इस कविता को महादेवी वर्मा जी ने लिखा है। यह कविता एक छोटी चिड़िया की कहानी बताती है, जो बहुत ध्यान से अपना घोंसला बनाती है, उसमें अंडे देती है, और फिर अपने बच्चों की देखभाल करती है। इस कविता में प्रकृति और जीवन के सुंदर तरीके को समझाया गया है। आइए, इसे आसान शब्दों में समझते हैं:
"बया हमारी चिड़िया रानी!
तिनके लाकर महल बनाती,
ऊँची डाली पर लटकाती,
खेतों से फिर दाना लाती,
नदियों से भर लाती पानी।"
व्याख्या: यहाँ कवि हमें चिड़िया की मेहनत और उसके घोंसले की सुंदरता के बारे में बता रहे हैं। चिड़िया तिनके इकट्ठा करके एक मजबूत और सुंदर घोंसला बनाती है, जिसे वह एक ऊँची डाली पर रखती है। वह अपने और अपने बच्चों के खाने के लिए खेतों से दाने और नदियों से पानी लाती है।
"तुझको दूर न जाने देंगे,
दानों से आँगन भर देंगे,
और हौज में भर देंगे हम,
मीठा-मीठा ठंडा पानी।"
व्याख्या: कवि कहता है कि हम बया चिड़िया को कभी दूर नहीं जाने देंगे। हम अपने आँगन को दानों से भर देंगे और हौज में मीठा और ठंडा पानी भर देंगे ताकि चिड़िया को कहीं और जाने की जरूरत न पड़े।
"फिर अंडे सेयेगी तू जब,
निकलेंगे नन्हें बच्चे तब,
हम आकर बारी-बारी से,
कर लेंगे उनकी निगरानी।"
व्याख्या: कवि आगे कहता है कि जब बया चिड़िया के अंडों से नन्हे बच्चे निकलेंगे, तो हम बारी-बारी से उनकी देखभाल करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सुरक्षित रहें और अच्छे से बड़े हों।
"फिर जब उनके पर निकलेंगे,
उड़ जाएँगे बया बनेंगे,
हम तब तेरे पास रहेंगे,
तू मत रोना चिड़िया रानी।"
व्याख्या: अंतिम पंक्तियों में कवि कहता है कि जब बया के बच्चों के पंख निकल आएँगे और वे उड़ने लगेंगे, तो वे भी बया चिड़िया बन जाएँगे। तब भी हम तुम्हारे पास रहेंगे, इसलिए चिड़िया रानी तुम उदास मत होना।
इस कविता में कवि महादेवी वर्मा ने बया चिड़िया की मेहनत और उसकी देखभाल की जरूरत को बताया है। कविता हमें सिखाती है कि हमें चिड़िया और दूसरे जानवरों की मदद और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, ताकि वे सुरक्षित और खुश रहें। कविता हमें प्रकृति और जानवरों के प्रति प्यार और जिम्मेदारी सिखाती है।
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1. बया चिड़िया को क्यों 'रानी' कहा जाता है? |
2. बया चिड़िया के घोंसले की विशेषताएं क्या हैं? |
3. बया चिड़िया का भोजन क्या होता है? |
4. बया चिड़िया का जीवन चक्र कैसे होता है? |
5. बया चिड़िया के बारे में कौन-कौन सी रोचक बातें हैं? |
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