Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)  >  अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam

अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7) PDF Download

(क) कृष्णमूर्ति: श्रीकण्ठश्च मित्रे आस्ताम्‌। श्रीकण्ठस्य पिता समृद्ध: आसीत। अत: तस्य भवने सर्वविधानि सुख-साधनानि आसन्‌। तस्मिन्‌ विशाले भवने चत्वारिशत्‌ स्तम्भा: आसन्‌। तस्य अष्टादश-प्रकोष्ठेषु पञ्चाशत्‌ गवाक्षा:, चतुश्चत्वारिशत्‌ द्वाराणि, षट्त्रिशत्‌ विद्युत-व्यजनानि च आसन्‌।

सरलार्थ- कृष्णमूर्ति और श्रीकण्ठ दो मित्र थे । श्रीकण्ठ के पिता धनी था । इसलिए उसके घर मे सभी प्रकार के सुख के साधन थे । उसके विशाल घर मे चालीस खंभे थे । उसके अठारह कमरों में पचास खिड़कियां चवालीस (44) दरवाजे और छत्तीस बिजली के पंखे थे।

(ख) तत्र दश सेवका: निरन्तर कार्य कुर्वन्ति स्म। पर कृष्णमूर्त: माता पिता च निर्धनौ कृषकद॒म्पती। तस्य गृहम्‌ आडबम्बरविहीनं साधारणज्च आसीत्‌। एकदा श्रीकण्ठ: तेन सह प्रातः नववादने तस्य गृहम्‌ अगच्छत्‌। तत्र कृष्णमूर्ति: तस्य माता पिता च स्वशकत्या श्रीकण्ठस्य आतिथ्यम्‌ अकुर्वन। एतत्‌ दृष्ट्वा श्रीकण्ठ: अकथयतू- “मित्र! अहं भवतां सत्कारेण सन्तुष्टोउस्मि। केवलम्‌ इृदमेव मम दुःखं यत्‌ तव गृहे एकोडपि भृत्य: नास्ति। मम सत्काराय भवतां बहु कष्ट जातम्‌। मम गृहे तु बहव: कर्मकरा: सन्ति।”

सरलार्थ- 
वहां दस सेवक निरंतर कार्य करते थे। परंतु कृष्णमूर्ति के माता-पिता गरीब और कृषक पति-पत्नी थे। उसका घर दिखावे से रहित और साधारण था। एक बार श्रीकण्ठ उसके (कृष्णमूर्ति) साथ सवेरे नौ बजे उसके घर गया। वहां कृष्णमूर्ति ने तथा उसके माता-पिता ने अपनी शक्ति के अनुसार श्रीकण्ठ का अतिथि सत्कार किया। यह देखकर श्रीकण्ठ कहने लगा-"मित्र ! मै आप लोगों के सत्कार से सन्तुष्ट हूँ। केवल यह ही मेरा दुख है कि तुम्हारे घर में एक भी नौकर नहीं है। मेरे सत्कार के लिए आप लोगों को बहुत कष्ट हुआ। मेरे घर में तो अनेक नौकर हैं। "

(ग) तदा कृष्णमूर्ति: अवदत्‌-“मित्र! ममापि अष्टो कर्मकरा: सन्ति। ते च द्वो पादो, द्वञो हस्तो, द्वे नेत्रे, द्वे श्रोत्रे इति। एते प्रतिक्षणं मम सहायका:। किन्तु तव भृत्या: सदैव सर्वत्र च उपस्थिता: भवितुं न शकनुवन्ति। त्वं तु स्वकार्याय भ्रुत्याधीन:। यदा यदा ते अनुपस्थिता:, तदा तदा त्वं कष्टम्‌ अनुभवसि। स्वावलम्बने तु सर्वदा सुखमेव, न कदापि कष्ट भवति।'!
श्रीकण्ठ: अवदत्‌-''मित्र! तब बचनानि श्रुव्वा मम मनसि महती प्रसन्नता जाता। अधुना अहमपि स्वकार्याणि स्वयमेव कर्तुम्‌ इच्छामि।'' भवतु, सार्धद्रादशवादनमिदम्‌। साम्प्रतं गृह चलामि।

सरलार्थ- 
तब कृष्णमूर्ति बोला-"मित्र ! मेरे भी आठ नौकर हैं । दो पैर ,दो हाथ , दो नेत्र और दो कान । ये हर पल मेरे सहायक हैं । किन्तु तुम्हारे नौकर हमेशा और हर जगह उपस्थित नहीं हो सकते । तुम तो अपने कार्य के लिए भी नौकरों के अधीन हो । जब-जब वे गैर हाजिर होते हैं , तब-तब तुम कष्ट को अनुभव करते हो । स्वावलम्बन में सदा सुख ही है , कभी-भी कष्ट नहीं होता है । "
श्रीकण्ठ बोला-"मित्र ! तम्हारे वचनों को सुनकर मेरे मन में बहुत प्रसन्नता हुई है । अब मैं भी अपने काम स्वंय ही करना चाहता हूँ । अच्छा साढे़ बारह बज गए हैं । अब घर को चलता हूँ ।"
अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

The document अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7) is a part of the Class 7 Course संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7).
All you need of Class 7 at this link: Class 7
15 videos|72 docs|21 tests

Top Courses for Class 7

FAQs on अनुवाद - स्वावलम्बनम् - Explanation -Swavalambanam - संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

1. स्वावलम्बनम् क्या है?
उत्तर: स्वावलम्बनम् एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने आप को आर्थिक रूप से स्थायी रूप से समृद्ध बनाने के लिए अपनी क्षमताओं और संसाधनों का उपयोग करता है। इसका मकसद व्यक्ति को स्वतंत्रता, स्वाधीनता और स्वाभिमान की प्राप्ति देना है।
2. स्वावलम्बनम् के लाभ क्या हैं?
उत्तर: स्वावलम्बनम् के कई लाभ हैं, जैसे कि: - इससे व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकता है। - यह आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करता है और व्यक्ति को अपनी मनपसंद कार्यवाही करने की स्वतंत्रता देता है। - इससे व्यक्ति की आत्मविश्वास और स्वाभिमान में सुधार होता है। - यह व्यक्ति में नये और स्वावलम्बी विचार प्रबल करता है। - स्वावलम्बनम् व्यक्ति को अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देता है।
3. स्वावलम्बनम् के लिए कौन-कौन से क्षेत्रों में अवसर होते हैं?
उत्तर: स्वावलम्बनम् के लिए कई क्षेत्रों में अवसर होते हैं, जैसे कि: - उद्यमिता: व्यापार या स्वयंरोजगार के माध्यम से आर्थिक स्वावलम्बन का अवसर होता है। - शिक्षा: आवश्यक ज्ञान और कौशल को शिक्षा के माध्यम से प्राप्त करके व्यक्ति स्वावलम्बन कर सकता है। - कृषि: कृषि उत्पादन में अपनी क्षमताओं का उपयोग करके व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बन सकता है। - तकनीकी क्षेत्र: तकनीकी क्षेत्र में उच्च कौशल और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके व्यक्ति आर्थिक स्वावलम्बन कर सकता है।
4. स्वावलम्बनम् के लिए कौन-कौन से संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: स्वावलम्बनम् के लिए कई संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि: - धन: स्वावलम्बन के लिए आर्थिक संसाधन की आवश्यकता होती है। इसमें व्यक्ति अपने बचतों, कर्ज, योजनाओं और ऋणों का उपयोग कर सकता है। - ज्ञान: स्वावलम्बन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल को प्राप्त करना होता है। इसमें शिक्षा, प्रशिक्षण या अनुभव का उपयोग किया जा सकता है। - समय: स्वावलम्बन के लिए समय की प्रबंधन और उपयोग करना होता है। व्यक्ति को अपनी कार्यक्षमता को विकसित करने और आर्थिक गतिशीलता को प्राप्त करने के लिए समय का उपयोग करना चाहिए।
5. स्वावलम्बनम् के लिए क्या आवश्यकता होती है?
उत्तर: स्वावलम्बनम् के लिए कई आवश्यकताएं होती हैं, जैसे कि: - स्वाभाविक उत्साह और प्रेरणा: स्वावलम्बनम् के लिए व्यक्ति को स्वाभाविक उत्साह और प्रेरणा की आवश्यकता होती है। इससे व्यक्ति काम में लगाव बनाए रख सकता है और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प
Explore Courses for Class 7 exam

Top Courses for Class 7

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

,

अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

,

Important questions

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

MCQs

,

past year papers

,

pdf

,

Previous Year Questions with Solutions

,

ppt

,

Viva Questions

,

video lectures

,

Free

,

study material

,

Sample Paper

,

Summary

,

Exam

,

practice quizzes

,

अनुवाद - स्वावलम्बनम् | Explanation -Swavalambanam | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

,

shortcuts and tricks

,

Extra Questions

,

Objective type Questions

;