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मत बाँधो Chapter Notes | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT PDF Download

कवि परिचय

महादेवी वर्मा हिंदी की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। उनका जन्म 1907 में फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने बचपन से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने बच्चों के लिए कई सुंदर कविताएँ लिखीं, जैसे ‘बारहमासा’, ‘आज खरीदेंगे हम ज्वाला’ और ‘अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी’। उन्होंने गद्य में भी कई रचनाएँ लिखीं, जैसे ‘मेरा परिवार’, ‘अतीत के चलचित्र’ और ‘स्मृति की रेखाएँ’। उनके कविता-संग्रह ‘नीहार’, ‘रश्मि’, ‘नीरजा’, ‘सांध्य गीत’ और ‘दीपशिखा’ बहुत प्रसिद्ध हैं। उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार भी मिला। महादेवी वर्मा एक कुशल चित्रकार भी थीं। उनका निधन 1987 में हुआ।

मत बाँधो Chapter Notes | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERTमहादेवी वर्मा

मुख्य विषय

इस कविता में कवयित्री कहती हैं कि हमें अपने सपनों के पंख नहीं काटने चाहिए और उनकी गति को नहीं रोकना चाहिए। सपनों को स्वतंत्र छोड़ना चाहिए, ताकि वे ऊँचाइयों तक उड़कर नई रोशनी और प्रेरणा के साथ लौटें और जीवन को सुंदर बनाएं।

मत बाँधो Chapter Notes | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

कविता का सार

इस कविता में कवयित्री कहती हैं कि हमें सपनों को रोकना या बाँधना नहीं चाहिए। जैसे पक्षी आकाश में उड़कर लौटकर नहीं आते और बीज मिट्टी में गिरकर ही पेड़ बन पाते हैं, वैसे ही सपनों को भी अपनी गति और उड़ान चाहिए। सपने कभी ऊपर उठते हैं, कभी नीचे आते हैं, लेकिन उनका आना-जाना ही उन्हें सुंदर बनाता है। यदि उन्हें रोका जाए तो उनका उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सपनों को खुला आकाश देना चाहिए ताकि वे अपनी पूरी चमक और रंग लेकर धरती को सुंदर बना सकें।

कविता की व्याख्या

प्रसंग 1

इन सपनों के पंख न काटो 
इन सपनों की गति मत बाँधो!
सौरभ उड़ जाता है नभ में 
फिर वह लौट कहाँ आता है? 
बीज धूलि में गिर जाता जो 
वह नभ में कब उड़ पाता है? 

व्याख्या: इन पंक्तियों में कवयित्री कहती हैं कि सपनों के पंख मत काटो और उनकी उड़ान को मत रोकना। जैसे फूलों की खुशबू हवा में उड़कर आसमान में चली जाती है और वापस नहीं आती, वैसे ही सपने भी स्वतंत्र होने चाहिए। अगर बीज को मिट्टी में गिरने से रोक दिया जाए, तो वह कभी पेड़ बनकर आसमान तक नहीं पहुँच सकता। इसका मतलब है कि सपनों को खुलकर उड़ने और आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए।

मत बाँधो Chapter Notes | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

प्रसंग 2

अग्नि सदा धरती पर जलती 
धूम गगन में मँडराता है। 
सपनों में दोनों ही गति हैं 
उड़ कर आँखों में आता है! 

व्याख्या: इन पंक्तियों में कवयित्री कहती हैं कि सपने धरती से शुरू होकर आसमान तक जाते हैं। जैसे आग धरती पर जलती है और उसका धुआँ आसमान में उड़ता है, वैसे ही सपने भी धरती से उठकर हमारी आँखों में नई चमक लाते हैं। सपनों में इतनी ताकत होती है कि वे हमें ऊँचा उठाते हैं और नई उम्मीदें देते हैं।

प्रसंग 3

इसका आरोहण मत रोको 
इसका अवरोहण मत बाँधो! 
मुक्त गगन में विचरण कर यह 
तारों में फिर मिल जायेगा, 
मेघों से रंग औ' किरणों से 
दीप्ति लिए भू पर आयेगा। 

व्याख्या: इन पंक्तियों में कवयित्री कहती हैं कि सपनों को ऊपर उठने या नीचे आने से नहीं रोकना चाहिए। सपने स्वतंत्र होकर आसमान में तारों और बादलों के बीच घूमते हैं। वे बादलों से रंग और सूरज की किरणों से रोशनी लेकर धरती पर लौटते हैं। इसका मतलब है कि सपने हमें नई प्रेरणा और सुंदरता देते हैं।

मत बाँधो Chapter Notes | Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

प्रसंग 4

स्वर्ग बनाने का फिर कोई शिल्प 
भूमि को सिखलायेगा ! 
नभ तक जाने से मत रोको 
धरती से इसको मत बाँधो! 
इन सपनों के पंख न काटो 
इन सपनों की गति मत बाँधो !

व्याख्या: अंत में कवयित्री कहती हैं कि सपने हमें धरती को स्वर्ग बनाने का तरीका सिखाते हैं। हमें सपनों को धरती से बाँधने या आसमान तक जाने से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। सपनों को स्वतंत्र देने से वे हमें नई राह दिखाते हैं और दुनिया को और सुंदर बनाने में मदद करते हैं।

कविता से शिक्षा

कविता "मत बाँधो" में महादेवी वर्मा कहती हैं कि हमें अपने सपनों को रोकना नहीं चाहिए। जैसे पक्षी आकाश में स्वतंत्र उड़ता है, वैसे ही सपनों को भी स्वतंत्रता देनी चाहिए। सपने हमें नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं और नई सोच देते हैं। अगर हम सपनों को बाँधेंगे या उनकी उड़ान रोकेंगे, तो वे कभी पूरे नहीं होंगे। यह कविता हमें सिखाती है कि हमें अपने सपनों को खुलकर जीने देना चाहिए, उनकी गति को नहीं रोकना चाहिए, ताकि वे हमें बेहतर इंसान बनने और कुछ नया करने की प्रेरणा दे सकें।

शब्दार्थ

  • पंख काटना: उड़ने या आगे बढ़ने की क्षमता छीन लेना
  • गति बाँधना: गति या स्वतंत्रता को रोकना
  • नभ: आकाश
  • बीज: पौधे का अंकुरण प्रारंभ करने वाला अंश
  • धूलि: मिट्टी, धूल
  • अग्नि: आग
  • धरती: पृथ्वी
  • धूम: धुआँ
  • गगन: आकाश
  • मँडराना: ऊपर घूमना, चक्कर लगाना
  • आरोहण: ऊपर चढ़ना
  • अवरोहण: नीचे उतरना
  • मुक्त: स्वतंत्र, आज़ाद
  • विचरण: घूमना, चलना
  • तारे: आकाश में चमकने वाले तारे
  • मेघ: बादल
  • किरण: सूरज की रोशनी
  • दीप्ति: चमक, प्रकाश
  • शिल्प: कला, निर्माण का तरीका
  • सिखलाना: सिखाने का तरीका
  • स्वर्ग: सुंदर और सुखद स्थान
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FAQs on मत बाँधो Chapter Notes - Hindi मल्हार Class 8 - New NCERT

1. 'मत बाँधो' कविता का मुख्य विषय क्या है?
Ans.'मत बाँधो' कविता का मुख्य विषय स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय है। कवि इस कविता में यह संदेश देते हैं कि किसी भी व्यक्ति को बंधन में नहीं डालना चाहिए और उसे अपनी स्वतंत्रता का अधिकार होना चाहिए। यह कविता सामाजिक बंधनों और परंपराओं के खिलाफ एक स्पष्ट आवाज है।
2. 'मत बाँधो' कविता के कवि कौन हैं?
Ans.'मत बाँधो' कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हैं। वे हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक माने जाते हैं और उनकी रचनाएँ समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करती हैं।
3. 'मत बाँधो' कविता का सार क्या है?
Ans. 'मत बाँधो' कविता का सार यह है कि लोगों को अपने भीतर की स्वतंत्रता को पहचानना चाहिए। कवि यह दर्शाते हैं कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है। यह कविता समाज के बंधनों को तोड़ने और खुद को व्यक्त करने की प्रेरणा देती है।
4. 'मत बाँधो' कविता में कवि ने किस प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है?
Ans. 'मत बाँधो' कविता में कवि ने सरल और प्रभावशाली भाषा का प्रयोग किया है। उनकी भाषा में बोधगम्यता है, जिससे पाठक आसानी से कविता के संदेश को समझ सकते हैं। कवि ने अपने भावनाओं को व्यक्त करने के लिए चित्रात्मक भाषा का भी इस्तेमाल किया है।
5. 'मत बाँधो' कविता की व्याख्या कैसे की जा सकती है?
Ans. 'मत बाँधो' कविता की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि यह कविता व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार की बात करती है। कवि ने सामाजिक बंधनों और परंपराओं के खिलाफ एक स्पष्ट विरोध व्यक्त किया है। पाठक को यह समझने की आवश्यकता होती है कि समाज में व्यक्तियों पर लगने वाले बंधनों को तोड़ना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपनी पहचान और स्वतंत्रता को पहचान सकें।
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