समास के 6 भेद होते है|
1. अव्ययी भाव समास (Avyay bhav Samas in Hindi)
जैसे -
2. तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Hindi)
तत्पुरुष शब्द = तत् + पुरुष के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘उसका पुरुष’
तत्पुरुष समास के 7 भेद होते है |
3. कर्मधारय समास (Karmadharaya Samas in Hindi)
जिस समास का प्रथम पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य।
जैसे -
4. द्विगु समास (Dvigu Samas)
द्विगु समास का शाब्दिक अर्थ होता है = दो गायों का समूह
जिस समास का पहला पद संख्यावाची होता है, उसे द्विगु समास कहते है।
जैसे -
5. द्वन्द समास (Dwand Samas in Hindi)
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वन्द समास कहते है।
जैसे -
6. बहुव्रीहि समास ( Bahuvrihi Samas )
ब्रीहि का शाब्दिक अर्थ होता है - चावल
जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही गौण हो और अन्य पद प्रधान हो और उनके शाब्दिक अर्थ को छोड़कर एक नया अर्थ निकाला जाता है, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है।
जैसे -
निम्न सामासिक शब्दों का विग्रह दो प्रकार से होकर दो भिन्न समासों का बोध कराते हैं-
(i) पीताम्बर - पीत है जो अम्बर
उत्तर - कर्मधारय
पीताम्बर - पीत अम्बर हैं जिसके वह (विष्णु)
उत्तर - बहुब्रीहि समास
(ii) चतुर्भुज - चार भुजाएँ हैं, जिसकी वह (विष्णु)
उत्तर - बहुब्रीहि समास
चतुर्भुज - चार भुजाओं का समाहार (रेखीय आकृति)
उत्तर - द्विगु समास
(iii) घन-श्याम - घन जैसा श्याम
उत्तर - कर्मधारय समास
घन-श्याम - घन जैसा श्याम है जो वह (कृष्ण)
उत्तर - बहुब्रीहि समास
(iv) नील-लोहित - नीला है लहू, जिसका वह
उत्तर - बहुब्रीहि समास
नील-लोहित - नीला और लोहित (लाल)
उत्तर - द्वन्द्व समास
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