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चतुर चित्रकार Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT PDF Download

कविता परिचय

यह कविता "चतुर चित्रकार" प्रसिद्ध कवि रामनरेश त्रिपाठी जी ने लिखी है। इसमें एक चित्रकार की बुद्धिमानी और चतुराई को दिखाया गया है। जब वह जंगल में चित्र बना रहा था, तभी एक शेर आ गया। चित्रकार ने डरने के बजाय अपनी समझदारी से शेर को चित्र बनाने का बहाना देकर पीठ घुमा कर बैठा दिया और नाव पकड़कर भाग निकला। इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कठिन परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए।

चतुर चित्रकार Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

कविता का सार

इस कविता में एक बुद्धिमान और साहसी चित्रकार की कहानी है। वह एक सुनसान जगह पर नदी, पहाड़ और पेड़-पौधों के चित्र बना रहा था। तभी वहाँ एक शेर आ गया। चित्रकार पहले तो डर गया, लेकिन उसने चतुराई से शेर को कहा कि बैठो, मैं तुम्हारा सुंदर चित्र बनाता हूँ। शेर ध्यान से बैठ गया। चित्रकार ने शेर से सामने का चित्र बनाने के बाद कहा कि अब पीछे का चित्र बनाने के लिए मुँह घुमा लो। 

शेर ने जैसे ही मुँह घुमाया, चित्रकार धीरे से झील किनारे रखी नाव पर बैठकर भाग निकला। शेर को जब देर लगी तो उसने पलटकर देखा और पाया कि चित्रकार नाव से दूर जा चुका है। गुस्से में शेर ने कहा कि कायर चित्रकार अपना कागज़–कलम तो लेता जा। इस पर चित्रकार ने चतुराई और हिम्मत से उत्तर दिया कि इन्हें तुम ही रखो और जंगल में बैठकर चित्रकला का अभ्यास करो।

कविता की व्याख्या

प्रसंग 1

चित्रकार सुनसान जगह में, बना रहा था चित्र,
इतने ही में वहाँ आ गया, यम राजा का मित्र।
उसे देखकर चित्रकार के, तुरंत उड़ गए होश,
नदी, पहाड़, पेड़, पत्तों का, रह न गया कुछ जोश।
फिर उसको कुछ हिम्मत आई, देख उसे चुपचाप,
बोला- सुंदर चित्र बना दूँ, बैठ जाइए आप।

व्याख्या: इस प्रसंग में बताया गया है कि एक चित्रकार जंगल की सुनसान जगह पर नदी, पहाड़ और पेड़-पौधों के सुंदर चित्र बना रहा था। तभी वहाँ एक शेर आ गया, जिसे देखकर चित्रकार बहुत डर गया और उसका जोश खत्म हो गया। लेकिन उसने हिम्मत दिखाई और शेर को चुपचाप देखकर चतुराई से कहा कि वह उसका सुंदर चित्र बनाएगा और उसे बैठने के लिए कहा।

चतुर चित्रकार Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

प्रसंग 2

उकड़ू–मुकड़ू बैठ गया वह, सारे अंग बटोर,
बड़े ध्यान से लगा देखने, चित्रकार की ओर।
चित्रकार ने कहा–हो गया, आगे का तैयार,
अब मुँह आप उधर तो करिए, जंगल के सरदार।
बैठ गया पीठ फिराकर, चित्रकार की ओर,
चित्रकार चुपके से खिसका, जैसे कोई चोर।

व्याख्या: इस प्रसंग में बताया गया है कि शेर चित्रकार की बात मानकर घुटनों को मोड़कर बैठ गया और बड़े ध्यान से उसे चित्र बनाते देखने लगा। चित्रकार ने चतुराई से कहा कि उसका चित्र लगभग तैयार है, लेकिन अब उसे पीछे का चित्र बनाने के लिए मुँह दूसरी तरफ करने को कहा। जैसे ही शेर ने पीठ फेरी, चित्रकार चुपके से वहाँ से भाग गया, जैसे कोई चोर चुपके से निकल जाता है।

चतुर चित्रकार Chapter Notes | Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

प्रसंग 3

बहुत देर तक आँख मूँदकर, पीठ घुमाकर शेर,
बैठे-बैठे लगा सोचने, इधर हुई क्यों देर?
झील किनारे नाव थी, एक रखा था बाँस,
चित्रकार ने नाव पकड़कर, ली जी भर के साँस।
जल्दी-जल्दी नाव चलाकर, निकल गया वह दूर,
इधर शेर था धोखा खाकर, झुंझलाहट में चूर।

व्याख्या: इस प्रसंग में बताया गया है कि शेर पीठ फेरकर और आँखें बंद करके चित्र बनने का इंतज़ार करता रहा। उसे लगा कि चित्र बनाने में बहुत समय लग रहा है, तो वह सोचने लगा कि देर क्यों हो रही है। उधर, चित्रकार ने झील के किनारे रखी नाव पकड़ ली और राहत की साँस ली। उसने जल्दी-जल्दी नाव चलाकर शेर से बहुत दूर निकल गया। शेर को जब पता चला कि उसे धोखा मिला, तो वह बहुत गुस्सा हो गया।

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प्रसंग 4

शेर बहुत खिसियाकर बोला, नाव जरा ले रोक,
कलम और कागज़ तो ले जा रे कायर डरपोक।
चित्रकार ने कहा तुरंत ही रखिए अपने पास,
चित्रकला का आप कीजिए, जंगल में अभ्यास।

व्याख्या: इस प्रसंग में बताया गया है कि शेर ने गुस्से में चित्रकार को आवाज़ देकर कहा कि कलम और कागज़ तो देकर जाओ। चित्रकार ने हँसते हुए कहा कि ये सब तुम ही अपने पास रखो और जंगल में चित्र बनाने का अभ्यास करो।

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कविता से शिक्षा

इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संकट की घड़ी में घबराना नहीं चाहिए, बल्कि बुद्धिमानी और समझदारी से काम लेना चाहिए। चित्रकार ने शेर को डर के कारण मारने या हिंसा करने की जगह अपनी चतुराई से धोखा देकर बच निकलने का रास्ता निकाला। इससे हमें पता चलता है कि कठिन परिस्थितियों से निकलने के लिए साहस, धैर्य और चतुराई बहुत ज़रूरी होती है। डरकर हार मान लेना सही नहीं है, बल्कि समझदारी से सोचना और सही उपाय करना ही असली बुद्धिमानी है।

शब्दार्थ

  • चित्रकार: चित्र बनाने वाला व्यक्ति
  • सुनसान: वीरान, खाली जगह जहाँ कोई न हो
  • यम राजा का मित्र: शेर (यहाँ शेर को खतरनाक होने के कारण यमराज का मित्र कहा गया है)
  • होश: समझ, चेतना
  • जोश: उत्साह, उमंग
  • हिम्मत: साहस, बहादुरी
  • चुपचाप: बिना आवाज़ किए, शांति से
  • उकड़ू–मुकड़ू: घुटने मोड़कर बैठने का एक ढंग
  • अंग बटोर: शरीर के हिस्सों को समेटना, सिकोड़कर बैठना
  • ध्यान से: सावधानी और एकाग्रता के साथ
  • जंगल के सरदार: शेर, जंगल का राजा
  • खिसका: चुपके से निकल जाना
  • चोर: वह जो चोरी करता हो, यहाँ चुपके से भागने के लिए कहा गया है
  • आँख मूँदकर: आँखें बंद करके
  • झील: पानी का बहुत बड़ा तालाब या जलाशय
  • बाँस: नाव चलाने के लिए लंबा डंडा
  • जी भर के साँस: राहत की साँस लेना
  • झुंझलाहट: गुस्सा होना, चिढ़ना
  • चूर: पूरी तरह से (यहाँ गुस्से से भरा हुआ)
  • खिसियाकर: गुस्सा करके, चिढ़कर
  • जरा: थोड़ा, कुछ देर के लिए
  • कायर/डरपोक: डरने वाला, कायर व्यक्ति
  • चित्रकला: चित्र बनाने की कला
  • अभ्यास: बार-बार करने की प्रक्रिया
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FAQs on चतुर चित्रकार Chapter Notes - Hindi Class 5 वीणा - New NCERT

1. कविता 'चतुर चित्रकार' का मुख्य विषय क्या है?
Ans. 'चतुर चित्रकार' कविता एक चित्रकार की चतुराई और उसके कला कौशल के बारे में है। यह चित्रकार अपनी बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता का उपयोग करके अद्भुत चित्र बनाता है, जो दर्शकों को मोहित कर देते हैं। कविता में चित्रकार की कल्पना और मेहनत को दर्शाया गया है, जो उसे विशेष बनाती है।
2. 'चतुर चित्रकार' कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
Ans. 'चतुर चित्रकार' कविता से यह शिक्षा मिलती है कि मेहनत और सृजनात्मकता के द्वारा हम किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें अपने कौशल को विकसित करने और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही, यह कला के महत्व को भी उजागर करती है।
3. 'चतुर चित्रकार' कविता में चित्रकार के गुणों का क्या वर्णन किया गया है?
Ans. कविता में चित्रकार को चतुर, प्रतिभाशाली और मेहनती के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उसके पास कला की गहरी समझ है और वह अपने चित्रों के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम है। उसके गुणों में रचनात्मकता और समर्पण प्रमुख हैं, जो उसे एक सफल चित्रकार बनाते हैं।
4. कविता 'चतुर चित्रकार' में चित्रण की तकनीकें क्या हैं?
Ans. 'चतुर चित्रकार' कविता में चित्रण की तकनीकें जैसे रंगों का उपयोग, रेखाओं की निपुणता और भावनाओं का चित्रण शामिल हैं। चित्रकार अपनी कल्पना का प्रयोग करके विभिन्न रंगों और आकृतियों का समन्वय करता है, जिससे उसके चित्र जीवंत और आकर्षक बनते हैं।
5. कविता का सार क्या है और यह किस प्रकार की भावनाओं को व्यक्त करती है?
Ans. कविता का सार यह है कि कला केवल एक कौशल नहीं, बल्कि एक गहरी भावना और विचारों का संचार भी है। यह कविता प्रेरणा, प्रेम और समर्पण की भावनाओं को व्यक्त करती है, जो हमें कला के प्रति एक नई दृष्टि प्रदान करती है। चित्रकार की दृष्टि और उसके चित्रों की गहराई हमें सोचने पर मजबूर करती है।
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