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पापा खो गए NCERT Solutions | Hindi (Vasant II) Class 7 PDF Download

प्रश्न - अभ्यास

नाटक से

प्रश्न 1: नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?
उत्तर: नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र हमें कौआ लगा क्योंकि वह उड़-उड़कर सभी घटनाओं की जानकारी रखता है। अच्छे-बुरे लोगों की उसे पहचान है। उसी की सूझ-बूझ के कारण असामाजिक तत्त्वों यानी दुष्ट व्यक्ति के हाथों में जाने से बच्ची बच जाती है।

प्रश्न 2: पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
उत्तर: 
शुरुआत में पेड़ का जन्म समुद्र के किनारे हुआ था और वह वही अकेला बड़ा होता रहा। कुछ दिनों बाद वहाँ खंभा लगाया गया तो पेड ने उससे मित्रता करने की कोशिश की। लेकिन खंभा अकड़ में पेड़ से नहीं बोलता था। एक दिन जब खंभा पेड़ के ऊपर ही आ गिर पड़ा था। पेड़ ने उसे अपने ऊपर झेल लिया। इस कोशिश में पेड़ को खुद चोट आया और वह घाव बन गया। पेड़ ने खंभे को नीचे गिरने से बचा लिया। उसी दिन से दोनों में दोस्ती हो गई।

प्रश्न 3: लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
उत्तर: लैटरबक्स ऊपर से नीचे पूरा लाल रंग में रँगा था साथ ही वह बड़ों की तरह बातें भी करता था इसलिए सभी उसे लाल ताऊ कहकर पुकारते थे।

प्रश्न 4: लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर: लाल ताऊ अन्य पात्रों से भिन्न है क्योंकि वह एक ऐसा पात्र है जो पढ़ा लिखा है। वह अपने आप में मस्त रहता था। अकेले रहने पर भजन गुनगुनाते रहना उसकी आदत थी। इस तरह वह अन्य पात्रों से भिन्न था। निर्जीव होते हुए भी समाज की चिंताएँ उसे सताती थीं।

प्रश्न 5: नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगीं? लिखिए। 
उत्तर: नाटक में एकमात्र सजीव पात्र ‘कौआ’ है। वह काफ़ी होशियार है। उसने लड़की को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। उसे सामयिक घटनाओं का पूरा ज्ञान है और समाज के अच्छे-बुरे लोगों की भी पहचान है। दुष्ट आदमी से बच्ची को बचाने के लिए वही सबसे पहले भूत-भूत चिल्लाता है। उसी की योजनानुसार बालिका को उठानेवाला दुष्ट व्यक्ति भूत के डर से बालिका को छोड़कर भाग जाता है और उसी के परामर्श से बच्ची को सकुशल घर पहुँचाने के लिए पुलिस के आने का इंतजार करते हैं। जब यह सोचा जाता है कि अगर पुलिस नहीं आई तो क्या होगा? तो कौआ ही लैटरबक्स को बड़े-बड़े अक्षरों में ‘पापा खो गए’ लिखने व सबको यह कहने कि किसी को इस बच्ची के पापा मिले तो यहाँ आने की सलाह देता है। अतः बच्ची को बचाने के प्रयास में कौआ मुझे मजेदार लगा।

प्रश्न 6: क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे?
उत्तर: सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे क्योंकि लड़की बहुत छोटी थी उसे अपने घर का पता, यहाँ तक कि अपने पापा के नाम भी मालूम नही था जिस कारण उसे घर पहुँचाना बहुत कठिन था।

नाटक से आगे 

प्रश्न 1: अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर:
विद्यार्थियों के स्वयं करने हेतु। (नोट-जब आप अपने घर का रास्ता बताने का चित्र बनाएँ तो दो-तीन विशेष स्थानों का परिचय दें। जैसे-कोई मंदिर, चौराहा व धर्मशाला आदि।)

प्रश्न 2: मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर: 
इस नाटक का शीर्षक 'पापा खो गए' इसलिए रखा गया होगा क्योंकि लड़की को अपने पापा का नाम-पता कुछ भी मालूम नहीं था। नाटक के सभी पात्र मिलकर उसके पापा को खोजने की योजना बनाते हैं। इस नाटक का दूसरा शीर्षक 'लापता बच्ची' भी रखा जा सकता है चूँकि पूरे नाटक बच्ची के घर का पता लगाने का प्रयास किया जाता है।

प्रश्न 3: क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?
उत्तर: 
बच्ची के पापा को खोजने का दो तरीका हो सकता था-पहला तरकीब, समाचार पत्रों में, पोस्टरों में या दूरदर्शन पर उसका चित्र दिखाकर लोगों का ध्यान आकर्षित करके उसके पापा को खोजा जा सकता है। दूसरा तरकीब लड़की को पुलिस थाने ले जाकर उसकी रिपोर्ट लिखवा देनी चाहिए। पुलिस अपने तरीकों से उसके पापा को खोज निकालेगी।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1: अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क/ मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा?
उत्तर: 
इस नाटक को पढ़ कर ऐसा लगता है कि बच्ची को उसके घर से उठाया गया था क्योंकि जिसने बच्ची को उठाया था वो कहता है कि- “अभी-अभी एक घर से ये बच्ची उठाई है मैंने, गहरी नींद में सो रही थी”। इसके अलावा अगर बच्ची को किसी पार्क या मैदान से उठाया गया होता तो बच्ची जाग गयी होती ओर चीख़ती चिल्लाती जिससे वहां पर मौजूद आस पास के लोग इक्कठा हो गये होते। परंतु ऐसी किसी घटना का नाटक में वर्णन नहीं हुआ है। अतः बच्ची को सोते हुए उसके घर से ही उठाया गया होगा। 

प्रश्न 2: नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या या कर सकते हैं? संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।

  • समूह में चलना
  • एकजुट होकर बच्चा उठाने वालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना
  • अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।

उत्तर: अन्य उपाय

  • पने घर का पता एवं माता-पिता का नाम एवं फ़ोन नं० अपने डायरी में लिखकर साथ रखना चाहिए। अकेले सुनसान या अपरिचित जगह पर नहीं जाना चाहिए।
  • अपने आस-पास आने-जाने वाले लोगों पर निगाह रखना एवं हमेशा तैयार रहना।
  • किसी भी गतिविधि पर थोड़ा भी शक होने पर शोर मचाना और माता-पिता या पास के किसी बड़े व्यक्ति को इसकी जानकारी देना।

भाषा की बात

प्रश्न 1: आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे सड़क/रात का समय, दूर कहीं कुत्तों की भौंकने की आवाज़। यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या, क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
उत्तर: 
रात का समय दिखाने के लिए मंच की रोशनी कम की जा सकती है काला कपड़ा लगाया जा सकता है। मंच पर कुछ तारें व एक चाँद भी लगाया जा सकता है। मंच की सभी लाइट को बंद कर सकते है । रात के दृश्य को और भी सजीव बनाने के लिए आधी रात में अंधेरे में केवल एक रोशनी लगायी जा सकती है। 

प्रश्न 2: पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम-चिह्नों की ओर गया होगा। नीचे दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है? ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए।
पापा खो गए NCERT Solutions | Hindi (Vasant II) Class 7उत्तर:
पाठ से लिए गए उपयुक्त खंड को ध्यान से पढ़ने के पश्चात निम्न प्रकार से विराम चिह्न एवं अल्प विराम चिह्नों को लगाया जा सकता है। 
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे! वो बिजली थी या आफ़त;  याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी, वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था। खम्भे महाराज! अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थर थर काँपने लगते है। 

प्रश्न 3: आसपास की निर्जीव चीज़ों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे

  • चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
  • कलम का कॉपी से संवाद
  • खिड़की का दरवाज़े से संवाद

उत्तर:
चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद-
चॉक: आह ! यह जीवन भी कोई जीवन है।
ब्लैक बोर्ड: क्या हुआ चॉक भाई ।
चॉक: मुझे तो तुम पर घिसना अच्छा लगता है क्योंकि जब-जब मुझे शिक्षक घिसने के लिए उठाता है मुझे लगता है कि मैं उनका हथियार हूँ। कई बौद्धिक शब्दों का निर्माण मुझ पर होता है।
ब्लैक बोर्ड: अरे मेरा पेट, दूसरी तरह का होता है। उसमें चमक नहीं होती। हम दोनों के बिना ही शिक्षक का काम नहीं चल सकता।
कलम का कॉपी से संवाद-
कलम: कॉपी! क्या मेरा तुम पर घिसे जाना तुम्हें अच्छा लगता है।
कॉपी: बहन! जब तुम्हारे द्वारा छात्रों या अन्य लोग मुझ पर सुंदर-सुंदर शब्द लिखते हैं तो मैं काफ़ी खुश होती हूँ।
कलम: सच ! बहुत अच्छी बात है।
कॉपी: लेकिन अगर किसी का अक्षर खराब होता है या स्याही मुझ पर फैलाता तो मुझे बुरा लगता है।
कलम: मैं ऐसा बिलकुल नहीं चाहती लेकिन कई बार मुझे सावधानी से चलाया नहीं जाता तो ऐसा होता है।
कॉपी: मुझे तो तुम पर गर्व है क्योंकि तुम्हारे बिना मेरा होना ही अधूरा है। तुम्हारे बिना मेरी कोई उपयोगिता नहीं है। मैं तुम्हारा आभारी हूँ।
कलम: ऐसा मत बोलो, तुम्हारे बिना मेरी भी कोई उपयोगिता नहीं है।
खिड़की और दरवाजे में संवाद-
खिड़की: वाह! क्या बात है दरवाज़े भाई ? आजकल बड़ी शोर मचा रहे हो।
दरवाज़ा: क्या कहूँ बहन, खुलते बंद होते मेरे तो कब्ज़े हिल गए हैं। दर्द से चीख निकल जाती है।
खिड़की: कल तक तो आप ठीक थे।
दरवाज़ा: बहन क्या कहूँ, यह सब नटखट बच्चे की करतूत है। इतनी जोर से धक्का मुझे मारा कि मैं सर से पाँव तक हिल गया और बड़े जोर की चोट आई।
खिड़की: बच्चा है भाई! क्या करोगे?
दरवाज़ा: अरे, मेरा क्या दर्द कम होगा और किसे परवाह है मेरे दर्द की ?
खिड़की: भैया, तुम तो लगता है ज्यादा ही बुरा मान गए।
दरवाज़ा: बुरा मानने की बात ही है।
खिडकी: हिम्मत रखो। सब ठीक हो जाएगा।

प्रश्न 4: उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें।
उत्तर:
एक दिन स्कूल की किसी कक्षा में क़लम, काॅपी, ब्लैक बोर्ड और खिड़की आपस में बातें कर रहे थे- 
क़लम: यह कक्षा मेरे बिना अधूरी है। क्योंकि मेरी वजह से ही सभी बच्चें पढ़ पाते है।
काॅपी: यह असम्भव है क्योंकि अगर मैं ही नहीं होती तो तुम किस पर लिखती।
क़लम: तुमसे ज़्यादा लोग मुझे प्यार करते है इसी लिए वे मुझे हमेशा अपने पास रखते है।
काॅपी: बात तो तुम सही कर रही हो परंतु मेरे बिना तुम अधूरी हो।
दोनो में झगड़ा होने लगता हैं।
खिड़की: चुप! सबसे महत्वपूर्ण मैं हूँ क्योंकि मेरे वजह से ही कक्षा में शुद्ध वायु आती है और सभी बच्चें स्वस्थ रहते है। जब बच्चे स्वस्थ रहेंगे तभी वह पढ़ सकते है। 
तीनों की लड़ाई होने लगती है फिर ब्लैक बोर्ड बोलता है-
ब्लैक बोर्ड: तुम सभी लोग पागल हो जो आपस में लड़ रहे हो हम सभी एक दूसरे पर निर्भर है और अगर हम सब में से कोई भी नहीं होगा तो सभी का काम रुक जायगा। 

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FAQs on पापा खो गए NCERT Solutions - Hindi (Vasant II) Class 7

1. "पापा खो गए" नाटक का मुख्य विषय क्या है ?
Ans. "पापा खो गए" नाटक का मुख्य विषय एक बच्चे की अपने पिता के साथ खोने और पुनः मिलने की यात्रा है। यह नाटक पारिवारिक संबंधों, बच्चों की भावनाओं और संकट के समय में परिवार के महत्व को दर्शाता है।
2. नाटक में मुख्य पात्र कौन हैं ?
Ans. नाटक में मुख्य पात्र बच्चे, उसके पिता और उसकी माँ हैं। बच्चे का नाम नाटक में उल्लेखित है, और उसके पिता के साथ उसकी भावनात्मक बंधन को प्रमुखता से दिखाया गया है।
3. "पापा खो गए" नाटक में बच्चे की भूमिका कैसे विकसित होती है ?
Ans. नाटक के दौरान, बच्चे की भूमिका उसकी भावनात्मक स्थिति के अनुसार विकसित होती है। शुरू में वह अपने पिता के खो जाने से चिंतित होता है, लेकिन धीरे-धीरे उसे समझ आता है कि उसे अपने पिता की तलाश करनी होगी और अपने डर पर काबू पाना होगा।
4. नाटक में परिवार के महत्व को कैसे दर्शाया गया है ?
Ans. नाटक में परिवार के महत्व को विभिन्न स्थितियों के माध्यम से दर्शाया गया है, जैसे कि संकट के समय में एक-दूसरे का सहारा बनना और भावनाओं को साझा करना। यह दिखाता है कि परिवार का साथ हमेशा संकट में मदद करता है।
5. "पापा खो गए" नाटक से हमें कौन-से महत्वपूर्ण संदेश मिलते हैं ?
Ans. "पापा खो गए" नाटक से हमें यह महत्वपूर्ण संदेश मिलता है कि परिवार के सदस्यों के बीच प्यार और समर्थन बहुत मायने रखता है। इसके अलावा, यह हमें यह भी सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करते समय हमें साहस और धैर्य रखना चाहिए।
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