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माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - UPSC MCQ


Test Description

25 Questions MCQ Test भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) for UPSC CSE in Hindi - माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6

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माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 1

भारत का राष्ट्रपति व राज्यों के राज्यपाल संविधान के अनुसार किस प्रकार के प्रधान हैं ?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 1

राज्य का मुखिया राज्यपाल होता है। भारतीय राष्ट्रपति अपने हाथ और मुहर के तहत वारंट द्वारा प्रत्येक राज्य के लिए राज्यपाल की नियुक्ति करता है। केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य के लिए राज्यपाल को नामित करने के लिए जिम्मेदार है। आमतौर पर सरकार शब्द का तात्पर्य सरकारी विभागों और उनके प्रमुख विभिन्न मंत्रियों से है। कुल मिलाकर मुखिया मुख्यमंत्री होता है।

सीएम राज्य सरकार के मुखिया होते हैं।
जबकि राज्यपाल राज्य सरकार का नाममात्र का कार्यपालिका होता है, जो व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है वह सरकार की वास्तविक कार्यपालिका होती है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 2

भारत का राष्ट्रपति वित्तीय संकट की घोषणा कौन-से अनुच्छेद के अन्तर्गत कर सकता है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 2

अनुच्छेद 360, राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार देता है. यदि राष्ट्रपति संतुष्ट है कि देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसके कारण भारत की वित्तीय स्थिरता, भारत की साख या उसके क्षेत्र के किसी भी हिस्से की वित्तीय स्थिरता को खतरा है, तो वह केंद्र की सलाह पर वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है.

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माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 3

संविधान के 44वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा आपात्काल की घोषणा मंत्रिमण्डल के लिखित परामर्श पर ही की जा सकती है। आपातकाल की घोषणा केवल निम्नलिखित स्थिति में ही की जा सकेगी -

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 3

भारत के राष्ट्रपति युद्ध, बाहरी आक्रमण या किसी सशस्त्र विद्रोह के मामले में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। खतरे की घटना से पहले ही राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं यदि राष्ट्रपति को लगता है कि आसन्न नजदीक है। राष्ट्रीय आपातकाल को युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर घोषित किया जाता है, इसे ‘बाह्य आपातकाल’ कहा जाता है। 44 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा ‘आंतरिक गड़बड़ी’ के स्थान पर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द किया गया।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 4

संविधान के 44वें संशोधन 1978 द्वारा राष्ट्रपति आपातकाल की मंत्रिमंडल की सलाह को -

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 4

44वें संशोधन (1978) में हालांकि यह जोड़ा गया कि राष्ट्रपति सलाह को एक बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकते हैं। लेकिन यदि मंत्रिपरिषद वही सलाह दोबारा राष्ट्रपति को भेजती है तो राष्ट्रपति को उसे स्वीकार करना ही होगा।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 5

भारत के राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति पद का कार्यभार कौन सम्भालता है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 5

अगर राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति दोनो ही अनुपस्थिति या उनकी मौत हो जाये या पद रिक्त हो जाये तो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश कार्यवाहक के रूप में राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेगा।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 6

राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय की सलाह मानने के लिए बाध्य है, कि-

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 6

संविधान के अनुच्छेद 124 के अंतर्गत राष्ट्रपति को संविधान द्वारा विहित योग्यता रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मुख्य न्यायमूर्ति नियुक्त करने की शक्ति प्राप्त है किंतु अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श लेने के लिए बाध्य है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 7

संविधान में उल्लिखित कौन-सी अनुसूची न्यायिक पुनरावलोकन के क्षेत्र से बाहर है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 7
  • 9वीं अनुसूची में केंद्र और राज्य कानूनों की एक ऐसी सूची है, जिन्हें न्यायालय के समक्ष चुनौती नहीं दी जा सकती। वर्तमान में संविधान की 9वीं अनुसूची में कुल 284 कानून शामिल हैं, जिन्हें न्यायिक समीक्षा संरक्षण प्राप्त है अर्थात इन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। 
  • 9वीं अनुसूची को वर्ष 1951 में प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से भारतीय संविधान में शामिल किया गया था। यह पहली बार था, जब संविधान में संशोधन किया गया था।
  • उल्लेखनीय है कि संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल विभिन्न कानूनों को संविधान के अनुच्छेद 31B के तहत संरक्षण प्राप्त होता है।
  • ध्यातव्य है कि नौवीं अनुसूची प्रकृति में पूर्वव्यापी (Retrospective) है, अर्थात न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित होने के बाद भी यदि किसी कानून को नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाता है तो वह उस तारीख से संवैधानिक रूप से वैध माना जाएगा।
  • पहले संविधान संशोधन के माध्यम से नौवीं अनुसूची में कुल 13 कानून शामिल किये गए थे, जिसके पश्चात् विभिन्न संविधान संशोधन किये गए और अब कानूनों की संख्या 284 हो गई है।
  • भारतीय संविधान की 9वीं अनुसूची ऐतिहासिक रूप से भारत में हुए भूमि सुधार कानूनों से जुड़ी हुई है। भूमि सुधार का तात्पर्य भूमि के स्थायित्त्व और प्रबंधन के मौजूदा पैटर्न को बदलने हेतु किये गए संस्थागत सुधारों से है।
  • जब भारत में भूमि सुधार शुरू हुए तो उन्हें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के न्यायालयों में चुनौती दी गई, जिसमें से बिहार में न्यायालय ने इसे अवैध घोषित कर दिया था। 
  • इस विषय परिस्थिति से बचने और भूमि सुधारों को जारी रखने के लिये सरकार ने प्रथम संविधान संशोधन करने का फैसला किया।
  • 8 मई, 1951 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ने अनंतिम संसद में प्रथम संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया, जिसके पश्चात् 16 मई, 1951 को यह विधेयक चयन समिति को भेज दिया गया।
  • चयन समिति की रिपोर्ट के बाद 18 जून, 1951 को राष्ट्रपति की मंज़ूरी के साथ ही यह विधेयक अधिनियम बन गया।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 8

निम्नलिखित में से किस श्रेणी के सदस्य मंत्रिपरिषद में होते हैं?

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 8
  • मंत्रिपरिषद में तीन श्रेणी के मंत्री होते हैं, अर्थात् कैबिनेट मंत्री, राज्य के मंत्री, और उप मंत्री।
  • उनके बीच अंतर उनके संबंधित रैंक, परिलब्धियों और राजनीतिक महत्व में है।
  • इन सभी मंत्रियों में सबसे ऊपर प्रधानमंत्री हैं - देश का सर्वोच्च शासी प्राधिकरण होता है।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 9

राष्ट्रपति के पद रिक्त हो जाने से उस पद पर निर्वाचन कितने समय के भीतर होना अनिवार्य है ?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 9

राष्ट्रपति का कार्यकाल पद धारण करने कौ तिथि से 5 वर्ष होता है, किन्तु अवधि से पूर्व वह त्याग-पत्र देकर पद रिक्त कर सकता है तथा संसद महाभियोग का प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति को पदच्युत कर सकती है। यदि 5 वर्ष की अवधि के पूर्व राष्ट्रपति त्याग-पत्र दे देता है अथवा संसद द्वारा महाभियोग का प्रस्ताव पारित कर हटा दिया जाता है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके स्थान पर नये राष्ट्रपति का चुनाव शेष अवधि के लिए न होकर पूरे पाँच वर्ष के लिए होता है। किसी भी दशा में राष्ट्रपति का पद 6 माह की अवधि से अधिक समय तक रिक्त नहीं रहेगा अर्थात्‌ 6 माह के भीतर नये राष्ट्रपति का निर्वाचन होना अनिवार्य होता है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 10

राष्ट्रपति किस स्थिति में ‘किसी राज्य में’ राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर सकता है ?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 10
  • अनुच्छेद 356 और 357 एक राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए प्रदान करता है।
  • यदि राष्ट्रपति, किसी राज्य के राज्यपाल से रिपोर्ट प्राप्त होने पर या अन्यथा संतुष्ट हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें राज्य की सरकार इस संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है, तो राष्ट्रपति घोषणा द्वारा आपातकाल लगा सकता है
  • राज्य की सरकार के सभी या किसी भी कार्य और राज्य के विधानमंडल के अलावा राज्य में राज्यपाल या किसी या प्राधिकरण द्वारा निहित या प्रयोग में आने वाली सभी या कोई भी शक्तियाँ स्वयं को ग्रहण करें।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 11

मार्च 1988 में संविधान में 59वाँ संशोधन हुआ है बताइये इसका सम्बन्ध किस बात से है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 11
  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 (5) का संशोधन किया गया, जिससे कि अनुच्छेद 356 के खंड़ (1) के अधीन राष्ट्रपति की उद्घोषणा का एक की अवधि से आगे विस्तार किया जा सके और यदि आवश्यक हो तो पंजाब राज्य में अशांति की स्थिति बनी रहने के कारण अनुच्छेद 356 के खड़ (4) के अधीन यथा अनुज्ञेय तीन वर्ष की अवधि तक प्रभावी बनाया जा सके।
  • इस अधिनियम द्वारा आपात स्थिति की उद्घोषणा से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 352 का, पंजाब राज्य में इसे लागू किए जाने की बाबत संशोधन किए जाने के परिणामस्वरूप, अनुच्छेद 358 और अनुच्छेद 359 का भी संशोधन किया गया है।
  • पंजाब राज्य के संबंध में अनुच्छेद 352, 358 और 359 के संशोधन की तारीख 30 मार्च 1988 से जो इस संशोधन के प्रारंभ की तारीख है, दो वर्ष की अवधि के लिए ही प्रवर्तनीय रहेंगे।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 12

संसद ने संविधान में 61वाँ संशोधन किया है (दिसम्बर, 1988 में)  जिसे आधे से अधिक राज्यों की भी स्वीकृति मिल चुकी है, बताइये उसका सम्बन्ध किस बात से है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 12

भारत का संविधान (61वाँ संशोधन) अधिनियम, 1989

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 का संशोधन करके मताधिकार की आयु 21 से घटकर 18 वर्ष कर दी गई, ताकि देश के उस युवा-वर्ग को जिसे अभी तक कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था, अपनी भावनाएँ व्यक्त करने का अवसर मिल सके और वे राजनीतिक प्रक्रिया का अंग बन सकें।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 13

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि मौलिक अधिकारों में संशोधन हो सकता है परन्तु संविधान के मूल ढाँचे में संशोधन नहीं हो सकता है, बताइये किस विवाद में यह निर्णय दिया है ?

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 13

संसद की मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति

  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषित किया है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 के अन्तर्गत मौलिक अधिकार उसकी संशोधन करने की शक्ति से बाहर हैं। यह निर्णय गोलकनाथवाद (केस) में दिया गया था।
  • संविधान के 24वें और 25वें संशोधन के द्वारा संसद को मौलिक अधिकारों में संशोधन करने का अधिकार पुन: दिया गया था।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने कंशवानन्द भारतीवाद (केस) में भी संसद की मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति को स्वीकार किया।
  • 42वें संशोधन ने मौलिक अधिकारों में संशोधन करने के संसद के अधिकार पर और अधिक बल दिया।
  • 1980 में मिनर्वा मिलवाद (केस) का निर्णय देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि संविधान के भाग III और भाग IV का सन्तुलन बिगाड़ने वाली हर बात को संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने वाला और असंवैधानिक माना जाएगा।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 14

यदि भारत की संसद, सरकार में अविश्वास प्रस्ताव अभिव्यक्त करती है तो क्या सम्भावित परिणाम हो सकता है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 14

संसदीय प्रक्रिया में अविश्वास प्रस्ताव या विश्वासमत (वैकल्पिक रूप से अविश्वासमत) अथवा निंदा प्रस्ताव एक संसदीय प्रस्ताव है, जिसे पारंपरिक रूप से विपक्ष द्वारा संसद में एक सरकार को हराने या कमजोर करने की उम्मीद से रखा जाता है या दुर्लभ उदाहरण के रूप में यह एक तत्कालीन समर्थक द्वारा पेश किया जाता है, जिसे सरकार में विश्वास नहीं होता। यह प्रस्ताव नये संसदीय मतदान (अविश्वास का मतदान) द्वारा पारित किया जाता है या अस्वीकार किया जाता है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 15

भारतीय संघ और कनाडा संघ के लिए निम्नलिखित कथन प्रचलित हैं -

I. राज्य पर ‘संघ’ थोपा गया है
II. ‘संघ मुख्यतया औपनिवेशिक एकता का परिणाम है
III. इकाइयाँ (राज्य) स्वायत्तशासी है
IV. अवशिष्ट शक्तियाँ ‘संघ’ के पास हैं

उपर्युक्त में से कौन-सा कथन सही है?

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 16

भारत के महान्यायवादी के सम्बन्ध में क्या गलत है?

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 16

भारत के महान्यायवादी:

  • के के वेणुगोपाल भारत के वर्तमान अटॉर्नी जनरल हैं।
  • वह भारत सरकार के पहले कानून अधिकारी हैं।
  • उन्हें संविधान के अनुच्छेद 76 के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
  • उसे संयुक्त सदन सहित संसद के दोनों सदनों की सभी कार्यवाही में बोलने और भाग लेने का अधिकार है।
  • उसे वोट देने का कोई अधिकार नहीं है।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 17

1978 में जनता पार्टी की सरकार ने 44वाँ संविधान संशोधन पारित किया। इस संशोधन के प्रावधानों में निम्नलिखित में से कौन-सा गलत अंकित है?

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 17

भारत का संविधान (44वाँ संशोधन) अधिनियम, 1978

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • संपति के अधिकार को, जिसके कारण संविधान में कई संशोधन करने पड़े, मूल अधिकार के रूप में हटाकर केवल विधिक अधिकार बना दिया गया।
  • फिर भी यह सुनिश्चित किया गया कि संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की सूची से हटाने से अल्पसंख्यकों के अपनी पसंद के शिक्षा संस्थानों की स्थापना करने और संचालन संबंधी अधिकारों पर कोई प्रभाव न पड़े।
  • संविधान के अनुच्छेद 352 का संशोधन करके यह उपबंध किया गया कि आपात स्थिति की घोषणा के लिए एक कारण 'सशस्त्र विद्रोह' होगा।
  • आंतरिक गड़बड़ी, यदि यह सशस्त्र विद्रोह नहीं है तो आपात स्थिति की घोषणा के लिए आधार नहीं होगा।
  • व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार को जैसा कि अनुच्छेद 21 और 22 में दिया गया है, इस उपबंध द्वारा और अधिक शक्तिशाली बनाया गया है।
  • इसके अनुसार निवारक नजरबंदी नहीं रखा जा सकता, जब तक कि सलाहकार बोर्ड यह रिपोर्ट नहीं देता कि ऐसी नजरबंदी के पर्याप्त कारण हैं।
  • इसके लिए अतिरिक्त संरक्षण की व्यवस्था इस अपेक्षा से की गई कि सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष किसी समुचित उच्च न्यायालय का सेवारत न्यायाधीश होगा और बोर्ड का गठन उस उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सिफारिशों के अनुसार किया जाएगा।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 18

न्यायालय द्वारा जारी वह लेख जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को सार्वजनिक पद पर कार्य करने से रोका जाता है जिसके लिए वह कानूनन योग्य नहीं है, उसे कहते हैं-

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 18

uo warranto एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है "किस वारंट द्वारा"। जब न्यायालय को लगता है कि कोई व्यक्ति ऐसे पद पर नियुक्त हो गया है जिसका वह हकदार नहीं है तब न्यायालय इस (अधिकार पृच्छा) को जारी कर सकता है और व्यक्ति को उस पद पर कार्य करने से रोक देता है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 19

भारत में ‘न्यायिक समीक्षा’ आधारित है-

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 19

भारत में न्यायिक समीक्षा (Judicial Review in India in Hindi) की अवधारणा का जन्म 1975 के इंदिरा गांधी बनाम राज नारायण मामले से हुआ, जिसमें न्यायिक समीक्षा को संविधान की एक बुनियादी विशेषता माना गया था। न्यायिक समीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें न्यायपालिका कार्यकारी और विधायी गतिविधियों की जांच करती है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 20

मूल अधिकार भारतीय संविधान के भाग तीन में वर्णित है। इसकी संख्या कितनी है।               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 20

मूल रूप में भारत के संविधान के भाग III में सात मौलिक अधिकारों को शामिल किया गया था। इनमें सम्पति का अधिकार शामिल था। जिसे 44वें संविधान संशोधन द्वारा हटा दिया गया था। अब केवल छः मौलिक अधिकार हैं; जो इस प्रकार है।

  • समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
  • स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
  • धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28)
  • संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30)
  • संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 21

भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा राष्ट्रपति किन्हीं जातियों को अनुसूचित जातियाँ घोषित कर सकता है?

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 21

341 (1) राष्ट्रपति, राज्य या राज्य का क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है और वह राज्य के विपरीत है, जब जन्म के समय वंश, वंश या जन्म का समय विपरीत होता है। इस प्रकार के वातावरण के लिए राज्य, या राज्य को परिभाषित किया गया था, जिसे युवाओं को डुबोने के लिए दोषी ठहराया गया था।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 22

संविधान के किस भाग को भारत का ‘मैग्नाकार्टा’ कहा जाता है?   

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 22
  • मैग्ना कार्टा इंग्लैंड के राजा जॉन द्वारा जारी किए गए अधिकारों का चार्टर है।
  • यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर पहला लिखित दस्तावेज है।
  • भारतीय संविधान के भाग III में मौलिक अधिकार निहित हैं।
  • यह अनुच्छेद 12–35 का गठन करता है। वे अमेरिकी अधिकार विधेयक से प्रेरित हैं।
  • भाग III में उचित मौलिक अधिकारों की लंबी और व्यापक सूची है।
  • ये विश्व में कहीं और की तुलना में अधिक विस्तृत हैं।
  • इसीलिए भारतीय संविधान के भाग 3 को भारत का मैग्ना कार्टा कहा जाता है। 
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 23

राष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बन्धी विवादों का निर्णय कौन करता है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 23
  • भारत के राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने विवाद सुलझाया।
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 71, राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव के संबंध में या उससे उत्पन्न सभी संदेहों और विवादों की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जाँच की जाएगी और निर्णय लिया जाएगा।
  • राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक चुनाव याचिका दायर की जा सकती है।
माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 24

संसद के सदस्य की अयोग्यता से सम्बन्धित विवाद का निर्णय कौन करता है?               

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 24

जब संसद सदस्यों की अयोग्यता से सम्बंधित प्रश्न उत्पन्न होता है, तब उसका विनिश्चय राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। इस संबन्ध में राष्ट्रपति का निर्णय अंतिम होता है, तथा इस निर्णय के विरूद्ध न्यायालय में याचिका या अपील दाखिल नहीं की जा सकती । राष्ट्रपति संसद के सदस्यों की अयोग्यता से संबन्धित प्रश्न का निर्णय करते समय चुनाव आयोग की राय लेता है और सी के अनुसार कार्य करता है।

लेकिन संसद सदस्य दल-बदल के आधार पर संसद की सदस्यता के लिए अयोग्यता का निर्णय लोकसभा या राज्यसभा के सभापति, जैसी भी स्थिति हो, द्वारा किया जाता है।

माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 25

संविधान की दसवीं सूची सम्बन्धित है-

Detailed Solution for माॅडल प्रैक्टिस सेट - 6 - Question 25
  • भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची जिसे लोकप्रिय रूप से 'दल बदल विरोधी कानून' (Anti-Defection Law) कहा जाता है, वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन के द्वारा लाया गया है।
  • यह ‘दल-बदल क्या है’ और दल-बदल करने वाले सदस्यों को अयोग्य ठहराने संबंधी प्रावधानों को परिभाषित करता है।
  • इसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ और पद के लालच में दल बदल करने वाले जन-प्रतिनिधियों को अयोग्य करार देना है, ताकि संसद की स्थिरता बनी रहे।
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