यह कविता "जादुई पिटारा" की है। जादुई पिटारा एक ऐसा खास डब्बा है जिसमें से बहुत सारी जादुई और मजेदार चीजें निकलती हैं। जब हम इसे खोलते हैं, तो हर बार कुछ नया और अच्छा दिखता है। ये सभी चीजें हमें बहुत हैरान करती हैं और हमें एक कल्पनाओं की दुनिया में ले जाती हैं जहाँ हर चीज बहुत खास होती है। इस कविता से हमें पता चलता है कि कल्पना करना कितना मजेदार होता है और हर छोटी चीज में भी कुछ नया सीखने को मिलता है। आइए, इसे आसान शब्दों में समझते हैं:
एक पिटारा हमने खोला,
उसमें से निकला गप्पू गोला।
गोले पर जब बाँधी सुतली,
लगा नाचने बन कठपुतली।
व्याख्या: यहाँ कवि हमें बता रहे हैं कि जब उन्होंने जादुई पिटारा खोला, तो उसमें से गप्पू गोला नाम की एक गोलाकार गुड़िया निकली। जब इस गुड़िया को एक रस्सी से बाँधा गया, तो वह नाचने लगी मानो वह कठपुतली हो।
कठपुतली ने गाड़े खूँट,
उसमें निकले नौ सौ ऊँट।
उन ऊँटों पर हुई सवारी,
मिली राह में एक सुपारी।
व्याख्या: कवि कहता है कि कठपुतली ने जमीन में खूंटे गाड़े और वहां से नौ सौ ऊँट निकले। ये ऊँट इतने ज्यादा थे कि उन पर सवारी की जा सकती थी। फिर जब वे ऊँटों पर सवार होकर चले, तो रास्ते में उन्हें एक सुपारी मिली।
उसी सुपारी को जब काटा,
उसमें निकला नौ मन आटा।
उस आटे पर नारियल फोड़ा,
उसमें निकल पड़ा इक घोड़ा।
व्याख्या: कवि कहता है कि जब उन्होंने सुपारी को काटा, तो उसमें से बहुत सारा आटा निकला, जितना कि नौ मन के बराबर हो। फिर जब उस आटे पर नारियल फोड़ा गया, तो वहां से एक घोड़ा निकला।
घोड़े को जब ऐंड लगाई,
आसमान ले पहुँचा भाई।
पाया वहाँ एक गुब्बारा,
जिस पर छेद हुए थे बारा।
व्याख्या: कवि आगे कहता है कि जब घोड़े को एड़ लगाई गई, तो वह उड़कर आसमान में पहुँच गया। वहाँ उसे एक गुब्बारा मिला, जिसमें बारह छेद थे।
एक छेद पर था इस्टेशन,
जिस पर खड़ा हुआ था इंजन।
उस इंजन को धोया ऐसे,
उसमें निकल पड़े दो भैंसे।
व्याख्या: कवि कहता है कि उन बारह छेदों में से एक छेद पर एक स्टेशन था, जहाँ एक इंजन खड़ा हुआ था। जब उस इंजन को धोया गया, तो उसमें से दो भैंसे निकल आए।
भैंसे लाकर जोता खेत,
नाज हुआ बारह सौ सेर।
खा-खा नाज हुए दीवाने,
चले चाल, बेहद मस्ताने।
व्याख्या: अंतिम पंक्तियों में कवि कहता है कि भैंसों को लाकर खेत में जोता गया, जिससे बारह सौ सेर अनाज उगा। फिर जब उस अनाज को खाया गया, तो सभी बहुत खुश और मस्त हो गए।
इस कविता के माध्यम से हमने सीखा कि जादुई दुनिया में कुछ भी संभव है और हर चीज़ में कोई न कोई रोचक रहस्य छिपा होता है। यह कविता हमें बताती है कि कल्पना की दुनिया में जाकर हम अपने मन की उड़ान को कितना भी विस्तार दे सकते हैं। अंत में, हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हर असंभव सी लगने वाली चीज़ में भी संभावनाएँ छिपी होती हैं और हमें हमेशा नए अनुभवों के लिए खुले रहना चाहिए।
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1. "एक जादुई पिटारा" कहानी का मुख्य विषय क्या है? |
2. इस कहानी में मुख्य पात्र कौन हैं? |
3. जादुई पिटारे से क्या शिक्षा मिलती है? |
4. क्या इस कहानी में कोई नैतिक संदेश है? |
5. "एक जादुई पिटारा" की उपयोगिता बच्चों के लिए क्या है? |
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