प्रश्न 1: कविता के आधार पर कवि की चरित्रगत विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: कवि माखनलाल चतुर्वेदी देशभक्त थे, जिन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर देश की परतंत्रता को समाप्त करने के लिए जी-जान से प्रयत्न किया था। अंग्रेज़ी शासन द्वारा उन्हें कारागार में चोर, डाकुओं और बटमारों के साथ बंद किए जाने पर भी वे हताश नहीं हुए थे। वे संवेदनशील थे। कोकिल के रात के समय कूकने पर उनकी संवेदना उससे भी जुड़ गई थी। वे कल्पनाशील थे। अंग्रेजी सरकार के द्वारा दिए जाने वाले कष्ट उन्हें तोड़ नहीं पाए थे। वे वचन के पक्के थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक बार मन में ठान लेने पर वे इस मार्ग से पीछे नहीं हटे थे।
प्रश्न 2: रात के समय कोकिला किस कारण आई थी ?
उत्तर: कवि ने कोकिला को स्वतंत्रता से प्यार करने वाले पक्षी के रूप में चित्रित किया है। कवि के अनुसार वह भी देश को गुलामी में बँधे देखकर रो रही थी। जो लोग देश आज़ाद करवाने का प्रयत्न कर रहे थे, उन्हें ब्रिटिश अधिकारी कष्ट दे रहे थे। कोयल आधी रात को कारागार में बंद स्वतंत्रता सेनानियों के कष्टों में सहभागी बनने और उनके कष्टों पर मरहम लगाने के लिए आई थी। वह उनके साथ मिलकर रोना चाहती थी।
प्रश्न 3: कोयल की कूक ‘चमकीला गीत’ क्यों है ?
उत्तर: आधी रात में कवि को कोयल के कूकने की आवाज सुनाई देती है। कवि अपना दुख कोयल के साथ बाँटना चाहता था। कवि में कोयल की कूक आशा व उत्साह का भाव और स्वर प्रदान करती थी, जिस कारण वह अपनी निराशा से मुक्ति पाता था। वह उसे प्रेरणा प्रदान करती थी। कवि को कोकिला का स्वर देशभक्ति में डूबा हुआ-सा प्रतीत होता था। इसलिए कवि को लग रहा था कि वह अपने ‘चमकीले गीत’ से उसमें कष्टों को सहने का उत्साह भरने आई है।
प्रश्न 4: कवि किन कष्टों के कारण रात भर जागता रहता था और कोयल से वह क्या जानना चाहता था ?
उत्तर: अंग्रेज़ी सरकार ने कवि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण जेल में बंद किया था। जेल में अंग्रेज़ अधिकारी कैदियों को तरह- तरह के कष्ट देते थे। कैदियों को पेट भर खाना नहीं मिलता था। कवि वहाँ के कष्टों से परेशान रात भर जागता रहता था। कवि ने कोयल से उसके आधी रात के समय कूकने का कारण जानने की इच्छा व्यक्त की। वह उससे उसके कष्टों के विषय में जानना चाहता था, जिससे परेशान होकर वह रात के समय जाग रही थी।
प्रश्न 5: कवि ने अपनी और कोकिला की अवस्थाओं में किस प्रकार तुलना की है ?
उत्तर: कवि ने अपनी और कोकिला की अवस्था में बहुत अंतर माना है। कोकिला को रहने के लिए पेड़ की हरी-भरी शाखाएँ मिली हैं, जबकि कवि दस फुट की काली कोठरी में रहता है। कोकिल खुले आसमान में विचरण करती है और वह काली कोठरी में बंद है, जहाँ सब कुछ काला ही काला है। कोकिल कूकती है, तो सबको अच्छा लगता है, उसमें जीवन का रंग दिखाई देता है। परंतु कवि रोता है, तो उसमें दुख दिखाई देता है और उसका रोना गुनाह माना जाता है।
17 videos|159 docs|33 tests
|
17 videos|159 docs|33 tests
|
|
Explore Courses for Class 9 exam
|