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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT PDF Download

कहानी परिचय 

यह एक पत्र है जो अरूप चाचा ने अपने भतीजे-भतीजियों को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के बारे में लिखा है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा है। इस पत्र में अरूप चाचा ने अपनी रोमांचक यात्रा का वर्णन किया है। उन्होंने बताया कि कैसे वे सुबह जल्दी उठकर हाथी पर बैठकर जंगल देखने गए। वहाँ उन्होंने एक सींग वाले गैंडे, हिरण, जंगली भैंसें, और कई तरह के पक्षी देखे। गैंडों के बारे में एक मजेदार कहानी भी सुनी। अगले दिन वे जीप से गए और जंगली हाथियों का झुंड, ऊदबिलाव, और बहुत सारे पक्षियों को देखा। यह कहानी हमें प्रकृति और जानवरों के प्रति प्रेम और उनकी रक्षा करने का संदेश देती है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

मुख्य विषय

इस कहानी का मुख्य विषय काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा और वहाँ पाए जाने वाले अलग-अलग पशु-पक्षियों का वर्णन है। लेखक ने बताया है कि काजीरंगा असम में स्थित है और यह एक सींग वाले गैंडे के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहाँ हिरण, भैंस, जंगली सूअर, हाथी, बाघ और कई प्रकार के पक्षी भी मिलते हैं। लेखक ने अपनी यात्रा का अनुभव साझा करते हुए बताया है कि जानवर आपस में शांति और भाईचारे से रहते हैं, इसलिए इंसानों को भी उनसे यह सीख लेनी चाहिए।

कहानी का सार

यह कहानी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा पर आधारित है। लेखक अपने भतीजे-भतीजियों को पत्र लिखकर वहाँ के अनुभव बताते हैं। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है और यह एक सींग वाले गैंडे के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

लेखक बताते हैं कि सुबह-सुबह वे हाथी पर बैठकर उद्यान घूमने गए। वहाँ हिरणों और जंगली भैंसों के झुंड दिखे। सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने पहली बार एक सींग वाला गैंडा देखा। गैंडे के शरीर पर मोटी चमड़ी होती है, जो कवच जैसी लगती है। महावत ने एक कहानी सुनाई कि भगवान कृष्ण ने गैंडे को युद्ध के लिए तैयार किया, लेकिन वह आदेशों का पालन नहीं कर पाया और उसे जंगल भेज दिया गया।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

पहले गैंडे भारत के कई हिस्सों में पाए जाते थे, लेकिन लोगों ने उसके सींग के लालच में बहुत शिकार किया। लोग मानते थे कि सींग में औषधीय गुण हैं, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे गलत साबित किया। शिकार की वजह से गैंडे की संख्या कम हो गई और अब आधे से अधिक गैंडे काजीरंगा में पाए जाते हैं।

यात्रा के दौरान लेखक ने मादा गैंडे को उसके बच्चे के साथ देखा। महावत ने बताया कि शिशु के साथ होने पर मादा गैंडा खतरनाक हो सकती है। उन्होंने हिरण की चार प्रजातियाँ देखीं – भौंकने वाला हिरण, बौना सूअर हिरण, दलदली हिरण और साँभर हिरण। साथ ही जंगली सूअर भी दिखाई दिए।

दूसरे दिन जीप से घूमते समय वे एक बील पर पहुँचे। वहाँ सैकड़ों पक्षियों के झुंड थे – पेलिकन, सारस, बगुले और कलहोन। पानी में ऊदबिलाव भी खेल रहे थे। लौटते समय उन्हें जंगली हाथियों का झुंड दिखा। झुंड में बच्चे भी थे और एक बड़ा हाथी सबकी सुरक्षा कर रहा था।

काजीरंगा में रॉयल बंगाल टाइगर भी रहते हैं, लेकिन वे रात में निकलते हैं इसलिए लेखक उन्हें नहीं देख पाए। कुल मिलाकर यह यात्रा बहुत अद्भुत रही। लेखक को लगा कि सभी जानवर शांति और भाईचारे से रहते हैं, इसलिए मनुष्यों को भी शांति और मेल-जोल से रहना चाहिए।

इस तरह यह कहानी हमें काजीरंगा उद्यान की सुंदरता, वहाँ के विविध पशु-पक्षी और वन्यजीवन की महत्वपूर्ण जानकारी देती है।

कहानी की मुख्य बातें

  • स्थान: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे है।
  • जानवर: यहाँ एक सींग वाला गैंडा (भारतीय गैंडा), हिरण, जंगली भैंस, जंगली सूअर और हाथी पाए जाते हैं।
  • प्रसिद्धि: काजीरंगा एक सींग वाले गैंडे के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
  • सैर का तरीका: लेखक सुबह जल्दी उठकर हाथी और जीप से उद्यान घूमने गए।
  • गैंडे की खासियत: गैंडे के शरीर पर मोटी त्वचा होती है, जो कवच जैसी दिखती है। पहले लोग इसके सींग को औषधि समझते थे, लेकिन वैज्ञानिकों ने इसे गलत बताया।
  • शिकार की समस्या: गैंडों का बहुत शिकार हुआ, इसलिए उनकी संख्या कम हो गई। अब ज्यादातर गैंडे काजीरंगा में हैं।
  • मादा गैंडा: मादा गैंडा अपने बच्चे के साथ होने पर हिंसक हो सकती है, इसलिए उसे पास से नहीं देखा गया।
  • हिरण की प्रजातियाँ: यहाँ चार प्रकार के हिरण हैं - भौंकने वाला हिरण, बौना सूअर हिरण (हॉग डीयर), दलदली हिरण और साँभर हिरण।
  • पक्षी और बील: उद्यान में एक बील है, जहाँ पेलिकन, सारस, बगुला जैसे कई पक्षी और ऊदबिलाव दिखे।
  • जंगली हाथी: लौटते समय जंगली हाथियों का झुंड दिखा, जिसमें बच्चे भी थे। एक बड़ा हाथी झुंड की निगरानी कर रहा था।
  • रॉयल बंगाल टाइगर: यहाँ टाइगर भी हैं, लेकिन वे रात में निकलते हैं, इसलिए नहीं दिखे।
  • सीख: काजीरंगा में सभी जानवर शांति और भाईचारे से रहते हैं। हमें भी उनसे मिल-जुलकर रहना सीखना चाहिए।

कहानी से शिक्षा

कहानी हमें सिखाती है कि हमें प्रकृति और जंगली जानवरों से प्यार करना चाहिए। काजीरंगा में सभी जानवर शांति और भाईचारे से रहते हैं। हमें भी एक-दूसरे के साथ प्रेम और सम्मान से रहना चाहिए। यह कहानी बताती है कि जानवरों और पर्यावरण की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन्हें देख सकें।

शब्दार्थ

  • उद्यान: बाग-बगीचा
  • महावत: हाथी की देखभाल करने वाला
  • कवच: बाहरी आवरण जो किसी से रक्षा करता है
  • रणक्षेत्र: जिस स्थान पर युद्ध हो
  • हिंसक: हिंसा करने वाला
  • निगरानी: देखभाल
  • अद्भुत: अनोखा
  • बील: झील
  • प्रजाति: किसी जानवर या पौधे का प्रकार
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FAQs on काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा Chapter Notes - Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

1. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है और इसकी विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम में स्थित है। यह उद्यान विश्व धरोहर स्थल है और यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में एकhorned rhinoceros, बाघ, हाथी और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं। यह उद्यान अपने अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता के लिए जाना जाता है।
2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना कब हुई थी?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1905 में हुई थी। इसे पहले एक संरक्षित क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया।
3. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कौन-से प्रमुख जीव-जंतु पाए जाते हैं?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एकhorned rhinoceros, बाघ, हाथी, जंगली पानी का भालू और कई प्रकार के पक्षी जैसे कि बगुल, किंगफिशर और वॉटरफाउल पाए जाते हैं। यह उद्यान इन प्रजातियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
4. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की जलवायु कैसी होती है?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की जलवायु उष्णकटिबंधीय होती है, जिसमें गर्मी और उच्च आर्द्रता होती है। यहाँ बारिश का मौसम जून से सितंबर तक होता है, जिससे यहाँ की वनस्पति और जीव-जंतु को बढ़ने का अवसर मिलता है।
5. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय कब है?
Ans. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल के बीच होता है। इस समय मौसम सुहावना होता है और जीव-जंतु भी अधिक सक्रिय रहते हैं, जिससे पर्यटकों को उन्हें देखने का अच्छा अवसर मिलता है।
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