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आदमी का अनुपात Chapter Notes | Chapter Notes For Class 8 PDF Download

कवि परिचय

गिरिजा कुमार माथुर का जन्म मध्य प्रदेश के अशोक नगर में 1919 में हुआ। उनके पिता देवीचरण माथुर भी कवि थे, इसलिए बचपन से ही उन्हें कविता में रुचि थी। उन्होंने आकाशवाणी (रेडियो) में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। कविताओं के साथ-साथ उन्होंने नाटक, गीत, कहानियाँ और निबंध भी लिखे। उनकी प्रमुख रचनाओं में मंजीर, नाश और निर्माण, धूप के धान, शिलापंख चमकीले और मैं वक्त के हूँ सामने शामिल हैं। उन्होंने प्रसिद्ध गीत “हम होंगे कामयाब” का हिंदी रूप भी लिखा। 1994 में उनका निधन हुआ।

आदमी का अनुपात Chapter Notes | Chapter Notes For Class 8गिरिजा कुमार माथुर

मुख्य विषय

इस कविता "आदमी का अनुपात" का मुख्य विषय है कि आदमी ब्रह्मांड के विशाल आकार के मुकाबले बहुत छोटा है, लेकिन फिर भी वह अपने भीतर ईर्ष्या, घमंड, स्वार्थ, नफरत और अविश्वास भर लेता है। इतना छोटा होने के बावजूद वह दूसरों पर हुकूमत करना चाहता है और लोगों के बीच दीवारें खड़ी करता है। कवि हमें समझाना चाहते हैं कि जब पूरी पृथ्वी और ब्रह्मांड इतने बड़े हैं, तो हमें आपस में लड़ने के बजाय मिल-जुलकर रहना चाहिए।

आदमी का अनुपात Chapter Notes | Chapter Notes For Class 8

कविता का सार

यह कविता हमें बताती है कि आदमी का आकार और शक्ति ब्रह्मांड की विशालता के मुकाबले बहुत छोटी है। एक आदमी एक कमरे में है, कमरा घर में, घर मोहल्ले में, मोहल्ला शहर में, शहर प्रदेश में, प्रदेश देश में, देश पृथ्वी पर, और पृथ्वी करोड़ों तारों और लाखों ब्रह्मांडों में सिर्फ एक है। इतनी छोटी जगह घेरने के बावजूद आदमी के भीतर ईर्ष्या, अहंकार, स्वार्थ, नफरत और अविश्वास भरे रहते हैं। वह अपने चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें खड़ी करता है और दूसरों पर अधिकार जताता है। कवि यह बताना चाहता है कि जब ब्रह्मांड इतना विशाल और हम इतने छोटे हैं, तो हमें झगड़े और विभाजन की जगह मिल-जुलकर रहना चाहिए।

आदमी का अनुपात Chapter Notes | Chapter Notes For Class 8

कविता की व्याख्या

प्रसंग 1

दो व्यक्ति कमरे में 
कमरे से छोटे-
कमरा है घर में 
घर है मुहल्ले में 
मुहल्ला नगर में 
नगर है प्रदेश में 
प्रदेश कई देश में 
देश कई पृथ्वी पर 

व्याख्या: कवि कहते हैं कि दो लोग एक कमरे में रहते हैं, और वे कमरे से भी छोटे हैं। वह कमरा एक घर का हिस्सा है, घर मोहल्ले में है, मोहल्ला नगर में, नगर प्रदेश में, प्रदेश देश में और कई देश मिलकर पृथ्वी पर स्थित हैं। इससे पता चलता है कि इंसान इस विशाल दुनिया का एक बहुत छोटा हिस्सा है। कवि यह संदेश देते हैं कि भले ही हम छोटे हों, लेकिन हम सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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प्रसंग 2

अनगिन नक्षत्रों में 
पृथ्वी एक छोटी 
करोड़ों में एक ही 
सबको समेटे है 
परिधि नभ गंगा की 
लाखों ब्रह्मांडों में 
अपना एक ब्रह्मांड 
हर ब्रह्मांड में 
कितनी ही पृथ्वियाँ
कितनी ही भूमियाँ 
कितनी ही सृष्टियाँ
यह है अनुपात 

व्याख्या: कवि बताते हैं कि अनगिनत तारों और ग्रहों में हमारी पृथ्वी बहुत छोटी है, जैसे करोड़ों में एक बिंदु। यह पृथ्वी आकाशगंगा (नभ गंगा) का हिस्सा है, जिसमें अनगिनत तारे हैं। इसके अलावा, लाखों ब्रह्मांड हैं, और हर ब्रह्मांड में कई पृथ्वियाँ, भूमियाँ और सृष्टियाँ हैं। यह "अनुपात" दिखाता है कि इंसान और उसकी पृथ्वी ब्रह्मांड की विशालता में कितने छोटे हैं। इससे हमें अपनी छोटी जगह को समझना चाहिए।

प्रसंग 3

आदमी का विराट से 
इस पर भी आदमी 
ईर्ष्या, अहं, स्वार्थ, घृणा, अविश्वास लीन 
संख्यातीत शंख सी दीवारें उठाता है 
अपने को दूजे का स्वामी बताता है 
देशों की कौन कहे 
एक कमरे में 
दो दुनिया रचाता है

व्याख्या: कवि कहते हैं कि इतने विशाल ब्रह्मांड में छोटा-सा होने के बावजूद इंसान के भीतर ईर्ष्या, घमंड, स्वार्थ, नफरत और अविश्वास भरे हुए हैं। वह अपने चारों ओर परत-दर-परत दीवारें खड़ी करता है, मानो वह दूसरों से अलग और बड़ा है। वह खुद को दूसरों का मालिक समझता है। देशों के बीच तो दूरी रखता ही है, पर एक छोटे से कमरे में भी अपनी-अपनी अलग दुनिया बना लेता है। कवि हमें समझाते हैं कि इंसान को घमंड और झगड़े छोड़कर मिल-जुलकर रहना चाहिए।

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कविता से शिक्षा

इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आदमी ब्रह्मांड के विशाल आकार के सामने बहुत छोटा है, फिर भी वह अपने भीतर अहंकार, ईर्ष्या, स्वार्थ, घृणा और अविश्वास भर लेता है। वह लोगों के बीच दीवारें खड़ी करता है और खुद को दूसरों से बड़ा समझता है। कवि हमें समझाना चाहते हैं कि जब हम इतनी विशाल सृष्टि का छोटा-सा हिस्सा हैं, तो हमें मिल-जुलकर, प्रेम और विश्वास के साथ रहना चाहिए, न कि छोटे-छोटे कारणों से झगड़ना चाहिए।

शब्दार्थ

  • अनुपात: कोई चीज़ दूसरी चीज़ के साथ तुलना या माप का संबंध
  • कमरा: घर का वह भाग जहाँ लोग रहते हैं या कार्य करते हैं
  • मुहल्ला: किसी शहर या नगर का एक हिस्सा जहाँ लोग रहते हैं
  • नगर: बड़ा शहर
  • प्रदेश: बड़ा इलाका या राज्य
  • देश: एक क्षेत्र जिसके अपने शासन और सीमाएं होती हैं
  • पृथ्वी: हमारा ग्रह, जिस पर हम रहते हैं
  • नक्षत्र: आकाश में चमकने वाले तारे या तारामंडल
  • परिधि: सीमा या घेरा
  • नभ: आकाश या आकाशगंगा
  • गंगा: भारत की प्रसिद्ध नदी, यहाँ इसका उपयोग विशालता और सीमा के अर्थ में हुआ है
  • ब्रह्मांड: जिसमें कई आकाशगंगाएँ और ग्रह शामिल हैं
  • विराट: बहुत बड़ा या विशाल
  • ईर्ष्या: दूसरों की उपलब्धियों या खुशियों से जलन
  • अहं: आत्मगौरव या अहंकार
  • स्वार्थ: केवल अपने हित की चिंता
  • घृणा: नफरत या दुश्मनी
  • अविश्वास: भरोसे का अभाव
  • संख्यातीत: इतनी अधिक संख्या जिसमें गिनती मुश्किल हो
  • शंख: एक प्रकार का समुद्री शंख जो दीवार के रूप में इस्तेमाल किया गया है
  • दूजा: दूसरा
  • रचाता है: बनाता है, निर्मित करता है
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FAQs on आदमी का अनुपात Chapter Notes - Chapter Notes For Class 8

1. "आदमी का अनुपात" कविता किस कवि द्वारा लिखी गई है और उनकी विशेषताएँ क्या हैं?
Ans."आदमी का अनुपात" कविता प्रसिद्ध हिंदी कवि सुभाष नीरव द्वारा लिखी गई है। सुभाष नीरव की कविताएँ समाजिक मुद्दों, मानवता और जीवन के गहरे अर्थों को छूती हैं। उनकी रचनाएँ सरल, लेकिन गहरी होती हैं, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करती हैं। वे जीवन के विविध पहलुओं को अपनी कविताओं में उजागर करते हैं।
2. "आदमी का अनुपात" कविता का मुख्य विषय क्या है?
Ans."आदमी का अनुपात" कविता का मुख्य विषय मानवता, उसके मूल्य और समाज में व्यक्ति का स्थान है। यह कविता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि एक व्यक्ति की पहचान उसके गुणों और कार्यों से होती है, न कि उसके बाहरी रूप या सामाजिक स्थिति से।
3. कविता का सार क्या है?
Ans."आदमी का अनुपात" कविता का सार यह है कि हर व्यक्ति का मूल्य उसके आचरण और उसके योगदान से होता है। कविता में यह बताया गया है कि किसी व्यक्ति की पहचान उसके भीतर के गुणों से होती है, जैसे कि दया, सहानुभूति और मानवता। यह हमें यह भी सिखाती है कि समाज में हर व्यक्ति का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
4. कविता की व्याख्या कैसे की जा सकती है?
Ans."आदमी का अनुपात" कविता की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि यह हमें मानवता के मूल्य को समझाती है। कविता में कवि ने विभिन्न परिस्थितियों के माध्यम से यह दर्शाया है कि कैसे एक व्यक्ति अपने कर्मों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हमें अपने आचरण को सुधारना चाहिए और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए।
5. "आदमी का अनुपात" कविता से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
Ans."आदमी का अनुपात" कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हर व्यक्ति का मूल्य उसके कार्यों और विचारों से होता है। हमें अपने भीतर की अच्छाई को पहचानना और उसे विकसित करना चाहिए। यह कविता यह भी सिखाती है कि समाज में एक सकारात्मक योगदान देना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
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