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं।
  • उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 20

निर्देश:- दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

भारत एक अनोखी स्थिति में है। अपनी उच्च प्राचीन संस्कृति और समृद्ध भाषाओं, दर्शनों के होते हुए भी अधकचरे रूप में अपने शासकों की भाषा अपनाने की होड़ में लगा हुआ है। भारत आर्थिक असमानता के ऐसे कगार पर खड़ा है कि तल की गहराई का अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। यूरोप के सारे देश जो उपनिवेशिकता की स्थिति में नहीं थे, उन की अपनी भाषाएं और संस्कृतियां सुरक्षित हैं। वे अपनी ही भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करते हैं। जर्मनी, फ्राँस, इटली, स्विटज़रलैण्ड, नीदरलैण्ड और पूर्वी यूरोप के सारे देश तथा रूस इत्यादि अपनी ही भाषा में अपनी ज़िन्दगी जीते हैं। अंतर सिर्फ़ इतना ही है कि वे उपनिवेश नहीं थे। उनका शासक अगर कोई थोड़ी बहुत देर तक था भी तो उन्हीं की संस्कृति का, उन्हीं के वर्ण का। ज्ञान-विज्ञान पर उनका भी उतना ही ऊँचा स्थान है जितना किसी भी अगुआ देश का। वे अंग्रेज़ी भाषा को सिर्फ एक “पूल” के तौर पर प्रयोग करते हैं। उतनी ही अंग्रेज़ी सीखते हैं जिससे वैश्विक ज्ञान-विज्ञान साझा कर सकें लेकिन अपनी सृजनात्मकता को अपनी ही भाषा में फलने-फूलने देते हैं। लेकिन लगता है कि हमारे देश में यह तर्क एक कमज़ोर आदमी का तर्क है क्योंकि वहाँ सारी ताकत अंग्रेज़ी से आती है। अपनी आत्मछवि को बाहर देखने की और मनोरंजन की भूख स्वाभाविक है और वो हम अपनी भाषा की फिल्में देख कर या अपनी भाषा के अख़बार पढ़ कर पूरा कर लेते हैं। कम उम्र के बच्चों को हम यह आत्मछवि बिल्कुल नहीं देना चाहते। उन्हें, इसलिए हम नाम-मात्र को ही अपनी भाषाओं के संपर्क में देखना चाहते हैं। फिल्में देखना और बात है, लेकिन किताब वे अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ें, यह हीन स्थिति है। भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मनस्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया। सारे मौलिक रूप से आज़ाद देश और समाज अपनी सांस्कृतिक भाषा में ही आज भी सारी शिक्षा प्राप्त करते हैं, किताबें लिखते हैं, पढ़ते हैं। बहुत सीमित रूप से आवश्यकता के अनुरूप अंग्रेज़ी सीख लेते हैं। उन के बौद्धिक और नेता भी अपने देशों से बाहर जाकर अपनी ही भाषाओं में विश्वास के साथ बोलते हैं। ठीक जो कहना चाहते हैं, वही निर्भीकता और आत्मविश्वास से कहते हैं।

प्रश्न: भारत में अपनी भाषा में किताबें पढ़ने को हीन मानना कैसी मन:स्थिति है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 20
  • भारत में किताब अंग्रेज़ी के अलावा किसी और देशीय भाषा में पढ़ना, यह हीन स्थिति है।
  • भविष्य बिगाड़ने वाली बात! नितान्त औपनिवेशिक मनस्थिति! किसी ऊँचे वैज्ञानिक शोध या आविष्कार की बात तो दूर, कोई अन्य प्रकार का मौलिक चिन्तन भी इस उपनिवेशिक मन:स्थिति ने वहाँ कभी पनपने नहीं दिया।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 21

आडम्बर का समानार्थी शब्द है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 21

आडम्बर का अर्थ दिखावा करना है। इसलिए इसका समानार्थी 'ढोंग' शब्द है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 22

निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण शब्द छाँटकर लिखिएI

थोड़ा दूध देंने का कष्ट करें।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 22

'थोड़ा दूध देंने का कष्ट करें।' वाक्य में विशेषण शब्द 'थोड़ा' है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 23

’मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीडितों को अनाज और कपडे दिए’वाक्य में कौनसा कारक है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 23

’मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीडितों को अनाज और कपडे दिए’वाक्य में 'संप्रदान' कारक है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 24

‘ब्राह्मण’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 24

‘ब्राह्मण’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'ब्राह्मणी' है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 25

रेखांकित छपे शब्द के लिए अपयुक्त विलोम शब्द का चयन करो - वह अपने विषय का पूर्ण अभिज्ञ है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 25

अभिज्ञ का अर्थ जाननेवाला, ज्ञाता है। 

'वह अपने विषय का पूर्ण अभिज्ञ है।' वाक्य में रेखांकित शब्द 'अभिज्ञ' के लिए अपयुक्त विलोम शब्द अनभिज्ञ है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 26

‘सम्राट’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 26

‘सम्राट’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'साम्राज्ञी' है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 27

‘रोहन ने धोबी को कपड़े दिए।’ वाक्य में कौनसा कारक है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 27

‘रोहन ने धोबी को कपड़े दिए।’ वाक्य में 'कर्म' कारक है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 28

निम्नलिखित संज्ञा शब्दों से विशेषण शब्द बनाइए –

पुस्तक

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 28

पुस्तक का विशेषण शब्द 'पुस्तकीय' है। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 29

मौन का विलोम शब्द है

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 29

मौन का अर्थ चुप रहना है। इसलिए इसका विलोम शब्द मुखर होगा।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 30

‘क्षत्री’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 3 - Question 30

‘क्षत्री’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप 'क्षत्राणी' है।

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