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Important Questions: बाज और साँप | Hindi Class 8 PDF Download

कक्षा 8 हिंदी पाठ "बाज और साँप" कहानी के आधार दो पात्र हैं – बाज और साँप। इसमें साँप को कायर प्रकृति का जीव दिखाया गया है किन्तु बाज को स्वतंत्र प्रकृति का। यह बहुत ही सुन्दर कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखक हमें बताना चाहते हैं कि किस तरह से हर प्राणी अपने स्वभाव के कारण अलग-अलग व्यवहार करता है। इस  डॉक्यूमेंट में  बाज और साँप के Important Questions  हैं।

Important Questions: बाज और साँप | Hindi Class 8

लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1: साँप के लिए गुफा कैसे जगह थी? उसके लिए सबसे बड़ा सुख क्या था?
उत्तर:
साँप के लिए गुफा एक सुरक्षित और आरामदायक जगह थी। वह वहाँ सबसे अलग और शांतिपूर्वक रहता था। उसे सबसे बड़ा सुख यह था कि वह न किसी से कुछ लेता था, न ही किसी को कुछ देता था, और दुनिया की भागदौड़ से दूर था।


प्रश्न 2: इस कहानी से क्या सन्देश मिलता है?
उत्तर:
इस कहानी से यह सन्देश मिलता है कि जीवन में हर प्राणी का स्वभाव अलग होता है और उसे अपनी स्वतंत्रता का अनुभव करने का अधिकार है। बाज की तरह हमें अपने जीवन को पूरी तरह से जीना चाहिए, जबकि साँप की तरह हम आरामदायक और सुरक्षित जीवन में खुश हो सकते हैं। जीवन के अंत में वही संतुष्ट होते हैं, जो अपने मार्ग पर बिना डर के चलते हैं।


प्रश्न 3: साँप का निवास कहाँ था? वह अपने जीवन से सन्तुष्ट था या नहीं यदि था तो क्यों?
उत्तर: साँप का निवास समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत की अंधेरी गुफा में था। वह अपने जीवन से संतुष्ट था क्योंकि वह दुनिया की भागदौड़ से दूर, एकांत में अपनी गुफा में आराम से रहता था। उसे न किसी से कुछ लेना था, न ही किसी को कुछ देना था, और उसे लगता था कि उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता, यही कारण था कि वह अपने जीवन से पूरी तरह संतुष्ट था।


प्रश्न 4: साँप मन-ही-मन क्यों हँस रहा था?
उत्तर:
साँप मन-ही-मन इसलिए हँस रहा था क्योंकि वह बाज की बातों को मूर्खता समझता था। बाज ने आकाश में उड़ने की खुशी का अनुभव किया था, जबकि साँप को लगता था कि उड़ने और रेंगने में कोई खास फर्क नहीं है। वह सोचता था कि सभी को एक दिन मरना ही है, इसलिए उड़ने या रेंगने से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस पर वह बाज की मूर्खता पर हँस रहा था।


प्रश्न 5: गुफा के अंदर का दृश्य कैसा था?
उत्तर:
गुफा के अंदर का दृश्य अंधेरा और भयानक था। गुफा की दरारों से पानी टपक रहा था, और वहाँ एक सीलन और दुर्गंध फैली हुई थी, मानो कोई चीज़ वर्षों से सड़ रही हो। गुफा में अंधेरा था और कोई सूरज की रोशनी नहीं पहुँच रही थी, जिससे वह स्थान काफी निराशाजनक और डरावना लगता था।


प्रश्न 6: बाज के मरने के बाद साँप बेचैन क्यों हो गया?
उत्तर:
बाज के मरने के बाद साँप बेचैन हो गया क्योंकि उसने देखा कि बाज अपनी मृत्यु के निकट होते हुए भी आकाश में उड़ने की इच्छा नहीं छोड़ सका। बाज की करुणा भरी चीख ने साँप के मन में आकाश के प्रति एक अज्ञात आकर्षण और इच्छा को जागृत किया।


प्रश्न 7: लहरों द्वारा गाया जाने वाला गीत किसके लिए था?
उत्तर: 
लहरों द्वारा गाया जाने वाला गीत बाज के लिए था। यह गीत उन दीवानों के लिए था, जो अपनी निर्भीकता और बहादुरी के कारण मरने के बाद भी अमर हो जाते हैं। बाज ने अपनी जान को दाव पर लगाकर जीवन में स्वतंत्रता का अनुभव किया और संघर्ष करते हुए अपनी मृत्यु को गले लगाया। इसलिए लहरों ने उसकी वीरता और साहस को श्रद्धांजलि देने के रूप में गीत गाया।

Important Questions: बाज और साँप | Hindi Class 8

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1: साँप जिन्दा रहकर भी वह काम न कर सका जो बाज मरकर कर गया। बाज क्या सन्देश छोड़ गया?
उत्तर: 
साँप जिन्दा रहकर भी कायरता और परतन्त्रता का प्रतीक बना रहा, क्योंकि उसने कभी स्वतंत्रता और साहस का अनुभव नहीं किया। जबकि बाज मरकर भी यह सन्देश छोड़ गया कि हमें जीवन में हर कठिनाई का सामना वीरता और साहस से करना चाहिए, और इसके लिए मृत्यु से भी डरना नहीं चाहिए। वह जीवन में स्वतंत्रता और साहस के महत्व को दिखाता है।


प्रश्न 2: साँप ने बाज को उड़ने के लिए कैसे उत्साहित किया?
उत्तर: 
साँप ने बाज की उड़ने की इच्छा को देखते हुए उसे उत्साहित करते हुए कहा, "यदि तुम हिम्मत करके चट्टान के किनारे पर जाकर उड़ने का प्रयास करो, तो शायद तुम्हारे पंखों में अब भी ताकत बाकी हो। तुम आकाश में उड़ने का प्रयास कर सकते हो। तुम्हें एक बार कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है।"


प्रश्न 3: साँप सबसे बड़ा सुख किसे समझता था?
उत्तर:
साँप अपनी अंधेरी और सीलन भरी गुफा में दुनिया की सभी गतिविधियों से दूर रहता था। वह अपनी गुफा का स्वामी था, न किसी से कुछ लेना, न ही किसी को कुछ देना। उसे दुनिया की भाग-दौड़ और छीना-झपटी से दूर रहने में ही सुख मिलता था। वह संघर्ष से दूर, शांति और सुरक्षित जीवन जीता था, और इसी में उसे संतुष्टि मिलती थी। इसलिए, साँप के लिए यही सबसे बड़ा सुख था।


प्रश्न 4: बाज ने साँप को अपनी जिन्दगी के बारे में कौन सी बातें बताईं?
उत्तर:
बाज ने साँप को अपनी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा कि उसे अपनी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं है। उसने अपनी जिंदगी को पूरी तरह से जी लिया है और दुनिया का कोई ऐसा सुख नहीं था, जिसे उसने न भोगा हो। वह दूर-दूर तक उड़ानें भरकर आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया है। बाज अपनी व्यतीत की हुई जिंदगी से पूरी तरह संतुष्ट था।


प्रश्न 5: बाज के हवा में कूदने पर क्या हुआ? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बाज ने अपने घायल शरीर की सारी शक्ति को एकत्रित कर खुद को चट्टान के किनारे तक खींच लाया। खुले आकाश को देख कर वह अत्यधिक प्रसन्न हो गया और एक गहरी, लंबी साँस ली। फिर उसने अपने पंख फैलाए और हवा में कूद पड़ा। लेकिन उसके टूटे हुए पंखों में इतनी शक्ति नहीं थी कि वह अपने शरीर का बोझ संभाल सके। परिणामस्वरूप, वह पत्थर की तरह लुढ़कता हुआ नदी में गिर गया। उसकी मृत्यु हो गई और एक लहर ने उसके पंखों पर जमे खून को धो दिया। फिर नदी ने उसके थके-माँदे शरीर को अपनी गोद में समेटकर उसे सागर की ओर ले चली।


प्रश्न 6: लहरें अपने गीत में क्या गा रही थीं? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।
उत्तर: 
समुद्र की लहरें अपने गीत में बहादुर बाज की प्रशंसा कर रही थीं। लहरों ने कहा कि बाज ने जिस बहादुरी से अपने शत्रुओं से संघर्ष करते हुए अपना रक्त बहाया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। लहरें गाती हैं कि बाज की एक-एक बूँद से अंधेरे में रोशनी फैल जाएगी और साहसी दिलों में स्वतंत्रता के लिए प्रेम जागेगा। बाज ने अपना जीवन बलिदान कर दिया, लेकिन वह अमर हो गया। लहरें कहती हैं कि बाज का नाम सदैव गर्व और श्रद्धा से लिया जाएगा, और उसकी वीरता के गीत सदा गाए जाएंगे।


प्रश्न 7: आकाश के असीम विस्तार में उड़ान भरने के प्रति साँप की सोच किस प्रकार की थी?
उत्तर:
आकाश के असीम विस्तार में उड़ान भरने के प्रति साँप की सोच पहले निराशाजनक और संकोची थी। बाज की बहादुरी और आकाश में उड़ने के आनंद से प्रभावित होकर साँप ने भी उड़ने का प्रयास किया। उसने हिम्मत बटोरकर अपने शरीर को आकाश में छोड़ दिया, लेकिन वह रेंगने वाला साँप था, इसलिए उड़ने में असफल हो गया। वह नीचे गिरकर डर से काँपने लगा, यह साबित करता है कि उसे आकाश का अनुभव कभी नहीं हो सकता था।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न 1: “हमारा गीत जिंदगी के उन दीवानों के लिए है जो मर कर भी मृत्यु से नहीं डरते।” लहरों ने किन दीवानों के लिए गीत गाया? इसका क्या अर्थ निकल सकता है?
उत्तर: 
लहरों ने उन दीवानों के लिए गीत गाया जो जीवन में किसी भी कठिनाई का सामना साहस और वीरता से करते हैं, और जो मरने के बावजूद मृत्यु से नहीं डरते। उनका जीवन निर्भीकता और संघर्ष से भरा होता है। लहरों का यह गीत बाज के लिए था, जिसने शत्रुओं से लड़ते हुए अपनी जान दी, परंतु अपनी स्वतंत्रता और वीरता का संदेश छोड़ गया। बाज ने यह सिद्ध कर दिया कि मृत्यु जीवन का एक अटल सत्य है, जिसे हमें साहस के साथ स्वीकार करना चाहिए, और जीवन में स्वतंत्रता तथा प्रकाश के लिए निरंतर संघर्ष करना चाहिए।

प्रश्न 2: साँप और बाज के बीच हुई बातचीत और घटनाओं का विश्लेषण करें। बताइए कि किस तरह से साँप ने बाज की मृत्यु से एक नया पाठ सीखा और आकाश की ओर अपनी सोच को बदल दिया।
उत्तर: साँप और बाज के बीच हुई बातचीत और घटनाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया। बाज ने अपनी अंतिम घड़ी में साँप से अपनी उड़ान की खुशी साझा की और आकाश की ऊँचाइयों को अत्यधिक प्रिय बताया। इसके विपरीत, साँप पहले यह मानता था कि आकाश में उड़ना कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है और वह अपनी गुफ़ा में ही संतुष्ट था। लेकिन बाज की मृत्यु के बाद, जब साँप ने आकाश में उड़ने की कोशिश की, तो उसकी असफलता ने उसे यह सिखाया कि आकाश में स्थायित्व नहीं होता, और वह अपनी गुफ़ा में सुरक्षित और शांतिपूर्वक जीवन जीने में ही संतुष्ट हो सकता है। इस प्रकार, साँप ने अपनी सोच में बदलाव किया और समझा कि हमें अपनी स्थिति में संतुष्ट रहना चाहिए, क्योंकि सुख वहीं है जहाँ हम स्वाभाविक रूप से आराम महसूस करते हैं।

प्रश्न 3: कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें जो हमारे पास है, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए और दूसरों की स्थिति से नाहक प्रभावित नहीं होना चाहिए। यही कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हर जीव का अपना तरीका होता है जीवन जीने का, और हमें किसी दूसरे के अनुभवों से खुद को आंकने से बचना चाहिए।
उत्तर: इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें जो हमारे पास है, उसी में संतुष्ट रहना चाहिए और दूसरों की स्थिति से नाहक प्रभावित नहीं होना चाहिए। आकाश और समुद्र के प्रतीक के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि आकाश स्वतंत्रता, साहस और अनंतता का प्रतीक है, जबकि समुद्र स्थिरता, सुरक्षा और शांति का प्रतीक है। बाज ने आकाश की स्वतंत्रता का पीछा किया, लेकिन उसकी मृत्यु से यह सिद्ध हुआ कि आकाश में कोई ठोस सुख नहीं है। समुद्र की लहरों का गीत यह बताता है कि जीवन में साहस और जोखिम लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यही स्वतंत्रता और खुशी की ओर ले जाता है। कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में संतुष्टि और सही निर्णय की अहमियत है और हमें अपने अनुभवों से ही खुद को आंकना चाहिए, न कि दूसरों के अनुभवों से प्रभावित होकर।

प्रश्न 4: कहानी में साँप की मानसिकता और उसके आकाश को लेकर दृष्टिकोण का वर्णन करें। उसे आकाश में क्या आकर्षण दिखाई देता है और वह अपनी गुफ़ा को क्यों छोड़ता है?
उत्तर: कहानी में साँप की मानसिकता यह है कि वह अपनी गुफ़ा में सुरक्षित और आरामदायक जीवन जीता है। उसे लगता है कि आकाश में कुछ भी आकर्षक नहीं है और वह समझता है कि उड़ने से कुछ हासिल नहीं होता, क्योंकि आकाश में कोई ठोस सहारा नहीं होता। हालाँकि, बाज की मृत्यु और उसकी आकाश के प्रति लगन को देखकर साँप के मन में आकाश के प्रति एक जिज्ञासा उत्पन्न होती है। बाज की बहादुरी और आकाश के प्रति उसकी चाहत ने साँप को प्रभावित किया और उसे आकाश में कुछ विशेष होने का अहसास हुआ। इस आकर्षण के कारण वह अपनी गुफ़ा छोड़कर आकाश का अनुभव करने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी असफलता उसे यह सिखाती है कि वह अपने सुख और संतुष्टि के लिए अपनी गुफ़ा में ही रहना चाहिए, जहाँ उसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन मिलता है।

प्रश्न 5: बाज की मृत्यु के बाद साँप को किस तरह का आत्मसाक्षात्कार होता है, और वह अपने जीवन को किस दृष्टिकोण से देखने लगता है?
उत्तर:  बाज की मृत्यु के बाद साँप को आत्मसाक्षात्कार होता है और वह आकाश के बारे में अपनी सोच को पूरी तरह से बदलता है। पहले वह आकाश को एक बेकार चीज़ मानता था, लेकिन अब वह समझता है कि आकाश की स्वतंत्रता में कुछ गहरा आकर्षण था। बाज की दर्दनाक मृत्यु को देखकर साँप महसूस करता है कि उड़ने का सपना केवल बाहरी स्वतंत्रता नहीं देता, बल्कि आंतरिक संतुष्टि और शांति के लिए हमें अपनी स्थिति को स्वीकारना चाहिए। वह अब अपने जीवन को इस दृष्टिकोण से देखता है कि स्थिरता, संतोष और सुरक्षा ही सबसे बड़ा सुख है, और वह कभी आकाश की खोखली स्वतंत्रता के पीछे नहीं भागेगा। उसे अब यह एहसास हुआ कि वह अपनी गुफ़ा में रहकर ही संतुष्ट और सुरक्षित महसूस करता है।

सार-आधारित प्रश्न

सार - 1

जिस जगह पर नदी और समुद्र का मिलाप होता था, वहाँ लहरें दूध के झाग-सी सफेद दिखाई देती थीं। अपनी गुफा में बैठा हुआ साँप सब कुछ देखा करता। लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी-मेढ़ी बलखाती हुई नदी की गुस्से से भरी आवाज़ें।
वह मन ही मन खुश होता था कि इस गर्जन-तर्जन के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है। कोई उसे दुख नहीं दे सकता। सबसे अलग, सबसे दूर, वह अपनी गुफा का स्वामी है। 
न किसी से लेना, न किसी से देना। दुनिया की भाग-दौड़, छीना-झपटी से वह दूर है। साँप के लिए यही सबसे बड़ा सुख था। 
एक दिन एकाएक आकाश में उड़ता हुआ खून से लथपथ एक बाज साँप की उस गुफा में आ गिरा। उसकी छाती पर कितने ही ज़ख्मों के निशान थे, पंख खून से सने थे और वह अधमरा-सा जोर-शोर से हाँफ रहा था। 
जमीन पर गिरते ही उसने एक दर्द भरी चीख मारी और पंखों को फड़फड़ाता हुआ धरती पर लोटने लगा। डर से साँप अपने कोने में सिकुड गया। किंतु दूसरे ही क्षण उसने भाँप लिया कि बाज जीवन की अंतिम साँसें गिन रहा है और उससे डरना बेकार है। यह सोचकर उसकी हिम्मत बँधी और वह रेंगता हुआ उस घायल पक्षी के पास जा पहुँचा।

प्रश्न 1: साँप को अपनी गुफा में क्या सबसे अच्छा लगता था? 
(क) 
दूसरों से मिलना और बातें करना
(ख) अपनी गुफा में अकेले रहना और खुश रहना
(ग) नदी और समुद्र का मिलाप देखना
(घ) आकाश में उड़ते हुए बाज को देखना
उत्तर: (ख) अपनी गुफा में अकेले रहना और खुश रहना

प्रश्न 2: बाज का शरीर किससे सना हुआ था जब वह साँप की गुफा में गिरा? 
(क)
घास से
(ख) कीचड़ से
(ग) खून से
(घ) रेत से
उत्तर: (ग) खून से

प्रश्न 3: बाज ने गुफा में गिरने के बाद क्या किया? 
(क) 
उड़ते हुए भाग गया
(ख) दर्द में चीख मारी और पंख फड़फड़ाए
(ग) साँप से मदद मांगी
(घ) गुफा से बाहर चला गया
उत्तर: (ख) दर्द में चीख मारी और पंख फड़फड़ाए

प्रश्न 4: साँप को बाज से डर क्यों नहीं लगा? 
(क) 
क्योंकि बाज मरने वाला था
(ख) क्योंकि बाज ने उसे डराया था
(ग) क्योंकि वह पहले से जानता था बाज को
(घ) क्योंकि वह अपनी गुफा में सुरक्षित था
उत्तर: (क) क्योंकि बाज मरने वाला था

प्रश्न 5: साँप के लिए सबसे बड़ा सुख क्या था? 
(क) 
दुनिया से जुड़े रहना
(ख) अपनी गुफा में अकेला रहना
(ग) दूसरों से मिलना
(घ) नदी और समुद्र के मिलाप को देखना
उत्तर: (ख) अपनी गुफा में अकेला रहना

सार - 2

मेरी जिंदगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। 
तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगी भर आकाश में उड़ने का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।’’ साँप बोला- ’’आकाश! आकाश को लेकर क्या मैं चाटूँगा!
आकाश में आखिर रखा क्या है? क्या मैं तुम्हारे आकाश में रेंग सकता हूँ। ना भाई, तुम्हारा आकाश तुम्हें ही मुबारक, मेरे लिए तो यह गुफा भली। इतनी आरामदेह और सुरक्षित जगह और कहाँ होगी?’’
साँप मन ही मन बाज की मूर्खता पर हँस रहा था। वह सोचने लगा कि आखिर उड़ने और रेंगने के बीच कौन-सा भारी अंतर है। अंत में तो सबके भाग्य में मरना ही लिखा है – शरीर  मिटृी का है, मिटृी में ही मिल जाएगा।
अचानक बाज ने अपना झुका हुआ सिर ऊपर उठाया और उसकी दृष्टि साँप की गुफा के चारों ओर घूमने लगी। चटृानों में पड़ी दरारों से पानी गुफा में टपक रहा था। सीलन और अँधेरे में डूबी गुफा में एक भयानक दुर्गंध फैली हुई थी, मानो कोई चीज वर्षों से पड़ी-पड़ी सड़ गई हो। 

प्रश्न 1: साँप को आकाश में उड़ने का क्या अनुभव था? 
(क) 
वह आकाश को बहुत पसंद करता था।
(ख) उसे आकाश में उड़ने का कोई खास आकर्षण नहीं था।
(ग) वह आकाश में हमेशा उड़ता था।
(घ) उसे आकाश में उड़ने का डर था।
उत्तर: (ख) उसे आकाश में उड़ने का कोई खास आकर्षण नहीं था।

प्रश्न 2: साँप की गुफा में किस प्रकार की स्थिति थी? 
(क) 
वहाँ बहुत सारी रोशनी थी।
(ख) वहाँ सीलन, अंधेरा और दुर्गंध फैली हुई थी।
(ग) वहाँ ठंडी हवा चल रही थी।
(घ) वहाँ बहुत सारी हरियाली थी।
उत्तर: (ख) वहाँ सीलन, अंधेरा और दुर्गंध फैली हुई थी।

प्रश्न 3: बाज ने साँप को आकाश के बारे में क्या कहा? 
(क)
"तुम्हारा दुर्भाग्य है कि तुम आकाश में उड़ने का आनंद नहीं ले सकते।"
(ख) "तुम आकाश में कभी उड़ नहीं सकते।"
(ग) "तुम आकाश में बहुत ऊँचा उड़ सकते हो।"
(घ) "आकाश में उड़ना बहुत कठिन है।"
उत्तर: (क) "तुम्हारा दुर्भाग्य है कि तुम आकाश में उड़ने का आनंद नहीं ले सकते।"

प्रश्न 4: साँप ने उड़ने और रेंगने के बीच क्या अंतर बताया? 
(क)
उड़ना अधिक आनंददायक है।
(ख) रेंगने में ज्यादा आराम है।
(ग) अंत में सबके भाग्य में मरना लिखा है।
(घ) रेंगने में हमेशा डर रहता है।
उत्तर: (ग) अंत में सबके भाग्य में मरना लिखा है।

प्रश्न 5: बाज ने गुफा में क्या देखा जिससे उसे गुफा की स्थिति का एहसास हुआ? 
(क)
वहाँ बहुत सारी रौशनी थी।
(ख) वहाँ चट्टानों से पानी टपक रहा था और गुफा में दुर्गंध फैल रही थी।
(ग) वहाँ बहुत सारा खाना था।
(घ) वहाँ कोई व्यक्ति सो रहा था।
उत्तर: (ख) वहाँ चट्टानों से पानी टपक रहा था और गुफा में दुर्गंध फैल रही थी।

शब्दार्थ

  • अंतिम साँसें: मृत्यु के निकट
  • अधमरा–सा: घायल
  • अभागा: बुरी किस्मत
  • असीम शून्यता: अपार शांति
  • आँखों से ओझल: गायब होना
  • आकर्षण: लगाव या खिंचाव
  • आखिरी घड़ी: अंतिम समय
  • आनंद: खुशी
  • आरामदेह: आरामदायक
  • आशा: उम्मीद
  • उत्साह: उमंग
  • एक क्षण: पल
  • एकाएक: अचानक
  • करुण: दया
  • काँप–काँप: घबराना
  • कीमती: बहुमूल्य
  • कृपा: दया
  • कोशिश: प्रयास
  • कौन–सा भारी: ज्यादा
  • क्षणभर: थोड़ी देर
  • खजाना: कीमती समान जैसे सोना, ज़ेवर, पैसा आदि
  • खून से लथपथ: भीगा हुआ 
  • खोखल: बड़ा छेद
  • गर्जन: घोर ध्वनि करने की क्रिया
  • गर्जन–तर्जन: गड़गड़ाहट
  • गर्व: सम्मान
  • गुण गाते: बड़ाई करना
  • गुफा: अन्धेरा गड्ढा
  • घाटियों: दो पर्वतों के बीच का पतला रास्ता
  • घायल: चोट खाया हुआ
  • चटृानों: पत्थर का बहुत बड़ा खंड 
  • चट्टान की खोखल: खाली जगह
  • चतुराई: चालाकी
  • चैन: सुकून
  • छीना–झपटी: एक दूसरे से कोई वस्तु छीनने की कोशिश
  • ज़ख्मों: चोट 
  • झिलमिला: चमकना। 
  • टेढ़ी–मेढ़ी: तिरछी–मिरछी
  • ठिकाना: आश्चर्यचकित
  • डींगं हाँकते: बढ़ा चढ़ा कर बात करना
  • ढेर–सी: बहुत सी
  • ताकत: जान
  • तूफानी: बहुत तेज़
  • थके–माँदे: थका–हारा
  • दुर्गंध: बदबू
  • दुर्भाग्य: बुरा भाग्य
  • दूने: दोगुने
  • नापना: छूना
  • निडर: निर्भीक
  • पक्की: निश्चित होना
  • प्राण गँवा:  मृत्यु को प्राप्त करना
  • प्राणों की बाजी:  जान की परवाह न करना
  • प्राणों को खतरे:  जान जोख़िम
  • फड़फड़ाता:  छटपटाना
  • बलखाती:  लहराना
  • बलिदान:  न्योछावर
  • बूते: दम
  • बोझ:  भार
  • रेंगने:  साँप के चलने का तरीका या घसीटना
  • श्रद्धा:  भक्ति भाव
  • सड़:  ख़राब
  • सफ़ेद फेन:  झाग
  • समुद्र के असीम:  जिसकी कोई सीमा न हो
  • सिकुड: सिमटना
  • सिटपिटा–सा:  घबरा
  • सिर चकराने: चक्कर आना
  • सिर धुनने:  शोक मनाने लगी
  • सुख से अनजान:  जिसे जानते न हो
  • स्वच्छंदता:  आज़ादी
  • स्वतंत्रता:  आज़ादी
  • स्वर फूट:  आवाज़ आना
  • हर्ज: फ़र्क
  • हवा में कूद:  उड़ जाना
  • हाँफ:  साँस की गति का तेज़ होना
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FAQs on Important Questions: बाज और साँप - Hindi Class 8

1. "बाज और साँप" की कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
Ans. "बाज और साँप" की कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हमें अपने कार्यों के परिणामों को समझना चाहिए। इसमें यह दिखाया गया है कि कैसे एक बाज अपने स्वार्थ के कारण अपने ही मित्र की जान ले लेता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि स्वार्थी व्यवहार हमेशा नकारात्मक परिणाम लाता है।
2. इस कहानी में बाज और साँप के बीच का संबंध किस प्रकार प्रस्तुत किया गया है?
Ans. इस कहानी में बाज और साँप का संबंध मित्रता और विश्वास के रूप में प्रस्तुत किया गया है। बाज, जो कि एक शिकारी है, अपने साथी साँप के प्रति विश्वासघात करता है। यह संबंध हमें यह समझाता है कि जब विश्वास टूटता है, तो इसके परिणाम कितने भयंकर हो सकते हैं।
3. क्या इस कहानी में कोई नैतिक शिक्षा है? यदि हां, तो वह क्या है?
Ans. हां, इस कहानी में नैतिक शिक्षा है कि स्वार्थ और धोखे से भरे कार्यों का अंत हमेशा दुखद होता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने रिश्तों को सच्चाई और ईमानदारी से बनाना चाहिए। यदि हम किसी के साथ विश्वासघात करते हैं, तो हमें उसके गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
4. कहानी में बाज ने साँप को कैसे धोखा दिया?
Ans. बाज ने साँप को धोखा देने के लिए उसे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया। उसने साँप की सहायता से शिकार किया और जब वह अपने लाभ के लिए तैयार हुआ, तो उसने साँप को मार दिया। यह कार्य यह दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने लाभ के लिए दूसरों का उपयोग करता है और अंत में उन्हें नुकसान पहुंचाता है।
5. "बाज और साँप" की कहानी से हम अपने जीवन में किस तरह के व्यवहार को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं?
Ans. "बाज और साँप" की कहानी हमें ईमानदारी, विश्वास और मित्रता के महत्व को समझाती है। हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें अपने कार्यों में स्वार्थी नहीं होना चाहिए और दूसरों के प्रति सच्चे रहना चाहिए। इसके अलावा, हमें अपने रिश्तों को मजबूत और ईमानदार बनाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का धोखा या विश्वासघात न हो।
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