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पाठ का सार: साँवले सपनों की याद | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) PDF Download

पाठ का सार

‘साँवले सपनों की याद’ पाठ में एक व्यक्ति का चित्रा खींचा गया है। अतः यह एक व्यक्ति-चित्रा है। लेखक कहते हैं कि सुनहरे रंग के पक्षियों के पंखों पर साँवले सपनों का एक हुजूम सवार होकर मौत की खामोश वादी की तरफ चला जा रहा है। उस झुंड में सबसे आगे सालिम अली चल रहे हैं। वे सैलानियों की तरह एक अंतहीन यात्रा की ओर चल पड़े हैं। इस बार का सफर उनका आखिरी सफर है। इस बार उन्हें कोई भी वापस नहीं बुला सकता क्योंकि वे अब एक पक्षी की तरह मौत की गोद में जा बसे हैं।

सालिम अली इस बात से दुखी तथा नाराज़ थे कि लोग पक्षियों को आदमी की तरह देखते हैं। लोग पहाड़ों, झरनों तथा जंगलों को भी आदमी की नज़र से देखते हैं। यह गलत है क्योंकि कोई भी आदमी पक्षियों की मधुर आवाज़ सुनकर रोमांचित नहीं हो सकता है।

लेखक कहते हैं कि वृंदावन में भगवान कृष्ण ने पता नहीं कब रासलीला की थी, कब ग्वाल-बालों के साथ खेल खेले थे? कब मक्खन खाया था? कब बाँसुरी बजाई थी? कब वन-विहार किया था?
किंतु आज जब हम यमुना के काले पानी को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि अभी-अभी भगवान श्रीकृष्ण बाँसुरी बजाते हुए आ जाएँगे और सारे वातावरण में संगीत का जादू छा जाएगा। वृंदावन से कृष्ण की बाँसुरी का जादू कभी खत्म ही नहीं होता।

सालिम अली ने बहुत भ्रमण किया था तथा उनकी उम्र सौ वर्ष की हो रही थी। अतः उनका शरीर दुर्बल हो गया था। मुख्यतः वे यात्रा करते-करते थक चुके थे, किंतु इस उम्र में भी उनके अंदर पक्षियों को खोजने का जुनून सवार था। दूरबीन उनकी आँखों पर या गरदन में पड़ी ही रहती थी तथा उनकी नज़र दूर-दूर तक फैले आकाश में पक्षियों को ढूँढ़ती रहती थी। उन्हें प्रकृति में एक हँसता-खेलता सुंदर-सलोना संसार दिखाई देता था।
इस सुंदर रहस्यमयी दुनिया को उन्होंने बड़े परिश्रम से बनाया था। इसके बनाने में उनकी पत्नी तहमीना का भी योगदान था। सालिम अली केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तान के झोंकों से बचाना चाहते थे। इसलिए वे एक बार पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से भी मिले थे। चौधरी चरण सिंह गाँव में जन्मे हुए थे और गाँव की मिट्टी से जुड़े हुए थे। अतः वे सालिम अली की पर्यावरण की सुरक्षा संबंधी बातें सुनकर भावुक हो गए थे। आज ये दोनों व्यक्ति नहीं हैं। अब देखते हैं कि हिमालय के घने जंगलोंए बर्फ़ से ढकी चोटियों तथा लेह - लद्दाख की बर्फीली ज़मीनों पर रहने वाले पक्षियों की चिंता कौन करता है ?

सालिम अली ने अपनी आत्मकथा का नाम रखा था ‘फाॅल आॅफ ए स्पैरो’। लेखक को याद है कि डी.एच. लाॅरेंस की मृत्यु के बाद जब लोगों ने उनकी पत्नी फ्रीडा लाॅरेंस से अपने पति के बारे में लिखने का अनुरोध् किया तो वे बोली थीं कि मेरे लिए लाॅरेंस के बारे में लिखना असंभव-सा है, मुझसे श्यादा तो उनके बारे में छत पर बैठने वाली गौरैया जानती है।

बचपन में अन्य बच्चों के समान सालिम अली अपनी एयरगन से खेल रहे थे। खेलते समय उनकी एयरगन से एक चिड़िया घायल होकर गिर पड़ी थी। उसी दिन से सालिम अली के हृदय में पक्षियों के प्रति दया का भाव जाग उठा और वे पक्षियों की खोज तथा उनकी रक्षा के उपायों में लग गए। प्राकृतिक रहस्यों को जानने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। इसके लिए उन्होंने बड़े-से-बड़े तथा कठिन-से-कठिन कार्य किए।

लेखक परिचय

जाबिर हुसैन
इनका जन्म सन 1945 में गाँव नौनहीं, राजगीर, जिला नालंदा, बिहार में हुआ। वे अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। इन्होने सक्रिय राजनीति में भी भाग लिया और विधानसभा के सदस्य, मंत्री और सभापति भी रहे। ये हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू तीनों भाषाओं में समान अधिकार के साथ लेखन करते रहे हैं।

प्रमुख कार्य
हिंदी में - जो आगे हैं, डोला बीबी का मज़ार, अतीत का चेहरा, लोगां और एक नदी रेत भरी।

कठिन शब्दों के अर्थ

  1. गढ़ना - बनाना
  2. हुजूम - भीड़
  3. वादी - घाटी
  4. सोंधी - सुगन्धित
  5. पलायन - दूसरी जगह चले जाना
  6. हरारत - गर्मी
  7. आबशार - झरना
  8. मिथक - प्राचीन पुराकथाओं का तत्व, जो नविन स्थितियों मे  नए अर्थ का वहन करता हो।
  9. शोख - चंचल
  10. शती - सौ वर्ष का समय
  11. नैसर्गिक - स्वाभाविक
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FAQs on पाठ का सार: साँवले सपनों की याद - Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

1. What is the theme of the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" in Hindi?
Ans. The theme of the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" is about the importance of childhood memories and the influence of nature on human life.
2. Which book includes the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" and which class is it for?
Ans. The chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" is included in the Hindi textbook "Kshitij" and is meant for Class 9 students.
3. What is the significance of childhood memories according to the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad"?
Ans. The chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" emphasizes the importance of childhood memories as they shape a person's personality and have a lasting impact on their life.
4. What is the tone of the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad"?
Ans. The tone of the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" is nostalgic and reflective, as it talks about childhood memories and the emotions associated with them.
5. How does the chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" relate to the overall theme of the Hindi textbook "Kshitij"?
Ans. The chapter "Sanvale Sapno ki Yaad" is a part of the Hindi textbook "Kshitij" which focuses on the diversity of Indian culture and literature. The chapter relates to the overall theme of the textbook by showcasing the importance of nature and memories in shaping a person's identity, which is a key aspect of Indian culture.
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