प्रश्न 1. यशोधर बाबू ने किस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी?
रेम्जे स्कूल, अल्मोड़ा से यशोधर बाबू ने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की थी।
प्रश्न 2. सिल्वर वेडिंग का आयोजन क्यों हुआ था?
यशोधर बाबू की शादी के 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में सिल्वर वेडिंग का आयोजन किया गया था।
प्रश्न 3. रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन कितना था?
रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन डेढ़ हजार रुपया था।
प्रश्न 4. यशोधर बाबू की शादी कब हुई थी?
6 फरवरी सन 1947, को यशोधर बाबू की शादी हुई थी।
प्रश्न 5. किशनदा ने अपना जीवन किसके नाम कर दिया था?
किशनदा ने अपना जीवन समाज सेवा जैसे अच्छे काम के लिए समर्पित कर दिया था।
प्रश्न 6. गांव के घर की क्या स्थिति थी?
यशोधर बाबू के गांव का घर काफी पुराना था एवं कई समय से मरम्मत ना होने के कारण घर टूट फूट चुका था। वर्तमान समय में घर के कई हिस्सेदार बन गए थे इसलिए बेवजह के विवादों से बचने के लिए यशोधर बाबू गांव नहीं जाना चाहते थे।
प्रश्न 7. बेटी की सलाह पर यशोधर बाबू की पत्नी क्या करने लगी थी?
यशोधर बाबू पुराने विचार के व्यक्ति थे जिसके कारण उन्हें आधुनिकता के बदलाव असहनीय लगते थे। यशोधर बाबू की बेटी की सलाह पर उनकी पत्नी आधुनिक दौर के अनुसार स्वयं को बदल रही थी। जैसे हील सैंडल पहनना, बगैर बाँह वाली ब्लाउज पहनना, रसोई के बाहर खाना-खाना आदि चीजें यशोधर बाबू को पसंद नहीं थे।
प्रश्न 8.यशोधर बाबू के साथ दफ्तर में क्या घटना हुई थी?
दफ्तर में आए एक नवयुवक ने यशोधर बाबू के साथ बदतमीजी से बात की थी। यशोधर बाबू को अक्सर रेडियो एवं टेलीविजन से अपनी घड़ी मिलाने की आदत थी। उनके अनुसार दफ्तर की घड़ी उनकी घड़ी से सुस्त थी। शाम को दफ्तर से निकलते समय जब यशोधर बाबू ने उस लड़के से मजाक किया तो उसने यशोधर बाबू के साथ बदतमीजी कर दी।
प्रश्न 9. यशोधर बाबू साइकिल क्यों चलाते थे?
यशोधर बाबू पुराने विचारों के व्यक्ति थेl उन्हें बस में पैसे देकर दफ्तर जाना फिजूल खर्च लगता था। इसलिए वह साइकिल ही चलाया करते थे। उनके दैनिक खर्च नाम मात्र के एवं नहीं के बराबर थेl उन्हें बेवजह के खर्चे करना पसंद नहीं था। इसलिए वे कहीं भी आने-जाने के लिए साइकिल का ही प्रयोग किया करते थे। परंतु बच्चों के बड़े होने के बाद वे अपने दफ्तर पैदल ही आने जाने लगेl चुकि उनके बच्चे आधुनिक विचार के थे इसलिए उन्हें अपने पिता का साइकिल चलाकर दफ्तर जाना पसंद नहीं था।
प्रश्न 10. यशोधर बाबू को घर आना अच्छा क्यों नहीं लगता था?
यशोधर बाबू का परिवार आधुनिक विचारों वाला था एवं उनकी पत्नी धीरे-धीरे बच्चों की सलाह से स्वयं को आधुनिकता के अनुसार बदल रही थी। परंतु यशोधर बाबू समय के अनुसार स्वयं को बदलना नहीं चाहते थेl इस बात से उनके और उनके परिवार के बीच मतभेद जनक स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उनके बच्चे छोटी-छोटी बात पर उनका मजाक बनाते एवं उनकी बातों को मानने से इंकार कर देतेl जब तक उनके बच्चे स्कूल में पढ़ते थे तब तक घर में उनकी इज्जत हुआ करती थीl परंतु अब बच्चे बड़े हो गए थे एवं नौकरी करने लगे थेl जिस कारण बात बात पर उनके बच्चे उनसे बहस किया करते थे। इन्हीं कारणों से यशोधर बाबू को घर आना अच्छा नहीं लगता था।
प्रश्न 11. किशनदा जवानी में क्या खुराफात करते थे?
किशनदा जवानी में अनेकों खुराफात किया करते थे जैसे- ककड़ी चुरा लेना , गर्दन मोड़ कर मुर्गी मार देना, पीछे की खिड़की से कूदकर सिनेमा घर से सेकंड शो सिनेमा देखा आना।
प्रश्न 12. दफ्तर से घर लौटने में यशोधर बाबू को देर क्यों हो जाती थी?
यशोधर बाबू पुराने खयालात के व्यक्ति थेl जिससे उनके बच्चों के विचार और उनके विचार में काफी अंतर था। इस कारण वे अपने परिवार से अलगाव बनाए रखते थे। इसलिए यशोधर बाबू दफ्तर से घर जाने के क्रम में सर्वप्रथम बिरला मंदिर के उद्यान में बैठकर प्रवचन सुना करते थे। फिर वे पहाड़गंज जाते थेl इसके बाद वे घर जाने के क्रम में साग-सब्जी खरीद कर लोगों से मेल मिलाप करते हुए आठ बजे अपने घर पहुंचते थे।
प्रश्न 13. यशोधर बाबू अहमदाबाद क्यों नहीं गए?
यशोधर बाबू के अहमदाबाद जाने की बात पर उनकी पत्नी और बच्चे उनसे नाराज हो जाते इसलिए यशोधर बाबू अपने जीजा जी का हाल पूछने अहमदाबाद नहीं जा सके।
प्रश्न 14. ‘अर्ली टू बैड एंड अर्ली टू राइज मैक्स ए मैन हैल्थी वेल्थी एंड वाइज’l कथन का भाव स्पष्ट करेंl
यह कथन किशनदा अक्सर यशोधर बाबू से कहा करते थेl किशनदा का ऐसा मानना था कि रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से मनुष्य शारीरिक रूप से स्वास्थ्य और मानसिक रूप से बुद्धिमान बनाता है।
प्रश्न 15. पाठ के आधार पर, पाठ में दिए गए वाक्य ‘जो हुआ होगा’ के संबंध में कुछ बताएl
किशनदा की मृत्यु के बाद जब यशोधर बाबू ने मृत्यु का कारण पूछा जिससे उन्हें ‘जो हुआ होगा’ का उत्तर प्राप्त हुआ अर्थात ज्ञात नहीं होना। अतः किशनदा की मृत्यु की क्या वजह थी इस बात को जानने की इच्छा किसी ने नहीं थी। लोगों की मृत्यु पर अक्सर किशनदा ‘जो हुआ होगा’ के वाक्य का प्रयोग किया करते थेl
प्रश्न 16. यशोधर बाबू का व्यक्तित्व समाज के बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठा पाया, क्यों?
यशोधर बाबू पुराने विचारों से प्रभावित थेl जिसके कारण उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तित्व को बदलने की कोशिश नहीं की। समय के साथ साथ उनका परिवार आधुनिकता के सभी तौर-तरीकों को अपनाने में सक्षम हो गया परंतु यशोधर बाबू के विचारों पर किशनदा का गहरा प्रभाव था। अक्सर वे ‘सम हाउ इनप्रॉपर’ वाक्य का प्रयोग किया करते थे। यह वाक्य उनके मन में चल रही असंतोषजनक स्थिति कोई दर्शाती है। जिससे यशोधर बाबू स्वयं को आधुनिकता के अनुसार बदलने के फैसले में असमर्थ थे। उनके अनुसार समाज और मनुष्य के आधुनिक विचार दोनों ही किसी वाहन के पहिए की तरह अलग-अलग दिशा में गति कर रहे थे। इन्हीं विचारों के कारण यशोधर बाबू समाज के बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए थेl
प्रश्न 17. यशोधर बाबू समय के साथ चलने में असफल क्यों रहे?
समय के साथ चलने में यशोधर बाबू निम्न कारणों से असफल रह गए :-
- यशोधर बाबू किशन दा को अपना आदर्श मानते थेl जिसके कारण उनके विचारों में किशनदा के विचारों की गहरी छाप थी।
- उनका अपने बुजुर्गों से बड़ा ही स्नेह थाl जिसके कारण उन्हें आधुनिकता के विचार बड़े ही असहनीय लगते थे।
- यशोधर बाबू पर किशनदा के रहन-सहन और व्यक्तिगत जीवन का बहुत गहरा प्रभाव था जिससे उन्हें सादा जीवन अत्यधिक प्रिय था।
- उन्हें अपना सादा जीवन एवं वेशभूषा अत्यधिक प्रिय था इसलिए उन्होंने कभी भी समय के साथ स्वयं को बदलने की भी चेष्टा नहीं कीl
प्रश्न 18. यशोधर बाबू को पारिवारिक मनमुटाव का सामना करना पड़ा क्यों?
पाठ के अनुसार यशोधर बाबू समय के साथ अपने जीवन में परिवर्तन लाने में पूर्ण रूप से असमर्थ थेl समय के साथ उनका परिवार स्वयं को बदलने में सक्षम रहा। परंतु यशोधर बाबू की दृष्टिकोण में कभी कोई बदलाव नहीं आया एवं इसके विपरीत उनके मन में आधुनिक विचारों के प्रति हीनता के भाव आ गएl उनके बच्चे जब तक स्कूल में पढ़ते थेl तब तक घर में उनकी इज्जत बनी हुई थी। परंतु इसके विपरीत आज उनके बच्चे नौकरी कर रहे हैं एवं इनके विचारों में तालमेल ना हो पाने के कारण वे अपने पिता के साथ बात-बात पर बहस करते हैं। जिससे यशोधर बाबू के मन को काफी ठेस पहुंचती एवं इन्हीं कारणों से उन्हें अपने परिवार से मनमुटाव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
प्रश्न 19. इस पाठ के लेखक मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय लिखिए।
मनोहर श्याम जोशी का जन्म 9 अगस्त सन 1935 में अजमेर शहर के एक बड़े ही संपन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी। वे आधुनिक हिंदी साहित्य के बहुत ही प्रसिद्ध पत्रकार, व्यंग्यकार, उपन्यासकार, कुशल प्रवक्ता एवं उच्च कोटि के संपादक भी रहे हैं। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले प्रसिद्ध धारावाहिकों जैसे ‘नेताजी’ ‘बुनियादी’, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ एवं ‘हम लोग’ के लेखक रहे हैं। उन्होंने पटकथालेखन नामक धारावाहिक पुस्तक की रचना की जो धारावाहिक एवं फिल्म जगत से संबंधित है। इसके अतिरिक्त वे साप्ताहिक हिंदुस्तान और दिनमान के संपादक भी रहे थे। 30 मार्च सन 2006 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गयाl
प्रश्न 20. कहानी सिल्वर वेडिंग का मूल संदेश क्या है?
कहानी ‘सिल्वर वेडिंग’ का मूल संदेश समय के साथ आ रहे बदलावों से मनुष्य के जीवन एवं मनोस्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाना है। पाठ में एक ऐसे व्यक्ति की मनोदशा को दर्शाया गया है जो आधुनिकता के बदलावों को अपनाने में पूर्ण रूप से असमर्थ हैl साथ ही ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति अपने परिवार से किनारा कर अकेला रहने को महत्व देने लगता है। इसी प्रकार कहानी में यशोधर बाबू नामक व्यक्ति की मनोदशा को दर्शाया गया है जो समय के साथ ढलने में असमर्थ रह गएl जिससे उनके और उनके परिवार के बीच दूरियां बढ़ती ही चली गई। पाठ के जरिए लेखक हमें यह संदेश देना चाहते है कि समय के साथ परिवर्तन ही जीवन का मूल मंत्र है।
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1. सिल्वर वेडिंग क्या है? |
2. सिल्वर वेडिंग समारोह की आयोजन विधि क्या है? |
3. सिल्वर वेडिंग में उपहार क्या दिए जा सकते हैं? |
4. सिल्वर वेडिंग क्यों महत्वपूर्ण है? |
5. सिल्वर वेडिंग समारोह की तारीख और समय कैसे तय करें? |
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