Table of contents |
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लघु उत्तरीय प्रश्न |
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
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मूल्यपरक प्रश्न |
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सार-आधारित प्रश्न |
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कक्षा 8 हिंदी में 'जहाँ पहिया है' पाठ के लेखक पालगम्मी साईनाथ जी हैं। इस लेख में वे तमिलनाडू के एक प्रसिद्ध जिले में महिलाओं के साइकिल आंदोलन की चर्चा करते हैं। उन्होंने बताया है कि कैसे महिलाएँ साइकिल के पहिये का उपयोग एक आंदोलन के रूप में करती हैं और इस साधन के माध्यम से वे आत्मनिर्भर बनती हैं। पहले जहाँ महिलाएँ समाज में स्वतंत्र नहीं थीं, वहीं इस साइकिल आंदोलन ने उन्हें घर से बाहर निकलकर काम करने और खुद के पैरों पर खड़े होने का अवसर दिया। साइकिल का पहिया अब केवल एक साधन नहीं, बल्कि स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। इस आंदोलन ने महिलाओं में एक नई आज़ादी और आत्मविश्वास का संचार किया है। आइए इस डॉक्यूमेंट में इस पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार करें।
प्रश्न 1: "जंजीरों" से लेखक का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: लेखक 'जंजीरों' से समाज में फैली रूढ़ियाँ और पितृसत्तात्मक सोच को संदर्भित कर रहे हैं। यह वह सामाजिक बंधन हैं, जिनमें महिलाएँ जकड़ी होती हैं और जिन्हें तोड़ने के लिए महिलाएँ साइकिल आंदोलन जैसी क्रांतिकारी पहल करती हैं।
प्रश्न 2: साइकिल आंदोलन ने महिलाओं के जीवन में क्या बदलाव किए?
उत्तर: साइकिल आंदोलन से महिलाओं को आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता मिली। वे अपने कामों को स्वयं करने लगीं, अधिक स्थानों तक जा सकती थीं, और उनके आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ।
प्रश्न 3: पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध क्यों किया?
उत्तर: पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध इसलिए किया क्योंकि उन्हें महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में उनकी भूमिका में बदलाव का डर था। वे चाहते थे कि महिलाएँ अपनी पारंपरिक सीमाओं के भीतर ही रहें।
प्रश्न 4: लेखक ने इस पाठ का नाम "जहाँ पहिया है" क्यों रखा?
उत्तर: लेखक ने इस पाठ का नाम "जहाँ पहिया है" इसलिए रखा क्योंकि साइकिल ने पुडुकोट्टई की महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बना दिया। साइकिल ने उनकी ज़िंदगी में गति और परिवर्तन लाया, इसलिए यह नाम उपयुक्त है।
प्रश्न 5: फातिमा ने साइकिल चलाने को लेकर क्या बताया?
उत्तर: फातिमा ने कहा कि साइकिल चलाने से उन्हें एक नई स्वतंत्रता मिली। उन्होंने यह भी कहा कि साइकिल चलाने से अब वे किसी पर निर्भर नहीं रहतीं और यह उन्हें आत्मसम्मान का एहसास कराता है।
प्रश्न 1: फातिमा और जमीला की स्थिति से हम क्या शिक्षा ले सकते हैं?
उत्तर: फातिमा और जमीला की स्थिति यह दर्शाती है कि समाज की सोच और रूढ़ियाँ महिलाओं की स्वतंत्रता को रोकने के लिए हमेशा कोशिश करती हैं, लेकिन जब महिलाएँ स्वयं में विश्वास करती हैं, तो वे किसी भी प्रतिरोध का सामना कर सकती हैं। फातिमा और जमीला ने साइकिल चलाने से अपनी स्वतंत्रता को पाया और उन्होंने यह साबित किया कि किसी भी उम्र और परिस्थिति में महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
प्रश्न 2: साइकिल चलाने से महिलाओं को किस प्रकार की आर्थिक और मानसिक स्वतंत्रता मिली?
उत्तर: साइकिल चलाने से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली क्योंकि वे अब अपने उत्पादों को दूसरे गाँवों तक बेचने में सक्षम हो गईं। इसके अलावा, साइकिल ने उन्हें समय की बचत भी दी, जिससे वे अपने घर के काम भी समय पर कर पाती थीं। मानसिक स्वतंत्रता के रूप में, उन्हें यह अहसास हुआ कि वे अब पुरुषों पर निर्भर नहीं हैं, और वे अपने जीवन के फैसले खुद लेने में सक्षम हैं।
प्रश्न 3: पुडुकोट्टई के साइकिल आंदोलन ने महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से सामाजिक बदलाव किए?
उत्तर: साइकिल आंदोलन ने पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कई सामाजिक बदलाव किए। पहले जहाँ महिलाएँ घर की चारदीवारी तक ही सीमित थीं, अब वे साइकिल के माध्यम से घर से बाहर जा सकती थीं और सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकती थीं। इस आंदोलन ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया और साथ ही समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण को भी बदला। अब महिलाएँ अपने फैसले खुद लेने लगीं और उनका सामाजिक दायरा बढ़ गया।
प्रश्न 4: साइकिल चलाने के दौरान महिलाओं को मिली आलोचनाओं और तानों का उन्होंने किस तरह सामना किया?
उत्तर: साइकिल चलाने के दौरान महिलाओं को आलोचनाओं और तानों का सामना करना पड़ा क्योंकि यह उनके लिए एक नई चीज थी और समाज में यह परंपरागत नहीं था। फातिमा और जमीला जैसी महिलाओं ने इन आलोचनाओं को नजरअंदाज किया और अपने आत्मविश्वास को बनाए रखा। वे जानती थीं कि यह बदलाव उनके लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्होंने समाज की प्रतिक्रिया को अपने आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए नजरअंदाज किया और अपने अधिकारों के लिए खड़ी रहीं।
प्रश्न 1: क्या महिलाओं का साइकिल चलाना उनकी आज़ादी का प्रतीक है? क्या आप इससे सहमत है? उत्तर दीजिए
उत्तर: महिलाओं द्वारा साइकिल चलाना उसकी आज़ादी का प्रतीक मानना उचित ही है। मैं इससे पूरी तरह से सहमत हूँ। साइकिल चलाने से किसी भी व्यक्ति को आज़ादी और खुशहाली का अनुभव होता है और आनंद महसूस होता है। आत्मसम्मान प्राप्त होता है और आत्मनिर्भरता आती है। महिलाएँ भी साइकिल चलाना सीखकर अपनी स्वाधीनता के प्रति, अपने अधिकारों के प्रति जाग्रत हुई हैं। वे आत्मनिर्भर हो गईं हैं। उन्हें अब पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इससे उनके समय और श्रम की बचत हुई है। उन्हें बराबरी का दर्जा मिला है। उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है। अब उनमें आत्म-विश्वास की भावना का संचार भी हुआ है। इन सभी सकारात्मक और रचनात्मक परिवर्तनों का कारण साइकिल चलाना ही रहा जो महिलाओं की आज़ादी का प्रतीक बना।
प्रश्न 2: साइकिल चलाने के आंदोलन से महिलाओं के जीवन में जो बदलाव आए, उनका समाज में क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: साइकिल चलाने के आंदोलन ने महिलाओं के जीवन में न केवल आर्थिक और मानसिक स्वतंत्रता लायी, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आया। पहले जहाँ महिलाएँ घर की चारदीवारी तक ही सीमित थीं, अब वे स्वतंत्र रूप से काम करने, अपने उत्पाद बेचने और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने लगीं। इससे समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली। इस आंदोलन ने यह सिद्ध किया कि यदि महिलाओं को सही अवसर मिले तो वे समाज में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। इस प्रकार, साइकिल आंदोलन ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर महिलाओं को आत्मविश्वास दिया, बल्कि समग्र समाज में महिलाओं के प्रति सोच और दृष्टिकोण में भी बदलाव लाया।
प्रश्न 3: क्या आपको लगता है कि साइकिल चलाने से महिलाएं केवल आर्थिक रूप से ही स्वतंत्र हुई हैं, या इसमें मानसिक स्वतंत्रता भी शामिल है? अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर: साइकिल चलाने से महिलाएं केवल आर्थिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वतंत्र हुई हैं। आर्थिक स्वतंत्रता ने उन्हें घर से बाहर निकलकर काम करने और अपनी आय बढ़ाने का अवसर दिया, वहीं मानसिक स्वतंत्रता ने उन्हें यह महसूस कराया कि वे पुरुषों पर निर्भर नहीं हैं। साइकिल ने महिलाओं को न केवल शारीरिक रूप से गतिशील बनाया, बल्कि उन्हें यह एहसास कराया कि वे अपने निर्णय खुद ले सकती हैं और किसी भी सामाजिक बंधन से मुक्त हो सकती हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने खुद को अपनी पहचान और अधिकारों के प्रति सचेत किया। इस आंदोलन ने महिलाओं को अपनी शक्ति और स्वतंत्रता का अनुभव कराया।
मुझे पता है कि जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो लोग फब्तियाँ कसते थे। लेकिन मैंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।’’ फातिमा एक माध्यमिक स्कूल में पढ़ाती हैं और उन्हें साइकिल चलाने का ऐसा चाव लगा है कि हर शाम आधा घंटे के लिए किराए पर साइकिल लेती हैं। एक नयी साइकिल खरीदने की उनकी हैसियत नहीं है।
फातिमा ने बताया कि- ’’साइकिल चलाने में एक खास तरह की आज़ादी है। हमें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। मैं कभी इसे नहीं छोडूँगीं।’’ जमीला, फातिमा और उनकी मित्र अवकन्नी – इन सबकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है और इन्होंने अपने समुदाय की अनेक युवतियों को साइकिल चलाना सिखाया है।
इस ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशसंकों में हैं महिला खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करने वाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल (उपयोग) कर रही हैं।
प्रश्न 1: फातिमा साइकिल क्यों चलाती हैं?
(क) क्योंकि उन्हें साइकिल चलाना बहुत पसंद है।
(ख) क्योंकि उनके पास अपनी साइकिल नहीं है, इसलिए वे किराए पर साइकिल लेती हैं।
(ग) क्योंकि वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती हैं।
(घ) क्योंकि वे साइकिल से यात्रा करना पसंद करती हैं।
उत्तर: (ख) क्योंकि उनके पास अपनी साइकिल नहीं है, इसलिए वे किराए पर साइकिल लेती हैं।
प्रश्न 2: फातिमा साइकिल चलाने को किस तरह की आज़ादी मानती हैं?
(क) मानसिक आज़ादी
(ख) शारीरिक आज़ादी
(ग) व्यक्तिगत आज़ादी
(घ) समय की आज़ादी
उत्तर: (ग) व्यक्तिगत आज़ादी
प्रश्न 3: साइकिल की धूम किस-किस वर्ग की महिलाओं में मची हुई है?
(क) महिला खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में काम करने वाली औरतें और नर्सें
(ख) केवल स्कूल की अध्यापिकाएँ
(ग) केवल महिला खेतिहर मजदूर
(घ) केवल आँगनवाड़ी कार्यकर्ता
उत्तर: (क) महिला खेतिहर मजदूर, पत्थर खदानों में काम करने वाली औरतें और नर्सें
जिन छोटे उत्पादकों को बसों का इंतज़ार करना पड़ता था, बस स्टॉप तक पहुँचने के लिए भी पिता, भाई, पति या बेटों पर निर्भर रहना पड़ता था। वे अपना सामान बेचने के लिए कुछ गिने-चुने गाँवों तक ही जा पाती थीं। कुछ को पैदल ही चलना पड़़ता था। जिनके पास साइकिल नहीं है वे अब भी पैदल ही जाती हैं। फिर उन्हें बच्चों की देखभाल के लिए या पीने का पानी लाने जैसे घरेलू कामों के लिए भी जल्दी ही भागकर घर पहुँचना पड़ता था।
अब जिनके पास साइकिलें हैं वे सारा काम बिना किसी दिक्कत के कर लेती हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि अब आप किसी सुनसान रास्ते पर भी देख सकते हैं कि कोई युवा-माँ साइकिल पर आगे अपने बच्चे को बैठाए, पीछे कैरियर पर सामान लादे चली जा रही है। वह अपने साथ पानी से भरे दो या तीन बर्तन लिए अपने घर या काम पर जाती देखी जा सकती है।
अन्य पहलुओं से ज़्यादा आर्थिक पहलू पर ही बल देना गलत होगा। साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है ’’बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।’’ फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा- ’’साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ।
प्रश्न 1: छोटे उत्पादकों को बस स्टॉप तक पहुँचने के लिए किस पर निर्भर रहना पड़ता था?
(क) केवल पति
(ख) पिता, भाई, पति या बेटों पर
(ग) महिलाएँ खुद ही बस स्टॉप पहुँच जाती थीं
(घ) उन्हें कोई नहीं मदद करता था
उत्तर: (ख) पिता, भाई, पति या बेटों पर
प्रश्न 2: साइकिल के माध्यम से महिलाएँ किस प्रकार के काम आसानी से कर लेती हैं?
(क) वे घर के काम करती हैं
(ख) वे बच्चों की देखभाल करती हैं
(ग) वे सामान लादकर यात्रा करती हैं
(घ) वे सिर्फ घरेलू काम करती हैं
उत्तर: (ग) वे सामान लादकर यात्रा करती हैं
प्रश्न 3: फातिमा का साइकिल चलाने से जुड़ा क्या विचार है?
(क) साइकिल से उनका आत्मसम्मान बढ़ा है
(ख) साइकिल चलाने से केवल आर्थिक लाभ हुआ है
(ग) साइकिल चलाने से उन्हें सामाजिक मान्यता मिली है
(घ) साइकिल से उन्हें खुशी नहीं मिली
उत्तर: (क) साइकिल से उनका आत्मसम्मान बढ़ा है
प्रश्न 4: साइकिल चलाने से महिलाओं की किस समस्या का समाधान हुआ?
(क) आर्थिक स्थिति सुधारना
(ख) बच्चों की देखभाल करने की समस्या
(ग) घरेलू कामों में सहयोग
(घ) यातायात से जुड़ी समस्याओं का समाधान
उत्तर: (घ) यातायात से जुड़ी समस्याओं का समाधान
प्रश्न 5: फातिमा साइकिल चलाने को लेकर क्या सोचती हैं?
(क) साइकिल चलाने से आर्थिक लाभ होता है
(ख) साइकिल चलाने से उन्हें आत्मनिर्भरता मिली है
(ग) साइकिल चलाने से वे पैसे गँवाती हैं
(घ) साइकिल चलाने से समाज में स्थान मिलता है
उत्तर: (ग) साइकिल चलाने से वे पैसे गँवाती हैं
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1. पहिया क्या है और कैसे काम करता है? | ![]() |
2. पहिया का उपयोग किस-किस चीज़ में होता है? | ![]() |
3. पहिये के कितने प्रकार होते हैं? | ![]() |
4. पहिया का आविष्कार किसने किया था? | ![]() |
5. पहिया चक्रधारी यंत्रों में क्यों जरूरी होता है? | ![]() |