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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Uttarakhand Police SI MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test Uttarakhand Police SI Mock Test Series 2024 - Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 1

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए परिणाम में क्या बदलाव किया?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 1

एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण गद्यांश के इस भाग के अध्ययन से ज्ञात होता है कि इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के टॉपर का नाम घोषित नहीं किया।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 2

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10 वी के परिणाम में लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत क्या रहा?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 2

कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। उपरोक्त गद्यांश के इस भाग के अध्ययन से ज्ञात होता है कि इस वर्ष लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 93.31% रहा।

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 3

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्न के उत्तर दे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा इस वर्ष टॉपरों के नाम घोषित ना करने के पीछे मुख्य कारण क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 3

एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है।उपरोक्त गद्यांश के इस भाग के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि इस वर्ष कोरोना के कारण सभी विद्यार्थी घरो में कैद है और उनके बिच एक चिंता है माहोल बना हुआ है। परिणामो में टॉपर का नाम घोषित करने से अनायास ही उनमे चिंतन का माहौल आ जाएगा तथा उनकी मनोदशा पर भी असर दिखने मिल सकता है, इन्ही कारणों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा में टॉप किये हुए बिद्यार्थी के नाम की घोषणा नहीं किया।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 4

‘पाप-पुण्य’ शब्द में कौन-सा समास है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 4

समास - समास का तात्पर्य होता है – संछिप्तीकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।
पाप-पुण्य का समास विग्रह - पाप और पुण्य ( द्वन्द्व समास)
द्वन्द्व समास - इस समास में दोनों पद ही प्रधान होते हैं इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता है। ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं लेकिन ये हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 5

निर्देश: वर्तनी के अनुसार शुद्ध शब्द का चयन कीजिए ।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 5

उपरोक्त शब्दों में ‘कवयित्री’ वर्तनी के अनुसार शुद्ध रूप है अन्य सभी शब्द वर्तनी के अनुसार गलत शब्द है।
अन्य तथ्य - 
कवयित्री का अर्थ - कविता रचने वाली स्त्री
वर्तनी का अर्थ:भाषा की वर्तनी का अर्थ उस भाषा में शब्दों को वर्णों से अभिव्यक्त करने की क्रिया को कहते हैं। लिखने की रीति को वर्तनी कहते हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 6

‘शाखा’ का बहुवचन शब्द है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 6
  • शाखा' एकवचन शब्द है जिसका बहुवचन बहुवचन शाखाएँ होता है।
  • एकवचन - बहुवचन 
  • शाखा - शाखाएँ
  • वचन - जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम के एक या अनेक होने का बोध होता है, उन्हें वचन कहते हैं।
  • वचन दो प्रकार के होते हैं – 1.एकवचन 2.बहुवचन
  • एकवचन - शब्द के जिस रूप से वस्तु या व्यक्ति का एक संख्या होने का बोध हो, एकवचन कहलाते हैं।
  • बहुवचन - शब्द के जिस रूप से वस्तु या व्यक्ति का एक से अधिक संख्या होने का बोध हो, बहुवचन कहलाते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 7

'गहरा' शब्द का भाववाचक संज्ञा रूप है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 7
  • 'गहरा' शब्द का भाववाचक संज्ञागहराई है। क्योंकि गहराई शब्द से गहरा होने भाव का बोध होता है अतः गहराई एक भाववाचक संज्ञा शब्द है।
  • भाववाचक संज्ञा - जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे -  बचपन, मोटापा आदि।
  • संज्ञा - किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
  • जैसे - पशु (जाति), सुंदरता (गुण), व्यथा (भाव)
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 8

निर्देश: वर्तनी के अनुसार अशुद्ध शब्द का चयन कीजिए:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 8
  • दिए गए विकल्पों में आर्शीवाद शब्द की वर्तनी अशुद्ध है। आर्शीवाद शब्द की शुद्ध वर्तनी आशीर्वाद होती है। 
  • आर्शीवाद की शुद्ध वर्तनी – आशीर्वाद
  • आशीर्वाद का अर्थ - शुभ वचन, असीस
  • अन्य शब्दों का अर्थ –
  • अंत्याक्षरी - कविता के अंतिम अक्षर से शुरू होनेवाला अक्षर लेकर छंद बनाना
  • श्रद्धांजलि - श्रद्धा प्रकट करने हेतु कहे गए शब्द
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 9

निर्देश - निम्न में से व्याकरण के आधार पर शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 9
  • “सरला ने फल खाया” वाक्य व्याकरण की दृष्टि से सही है क्योंकि यह वाक्य पूर्ण तथा अर्थवान है बाकी सभी वाक्यों में व्याकरण की अशुद्ध है।
  • सरला के साथ ने का प्रयोग होगा क्योंकि सरला संज्ञा है और फल सरला के द्वारा खाया जा रहा है। अत: दिए गए विकल्पों में C सही है।
  • शुद्ध वाक्य - सरला ने फल खाया
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 10

“कहार” शब्द का स्त्रीलिंग है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 10
  • 'कहार' पुल्लिंग शब्द है जिसका स्त्रीलिंग “कहारिन” होता है।
  • अन्य विकल्प - 
  • पुल्लिंग - स्त्रीलिंग 
  • कुम्हार  - कुम्हारिन 
  • कहार - कहारिन
  • अन्य तथ्य - 
  • लिंग - संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो, उसे व्याकरण में 'लिंग' कहते है।
  • पुल्लिंग - जिन संज्ञा शब्दों से पुरूष जाति का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते है। (कुत्ता, बालक, खटमल, पिता, राजा, घोड़ा, बन्दर, हंस, बकरा, लड़का)
  • स्त्रीलिंग - जिस संज्ञा शब्द से स्त्री जाति का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते है। (माता, रानी, घोड़ी, कुतिया, बंदरिया, हंसिनी, लड़की, बकरी,जूँ)
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 11

अशुद्ध वाक्य की पहचान कीजिए-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 11

उक्त पंक्ति में व्याकरण की सामान्य अशुद्धता है अत: अशुद्ध वाक्य 1) लड़की है तो बुद्धिमान ही होगा।

  • अशुद्ध वाक्य - लड़की है तो बुद्धिमान।
  • शुद्ध वाक्य - लड़की है तो बुद्धिमति। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 12

इ, उ किस प्रकार के वर्ण हैं।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 12

इ, उ ‘हृस्व’ स्वर हैं। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 2 ‘हृस्व’ स्वर हैं। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 13

दशानन शब्द में कौनसा समास है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 13
  • दश हैं मुख जिसके अर्थात् रावण।  
  • दो या दो से अधिक शब्दों को संक्षिप्त करके नया शब्द बनाने की प्रक्रिया समास कहलाती है। 
  • जैसे-रसोई के लिए घर के स्थान पर 'रसोईघर’ कहना।

समास के मुख्य छ: भेद हैं-

  • ​अव्ययीभाव समास
  • तत्पुरुष समास
  • द्विगु समास 
  • द्वंद्व समास
  • कर्मधारय समास 
  • बहुब्रीहि समास
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 14

इनमें 'पूजा' शब्द का समानार्थी शब्द नहीं है 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 14

विकास शब्द 'पूजा' शब्द का समानार्थी शब्द नहीं है, अन्य विकल्प पूजा के समानार्थी है। अत: विकल्प 3 'विकास' सही उत्तर होगा।

  • पूजा के समानार्थी शब्द-आराधना, अर्चना, पूजन, अर्चन।
  • विकास का अर्थ- विस्तार करना, उन्नति
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 15

'अनुसरण' शब्द में कौन सा उपसर्ग है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 15

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 16

“यदि तुम आते तो मैं भी तुम्हारे साथ चलता।” इस वाक्य में काल है -

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 16

“यदि तुम आते तो मैं भी तुम्हारे साथ चलता।” इस वाक्य में हेतुहेतुमद्‌ भूतकाल है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 हेतुहेतुमद्‌ भूतकाल होगा ।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 17

'वह हँसता है' में कौनसी क्रिया है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 17

'वह हँसता है 'में' अकर्मक क्रिया है। अन्य सभी विकल्प असंगत है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 अकर्मक है।

  • हँसना = अकर्मक क्रिया
  • 'वह हंसता है' वाक्य में 'वह' सर्वनाम और 'हंसना' क्रिया शब्द है। इसमें कर्म का लोप है अतः 'हँसना' अकर्मक क्रिया होगी।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 18

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सही/सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
शिक्षा आज दुविधा के अजब दोराहे पर खड़ी है। एक रास्ता चकाचौंध का है, मृगतृष्णा का है। बाज़ार की मृगतृष्णा शिक्षार्थी को लोभ-लालच देकर अपनी तरफ दौड़ाते रहने को विवश करने को उतारू खड़ी है। बाज़ार के इन ललचाने वाले रास्तों पर आकर्षण है, चकाचौंध है और सम्मोहित कर देने वाले सपने हैं। दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है जो शांति दे सकता है, संतोष दे सकता है और हमारे आत्मतत्त्व को प्रबल करता हुआ विमल विवेक दे सकता है। निश्चित ही वह मार्ग श्रेयस्कर है, मगर अपनी ओर आकर्षित करने वाले बाज़ार का मार्ग प्रेयस्कर है। इस दोराहे पर खड़ा शिक्षार्थी बाज़ार को चुन लेता है। लाखों-करोड़ों लोग आज इसी रास्ते के लालच में आ गए हैं और शिक्षा के भँवरजाल में फँस गए हैं। बाज़ार की खूबी यही है कि वह फँसने का अहसास किसी को नहीं होने देता और मनुष्य लगातार फँसता चला जाता है। किसी को यह महसूस नहीं होता कि वह दलदल में है बल्कि महसूस यह होता है कि बाज़ार द्वारा दिए गए पैकेज के कारण वह सुखी है। अब यह अलग बात है कि सच्चा सुख क्या है? और सुख का भ्रम क्या है? ज़रूरत विचार करने की है। सवाल यह है कि बाज़ार विचार करने का भी अवकाश देता है या कि नहीं।

Q. “दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है” --- तो पहली तरफ क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 18

लेखक के अनुसार उक्त गद्यांश के अनुसार "बाजार की चकाचौंध, सम्मोहन और सपने" है, एक तरफ है और एक तरफ शिक्षा का साधना मार्ग। अत: सही विकल्प 4 "बाजार की चकाचौंध, सम्मोहन और सपने" है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 19

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों  के सही/सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
शिक्षा आज दुविधा के अजब दोराहे पर खड़ी है। एक रास्ता चकाचौंध का है, मृगतृष्णा का है। बाज़ार की मृगतृष्णा शिक्षार्थी को लोभ-लालच देकर अपनी तरफ दौड़ाते रहने को विवश करने को उतारू खड़ी है। बाज़ार के इन ललचाने वाले रास्तों पर आकर्षण है, चकाचौंध है और सम्मोहित कर देने वाले सपने हैं। दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है जो शांति दे सकता है, संतोष दे सकता है और हमारे आत्मतत्त्व को प्रबल करता हुआ विमल विवेक दे सकता है। निश्चित ही वह मार्ग श्रेयस्कर है, मगर अपनी ओर आकर्षित करने वाले बाज़ार का मार्ग प्रेयस्कर है। इस दोराहे पर खड़ा शिक्षार्थी बाज़ार को चुन लेता है। लाखों-करोड़ों लोग आज इसी रास्ते के लालच में आ गए हैं और शिक्षा के भँवरजाल में फँस गए हैं। बाज़ार की खूबी यही है कि वह फँसने का अहसास किसी को नहीं होने देता और मनुष्य लगातार फँसता चला जाता है। किसी को यह महसूस नहीं होता कि वह दलदल में है बल्कि महसूस यह होता है कि बाज़ार द्वारा दिए गए पैकेज के कारण वह सुखी है। अब यह अलग बात है कि सच्चा सुख क्या है? और सुख का भ्रम क्या है? ज़रूरत विचार करने की है। सवाल यह है कि बाज़ार विचार करने का भी अवकाश देता है या कि नहीं।

Q. गद्यांश के अनुसार लोग बाजार को चुनते हैं, क्योंकि:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 19

गद्यांश के अनुसार लोग बाजार को चुनते हैं, क्योंकि "बाजार में आकर्षण है।" अत: सही विकल्प 4 "बाजार में आकर्षण है" है।

  • बाज़ार के इन ललचाने वाले रास्तों पर आकर्षण है, चकाचौंध है और सम्मोहित कर देने वाले सपने हैं।
  • दूसरी तरफ शिक्षा का साधना मार्ग है जो शांति दे सकता है, संतोष दे सकता है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 20

‘दो दिन का मेहमान’ मुहावरे का अर्थ बताइए।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 20

‘दो दिन का मेहमान’ मुहावरे का सही अर्थ है जल्द मरनेवाला। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प ‘जल्द मरनेवाला’ है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 21

वह मानसिक स्थिति जब किसी अमंगल की घटना होने की बात मन में हो:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 21

वह मानसिक स्थिति जब किसी अमंगल की घटना होने की बात मन में हो के लिए एक शब्द आशंका है। 
आशंका अर्थात अनिष्ट की सम्भावना से मन में होने वाली कल्पना। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 22

‘सन्ध्या और रात्रि के बीच का समय’ के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एक शब्द है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 22

‘सन्ध्या और रात्रि के बीच के समय’ के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द 'गोधूलि' है। गोधूलि शब्द का अर्थ है - गो + धूल = अर्थात गायों के पैरों से उठने वाली धूल। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 23

'गंगा हिमालय से निकलती है।' वाक्य में कौन‐सा कारक है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 23

जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रूप से किन्हीं दो वस्तुओं के अलग होने का बोध होता है, तब वहां अपादान कारक होता है।
'गंगा हिमालय से निकलती है।' वाक्य में अपादान कारक है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 24

‘अश्व पर आरोही’ समास विग्रह हेतु उपयुक्त सामासिक पद है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 24

‘अश्व पर आरोही’ समास विग्रह हेतु उपयुक्त सामासिक पद ‘अश्वारोही’ है। इसमें तत्पुरुष समास है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 25

‘गुणहीन’ में कौन-सा समास है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 25

गुणहीन का समास विग्रह है - ‘गुण से हीन’। इसमें करण कारक का प्रयोग है, अर्थात् करण तत्पुरुष (तृतीय तत्पुरुष)। करण तत्पुरुष के अन्य उदाहरण हैं - वाग्युद्ध, तुलसीकृत इत्यादि।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 26

‘जगन्नाथ’ शब्द में सही सन्धि है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 26

जगत्+नाथ = जगन्नाथ में व्यंजन संधि है। व्यंजन के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उस व्यंजन में जो रूपान्तरण होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 27

इनमें से कौन सा शब्द तत्सम है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 27

रीछ का तत्सम शब्द 'ऋक्ष' है। सूरज का तत्सम शब्द 'सूर्य' है, सावन का तत्सम शब्द श्रावण है और बिच्छु का तत्सम शब्द वृश्चिक है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 28

‘दाता’ शब्द का स्त्रीलिंग शब्द क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 28

'दाता’ का स्त्रीलिंग दात्री होता है जिनके सामान्य अर्थ हैं देने वाला (दाता) एवं देने वाली (दात्री)। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 29

निर्देश- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावत: आ जाता है। अध्यापाकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है वे शक्ति और प्रभुता में उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ाना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पायी जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं जो बच्चों को के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होता है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है।

Q. कौन-सा शब्द समूह शेष शब्द समूहों से भिन्न है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 29

अयोग्य, अज्ञानी, अभाव शब्द समूह शेष शब्द समूहों से भिन्न है

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 30

निर्देश- निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
जिनमें सहिष्णुता की भावना होती है, केवल ऐसे लोग ही अध्यापक होने योग्य होते हैं। जिनका बच्चों से प्यार भरा लगाव होता है, उनमें धैर्य स्वभावत: आ जाता है। अध्यापाकों को जिस अन्तर्निहित गम्भीर समस्या से जूझना पड़ता है, वह यह है कि उन्हें जिनको देखना है वे शक्ति और प्रभुता में उनकी बराबरी के नहीं होते। अध्यापक के लिए एकदम तुच्छ या बिना किसी कारण के या फिर वास्तविक की बजाय किसी काल्पनिक कारण के चलते अपने छात्रों के सामने धैर्य खो देना, उनकी खिल्ली उड़ाना, उन्हें अपमानित या दण्डित करना एकदम आसान और सम्भव है। जो एक निर्बल अधीन राष्ट्र पर शासन करते हैं, उनमें न चाहते हुए भी गलत काम करने की प्रवृत्ति पायी जाती है। उसी तरह ऐसे अध्यापक होते हैं जो बच्चों को के ऊपर अपने प्रभुत्व का शिकार हो जाते हैं। जो शासन के अयोग्य होते हैं, उन्हें न केवल कमजोर लोगों पर अन्याय करते हुए कोई अपराध-बोध नहीं होता, बल्कि ऐसा करने में उन्हें एक खास तरह का मजा मिलता है। बच्चे अपनी माँ की गोद में कमजोर, असहाय और अज्ञानी होते हैं। माता के हृदय में स्थित प्रचुर प्यार ही उनकी रक्षा की एकमात्र गारण्टी होता है। इसके बावजूद हमारे घरों में इस बात के उदाहरण कम नहीं कि कैसे हमारे स्वाभाविक प्यार पर धीरज का अभाव और उद्धत प्राधिकार विजय प्राप्त कर लेते हैं और बच्चों को अनुचित कारणों से दण्डित होना पड़ता है।

Q. अध्यापक के लिए उचित विशेषण शब्द है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 7 - Question 30

जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताते है उन्हें विशेषण कहते है। 
इसे हम ऐसे भी कह सकते है- जो किसी संज्ञा की विशेषता (गुण, धर्म आदि )बताये उसे विशेषण कहते है।
दूसरे शब्दों में- विशेषण एक ऐसा विकारी शब्द है, जो हर हालत में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।
अध्यापक के लिए उचित विशेषण शब्द सहिष्णु है

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