Table of contents | |
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) | |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक) |
प्रश्न 1: शीर्षक 'नीलकंठ' क्या है?
उत्तर: 'नीलकंठ' एक लेख चित्र है, जिसमे नीलकंठ एक मोर का नाम है।
प्रश्न 2: चिड़िया कौन बेचता था?
उत्तर: एक चिढमार चिड़िया बेचता था।
प्रश्न 3: मोर किस लिए जाना जाता है?
उत्तर: मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। साथ ही मोर वर्षा में नाचने के लिए भी जाना जाता है।
प्रश्न 4: लोग मोर क्यों खरीदना चाहते थे?
उत्तर: मोर के पैरों से दवा बनती है। इसलिए लोग मोर खरीदना चाहते थे।
प्रश्न 5: लेखिका ने क्या पाला था?
उत्तर: लेखिका ने मोर का जोड़ा पाला था।
प्रश्न 1: लेखिका ने मोर किससे ख़रीदा था और कितने में ख़रीदा था?
उत्तर: लेखक ने मोर ‘बड़े मियाँ चिड़ियावाले’ नाम के एक दुकानदार से ख़रीदा था। लेखिका ने मोर का जोड़ा ३५ रूपये में ख़रीदा था।
प्रश्न 2: लेखिका ने दोनों मोर को पिंजड़े में डालने का फैसला क्यों किया?
उत्तर: लेखिका को चित्रा नाम की एक बिल्ली से डर था कि उससे दोनों मोर को खतरा है। उससे उनकी रक्षा के लिए लेखिका ने दोनों मोर को पिंजड़े में डालने का फैसला किया।
प्रश्न 3: लेखिका को किस चीज़ का शौक था?
उत्तर: लेखिका को पशु-पक्षी पालना बहुत पसंद था। अपने इस शौक के लिए उन्होंने अपने घर में एक बड़ा-सा पशु-पक्षी का पिंजड़ा रखा था।
प्रश्न 4: लेखिका ने कौन-कौन से पशु पक्षी पाल रखे थे?
उत्तर: लेखिका ने बहुत-से पशु-पक्षी पाल रखे थे। पिंजड़े में कबूतर,तोता,खरगोश आदि थे। इसके अतिरिक्त एक बिल्ली और एक कुतिया भी थे। बाद में दो मोर का जोड़ा भी इसमें शामिल हो गया।
प्रश्न 5: लेखिका के घर में मोर के जोड़े को किससे खतरा था?
उत्तर: लेखिका के घर में मोर के जोड़े को चित्रा नाम की बिल्ली से खतरा था। उन्हें बचाने के लिए वो हमेशा कमरे का दरवाज़ा बंद रखती थी और उन्हें पिंजड़े में डालने का भी फैसला लिया।
प्रश्न 1: बड़े मियाँ ने मोर लेखिका को ही क्यों बेचा?
उत्तर: बड़े मियाँ को मालूम था कि लेखिका को पशु-पक्षियों से बहुत प्रेम है। यदि वह किसी और को मोर बेचते तो वह मोर को मारकर उसके पैरों से दवाई बना लेता । लेकिन बड़े मियाँ जानते थे कि लेखिका मोर को नहीं मारेंगी इसलिए उसने मोर लेखिका को ही बेचा।
प्रश्न 2: लेखिका किस बात से चिढ़ जाती हैं और क्यों?
उत्तर: लेखिका को अनेक बार ठगा गया इसलिए ठगे जाने की बात पर लेखिका चिढ़ जाती है। जब लेखिका मोर के जोड़े को घर लेकर आईं तो घरवाले बोलने लगे कि वे मोर नहीं अपितु तीतर के बच्चे हैं। पहले भी उन्हें ऐसे ठगा गया है इसलिए वह यह बात सुनकर चिढ़ गईं।
प्रश्न 3: लेखिका ने मोर का नाम नीलकंठ और मोरनी का नाम राधा क्यों रखा था?
उत्तर: मोर की गर्दन नीली थी इसलिए लेखिका ने उसका नाम नीलकंठ रखा। मोरनी हमेशा मोर के साथ-साथ उसकी छाया में रहती थी इसलिए उसका नाम राधा रखा था।
प्रश्न 4: लेखिका ने दोनों मोर को पिंजड़े में डालने का फैसला क्यों किया?
उत्तर: लेखिका ने इन कारणों से मोर के जोड़े को पिंजड़े में डालने का फैसला किया:
प्रश्न 5: पिंजड़े के पशु-पक्षी दोनों मोर से कैसा व्यवहार करते हैं?
उत्तर: पिंजड़े के पशु-पक्षी दोनों मोर के आने पर ऐसा व्यवहार करने लगे जैसे नववधू के आने पर होता है। पिंजड़े में मानो भूचाल आ गया हो। कबूतर नाचना छोड़ कर मोर के जोड़े के आस-पास घूमकर गुटरगूँ करने लगा। बड़े खरगोश गंभीरता से उन्हें देखने लगे और छोटे खरगोश उनके पास उछलने लगे।
प्रश्न 1: ‘कुब्जा के सिवाय सभी पशु-पक्षी एक-दूसरे के मित्र थे।' क्यों?
उत्तर: सभी जानवर एक साथ मेल-मिलाप से रहते थे। परंतु कुब्जा का स्वभाव ईर्ष्यालु था। वह सभी को परेशान करती थी। वह सबको नीलकंठ से दूर करने की कोशिश करती रहती थी और इस कारण वह सभी जानवरों को अपनी चोंच से घायल कर देती थी। उसने राधा को भी घायल कर दिया था और उसके अंडे नष्ट कर दिये थे। उसके इस स्वभाव के कारण सभी कुब्जा से दूर रहते थे।
प्रश्न 2: वसंत में नीलकंठ जालीघर में क्यों नहीं रह पाता था?
उत्तर: वसंत ऋतु में नीलकंठ अपने आंतरिक स्वभाव के कारण अस्थिर हो जाता था। उसे फलों वाले पेड़ों से अधिक फूल और सुगंध वाले पेड़ भाते थे। वसंत में आम के पेड़ मंजरियों से भर जाते थे और अशोक के पेड़ पर लाल पत्तियाँ भर जाती थीं। उसे मालूम चल जाता था कि जल्द बादल छा जाएँगे और वर्षा में नाचने के लिए वह अधीर हो जाता था। इसी कारण वसंत में वह जालीघर में नहीं रह पाता था।
प्रश्न 3: 'इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा।' यह वाक्य लेखिका के मन में क्यों आता है? यह किस घटना का संकेत था?
उत्तर: 'इस आनंदोत्सव की रागिनी में बेमेल स्वर कैसे बज उठा।' यह वाक्य उस घटना की ओर संकेत करता है जब लेखिका बड़े मियाँ की दुकान से एक घायल मोरनी को अपने घर ले आई। उस मोरनी का नाम कुब्जा रखा गया। उसका स्वभाव ईर्ष्यालु होने के कारण उसे राधा और नीलकंठ का साथ रहना पसंद नहीं था। वह नीलकंठ के साथ रहना चाहती थी पर वह उससे दूर भागता। जो भी जानवर नीलकंठ के समीप आता, उसे कुब्जा अपनी चोंच से घायल कर देती थी। उसने अपनी चोंच से राधा को भी घायल कर दिया था और उसके अंडे तोड़ दिये थे। इस कारण नीलकंठ दुखी रहने लगा।
प्रश्न 4: नीलकंठ का कौन सा स्वभाव लेखिका को अच्छा लगता था?
उत्तर: लेखिका को नीलकंठ का यह स्वभाव बहुत अच्छा लगता था कि वह लेखिका को प्रसन्न करने का प्रयास करता था। जब भी वर्षा ऋतु में नीलकंठ अपने इंद्रधनुषी पंखों को फैलाकर राधा के संग नाचता था, तब यह दृश्य लेखिका को मंत्रमुग्ध कर देता था। नीलकंठ जान गया था कि लेखिका को उसका बहुत पसंद था। जब भी लेखिका नीलकंठ के पास होती तो वह नृत्य मुद्रा ले लेता था।
प्रश्न 5: दूसरी मोरनी का स्वभाव कैसा था? लेखिका ने उसको क्या नाम दिया था? लेखिका ने नीलकंठ और राधा को पिंजड़े में डालने का फैसला क्यों लिया?
उत्तर: दूसरी मोरनी का स्वभाव ईर्ष्यालु था, अपने नाम के अनुकूल। लेखिका ने उसका नाम "कुब्जा" रखा। लेखिका ने इन कारणों से मोर के जोड़े को पिंजड़े में डालने का फैसला किया:
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