लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: वेद की उत्पत्ति कैसे हुई? तथा इसका अर्थ बताइए।
उत्तर: वेद की उत्पत्ति ‘विद्’ धातु से हुई। जिसका अर्थ है जानना। वेद का सीधा सादा अर्थ है अपने समय के ज्ञान का संग्रह। पर उसमें न मूर्ति पूजा है न देव मन्दिर।
प्रश्न 2: महाभारत से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: महाभारत से मिलने वाली शिक्षा को एक वाक्य में इस रूप से सूत्रबद्ध किया गया है ‘‘दूसरों के साथ ऐसा आचरण नहीं करो जो तुम्हें खुद अपने लिए स्वीकार्य न हो।’’
प्रश्न 3: सिन्धु घाटी सभ्यता ने किन-किन सभ्यताओं से सम्बन्ध स्थापित किया और व्यापार किया?
उत्तर: सिन्धु घाटी सभ्यता ने फारस, मेसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं से सम्बन्ध स्थापित किया और व्यापार किया।
प्रश्न 4: नेहरू जी ने कहा कि ‘‘इतिहास की उपेक्षा के परिणाम अच्छे नहीं हुए’’, आपके अनुसार इतिहास लेखन में क्या-क्या शामिल किया जाना चाहिए ?
उत्तर: इतिहास लेखन के लिए इतिहासकार होने चाहिए। महाकाव्यों और अन्य ग्रन्थों के कल्पित इतिहास वुळछ समकालीन अभिलेखों, शिल्पलेखों, कलाकृतियों और इमारतों के अवशेषों, सिक्कों और संस्वृळत साहित्य के विशाल संग्रह से सहायता लेनी पड़ती है तथा लेखन में विदेशी यात्रियों के सफरनामों से भी सहायता मिलती है।
प्रश्न 5: हमने अपना साहित्य कैसे खो दिया है?
उत्तर: हमारा बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि यूनान ने भारत में और विश्व के दूसरे भागों ने भी प्राचीन साहित्य के एक बहुत बड़े हिस्से को खो दिया है, क्योंकि इन ग्रन्थों को आरम्भ में ताड़-पत्रों पर या भोज-पत्रों पर लिखा गया था।
प्रश्न 6: सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय कौन सी बातें पता चली हैं?
उत्तर: सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में ज्ञात हुआ है कि सिन्धु सभ्यता में व्यापारी वर्ग धनाढ्य था, सिन्धु सभ्यता अत्यंत विकसित सभ्यता थी, वह सभ्यता प्रधान रूप से धर्म निरपेक्ष थी तथा सांवृळतिक युगों की अग्रदूत थी। सिंधु सभ्यता की खुदाई के समय मिले मकानों को देखकर जान पड़ता है कि ये दो या तीन मंजिला मकान हैं, सिन्धु घाटी की सिन्धु नामक नदी भी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए अत्यंत विख्यात है। यह ‘एक नागर सभ्यता थी तथा अत्यंत विकसित थी।
प्रश्न 7: भारत में निर्माण की गई सभ्यता का आधार क्या था? अशोक ने जो इमारतें बनवाईं उनकी विशेषता के बारे में लिखिए।
उत्तर: भारत में निर्मित सभ्यता का मूल आधार स्थिरता तथा सुरक्षा की भावना थी। अशोक ने अपने समय में इमारतों का निर्माण करवाने हेतु विदेशी कारीगरों को बुलवाया था, यही वह कारण है कि उन इमारतों में भारतीय कला परंपरा होते हुए भी विदेशी वास्तुकला की झलक दिखती है।
प्रश्न 8: भगवद्गीता के विषय में लिखिए।
उत्तर: भगवद्गीता महाभारत का ही अंश है, परन्तु वह अपने आप में ही एक पूर्ण रचना है। भगवद्गीता 700 श्लोकों का एक काव्य है। भगवद्गीता की रचना बौद्धकाल से पहले हुई थी तथा इसका महत्त्व आज तक बना हुआ है। भगवद्गीता के माध्यम से मनुष्यों को कर्तव्यों के निर्वाह के लिए कर्म करने की प्रेरणा दी गई है।
प्रश्न 9: चाणक्य किसका सलाहकार था? उसके विषय में लिखिए।
उत्तर: चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य का सलाहाकार था। चाणक्य अत्यंत तीव्र बुद्धि वाला व्यक्ति था। कौटिल्य चाणक्य का ही दूसरा नाम था। उसने ‘अर्थशास्त्र’ नामक पुस्तक में मौय साम्राज्य के बारे में विस्तार से लिखा है। वह सम्राट चन्द्रगुप्त को स्वामी की तरह नही बल्कि एक प्रिय शिष्य की तरह देखता था। वह साहसी और षडयन्त्री, अभिमानी और प्रतिशोधी था जो न कभी अपमान को भूलता है और न अपने लक्ष्य को ओझल होने देता है। चंद्रगुप्त मौर्य की सफलता उसके सलाहकार चाणक्य की बुद्धि-चातुर्य का ही परिणाम थी।
प्रश्न 10: जातक कथाओं से ग्राम्य सभाओं के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर: जातक कथाओं से पता चलता है कि ग्राम्य सभाएँ एक सीमा तक ही स्वतंत्र थीं। ग्राम्य सभाओं की जीविका का एकमात्र साधन लगान था। जमीन पर लगाया गया कर उत्पादन की वस्तु में राजा का हिस्सा माना जाता था। प्रायः इसका भुगतान गल्ले के रूप में किया जाता था। यह उत्पादित वस्तु के छठे हिस्से के रूप में होता था।
प्रश्न 11: भारत का अतीत सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में लिखिए।
उत्तर: भारत का अतीत सिन्धु घाटी सभ्यता से पता चलता है। सिन्धु घाटी की सभ्यता अत्यंत विकसित सभ्यता थी। यहाँ की सिन्धु नदी भी अपनी भयंकर बाढ़ों के लिए प्रसिद्ध थी। यह सभ्यता प्रधान रूप से धर्म निरपेक्ष व एक नागर सभ्यता मानी जाती है।
प्रश्न 12: भारत में लेखनकला के विषय में क्या ज्ञात होता है?
उत्तर: भारत में लेखनकला अत्यंत प्राचीन है। पाषाण युग के पुराने मिट्टी के बर्तनों पर ब्राह्मी लिपि के अक्षर मिले हैं। माना जाता है कि इसी लिपि से भारत की देवनागरी लिपि तथा अत्य लिपियों का विकास हुआ है। अशोक के कुछ लेख ब्राह्मी लिपि तथा उत्तर-पश्चिम के कुछ लेख खरोष्ठी लिपि में भी हैं।
प्रश्न 13: भौतिकवाद विषय का साहित्य किसने नष्ट किया?
उत्तर: भारत के भौतिकवादी साहित्य को पुरोहितों तथा धर्म के पुराणपंथी स्वरूप में विश्वास करने वाले लोगों ने नष्ट कर दिया। क्योंकि भौतिकवादियों ने विचार, धर्म व ब्रह्म विज्ञान के अधिकारियों तथा स्वार्थ से प्रेरित विचारों का विरोध किया था।
प्रश्न 14: बुद्ध की शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर: महात्मा बुद्ध ने अपने शिष्यों से कहा कि सभी देशों में जाओ व बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करो, यह संदेश दो कि घृणा का अंत घृणा से नहीं अपितु प्रेम से होता है व मनुष्य को अपने क्रोध को दया तथा बुराई को भलाई से काबू पाना चाहिए। स्वयं अपने पर विजय पाने वाला सच्चा विजेता होता है। मनुष्य की जाति जन्म से नहीं बल्कि केवल कर्म से तय होती है।
प्रश्न 15: प्राचीनकाल की पुराकथाएँ कैसी थीं?
उत्तर: प्राचीनकाल की पुराकथाएँ उस समय की विख्यात कहानियाँ वीरगाथात्मक थीं। इनमें सत्य पर ही चलने और उस पर अड़े रहने तथा वचन के पालन करने का उपदेश दिया गया है, चाहे परिणाम जो भी हो। इनमें जीवन पर्यंत तथा वप़ळादारी और साहस, लोकहित के लिए सदाचार और बलिदान की शिक्षा दी गई है।
प्रश्न 16: तक्षशिला विश्वविद्यालय के विषय में लिखिए।
उत्तर: पेशावर के समीप एक प्राचीन तथा विश्वविख्यात विश्वविद्यालय था, जिसका नाम तक्षशिला या तक्षिला था। विज्ञान, कला तथा चिकित्साशास्त्र और कलाओं के लिए यह विश्वविद्यालय अत्यंत विख्यात था। भारत के दूर-दूर के प्रांतों व हिस्सों के लोग इस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने हेतु आते थे। तक्षशिला विश्वविद्यालय से स्नातक होना विशेष योग्यता, सम्मान तथा गर्व की बात थी। यह विश्वविद्यालय बौद्ध काल में बौद्ध ज्ञान का केन्द्र बन गया था।
दीर्घउत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: उपनिषदों की प्रमुख विशेषता क्या है?
उत्तर: उपनिषदों की सबसे प्रमुख विशेषता है सच्चाई पर बल देना। उपनिषदों की मशहूर प्रार्थना में प्रकाश और ज्ञान की ही कामना की गई है। ‘अन्धकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चल। मृत्यु से मुझे अमरत्व की ओर ले चल।’ नैतिक मूल्यों को अपने चरित्र में उतारें।
प्रश्न 2: सिन्धु घाटी सभ्यता के अन्त के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अन्त कैसे हुआ होगा?
उत्तर: सिन्धु-घाटी की सभ्यता का अन्त आकस्मिक दुर्घटना को माना जाता है। इसके नष्ट होने का प्रमुख कारण सिन्धु नदी की बाढ़ को माना जाता है जो अपने साथ नगरों और गाँवों को बहा ले गई होगी। एक अन्य कारण यह भी माना जाता है कि मौसम परिवर्तन के कारण जमीन सूखती गई हो और चारों ओर रेगिस्तान छा गया हो।
प्रश्न 3: अशोक द्वारा निर्मित इमारतों की क्या विशेषता थी?
उत्तर: अशोक ने अपने समय में इमारतों का निर्माण करवाने के लिए विदेशी कारीगरों को बुलाया था। यही कारण है कि उन इमारतों में भारतीय कला की छाप होते हुए भी विदेशी वास्तुकला की झलक दिखाई देती है।
प्रश्न 4: कलिंग के युद्ध ने अशोक के मानस-पटल को कैसे बदल दिया?
उत्तर: कलिंग के युद्ध में कत्ले-आम हुआ और अशोक विजयी रहा। अनगिनत लोगों की मौत से अशोक को बहुत पछतावा हुआ। उसने ठान लिया कि अब युद्ध नहीं करेगा। उसकी युद्ध से विरक्ति हो गई बुद्ध की शिक्षा से प्रभावित होकर उसने माना कि हिंसा गलत है। सच्ची विजय तो लोगों के हृदय को जीतने में है।
प्रश्न 5: आज के युग में भी अशोक को ससम्मान क्यों याद किया जाता है?
उत्तर: अशोक मौर्य साम्राज्य का उत्तराधिकारी बना। अशोक एक ऐसा शासक था, जिसका नाम भारत और एशिया के अनेक भागों में आज भी आदरपूर्वक लिया जाता है, क्योंकि उसने प्रजा की भलाई हेतु अनेक कार्य किए। स्वयं बौद्ध धर्म का अनुयायी होते हुए भी वह सभी धर्मों का एक समान आदर करता था। उसने महात्मा बुद्ध के उपदेशों के प्रचार व प्रसार हेतु, नेकी और सदभाव के काम में तथा प्रजा के हित के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया था। उसने युद्ध नीति को न अपनाकर अहिंसा को अपनाया, इसी कारण से वोल्गा से लेकर जापान तक के लोग उसका नाम आदरपूर्वक लेते हैं।
प्रश्न 6: जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म की समानताएँ लिखिए।
उत्तर: जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म दोनों ही वैदिक धर्म से कटकर अलग हुए थे, दोनों धर्मों ने ही वेदों को प्रमाण नहीं माना है। दोनों ही धर्म सदैव अहिंसा पर चलने की शिक्षा देते हैं। तथा दोनों ने ही भिक्षुओं के संघ बनाए हैं। दोनों ही धर्मों के लोग किसी भी धर्म की निंदा नहीं करते थे। इनके रचयिता अर्थात् बौद्ध धर्म के ‘महात्मा बुद्ध’ तथा जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी दोनों ही समकालीन तथा क्षत्रिय थे।
प्रश्न 7: चरक कौन थे? महाकाव्यों के युग में शिक्षा के बारे में लिखिए।
उत्तर: चरक कनिष्क के दरबार में राजवैद्य थे। उन्होंने औषधि विज्ञान पर पुस्तकें लिखीं। इन पुस्तकों में अनेक बीमारियों का जिक्र है। उनकी पहचान तथा इलाज का वर्णन है। महाकाव्यों के युगों में वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें शिक्षा प्रशिक्षण और सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थियों को नियमित और ब्रह्मचर्य का जीवन यापन करने की शिक्षा दी जाती थी।
प्रश्न 8: महाभारत से हमें क्या नैतिक शिक्षा मिलती है?
उत्तर: महाभारत से हमें नैतिक शिक्षा मिलती है कि हमें लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जिसे स्वयं हम पसंद नहीं करते, धन के पीछे नहीं भागना चाहिए तथा जो कार्य संसार के हित में न हो, वह कार्य कदापि नहीं करना चाहिए। जाति और कुल को सफलता के साधन नहीं समझना चाहिए।
मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1: भारत की गुलामी यहाँ के निवासियों की निरक्षरता के कारण ही आई होगी। शिक्षित युवा होने के नाते आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर: देश की पराधीनता के लंबे समय तक बने रहने में अधिकांश भारतीय समाज की निरक्षरता बहुत उत्तरदायी रही है। वास्तव में एक अशिक्षित व्यक्ति से हम ऐसी आशा नहीं कर सकते कि उसमें अपने उत्तरदायित्व के प्रति जागरूकता हो, राजनैनिक चिंतन और ज्ञान के प्रति रुचि रखता हो, लेकिन यह बात अवश्य है कि ग्रामीण सीधे-सादे और भोले होते हैं। यदि उन्हें कोई मार्गदर्शक मिल जाए, तो उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है, क्योंकि उनमें परिस्थितियों के अनुसार ढलने की क्षमता होती है। यही कारण था कि नेहरू जी ने उनकी इस वास्तविकता को समझा और उनकी शक्ति का सदुपयोग कर देश को आजाद कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भारत के गाँव उसकी आत्मा है और भारत शरीर है। यदि आत्मा की स्थिति ठीक हो, तो शरीर की उन्नति संभव है। भारत को आजाद कराने के लिए ग्रामीणों का साक्षर होना आवश्यक था। अतः मैं कह सकता हूँ कि भारत की गुलामी के लिए यहाँ के निवासियों की निरक्षता उत्तरदायी है।
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1. सिन्धु घाटी सभ्यता क्या है? |
2. सिन्धु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं? |
3. सिन्धु घाटी सभ्यता की नगरीय जीवनशैली कैसी थी? |
4. सिन्धु घाटी सभ्यता में उपयोग हुए सामग्री की सूची बताएं। |
5. सिन्धु घाटी सभ्यता का अस्तित्व किस समय से किस समय तक था? |
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