ऐसे शब्द जिनके रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता वे अव्यय या अविकारी शब्द कहलाते हैं |
जैसे: और, एवं, तथा, जब, तब, अभी, उधर, किन्तु, परन्तु , धीरे – धीरे, तेज, इसीलिए आदि |
अव्यय शब्द का शाब्दिक अर्थ -“बिना खर्च” तथा अविकारी शब्द का शाब्दिक अर्थ है – बिना परिवर्तन
जैसे:
अव्यय के चार भेद होते हैं
वे शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, क्रियाविशेषण कहलाते हैं |
जैसे:
क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं –
(i) स्थानवाचक क्रियाविशेषण: जिन क्रियाविशेषणों से क्रिया के होने के स्थान या दिशा का पता लगे, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे:
पहचान: वाक्य में स्थानवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ “कहाँ” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे: माता जी भीतर खाना पका रही हैं |
प्रश्न: ‘कहाँ‘ खाना पका रही हैं |
उत्तर: भीतर
जैसे: सूरज पूरब से निकलता है |
प्रश्न: ’ कहाँ‘ से निकलता है |
उत्तर: पूरब
(ii) कालवाचक क्रियाविशेषण: वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के घटने के समय/काल की सूचना देते हैं वे कालवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे:
पहचान: वाक्य में कालवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ कब प्रश्न करने पर की जा सकती है |
जैसे: दादी प्रतिदिन मंदिर जाती हैं |
प्रश्न: ’कब’ जाती है
उत्तर: प्रतिदिन
(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण: जो शब्द क्रिया के होने की रीति का बोध कराएँ, वे रीतिवाचक क्रियाविशेषण होते हैं|
जैसे:
पहचान: रीतिवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ “कैसे” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है|
जैसे: रेलगाड़ी धीरे – धीरे चल रही थी |प्रश्न: “कैसे” चल रही थी |
उत्तर: धीरे – धीरे
(iv) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण: जो शब्द क्रिया की मात्रा, परिमाण आदि बताते हैं वे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण होते हैं|
जैसे:
पहचान: परिमाण वाचक क्रियाविशेषणों की पहचान क्रिया के साथ “कितना” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे: थोड़ा आराम कर लो |
प्रश्न: कितना आराम कर लो ?
उत्तर: थोड़ा
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में आए हुए दूसरे शब्दों के साथ संबंध बताते है, उन्हें संबंधबोधक कहते है।
जैसे:
संबंधबोधक के भेद
जो अविकारी शब्द दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों या उपवाक्यों को जोडनें का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चयबोधक शब्द कहते हैं |
समुच्चय का व्यावहारिक अर्थ है – जोड़ना
जैसे:
समुच्चय बोधक अव्यय के भेद
(i) समानाधिकरण समुच्चयबोधक: जो अव्यय शब्द समान स्थिति वाले शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोडते है उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते है।
जैसे:
समानाधिकरण के भेद
(ii) व्यधिकरण समुच्चयबोधक: जो अव्यय शब्द मुख्य वाक्य में एक या एकाधिक उपवाक्यों को जोडते है, उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते है।
जैसे:
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के भेद
जिन शब्दों से विस्मय, हर्ष, शोक, घृणा, लज्जा, भय, संबोधन अनुमोदन आदि का पता चलता है उसे विस्मयादिबोधक शब्द कहते हैं |
जैसे:
विस्मयादिबोधक के भेद
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