Class 5 Exam  >  Class 5 Notes  >  Hindi Grammar Class 5  >  वाक्य और वाक्य के भेद

वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5 PDF Download

वाक्य

सभी जानते हैं कि ‘ल’, ‘आ’, ‘ला’ ध्वनियों का अलग-अलग अपने में कोई अर्थ नहीं है किंतु इनके योग से ‘लाल’ शब्द बनता है तो इसका अर्थ प्रकट होता है। फिर भी प्रश्न बना रहता है कि ‘लाल’ क्या चीज है? लाल स्याही, लाल रंग या लाल साड़ी। यदि लाल स्याही या लाल साड़ी भी कहें तो भी पूरा आशय प्रकट नहीं होता। प्रश्न उठता है कि लाल साड़ी के बारे में क्या कहा जा रहा है? इसी तरह नदी, जाना, गाय, किनारा आदि शब्द कह देने मात्र से पूरी बात प्रकट नहीं होती। इन शब्दों के अपने अर्थ तो हैं, लेकिन इनको इस प्रकार बोलने से पूरा अभिप्राय समझ में नहीं आता। यदि कहा जाए कि नदी के किनारे एक गाय जा रही है, तो बात पूरी हो जाती है।

  • पुस्तक रहा राम है पढ़ अपनी।
  • में फूल हैं बाग रंग-बिरंगे खिले।

ऊपर दी गई इन पंक्तियों का अर्थ ठीक से समझ में नहीं आता।

  • राम अपनी पुस्तक पढ़ रहा है।
  • बाग में रंग-बिरंगे फूल खिले हैं।

अब इन पंक्तियों का अर्थ पूरी तरह समझ में आ रहा है, क्योंकि इन पंक्तियों में शब्दों का क्रम ठीक से जोड़ा गया है।

वाक्य के अंग

वाक्य के दो अंग होते हैं:

  1. उद्देश्य: वाक्य में जिसके विषय में कुछ कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं।
    जैसे:
    रमेश स्कूल जा रहा है।
    इस वाक्य में ‘रमेश’ के बारे में बताया गया है। अतः रमेश उद्देश्य हैं।
  2. विधेय: उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं।
    जैसे:
    रमेश स्कूल जा रहा है।
    इस वाक्य में ‘स्कूल जा रहा है’ रमेश (उद्देश्य) के विषय में कहा गया है। अतः यह विधेय है। प्रायः उद्देश्य वाक्य के आरंभ में और विधेय वाक्य के अंत में होता है।
    जैसे:
    भागता हुआ चोर तुरंत पकड़ा गया।
    वह बेचारा क्या कर सकता था।
    वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5

वाक्य के भेद

वाक्य चार प्रकार के होते हैं:

  1. अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद।
  2. क्रिया के प्रयोग की दृष्टि से वाक्य के भेद।
  3. रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद।
  4. साहित्यिक दृष्टि से वाक्य के भेद।

1. अर्थ की दृष्टि से वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं:
  • सामान्य कथनात्मक वाक्य: जिस वाक्य में साधारण रूप से बात कही जाती है या प्रश्न का उत्तर साधारण रूप में दिया जाता है, उसे सामान्य कथानात्मक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    बालक पढ़ रहे हैं।
  • इच्छार्थक वाक्य: इच्छा प्रशंसा या आशीर्वाद सूचक वाक्यों को इच्छार्थक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    आप बहुत अच्छे हैं।
    काश! मैं प्रथम स्थान प्राप्त करूँ।
  • प्रश्नवाचक वाक्य: जिस वाक्य में प्रश्न का बोध हो उसे ‘प्रश्नवाचक वाक्य’ कहते हैं।
    जैसे:
    आप यहाँ कब आए?
  • निषेधात्मक वाक्य: जिस वाक्य में नकारात्मक (न, नहीं) शब्दों का बोध हो, उसे निषेधात्मक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    वर्षा नहीं हुई।
    मैं नहीं आ सकूँगा।
  • विस्मयादिबोधक वाक्य: विशेष भावों (विस्मय, आश्चर्य, हर्ष या घृणा) को प्रकट करने वाले वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाते हैं।
    जैसे:
    अहा! कितना सुहावना दृश्य है।
    हाय! तुमने यह क्या किया?
  • संदेहात्मक वाक्य: जिस वाक्य में शंका का बोध (क्रिया के संपन्न होने में कुछ संदेह रहता है) हो, उसे संदेहात्मक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    गाड़ी आती होगी।
    मोहन घर पहुँच चुका होगा।
  • आज्ञार्थक वाक्य: जिस वाक्य में ‘आदेश’, ‘आज्ञा’, निर्देश’ आदि का बोध हो, उसे आज्ञार्थक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    अब खेलना बंद कर दो।
    घर के लिए काम लिखो।
  • संकेतार्थक वाक्य: जिस वाक्य में संकेत या शर्त का भाव होता (एक बात या कार्य का होना किसी दूसरी बात या कार्य के होने पर निर्भर करता है।) उसे संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    अगर वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।
    यदि आप आते तो मैं भी आपके साथ चलता।
2. क्रिया के प्रयोग की दृष्टि से वाक्य के भेद क्रिया

प्रयोग की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद किए जाते हैं।

  • कर्तृ प्रधान वाक्य- जैसे: मैं दौड़ता हूँ।
  • कर्म प्रधान वाक्य- जैसे: मैं रेस दौड़ता हूँ।
  • भाव प्रधान वाक्य- जैसेः मुझसे दौड़ा नहीं जाता।

3. रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद

रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद किए जाते हैं:
  • सरल वाक्य: जिस वाक्य में उद्देश्य के साथ एक ही विधेय आए, उसे सरल वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    अशोक गाता है।
    मोहन ने खाना खाया।
    राम आया।
  • संयुक्त वाक्य: जिस वाक्य में दो या दो से अधिक वाक्यों को समुच्चयों द्वारा जोड़ा गया हो, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    राम पुस्तक पढ़ता है और मोहन खेलता है।
    वह बीमार है अतः यहाँ आने में असमर्थ है।
  • मिश्रित वाक्य: जिस वाक्य में एक मुख्य उपवाक्य हो और अन्य (एक या एक से अधिक) आदित उपवाक्य हो, उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं।
    जैसे:
    नेहरू ने कहा: “आराम हराम है।”
    पीतांबर एक कार लाया, जो बहुत पुरानी है।
    इन वाक्यों में ‘नेहरू ने कहा’ तथा ‘पीतांबर एक कार लाया’ मुख्य उपवाक्य है और ‘आराम हराम है’ तथा ‘जो बहुत पुरानी है’ आश्रित उपवाक्य हैं।

4. साहित्यिक दृष्टि से वाक्य के भेद

साहित्यिक दृष्टि से वाक्य के तीन भेद होते हैं:
  • संयत वाक्य
    आकाश मेघों से ढका हुआ था।
    रुक-रुककर वर्षा हो रही थी।
  • शिथिल वाक्य
    जैसे:
    मैं घर से चला फिर सोचने लगा कि मुझे नहीं चलना चाहिए।
  • संतुलित वाक्य
    जैसे:
    मनुष्य भगवान की सर्वोत्कृष्ट कृति है।

स्मरणीय तथ्य

  • शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहत हैं, जिसका पूरा अर्थ समझ में आ जाए।
  • वाक्य के मुख्य दो अंग होते हैं- उद्देश्य और विधेय
  • रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं- सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य और मिश्रित या मिश्रवाक्य
  • जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

The document वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5 is a part of the Class 5 Course Hindi Grammar Class 5.
All you need of Class 5 at this link: Class 5
27 videos|64 docs|18 tests

Top Courses for Class 5

27 videos|64 docs|18 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 5 exam

Top Courses for Class 5

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Extra Questions

,

video lectures

,

Important questions

,

past year papers

,

Viva Questions

,

Sample Paper

,

pdf

,

shortcuts and tricks

,

Previous Year Questions with Solutions

,

study material

,

mock tests for examination

,

ppt

,

Free

,

Objective type Questions

,

वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5

,

practice quizzes

,

वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5

,

Summary

,

Semester Notes

,

वाक्य और वाक्य के भेद | Hindi Grammar Class 5

,

Exam

,

MCQs

;