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बुझो पहेली |
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1. त्योहारों पर घरों में कई प्रकार की मिठाइयाँ और नमकीन बनाई जाती हैं। आपको कौन-सी मिठाइयाँ और नमकीन अच्छी लगती हैं? वे किस त्योहार पर बनाई जाती हैं?
उत्तर: मुझे मिठाइयों में लड्डू और जलेबी बहुत पसंद हैं। लड्डू बेसन या सूजी के बनते हैं और बहुत मीठे होते हैं। जलेबी गोल-गोल और चाशनी में डूबी होती है। नमकीन में मुझे मठरी और नमकपारे अच्छे लगते हैं, जो कुरकुरे होते हैं। ये चीजें अक्सर दीवाली और होली पर बनती हैं। दीवाली पर मम्मी लड्डू और जलेबी बनाती हैं, और होली पर नमकपारे और गुजिया बनती है। कहानी में भी चाऊतान की माँ ने स्वादिष्ट पकवान बनाए थे, जो साङकेन के त्योहार पर खाए गए। हर त्योहार पर लोग अपने पसंदीदा पकवान बनाकर खुशी मनाते हैं।
2. आप कौन-से त्योहार मनाते हैं? उनमें और साङकेन में कौन-कौन सी समानताएँ हैं?
उत्तर: मैं होली, दीवाली, रक्षाबंधन, और दशहरा जैसे त्योहार मनाता हूँ। ये सब बहुत मजेदार होते हैं।
साङकेन और मेरे त्योहारों में कुछ समानताएँ हैं:
हर त्योहार में लोग प्यार और खुशी बाँटते हैं, जैसे साङकेन में लोग करते हैं।
3. हमारे देश में अनेक अवसरों पर शोभायात्राएँ (जुलूस) निकाली जाती हैं। आपने कौन-कौन सी शोभायात्राएँ देखी हैं? उनके बारे में अपने अनुभव बताइए।
उत्तर: मैंने गणेश चतुर्थी और दशहरा के समय शोभायात्राएँ देखी हैं। इनमें लोग भगवान की मूर्तियाँ लेकर गीत गाते और नाचते हुए चलते हैं। ये शोभायात्राएँ बहुत रंगीन और मज़ेदार होती हैं, जिससे लोगों को बहुत खुशी होती है।
4. आप नया वर्ष कब और कैसे मनाते हैं?
उत्तर: मैं नया वर्ष 1 जनवरी को मनाता/मनाती हूँ। हम परिवार के साथ मिलकर पार्टी करते हैं, रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। कुछ लोग नए साल की शुरुआत में मंदिर जाकर पूजा भी करते हैं।
प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सामने तारे का चिह्न () बनाइए -
उत्तर:
(क) साङकेन का त्योहार मनाते समय वल्लरी को होली की याद क्यों आई?
उत्तर: साङकेन के त्योहार में लोग एक-दूसरे पर पानी डाल रहे थे और चेहरों पर चावल का आटा लगा रहे थे। यह देखकर वल्लरी को होली की याद आई, क्योंकि होली में भी लोग रंगीन पानी और गुलाल डालकर मस्ती करते हैं। दोनों त्योहारों में खुशी और मस्ती एक जैसी थी।
(ख) वल्लरी को चौखाम और दिल्ली में क्या अंतर लगा?
उत्तर: दिल्ली में वल्लरी को बहुत भीड़, गाड़ियों का शोर और लंबी-लंबी कतारें दिखीं। लेकिन चौखाम में हर तरफ हरियाली, फूल और शांति थी। चौखाम के लोग हमेशा मुस्कुराते थे, जो दिल्ली से बहुत अलग था।
(ग) मंदिर की सजावट कैसे की गई थी?
उत्तर: मंदिर की दीवारें बाँस और बाँस की खपच्चियों से बनी थीं। उनमें हरी-हरी टहनियाँ लगाई गई थीं। टहनियों पर रंग-बिरंगे फूल सजाए गए थे। मंदिर बहुत सादा और सुंदर था।
(घ) आपको कौन-कौन आशीर्वाद देते हैं? वे क्या आशीर्वाद देते हैं?
उत्तर: मुझे मेरे मम्मी-पापा, दादा-दादी और गुरुजी आशीर्वाद देते हैं। वे कहते हैं, "तुम हमेशा खुश रहो, अच्छे नंबर लाओ और स्वस्थ रहो।" कहानी में भिक्षु लोगों को आशीर्वाद देते हैं कि उनकी खेती अच्छी हो, वे बीमार न हों और नए साल में खुशी मनाएँ।
2. नीचे पाठ की कुछ पंक्तियों के भावार्थ दिए गए हैं। उदाहरण के अनुसार पाठ की उन पंक्तियों को लिखिए जो दिए गए भावार्थ पर आधारित हैं -
उत्तर:
1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों के समानार्थी शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी लेखन-पुस्तिका में वाक्यों को पुनः लिखिए -
(क) एक दिन वल्लरी को उसके मित्र चाऊतान ने अपने घर बुलाया।
उत्तर: एक दिन वल्लरी को उसके दोस्त चाऊतान ने अपने आवास बुलाया।
(ख) हमारे गाँव के लोगों ने नदी के किनारे एक मंदिर बनाया है।
उत्तर: हमारे पिंड के लोगों ने सरोवर के तट पर एक मंदिर बनाया है।
(ग) बीच-बीच में पेड़ों की हरी-भरी टहनियाँ सजाई गई थीं।
उत्तर: बीच-बीच में वृक्षों की हरी-भरी डालियाँ सजाई गई थीं।
(घ) आज हमारे यहाँ साङकेन का त्योहार है।
उत्तर: आज हमारे यहाँ साङकेन का उत्सव है।
2. दिए गए उदाहरण को समझकर वाक्यों को पूरा कीजिए -
उत्तर:
3. रेखांकित शब्दों के वचन बदलकर वाक्य पूरा कीजिए -
उत्तर:
4. जब किसी की बात ज्यों की त्यों लिखी जाती है तब एक चिह्न लगाया जाता है। इसे उद्धरण चिह्न कहते हैं। उदाहरण के लिए - चाऊतान बोला, "आज से हमारा नया वर्ष आरंभ होता है।" पाठ में आए ऐसे चार वाक्य खोजकर लेखन-पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
5. पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इन्हें हिंदी वर्णमाला के क्रम में लिखिए, जैसे - कलम, खरगोश, गगन...
करेला, समय, मठ, तट, नमकीन, जल, वन, मटका
उत्तर:
1. आपके घर में त्योहारों के लिए कौन-कौन सी तैयारियाँ की जाती हैं?
उत्तर: मेरे घर में त्योहारों के लिए कई तैयारियाँ की जाती हैं। जैसे:
2. आपके घर पर त्योहारों के समय कौन-कौन, क्या-क्या काम करता है? सूची बनाइए।
उत्तर:
3. हमारे देश में लोग अनेक प्रकार से अभिवादन करते हैं। उदाहरण के लिए, 'नमस्ते' बोलकर। आपके राज्य में क्या बोलकर अभिवादन किया जाता है? एक सूची बनाइए -इस कार्य के लिए आप अपने मित्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की भी सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
1. इस पाठ में आपको सबसे अच्छा क्या लगा और क्यों?
उत्तर: इस पाठ में मुझे सबसे अच्छा शोभायात्रा लगा, क्योंकि इसमें लोग नाचते-गाते और खुश होकर चल रहे थे। मुझे यह अच्छा लगा क्योंकि यह देखकर मन खुश हो गया। साथ ही, लोग एक-दूसरे पर पानी डालकर मस्ती कर रहे थे, जो साङकेन के त्योहार को और मजेदार बनाता था। यह होली की तरह लगता था, और मुझे त्योहारों में मस्ती करना बहुत पसंद है।
2. नीचे दिए गए उदाहरण को देखकर आगे की कड़ी बनाइए-
उत्तर:
3. अपने मित्र को साङकेन के बारे में पूरे दिन का आँखों देखा वर्णन अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखकर बताइए। आपकी सहायता के लिए कुछ मुख्य संकेत बिंदु नीचे दिए गए हैं -
स्वागत, पकवान, शोभायात्रा, मूर्तियाँ, मंदिर, एक-दूसरे पर पानी डालना, मिल-जुलकर खुशी मनाना, पालकी, बाँस की खपच्चियाँ, भगवान बुद्ध का मंदिर, बौद्ध भिक्षु, होली, आशीर्वाद, घर, फूल
आप इन शब्दों के अतिरिक्त अन्य शब्दों की भी सहायता ले सकते हैं। ये शब्द आपकी अपनी भाषा से भी हो सकते हैं।
उत्तर: साङकेन पर्व का आँखों देखा वर्णन
प्रिय मित्र,
मैं आज तुम्हें एक बहुत ही सुंदर और यादगार अनुभव के बारे में बताना चाहता हूँ। हाल ही में मैंने साङकेन पर्व में भाग लिया, जो मुख्यतः अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ भागों में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान बुद्ध के नए वर्ष के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। यह बिल्कुल होली की तरह होता है, लेकिन इसमें पानी डालकर एक-दूसरे को शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
पर्व की शुरुआत बहुत ही भव्य तरीके से हुई। सबसे पहले, सभी ने बौद्ध मंदिर में इकट्ठा होकर भगवान बुद्ध की मूर्ति को साफ किया। वहाँ बहुत ही सुंदर पालकी सजाई गई थी जिसमें भगवान बुद्ध की मूर्ति को रखकर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के मार्ग को फूलों से सजाया गया था और लोग बाँस की खपच्चियों से बने सुंदर सजावटी सामान लिए चल रहे थे।
रास्ते में सभी लोग एक-दूसरे पर पानी डालकर साङकेन की शुभकामनाएँ दे रहे थे। यह पानी पवित्र माना जाता है और इसे डालना आशीर्वाद देने और बुराइयों को धो देने का प्रतीक है। सभी ने मिल-जुलकर खुशी मनाई। बच्चे, बूढ़े, जवान — सभी उत्साहित थे।
पर्व के बाद, हम सबने स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लिया। वहाँ पर पारंपरिक मिठाइयाँ, चावल से बनी चीज़ें और खास बौद्ध व्यंजन परोसे गए। बौद्ध भिक्षुओं ने हमें शांति और प्रेम का संदेश दिया और आशीर्वाद भी दिया।
सच कहूँ तो, इस दिन ने मेरे दिल में एक अलग ही जगह बना ली। साङकेन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि सद्भावना, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है।
तुमसे मिलकर मैं और भी विस्तार से यह अनुभव बाँटना चाहूँगा।
तुम्हारा मित्र,
[अपना नाम लिखें]
यहाँ कुछ प्राणियों के चित्र दिए गए हैं जिन्हें सूखे पत्तों से बनाया गया है। इन प्राणियों को पहचानिए और पत्तों से किसी भी प्राणी की आकृति बनाकर नीचे दिए गए स्थान पर चिपकाइए।
उत्तर: इस चित्र में सूखे पत्तों से बनाए गए तीन प्राणी दिखाए गए हैं:
नीचे दिए गए बिंदुओं के आधार पर अरुणाचल प्रदेश के बारे में शिक्षकों और पुस्तकालय की सहायता से महत्वपूर्ण जानकारी जुटाइए।
उत्तर: अरुणाचल प्रदेश के बारे में जानकारी
उत्तर: बर्तन:
हल:
पतीले में अब कितना दूध है?
1 लीटर + 3 लीटर = 5 लीटर दूध!
ज्योति ने अपने दोस्तों से कहा: “दूधवाले भैया ने 4 लीटर और 3 लीटर वाले बर्तन को कई बार भरकर और खाली करके, पतीले में बिल्कुल 5 लीटर दूध नाप दिया!”
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1. साङकेन पाठ का मुख्य विषय क्या है? | ![]() |
2. पाठ में बातचीत के किस प्रकार के उदाहरण दिए गए हैं? | ![]() |
3. बातचीत के दौरान शिष्टाचार का क्या महत्व है? | ![]() |
4. पाठ में संवाद की कठिनाइयों का क्या उल्लेख किया गया है? | ![]() |
5. कैसे हम अपनी बातचीत को बेहतर बना सकते हैं? | ![]() |