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प्रश्न.1. निम्नलिखित में से किसको पीटकर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है?
(क) जिंक
(ख) फॉस्फोरस
(ग) सल्फर
(घ) ऑक्सीजन
सही उत्तर (क) जिंक
प्रश्न.2. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
(ख) सभी अधातुएँ तन्य होती हैं।
(ग) सामान्यतः धातुएँ तन्य होती हैं।
(घ) कुछ अधातुएँ तन्य होती हैं।
सही उत्तर (क) सभी धातुएँ तन्य होती हैं।
प्रश्न.3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:-
(क) फ़ॉस्फ़ोरस बहुत____अधातु है।
(ख) धातुएँ ऊष्मा और___की___होती हैं।
(ग) आयरन, कॉपर की अपेक्षा ____अभिक्रियाशील है।
(घ) धातुएँ, अम्लों से अभिक्रिया कर ____गैस बनाती है।
(क) क्रियाशील
(ख) विद्युत्, सुचालक
(ग) अधिक
(घ) हाइड्रोजन
प्रश्न.4. यदि कथन सही है तो “T” और यदि गलत है तो कोष्ठक में “F” लिखिए:-
(क) सामान्यतः अधातु अम्लों से अभिक्रिया करते है।
(ख) सोडियम बहुत अभिक्रियाशील धातु है।
(ग) कॉपर, जिंक सल्फेट के विलयन से जिंक विस्थापित करता है।
(घ) कोयले को खींच कर तारें प्राप्त की जा सकती हैं।
(क) (F)
(ख) (T)
(ग) (F)
(घ) (F)
प्रश्न.5. नीचे दी गई सारणी में गुणों की सूची दी गई है। इन गुणों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में अन्तर कीजिए:-
प्रश्न.6. निम्नलिखित के लिए कारण दीजिए:-
(क) ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।
आघातवर्धक और कम प्रतिक्रियाशील धातु होने के कारण ऐलुमिनियम की पन्नी का उपयोग खाद्य सामग्री को लपेटने में किया जाता है।
(ख) निमज्ज़न छड़े (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों से निर्मित होती हैं।
धातुएं ऊष्मा की अच्छी संवाहक होती है और विद्युत की सुचालक होती है, इनसे ऊष्मा आसानी से निकल सकती है, इसलिए निमज्ज़न छड़े (इमरशन रॉड) धात्विक पदार्थों की बनाई जाती है।
(ग) कॉपर, जिंक को उसके लवण के विलयन से विस्थापित नहीं कर सकता।
कॉपर, ज़िंक से कम सक्रिय होने के कारण उसे विस्थापित नहीं कर पाता।
(घ) सोडियम और पोटैशियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
सोडियम और पोटैशियम पानी के साथ जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं, ताकि किसी भी नुकसान को रोकने के लिए वे मिट्टी के तेल के रिसाव में जमा हो जाए, इसलिए मिट्टी के तेल में रखे जाते हैं।
प्रश्न.7. क्या आप नींबू के अचार को ऐलुमिनियम पात्रों में रख सकते हैं? स्पष्ट करिए।
नहीं, हम ऐलुमिनियम के पात्रों में नींबू के अचार को नहीं रख सकते हैं; क्योंकि नींबू का आचार अम्लीय प्रकृति का होता है। अम्लीय पदार्थ ऐलुमिनियम पात्रों में संचित नहीं किए जाते क्योंकि अम्ल और ऐलुमिनियम अभिक्रिया करके विषैले पदार्थ बनाते है जो खाद्य विषकत्ता वाले और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए नींबू के अचार को मिट्टी के बर्तन, कांच या प्लास्टिक के बर्तनों में रखना चाहिए।
प्रश्न.8. नीचे दी गई सारणी के कॉलम I में कुछ पदार्थ दिये गये हैं। कॉलम ॥ में उनके कुछ उपयोग दिये गये हैं। कॉलम के पदार्थों का कॉलम ॥ से सही मिलान करिए:-
प्रश्न.9. क्या होता है जब:-
(क) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डाला जाता है?
तनु सल्फ्यूरिक अम्ल कॉपर प्लेट पर डालने से हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है:-
कॉपर(Cu) + सल्फ्यूरिक अम्ल(H2SO4) à कॉपर सल्फेट(CuSO4) + हाइड्रोजन गैस(H2)
(ख) लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन में रखी जाती है?
सम्बन्धित अभिक्रियाओं के शब्द समीकरण लिखिए।
लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में रखे जाने से लोहा कॉपर को विस्थापित करके आयरन सल्फेट बनाता है:-
कॉपर सल्फेट(Cuso4) + लोहा(Fe) à आयरन सल्फेट(FeSO4) + कॉपर(Cu)
प्रश्न.10. सलोनी ने लकड़ी के कोयले का एक जलता हुआ टुकड़ा लिया और उससे उत्सर्जित होने वाली गैस को एक परखनली में इकट्ठा किया।
(क) वह गैस की प्रकृति कैसे ज्ञात करेगी?
नीले और लाल लिटमस पट्टी से गैस की प्रकृति ज्ञात की जा सकती है। यदि यह नीले लिटमस को लाल कर दे और लाल लिटमस पर कोई प्रभाव न डाले तो गैस अम्लीय प्रकृति की है। जब गैस को पानी में घोला जाता है तो विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है। यह गैस की अम्लीय प्रकृति का प्रमाण हैं।
(ख) इस प्रक्रम में होने वाली सभी अभिक्रियाओं को शब्द समीकरण लिखिए।
जब चारकोल को जलाया जाता है तो यह ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके पदार्थ ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
चारकोल(C(s)) + ऑक्सीजन(O2) à CO2
यह अम्लीय कार्बन डाइऑक्साइड, पानी में घुलकर कार्बनिक अम्ल बनती है।
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2(g)) + पानी(H2O) (l) à कार्बनिक अम्ल (H2CO3) (l))
प्रश्न.11. एक दिन रीता अपनी माँ के साथ आभूषण विक्रेता की दुकान पर गई। उसकी माँ ने सुनार को पॉलिश करने हेतु सोने के पुराने आभूषण दिए। अगले दिन जब वे आभूषण वापस लाई तो उन्होंने पाया कि उनका भार कुछ कम हो गया है। क्या आप भार में कमी का कारण बता सकते हैं?
सुनार आभूषण साफ करने के लिए एक्वारीजिया विलयन का उपयोग करते हैं जिससे सोना कुछ मात्र में प्रतिक्रिया करता है तथा सोना इस विलयन में घुल जाता है, इसलिए रीता की माँ के आभूषण की भार अर्थात वजन कम था।
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